Peacock is the national bird of India, dear to the gods देवताओं को प्रिय है,भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर

 

देवताओं को प्रिय है,भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर 

Peacock is the national bird of India, dear to the gods




मोर के अद्भुत सौंदर्य के कारण ही भारत सरकार ने 26 जनवरी,1963 को इसे राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया । सन् 1963 में मोर को राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा दिया गया था। इस सम्मान का कारण मोर की सुंदर आकृति तो थी ही, मगर उससे भी ज्यादा अनर्घ्य था उसका ऐतिहासिक और धार्मिक मूल्य। एक और कारण यह भी था कि मोर सम्पूर्ण भारतीय प्रायद्वीप पर पाया जाता है और इसके विभिन्न प्रकार की वजह से हर कोई उसे पहचान सकता है।

हमारे पड़ोसी देश म्यांमार का राष्ट्रीय पक्षी भी मोर ही है। ’फैसियानिडाई’ परिवार के सदस्य मोर का वैज्ञानिक नाम ’पावो क्रिस्टेटस’ है।

भगवान विष्णु जी को मोर पंख अत्यत प्रिय है। भगवान् श्रीकृष्ण के मुकुट में लगा मोर का पंख इस पक्षी के अदभुत सौंदर्य के महत्त्व को दर्शाता है।कई धर्मों में मोर का अधिक महत्व है। प्राचीन समय में ईसाई धर्म में मोर अमरता का प्रतिनिधित्व करता था। संस्कृत में मयूर नाम से जाना जाने वाला यह पक्षी, हिंदू भगवान कार्तिकेय, जो कि युद्ध के देवता माने जाते हैं, का वाहन है। सामान्यतः मोर पंख को घर में पूजा के स्थान पर रखनें से देवता प्रशन्न रहते है। इस तरह की धारणा भी है। दीपावली के पूजन में मोर पंख की भी पूजा का विधान है। इसे पूजन सामग्री में भी विशेष स्थान दिया जाता है।

भारतीय संस्कृति में मोर का महत्व
हिंदुओं में कृष्ण भगवान भी मोर से संबंधित है। एक कथा के अनुसार, एक बार जब कृष्ण भगवान ने अपनी बांसुरी बजाई, सब मोर नाचने लगे फिर मोरों के राजा ने कृष्ण को धन्यवाद देते हुए यह मांग की कि वो उनका एक पंख सदैव पहन रखें, इसलिए कृष्ण भगवान की सब कृतियों तथा चित्रों में वह अपने सिर पर एक मोर का पंख जरूर पहने होते हैं। मोर पंख भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण के स्वरूप से जुड़ा हुआ है। इसलिए मल मास में भगवान विष्णु के मंदिर में मोर पंख या मोर मुकुट चढ़ाना चाहिए। इससे आपकी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।

 इस्लाम में भी मोर के पंखों को जन्नत से संबंधित किया जाता है। कई लोग कुरान में मोर के पंख और गुलाब की पंखुड़ियां रखते हैं।
 

मोर के बारे में कई  कथाएं भी प्रसिद्ध हैं। बहुत घरों में लोग आज भी मोर के पंख रखते हैं। मान्यता यह है कि यह पंख घरवालों के जीवन में सौभाग्य और समृद्धि की बौछार करता है। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि मोर के पंख रखने से घर में कोई कीड़े मकोड़े नहीं आएंगे।


इतिहास में राजा-महाराजा भी अपने बगीचे में मोर पालते थे। हमारे राष्ट्रीय पक्षी का अद्वितीय रूप, मॉडर्न कांचीपुरम सिल्क साड़ियों से लेकर मेहंदी के डिजाइन में अक्सर देखा जाता है। यह सब मोर की लोकप्रियता का प्रमाण है।

 

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