जीवन सत्य का विश्लेषण Analysis of Life Truth
जीवन सत्य का विश्लेषण जीवन का सत्य मृत्यु है, मृत्यु का सत्य आत्मा की अमरता है, आत्मा का सत्य पुनर्जन्म है 1. जीवन का सत्य: मृत्यु मृत्यु एक अनिवार्य प्रक्रिया है जो सभी शरीरों के लिए निश्चित है। यह आत्मा के जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक शरीर से दूसरे शरीर में जानें का भ्रमण काल माना जाता है। हर जीव को अपने जीवन में एक दिन मृत्यु का सामना करना पड़ता है। यह इसलिए होता है कि भौतिक शरीर का क्षय हो जाने से वह समय विशेष के बाद अनुपयोगी व कष्टदायी हो जाता है ।यह विचार विभिन्न धार्मिक और ईश्वरीय आस्था के विचारों में पाया जाता है, जिसमें कहा गया है कि मृत्यु के बाद आत्मा अमर रहती है। सनातन हिन्दू सिद्धान्त यह कहता है कि मूल आत्मा सबसे सूक्ष्म , फिर सूक्ष्म शरीर है और फिर स्थूल शरीर है । जिस तरह फेक्ट्री में एक मोबाईल तैयार होता है वह एक ढांचागत निर्माण , इसी तरह मूल आत्मा जो जीवात्मा का ढांचागत निर्माण है । फिर उस मोबाइल में कंपनी विभिन्न सॉफ्टवेयर डाल कर उसे कार्य योग्य बनाता है , यह आत्मा की प्रक्रिया का दूसरा चरण है । इसके बाद यही आत्मा भौतिक स्वरूप धारण कर शरीर के रूपमें समय