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ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक ही किया जाना चाहिये - अरविन्द सिसौदिया gyanvapi-case-survey-report-leaked

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ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक ही किया जाना चाहिये - अरविन्द सिसौदिया ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक ही किया जाना चाहिये, क्यों कि गुप्त रहने जैसा कुछ बचा भी नहीं है। बल्कि इसे गुप्त रखनें पर फेरबदल के अनेकानेक आरोप प्रत्यारोप लगेंगे। मेरा मानना तो यह है कि इस तरह के सर्वे की ऑन स्पाट प्रसारण भी होना चाहिये ताकि बाद में बदलनें को कुछ बचे ही नहीं। एक दिन वह सार्वजनिक होनी भी है, उस पर तर्क विर्तक भी होने हैं। वाराणसी जिला न्यायालय ने प्राप्त सर्वे रिपोर्ट मुकदमें के वादी एवं प्रतिवादी गणों को बंद लिफाफों में सौंपी थी और इसके कुछ समय बाद ही यह देश के विभिन्न चेनलों पर चलने लगी। जो कि न्यायालय के आदेश के अनुसार नहीं चलनी चाहिये थी। इसे गुप्त रखनें के निर्देश भी थे। हिंदू पक्ष ने अपने सीलबंद लिफाफे दिखाते हुये कहा है कि यह लीकेज साजिश के तहत हुआ है। इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिये। न्यायालय को सर्वे रिपोर्ट लीक मामले में जिम्मेवारी तय करनी चाहिये। वादी राखी सिंह के अधिवक्ता शिवम गौड़ ने कहा, मुख्य वादी को छोड़कर अन्य सभी 4 वादियों ने कोर्ट से सबूत के रूप में वीडियो और फोटो लिय

जनता को मिलें अधिकार राज्यसभा सांसद चुनने का - अरविन्द सिसौदिया

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संविधान संसोधन होना चाहिये कि - राज्यसभा के लिए राज्य का निवासी ही राज्य की जनता द्वारा चुना जाना चाहिये - अरविन्द सिसौदिया यदि राजस्थान में राज्यसभा चुनाव सीधे जनता करे तो वर्तमान में राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को एक भी सीट जनता नहीं देना चाहेगी। किन्तु चुनाव 2018 में निर्वाचित विधायकों के द्वारा होना है इसलिये, जनता की आकांक्षाओं एवं इच्छा के विपरीत परिणाम आयेगें। इसी तरह राजस्थान के लोग कांग्रेस के बाहरी प्रत्याशियों का कतई चयन नहीं करना चाहते हैं। मगर निर्वाचन की विधि में छूट के कारण वे रोक नहीं सकते हैं। यदि चुनाव का अधिकार जनता को होता तो यह नहीं होता कि कोई बाहरी चुनाव लडनें की भी हिम्मत कर पाता। अर्थात राज्यसभा सांसद का निर्वाचन राज्य के स्थाई निवासी का राज्य की जनता से होना चाहिये। संसद में अपर सदन राज्य सभा में 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों पर 10 जून को वोटिंग है। एक सहज जिज्ञासा होती है कि राज्य सभा क्या है, क्यों है और उसकी निर्वाचन विधि क्या है तथा वर्तमान जनमत इसमें क्या सुधार अथवा संसोधन चाहता है। 1- भारत में वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य राज्यों एवं संघ राज्य

भारत के भाग्य विधाता और वरदान है मोदी - अरविन्द सिसौदिया

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  देश का मान सम्मान है मोदी करते जो सारे समाधान है मोदी निर्णयों की खान है मोदी निरन्तर करते काम है मोदी। इसीलिये तो परिणाम है मोदी। देश जिनको करता प्रणाम है मोदी दुश्मन भी करता सलाम है मोदी। भारत का भाग्य विधाता और वरदान है मोदी!  भारत का भाग्य विधाता और वरदान है मोदी - अरविन्द सिसौदिया भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में 8 वर्ष पूरे किए, इन 8 वर्षों में बहुत कुछ बदल गया है। भारत बदल गया,भारत का मान सम्मान ही बदल गया, दुनिया के तमाम देशों के द्वारा भारत को देखने का नजरिया भी बदल गया । यह तब हुआ जब भारत भी अपने स्वाभिमान से,अपने आत्मसम्मान से, अपनी सफलताओं से, अपने परिश्रम से विश्व को दिशा देने का काम कर रहा है। वह एक प्रकार से वर्तमान विश्व का विश्व गुरु बन गया है। इन सबके अतिरिक्त आज पूरे विश्व में जो बडे राजनीतिक नेतृत्व करता हैं, उनके वर्तमान सर्वे में सबसे लोकप्रिय,सबसे प्रतिष्ठित,सबसे अधिक अच्छे और परिणाम देने वाले, नेतृत्वकर्ता के रूप में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आप को साबित किया है। इसीलिये दुनिया की तमाम बड़ी हस्तियों और बड़े राष्ट्रों

मोदी सरकार के 8 साल : आठ बड़े साहसी निर्णय Modi sarakaar ke 8 saal

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  modee sarakaar ke 8 saal : aath bade saahasee nirnay मोदी सरकार के 8 साल : आठ बड़े साहसी निर्णय 8 years of Modi government: Eight bold decisions साभार पत्रिका डॉट कॉम मोदी सरकार के 8 साल पूरे;  नोटबंदी, एयर स्ट्राइक, धारा 370 खत्म करने सहित सरकार के 8 बड़े फैसले Modi Govt 8 years: केंद्र की सत्ता में नरेंद्र मोदी सरकार ने आज 8 साल पूरे कर लिए। आज यानि की 26 मई को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की तीसरी सालगिरह है। इन आठ सालों में मोदी सरकार ने कई काम किए। यहां पढ़िए मोदी सरकार के आठ साल के आठ बड़े फैसलों को। नई दिल्ली Published: May 26, 2022 नरेंद्र मोदी सरकार ने आज केंद्र की सत्ता में अपने आठ साल पूरे कर लिए। इस आठ साल की यात्रा में सरकार ने कई अहम फैसले लिए, जिसने मोदी को घर-घर तक पहुंचाया। कई फैसले ऐसे ही लिए गए जिसको लेकर सरकार को आलोचना झेलनी पड़ी। आज जब केंद्र की सत्ता में मोदी सरकार के आठ साल पूरे हो गए हैं तो सरकार की उन योजनाओं पर एक नजर देना प्रासंगिक है, जिससे देश के साथ-साथ विदेशों में भी मोदी सरकार की नई छवि बनी। यहां जानिए मोदी सरकार के आठ अहम फैसलों के बारे में 26 मई 2014

मोदी सरकार के 8 साल : सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण

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    मोदी सरकार के 8 साल: मजबूत BJP, आठ सालों में बने कई रिकॉर्ड 2019 में लगातार दूसरी बार लोकसभा चुनाव जीतने के बाद नरेंद्र मोदी ने 30 मई 2019 को प्रधानमंत्री पद की दोबारा शपथ ली साभार कि्ंवट हिन्दी Published: 26 May 2022, मोदी सरकार के 8 साल: मजबूत BJP, आठ सालों में बने कई रिकॉर्ड i नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 26 मई, 2014 को पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने थे। वैसे तो प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करने के साथ ही उन्होंने कई रिकॉर्ड बना दिए थे लेकिन पिछले 8 वर्षो से रिकॉर्ड बनाने का उनका सफर जारी है। 2014 में सत्ता की बागडोर संभालने वाले नरेंद्र मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिनका जन्म आजाद भारत में हुआ था। 1984 के लोकसभा चुनाव के 30 वर्षो के बाद 2014 में कोई पार्टी (भाजपा) अपने दम पर बहुमत हासिल कर सरकार बनाने जा रही थी। उस चुनाव में भाजपा को अकेले 282 सीटों पर जीत हासिल हुई थी और नरेंद्र मोदी ने एनडीए के प्रधानमंत्री के तौर पर 26 मई 2014 को देश की बागडोर संभाली थी। 2019 में लगातार दूसरी बार पहले से भी ज्यादा 303 लोक सभा सीटों पर अकेले जीत हासिल कर प्रचंड बहुमत के साथ सत्

मोदी सरकार के आठ साल : राष्ट्रवाद और विकासवाद ही मूल मंत्र Modi Sarkar 8 Varsh

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    केंद्र की भाजपा सरकार राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखते हुए काम कर रही है । आज देश के पास नीतियां भी हैं, नियत भी है, निर्णयशक्ति भी है और निश्चयशक्ति भी है । इसलिए आज देश जो लक्ष्य तय कर रहा है, उन्हें पूरा भी कर रहा है । मोदी सरकार के आठ साल साभार - प्रभासाक्षी डाट कॉम राजनीति की दशा, दिशा और परिभाषा बदलने वाले मोदी सरकार के आठ साल डॉ. राकेश मिश्र मई 30, 2022    राजनीति की दशा, दिशा और परिभाषा बदलने वाले मोदी सरकार के आठ साल   आज दुनिया के सामने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक ऐसा देश बन गया है, जो बिना किसी डर या दबाव के, अपने मान-सम्मान के साथ हितों के लिए अडिग रहता है। आज जब पूरी दुनिया दो विरोधी ध्रुवों में बंटी नजर आ रही है तो भारत को ऐसे देश के रूप में देखा जा रहा है, जो दृढ़ता के साथ मानवता की बात कर सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार आठ साल पूरी कर रही है। यह आठ साल शासन और प्रशासन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण रहे हैं। इस आठ सालों के कार्यकाल में देश में शासन और शासक की परिभाषा बदल गई है। भारत की राजनीति में सिर्फ राजनीति करने,चुनाव लड़ने

उफ....बचपन पचपन सा bachapan pachapan sa

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uph....bachapan pachapan sa उफ....बचपन पचपन सा Oops....childhood fifty-five अचानक बचपन की फोटा मिल गई । बचपन पचपन सा !! बचपन को बचाया जाना चाहिये।   - अरविन्द सिसौदिया,प्रदेश सहसंयोजक मीडिया सम्पर्क विभाग,राजस्थान एवं पूर्व जिला महामंत्री भाजपा कोटा !!!  9414180151 लोगों का अपना बचपन बहुत याद आता हे। मगर में अपने बचपन की बात सोच कर ही कांप जाता हूं। वे दुःखों से भरे दिन किस तरह गुजर गये आज ताज्जुब होता हे। कहां से हिम्मत आई,उन कठिन दिनों का मुकाबला करने की। आज एक छोटी सी समस्या देख कर भी रात भर नींद नहीं आती।  तब में और मेरी मां,भाई ...!! जागीरदार मगर बीमार पिता..! जमीन जायदादों पर दूसरों के कब्जे ..! कर्ज में दबा कुचला जीवन , आमदनी अट्ठन्नी भी नहीं, मगर खर्च कम नहीं किये जा सकते । विज्ञान की शानदार जिज्ञासा और उसकी पढाई छोड कर गांव जाना पडा। आधे से ज्यादा उजडे हुये गावं में भय और आतंक के साये ! इन सबके बीच निडरता, मुकाबला और फिर विजय पर विजय !! महाभारत के युद्ध से कम नहीं होता गरीबी से लडना और इस तरह के युद्ध में अक्सर हार ही होती हे। मगर हम जीते और शान से आगे बडे, बडते ही गये। मगर आज

नितिश जातिवादी जनगणना के माध्यम से समाज में "मण्डल वाली आग" लगाना चाहते हैं - अरविन्द सिसौदिया

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   nitish jaativaadee janaganana ke maadhyam se samaaj mein "mandal vaalee aag" lagaana chaahate hain - aravind sisaudia नितिश जातिवादी जनगणना के माध्यम से समाज में "मण्डल वाली आग" लगाना चाहते हैं - अरविन्द सिसौदिया Nitish wants to set a "mandal fire" in the society through caste census - Arvind Sisodia नितिश जातिवादी जनगणना के माध्यम से समाज में " मण्डल वाली आग" लगाना चाहते हैं - अरविन्द सिसौदिया भारत की सत्ता में भाजपा के सहारे कांग्रेस के बागी विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्री बन गये और उन्होनें भाजपा को समाप्त कर अपना जनाधार बडानें और विशाल करनें के लिये मण्डल आयोग का गठन किया था। ताकी ओबीसी जातियां उनकी पक्षधर हो जायें और वे अजेय हों जायें। मण्डल आयोग का विरोध भी उतना ही प्रबलता से हुआ था । पूरा देश इस आग में जलनें लगा था और तब भाजपा श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति के आन्दोलन पर निकली और तोडे गये समाज को पुनः एक किया । यह वाक्या मण्डल - कमण्डल घटनाक्रम के नाम से इतिहास का हिस्सा है।   इससे पहले भी जब आपातकाल के बाद जनता पार्टी बनीं और भारतीय जनसंघ न

कविता "कोटि कोटि धन्यवाद मोदीजी,देश के उत्थान के लिए "

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  यह कविता भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री के सफल रूप में 8 वर्ष पूर्ण होनें एवं 9 वे वर्ष प्रवेश के शुभ अवसर पर में लिखी गई है । यह कविता “कोटि कोटि धन्यवाद,धन्यवाद मोदी जी“ शीर्षक से प्रस्तुत है। मेरे द्वारा यह मोदीजी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर लिखी दूसरी कविता है। इससे पूर्व प्रधानमंत्री मोदी जी के गत वर्ष सार्वजनिक लोकसेवक के रूप में 20 वर्ष पूर्ण होनें पर प्रथम कविता लिखी थी, जिसका शीर्षक था “ युगों में युगों एक ही मोदी आता है, जो दिव्य नवभारत का निर्माता है।“  युगों युगों में एक ही मोदी आता है, जो दिव्य नवभारत का निर्माता है । गर्व करे उस पर मां भारती, आओ उतारें हम सब आरती । https://arvindsisodiakota.blogspot.com/2021/10/blog-post_0.html युगों युगों में एक ही मोदी आता है, जो दिव्य नवभारत का निर्माता है । - अरविन्द सिसोदिया    आशा है कविता पशंद आयेगी एवं इसमें कुछ संसोधन या सुझाव हों तो आप 31 मई 2022 तक प्रेषित कर सकते हैं। इसे अंतिम रूप 31 मई 2022 को दिया जायेगा। "Thank you very much Modiji, for the upliftment of the country" "कोटि कोटि धन्य

राहुल गांधी का चीन-गुणगान क्या एम ओ यू के कारण

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राहुल गांधी क्या चीन के किसी षडयंत्र को आगे बडा रहे हैं। राहुल गांधी के मुंह से अक्सर वह बात सामनें आती है, जिसे चीन स्वयं न बोल कर किसी भारतीय के द्वारा बुलवाना चाहता है। साम्यवाद से मोतीलाल जी नेहरू  एवं जवाहरलाल जी नेहरू के भी गहरे सम्बंध रहे है। वे तब सोवियत रूस जाया करते थे। आजादी के बाद जो विश्वस्तरीय सैन्य गुट बना उसमें भी भारत सोवियत रूस गुट में रहा जबकि पाकिस्तान अमेरिका-ब्रिटेन के सैन्य गुट में था। भारत में कांग्रेस सत्ता में रही मगर उसने साम्यवादी विचारधारा एवं इतिहासकारों को बुद्धिजीवियों को लगातार संरक्षण ही दिया है। साम्यवादी चीन से भी जवाहरलाल नेहरू जी के गहरे सम्बंध रहे हैं। सोनिया गांधी जी के बाद कांग्रेस का झुकाव अमेरिका के पक्ष में हुआ और परमाणु समझौते पर कांग्रेस और कम्युनिष्ट आमने सामने भी हुये। लेकिन चीन के साथ हुये राजनैतिक दल के नाते समझौते के बाद कांग्रेस की आवाज चीन प्रेम से ही लबरेज रहती है। जो भी राहुल जी बोलते हैं वह लगभग वही होता है जो चीन की इच्छा है। सवाल यही खडा होता है कि क्या चीन भारत में कोई और बडे षडयंत्र की ओर बड रहा है। जिसके लिये वह कांग्रेस का इ

नितिश का चरित्र अपने साथीयों को धोखा देनें का रहा है - अरविन्द सिसौदिया

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  नितिश का चरित्र अपने साथीयों को धोखा देनें का रहा है - अरविन्द सिसौदिया नितिश कुमार  : जातीय जनगणना तो बहाना है, भाजपा से हाथ छुडाना है। मेंने पहले भी लिखा था कि भाजपा की बड़ती ताकत से जिस तरह शिवसेना प्रमुख भयभीत थे और मौका देखते ही अलग हो गये। उसी तरह नितिश कुमार भी भयभीत हैं। वे बहुत जल्द भाजपा का दामन छोडते नजर आ सकते हैं। यूं भी नितिश का चरित्र अपने साथीयों को धोखा देनें का रहा है। में तो क्या लिखूं आप स्वयं इनके इतिहास को देखेंगे तो मेरा कहा एक एक शब्द सही पायेंगें। जब से बिहार में भाजपा जदयू से बडी पार्टी बनी है तब से ही नितिश परेशान हैं, अपने लिये ज्यूनियर पार्टनर तलाश रहे हैं। क्यों कि अब भाजपा सीनियर पार्टनर हो गई है। वे सिर्फ भाजपा से ही नहीं अपनी ही पार्टी के प्रशात किशोर अर्थात पीके से भी परेशान चल रहे हैं। जातीय जनगणना तो बहाना है, भाजपा से हाथ छुडाना है। लगता है कि जदयू अब टूटेगा । राज्यसभा चुनाव की उठापठक नितिश कुमार को चुनौती भी दे सकती है। नितिश का कद सही मायनें में अब नरेन्द्र मोदी से काफी बौना हो चुका है। बगले चुनाव को लेकर भाजपा कतई भयभीत नहीं है। क्यों कि जो हाल

राहुल गांधी : भारत विरोधी ब्रिटिश सांसद रहे जेरेमी कॉर्बिन के साथ क्यों ?

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 राहुल गांधी : भारत विरोधी ब्रिटिश सांसद रहे जेरेमी कॉर्बिन के साथ क्यों ? यह प्रश्न मेरा नहीं भारत देश का है, देश के लोगों का है। प्रश्न यह भी है कि आप क्या संदेश देना चाहते हैं।   राहुल गांधी लंदन में जेरेमी कॉर्बिन (बीच में) के साथ क्या कर रहे हैं? जेरेमी कॉर्बिन भारत विरोधी हिंदू स्टैंड के लिए बदनाम हैं। जेरेमी कॉर्बिन खुलेआम कश्मीर को भारत से अलग करने की वकालत कर रहे है। राहुल_गांधी कांग्रेस का हाथ अलगाववादियों के साथ . ----- यूके यात्रा के दौरान ब्रिटेन के पूर्व सांसद जेरेमी कॉर्बिन से मुलाकात के बाद राहुल गांधी पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं। दरअसल कॉर्बिन को भारत और हिंदू विरोधी रुख अपनाने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा वह कश्मीर को भारत से अलग करने की भी वकालत करते रहे हैं। वह लेबर पार्टी के पूर्व नेता हैं। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस ने जेरेमी कॉर्बिन के साथ राहुल गांधी और सैम पित्रोदा की तस्वीर पोस्ट की थी। इसके बाद भाजपा के विदेश प्रभारी विजय चौथाईवाले ने कहा कि राहुल गांधी की तरफ से हिंदू विरोधी और भारत विरोधी ताकतों का समर्थन किया जा रहा है। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी जेरेम

खाटू श्याम बाबा की कहानी .....Shyam Baba Story

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खाटू श्याम बाबा की कहानी ..... 📢राजस्थान के सीकर जिले में श्री खाटू श्याम जी का सुप्रसिद्ध मंदिर है. वैसे तो खाटू श्याम बाबा के भक्तों की कोई गिनती नहीं लेकिन इनमें खासकर वैश्य, मारवाड़ी जैसे व्यवसायी वर्ग अधिक संख्या में है. श्याम बाबा कौन थे, उनके जन्म और जीवन चरित्र के बारे में जानते हैं इस लेख में. खाटू श्याम जी का असली नाम बर्बरीक है. महाभारत की एक कहानी के अनुसार बर्बरीक का सिर राजस्थान प्रदेश के खाटू नगर में दफना दिया था. इसीलिए बर्बरीक जी का नाम खाटू श्याम बाबा के नाम से प्रसिद्ध हुआ. वर्तमान में खाटूनगर सीकर जिले के नाम से जाना जाता है. खाटू श्याम बाबा जी कलियुग में श्री कृष्ण भगवान के अवतार के रूप में माने जाते हैं. श्याम बाबा घटोत्कच और नागकन्या नाग कन्या मौरवी के पुत्र हैं. पांचों पांडवों में सर्वाधिक बलशाली भीम और उनकी पत्नी हिडिम्बा बर्बरीक के दादा दादी थे. कहा जाता है कि जन्म के समय बर्बरीक के बाल बब्बर शेर के समान थे, अतः उनका नाम बर्बरीक रखा गया. बर्बरीक का नाम श्याम बाबा (Shyam Baba) कैसे पड़ा, आइये इसकी कहानी जानते हैं. बर्बरीक बचपन में एक वीर और तेजस्वी बालक थे. बर्ब

ज्ञानवापी : 'पूजा स्थल अधिनियम के तहत किसी धर्मस्थल का धार्मिक चरित्र पता करना प्रतिबंधित नहीं' Worship Act

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कांग्रेस की नरसिंह राव सरकार के द्वारा पार्टी के भारी दबाव के चलते श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आन्दोलन के समय पूजा स्थल अधिनियम 1991 (Places Of Worship Act 1991)  बनाया गया था। मेरा मानना है कि यह अधिनियम पूरी तरह से असंवैधानिक एवं हिन्दूंओं के विरूद्ध था। हमलावरों के अतिक्रमणों को कानूनी संरक्षण देना था । जो कि भारत की स्वतंत्रता के अधिकारों एवं भारत के संविधान की भावना के विरूद्ध भी है। वर्तमान सरकार को इस अधिनियम को संसद के द्वारा समाप्त कर देना चाहिये। हलांकी ज्ञानवापी की सुनवाई में भी सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि किसी भी पूजास्थल की प्रकृति पता लगानें में यह कानून बाधा नहीं डालता।   --------------  वर्शिप एक्ट और सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी से साफ है कि 1991 का प्लेसेज ऑफ वर्शिप ऐक्ट इस मामले में रोड़ा नहीं अटकाता है। जानकारों का मानना है कि अदालत की टिप्पणी ने साफ कर दिया है कि ज्ञानवापी के मामले पर अब सुनवाई जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि इस पूरे मामले में फैसला निचली अदालत ही करेगी। 'पूजा स्थल अधिनियम के तहत किसी धर्मस्थल का धार्मिक चरित्र पता कर

ज्ञानवापी : नागा साधुओं के बलिदान , जो छुपा दिया गया

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भारत का गौरवशाली इतिहास , 1664 में काशी विश्वनाथ मंदिर की रक्षा करते हुए औरंगजेब को हराया था नागा साधुओं ने!  नागा साधु: सनातन धर्म के रक्षक!!  जब हम उनके बारे में सुनते हैं, तो हमें शरीर में राख के साथ नग्न साधुओं का गलत विचार आता है!! लेकिन उन्होंने हिंदू धर्म की कई बार रक्षा की आक्रमणकारी और फिर अंग्रेजों से! नागों के गुरु दत्तात्रेय थे, त्रिदेवों के अवतार - ब्रह्मा, विष्णु और महादेव। मठवासी परंपरा के दशनामी संप्रदाय को दत्तात्रेय के लिए जिम्मेदार बताया जाता है, जिसे आदि शंकराचार्य द्वारा 4 मठों में आयोजित किया गया था। मठों के अलावा, उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा के लिए योद्धा साधुओं के एक वर्ग को भी संगठित किया! बाद में उन्हें 'नागा साधु' के रूप में जाना जाने लगा! उन्हें मृत्यु का कोई भय नहीं है और त्रिशूल, तलवार, लाठी और शंख उनके अस्त्र रहे हैं।  काशी विश्वनाथ मंदिर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है ।  इस्लामी लुटेरों ने मंदिर पर कई बार हमला किया था।  औरंगजेब और उसकी मुगल सेना ने 1664 में काशी विश्वनाथ मंदिर पर हमला किया। नागा साधुओं ने विरोध किया और मंदिर का बचाव किया!!

भाजपा 25 वर्षों के लक्ष्य निर्धारित कर,भारत की आकांक्षाओं को पूरी करने लगातार काम करे - पीएम मोदी

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  भाजपा 25 वर्षों के लक्ष्य निर्धारित कर,भारत की आकांक्षाओं को पूरी करने लगातार काम करे - पीएम मोदी   BJP should work continuously to fulfill India's aspirations by setting goals for 25 years - PM Modi   ---- पीएम मोदी ने जयपुर में भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों को संबोधित किया Published By : Admin | May 20, 2022 | Quote - यह भाजपा के लिए अगले 25 वर्षों के लिए लक्ष्य निर्धारित करने का,भारत के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए लगातार काम करने का समय है: पीएम मोदी Quote - बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के 8 साल, गरीबों के कल्याण और सामाजिक सुरक्षा के लिए समर्पित रहे हैं: पीएम मोदी Quote - विकास के मुद्दों से आपको भटकाने की कोशिश की जाएगी लेकिन आपको उन पर टिके रहना होगा: बीजेपी कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को जयपुर में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम इस बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने जनसंघ से लेकर भाजपा तक के निर्माण में खुद को खपाने वाले सभी मनीषियों और विभूति

भाजपा और कांग्रेस,मंथन और चिन्तन,राहत और कैरोसिन

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  भाजपा और कांग्रेस,मंथन और चिन्तन,राहत और कैरोसिन - Arvind Sisodia 9414180151 कांग्रेस का चिन्तन शिविर उदयपुर और भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारणी बैठक जयपुर,मई 2022 में राजस्थान में सम्पन्न हो गईं हैं। दोनों में आंतरिक निर्णय जो हुए वे गुप्त रहेंगे और जो निर्णय सार्वजनिक घोषित हुए वे सब अखबारों पर सोसल मीडिया पर , इन्टरनेट पर मौजूद हैं। यह तो मात्र भूमिका की बात थी। असल यह है कि इन दलों ने अपने अपने निर्णय आयोजनों के बाद किया क्या ? और जो कि किया वही आने वाले समय में इनके द्वारा सम्पादित होते रहनें का दिशा बोध करवाता है। कांग्रेस ने चिन्तन शिविर के बाद उनके भाग्यविधाता, भविष्य के प्रधानमंत्री प्रत्याशी एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने ब्रिट्रेन में जाकर अपने व्याख्यान के माध्यम से देश पर कैरोसिन डाल दिया। देश का क्या हुआ यह अपनी जगह है, मगर कांग्रेस का चिन्तन क्या रहा, यह जग के सामनें आ गया ! केन्द्र की भाजपा सरकार सहित राज्यों की एनडीए सरकारों को सर्तक रहना होगा कि राजनैतिक कैरोसिन आ रहा है !! भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक के बाद भाजपा के पदाधिकारी रहे,गुजरात के मुख्यम

भारतीय संस्कृति एकात्म है - पंडित दीनदयाल उपाध्याय

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  -अरविन्द सीसोदिया   दीनदयाल उपाध्याय : पण्डित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिन्तक और संगठनकर्ता थे। वे भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्म मानववाद नामक विचारधारा दी। वे एक समावेशित विचारधारा के समर्थक थे जो एक मजबूत और सशक्त भारत चाहते थे।   एकात्म मानववाद: भारतीय समाज व्यवस्था का मूलभूत अध्ययन      भारतीय जनता पार्टी का दर्शन, एकात्म मानववाद पहली बार पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा मुम्बई में 22 से 25 अप्रैल, 1965 को चार व्याख्यानों के रूप में प्रस्तुत किया गया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्बर, 1916 को उत्तरप्रदेश के मथुरा जिले में नंगला चन्द्रभान गांव में हुआ था। उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए अजमेर से उत्तीर्ण की एवं दो स्वर्ण पदक प्राप्त किए। उन्होंने पुन: इन्टर की परीक्षा में पहला स्थान प्राप्त करते हुए दो स्वर्ण पदक प्राप्त किए। उन्होंने अंकगणित में प्रथम श्रेणी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। पंडित जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 1