विजया दसमी, हिंदुत्व के अस्तित्व की सुरक्षा का ईश्वरीय संदेश HINDUTV of VIJYADASMI
विजया दसमी, हिंदुत्व के अस्तित्व की सुरक्षा का ईश्वरीय संदेश
-अरविन्द सिसोदिया
9414180151
विजया दसमी अर्थात दशहरा सिर्फ राम रावण युद्ध मात्र नहीं, यह ईश्वर का स्पष्ट संदेश है कि धर्म की रक्षा, सुःख शान्ति, सदाचरण की रक्षा, समाज व्यवस्था और अस्तित्व की रक्षा...., आपने सामने के संघर्ष से, युद्ध से, पुरषार्थ से ही होती है। स्तुति से नहीं। इसके लिए ईश्वर को भी युद्ध करना होता, पुरषार्थ करना होता है, शत्रु को परास्त करना होता है। यह बहुत स्पष्टता से हिन्दुव की रक्षा का दिया गया ईश्वरीय संदेश है। यही बात महाभारत युग में भगवान श्रीकृष्ण नें गीता के रूप में कहा है। याद रखिये शस्त्र की शक्ति ही शास्त्र की रक्षा करती है। हिंदुत्व की प्रखरता से सुरक्षा करना ही युग धर्म है। विजयादसमी पर शस्त्र पूजन अवश्य करें।
एक समय भारतीय संस्कृति का प्रभुत्व, संपूर्ण विश्व पर था, इसके बाद वह जम्मू दीप पर प्रभुत्व शाली रहा। अब वह मात्र भारत में सिकुड़ा पडा है, जिसे कदम कदम पर विदेशी आक्रमणकारीयों के वंशज आँखे दिखाते रहते हैं। सुविधाभोगी हिन्दू, हिंदुत्व से जुडी अधिकांश संस्थानों में सर्वेसर्वा हैं, इससे अल्पसंख्यकवादी, हिंदुत्व पर हावी है। हिंदुत्ववादी खुल कर हिंदुत्व की क्षति पहुंचानें वालों का विरोध ही नहीं कर पाते। जो लोग वास्तव में हिंदुत्व की रक्षा कर सकते हैं, जिनमें वीरता है, पुरषार्थ है, शौर्य है, उन्हें पीछे धकेल दिया जाता है। अर्थात अभी भी हिंदुत्व की रक्षा, सुरक्षा और व्यवहारिक विकास के प्रश्न और व्यवस्थायें सही मायने में हैं ही नहीं, जो कुछ है वह षड्यंन्त्रों के सामना करने के लिए आवश्यकता का मात्र 1/2 प्रतिशत है। इसी कारण हिंदुत्व को कदम कदम पर अंगूठा दिखाया जा रहा है।
याद रखिये हमनें भक्ती के चक़्कर में शक्ति को छोड़ कर, सोमनाथ में, अयोध्या में, मथुरा में, काशी में ही नहीं.... करोड़ो करोड़ो मूर्तियों के विखंडन में, लाखों मंदिरों के विधवंश में सनातन हिंदुत्व के पतन को देखा है। इसलिए अब फिरसे इसकी रक्षा और सुरक्षा का संदर्भ उभर कर सामने आया है।
डिसमेन्टलिंग ग्लोबल हिन्दुतवा कार्यक्रम पूरे विश्व में चल रहा है, इसमें ईसाई मिशनरियां, सम्यवादी और इस्लामिक संगठन सभी एक जुट हैं। अभी तक इसके विरुद्ध कोई ठीक रणनीति नहीं बनी है।
इस्लामिक आतंकवादी संगठनों में 10 हजार से लेकर 1 लाख तक मिसाईलों का भण्डारण है, शस्त्र निर्माण के कारखानें हैं। सैनिकों के ट्रेनिंग केम्प हैं और गैर इसलामिक पंथों को समाप्त करनें की योजना है। तो क्या अन्य को अब भी सजग नहीं होना चाहिये, अस्तित्व की रक्षा के उपाय नहीं करनें चाहिये।
भारत की यह मोदी सरकार हिंदुत्व की चिंता कर रही है, मगर जिस तरह अन्य पंथों के सुरक्षा और विकास तंत्र है, आर्थिक एवं बौद्धिक पूर्ति है, उस तरह की कोई व्यवस्था हिंदुत्व में नहीं है, अपनी अपनी ढपली अपने अपने राग.... चल रहे हैं।
हिंदुत्व को देखने की दृष्टि बदलनी होगी.... हिन्दुओं के सभी देवी - देवता शस्त्रधारी हैं, पुरषार्थ करने वाले हैं। युद्ध करने की क्षमता वाले हैं, विजय प्राप्त करने की लालसा और लक्ष्यवाले हैं।
भगवान को भाग्य सुधारनेवाले देवता के रूप में स्थापित कर विश्वभर में धन कमानें का धंधा चल रहा है। हिंदुत्व को उसकी रक्षा के लिए, सुरक्षा के लिए, विकास और प्रभुत्व के लिए। पुरषर्थवादी बनना होगा। शस्त्र सम्पन्न होना होगा, सुरक्षा सम्पन्न होना होगा।
एक मान्यता दूसरी मान्यता को निंगल जाना चाहती है, मार सेना चाहती है, समाप्त कर देना चाहती है, यह संघर्ष लगभग 3000 वर्षों से बहुत स्पष्ट रूप से चल रहा है। हिंदुत्व ने विशाल क्षति पाई है, सिकुड़ कर मात्र भारत भूभाग पर बचे हैं। अब भी अपनी रक्षा, सुरक्षा और विकास की चिंता नहीं करेंगे तो समाप्त हो जायेंगे।
नोट - हिंदुत्व की रक्षा के वैचारिक उत्थान और विकास में मेरी मदद के लिए, मुझे आर्थिक संबल पहुंचाने की कोशिश करें, प्रयत्न करें, ताकी हम इस मोर्चे पर बड़ सकें।
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