कांग्रेस का आतंकवाद का खुला समर्थन Israel-Hamas War
- Arvind Sisodia
14 हजार से अधिक इजराईली नागरिकों के हत्यारे हमास की यूएन महासभा द्वारा निंदा नहीं करना कायराना और शर्मनाक है । प्रस्ताव के पक्ष में कांग्रेस का खड़ा होना,आतंकवाद का खुला समर्थन है। यूएन महासभा के प्रस्ताव पर प्रियंका गांधी का बयान शर्मनाक....भारत का आतंकवाद विरोधी रूख स्वागत योग्य ।
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इजरायल-हमास विवाद पर UNGA में लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग से दूर रहा भारत
हमास के आतंकी हमले की स्पष्ट निंदा नहीं होने से वोटिंग से रहे अलग: विदेश मंत्रालय
भारत आतंकवाद को किसी भी वजह से जायज नहीं ठहराने की नीति पर कायम: मंत्रालय
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में इजरायल-हमास विवाद पर पारित प्रस्ताव में भारत का वोटिंग से अलग रहना ना सिर्फ घरेलू राजनीति में काफी गहमा-गहमी बढ़ा दी है, बल्कि उसका असर कुछ देशों के साथ भारत के कूटनीतिक रिश्तों पर पड़ने की आशंकाएं जताई जा रही हैं। ऐसे में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत अपने पुराने रूख पर कायम रहते हुए ही वोटिंग से अलग रहा।
वोटिंग से दूर रहे 44 देश
सनद रहे कि यह प्रस्ताव जार्डन की तरफ से आया था। इसमें इजरायल-हमास विवाद को तुरंत समाप्त करने और गाजा पट्टी में रहने वालों को तुरंत मदद पहुंचाने की बात है। इजरायल और अमेरिका समेत 14 देशों ने इसका विरोध किया है। चीन, फ्रांस, रूस, पाकिस्तान, बांग्लादेश और मालदीव समेत 121 देशों ने इसका समर्थन किया, जबकि भारत और कनाडा समेत 44 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
इजराईल हमास पर यून के प्रस्ताव पर प्रियंका का बयान और रविशंकर प्रसाद कर पलट बार
Israel-Hamas War: भारत ने शुक्रवार (28 अक्टूबर) को संयु्क्त राष्ट्र महासभा के उस प्रस्ताव पर मतदान नहीं किया जिसमें इजरायल-हमास युद्ध में तत्काल टिकाऊ और निरंतर मानवीय संघर्ष विराम की बात कही गई थी. भारत का कहना कि इसमें हमास का कोई जिक्र नहीं किया गया है. वहीं भारत की इस गैरहाजिरी को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शर्मनाक बताया है.
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया माध्यम एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ये काफी शर्मनाक है कि हमारा देश इस प्रस्ताव पर वोटिंग करने से गैरहाजिर रहा. हमारे देश की स्थापना ही अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों पर हुई थी. इन सिद्धांतों के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया, ये सिद्धांत संविधान का आधार हैं जो हमारी राष्ट्रीयता को परिभाषित करते हैं.
प्रियंका गांधी ने 'एक्स' पर क्या कहा
प्रियंका ने आगे कहा कि फिलिस्तीन में पुरुषों, बच्चों और महिलाओं को मारा जा रहा है, इस वक्त स्टैंड लेने से इंकार करना और चुपचाप देखना गलत है. इसके साथ ही उन्होंने महात्मा गांधी को भी उद्धृत किया और लिखा कि आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देगी.
यूएन के 10वें आपातकालीन विशेष सत्र की बैठक में पेश हुए प्रस्ताव को लेकर बांग्लादेश, पाकिस्तान, मालदीव, रूस और साउथ अफ्रीका समेत कुल 40 से अधिक देशों ने समर्थन किया. इसके अलावा जिन देशों ने प्रस्ताव में वोटिंग नहीं की उसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, जापान, यूके और यूक्रेन शामिल हैं.
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