खरगे, महिला और दलित अत्याचारों पर भी मुंह खोलें - चंद्रकांता मेघवाल

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राजस्थान की कांग्रेस सरकार के दौरान हो रहे, महिला और दलित अत्याचारों पर भी मुंह खोलें - श्रीमती श्रीमती चंद्रकांता मेघवाल 

कोटा 16 अक्टूबर। राजस्थान में ऐसा कोई दिन नहीं जब अपहरण, बलात्कार और महिला अत्याचार आदि की खबरें ना आती हो। उस पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान दौरे पर हैं और राजस्थान की जनता कांग्रेस की गहलोत सरकार के कुशासन के नीचे दबी कुचली पड़ी हुई चुनाव का इंतजार कर रही है, इस शासन के कुशासन के कारण पूरे प्रदेश में त्राहि त्राहि मची हुई है। विशेष कर राजस्थान में महिला अत्याचार और दलित अत्याचारों की पराकाष्ठा हो चुकी है। मैं  इस प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मांग करती हूं कि वे, कांग्रेस के कुशासन में हो रहे महिला अत्याचार और दलित अत्याचारों के संदर्भ में भी अपना मुंह खोलेंगे, अपना वक्तव्य दें। कांग्रेस के मुखिया होने के नाते उन्हें यह जवाब देना चाहिए कि इस तरह के कुशासन के लिए  जिम्मेदार कांग्रेस सरकार को अभी तक दंडित क्यों नहीं किया गया, सुधार के लिए कोई भी प्रयत्न क्यों नहीं किए गये। कांग्रेस नेतृत्व की खामोशी में होते रहे अत्याचारों को, कांग्रेस की सहमति ही माना जाएगा और उसे राजस्थान की जनता इस विधानसभा चुनाव में दंडित कर सबक सिखाएगी।

राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा राजस्थान की बदतर कानून व्यवस्था को अच्छा बताना, अन्य राज्यों की कानून व्यवस्था को ज्यादा खराब बताना तथा राजस्थान की रेप पीड़िताओं को झूठा बताने वाले बयान अषोभनीय एंव निन्दनीय हैं। NCRB की रिपोर्ट के अनुसार पॉक्सो व बलात्कार में राजस्थान नंबर 1 पर लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं की ऐसे मामलों में से 56 प्रतिषत झूठे है। ऐसे बयान रेप करने वालों के मन में डर कम और प्रोत्साहन ज्यादा पैदा करते है। राजस्थान में पिछले 5 साल में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में नए कीर्तिमान स्थापित हो रहें हैं! लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री महोदय सच्चाई से अंजान हैं। जिस तरह से आपके शासनकाल में हर वर्ग विशेष तौर पर महिलाओं पर क्राइम बढ़ा है, आप इस सत्य से भाग नहीं सकते, बहाने नहीं बना सकते, स्वीकार तो करना पड़ेगा कि आपने पूरे गृह मंत्रालय की ताकत को सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने के लिए ही काम में लिया है। पिछले पांच सालों में राजस्थान को अपराध का अड्डा बना चुकी कांग्रेस सरकार नींद से जागने को तैयार नहीं और यहां बेटियां किस कदर भय और आतंक के साये में जी रही है इससे सरकार को कोई फर्क नहीं पडता। ऐसी सरकार को प्रदेष की जनता षीघ्र ही उखाड फेकने को तैयार है। 
राजस्थान वीरों की धरती है और महिलाओं की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों तक का बलिदान करने का इतिहास रखती है किन्तु राजस्थान अब महिलाओं के हालात ठीक नहीं है। महिलाएं पूरी तरह असुरक्षित हो गईं हैं, दिन-प्रतिदिन शर्मसार करने वाली घटनायें हो रही हैं, आभूषण पहनना मुश्किल हो गया है। अपराधीयों के इतने होंसले बड़े हुए हैं कि वृद्ध महिला के पाँव के कड़े लूटने के लिए महिला के पैर तक काट दिए जाते हैं।
महिला अपराधों में राजस्थान पूरे देश में नंबर वन बना हुआ है, शर्म की बात है कि राजस्थान लगातार 3 सालों से रेप में भी नंबर वन बना हुआ है, प्रतिदिन 17 दुष्कर्म के मामले होते हैं और हर 2 घंटे में एक नाबालिग बच्ची का अपहरण हो जाता है। 
महिलाओं की हत्या बलात्कार अपहरण लूट के मामलों में 46 प्रतिषत से भी अधिक की वृद्धि होना यह बताता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जो राजस्थान के गृहमंत्री हैं यह पूरी तरह से विफल हो गए हैं और उन्हें अब 1 मिनट भी राजस्थान पर राज करने का अधिकार नहीं है।
कांग्रेस सरकार के पांच साल में महिलाओं पर अत्याचारों की बाढ़ सी आ गई है। राज्य सरकार और प्रशासन के कान पर जूँ तक नहीं रेंगी, बल्कि उनका मजाक उड़ाया गया है।  अब तो चैन और आभूषण पहनना भी मुश्किल हो गए हैं, कोटा में सास और बहू को चेन बचाने के लिए संघर्ष करते हुए, अपराधियों से जूझते हुए देखा गया है। सड़कों पर इतनी असुरक्षित महिलाएं कभी भी नहीं थी,  जितनी कि कांग्रेस राज में हो गई है। महिलाओं नें इस असुरक्षित स्थिति के चलते अब आभूषण पहनना तक कम कर दिया है।
महिला अत्याचारों से संबंधित मामलों की बात करें तो राजस्थान में वर्ष 2017 में 25995 केस दर्ज हुए थे। इसके बाद वर्ष 2018 में 27866 मुकदमे दर्ज हुए। लेकिन वर्ष 2019 में महिला अत्याचारों के मामलों में जबर्दस्त उछाल आया। यहां विभिन्न जिलों में 41,550 केस सामने आए।
NCRB की रिपोर्ट 1314 नाबालिग बच्चियों से रेप महिला अत्याचार व दुष्कर्म के अपराधों में देश में अव्वल है राजस्थान, सबसे ज्यादा 18 से 30 वर्ष की उम्र वाली युवतियों से हुआ रेप, 60 से ज्यादा उम्र की महिलाओं से भी दुष्कर्म के मामले सामने आये।
NCRB द्वारा वर्ष 2019 में दर्ज अपराधों के आंकड़े के अनुसार राजस्थान में महिलाओं से अत्याचार संबंधित अपराधों में काफी बढ़ोतरी हुई। इनमें दुष्कर्म की घटनाओं में राजस्थान अव्वल रहा है। यहां वर्ष 2019 में महिलाओं और युवतियों से दुष्कर्म के सबसे ज्यादा 5997 मुकदमे दर्ज हुए। इन आंकड़ों के हिसाब से राजस्थान में रोजाना दुष्कर्म की औसत 16 घटनाएं हुई। इनमें सबसे ज्यादा दुष्कर्म की वारदातें 16 से 18 वर्ष के उम्र की बच्चियों के साथ हुई। 18 से 30 वर्ष के बीच उम्र वाली युवतियों व महिलाओं से दुष्कर्म की सबसे ज्यादा घटनाएं। बात राजस्थान की करें तो यहां 6 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की 15 वारदातें हुई। 6 वर्ष से ऊपर और 12 वर्ष से कम उम्र वाली बच्चियों के साथ दुष्कर्म के 70 केस दर्ज हुए। 12 से 16 वर्ष की उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की 462 घटनाएं हुई। NCRB के रिकॉर्ड के मुताबिक राजस्थान में 16 से 18 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की 767 घटनाएं हुई। यहां कुल 1314 नाबालिग बच्चियां दुष्कर्म का शिकार हुई। वहीं, 18 वर्ष से ज्यादा और 30 वर्ष तक उम्र की 3263 महिलाओं व युवतियों के साथ दुष्कर्म के मामले सामने आए। जबकि 30 से 45 वर्ष की महिलाओं के साथ दुष्कर्म के 1272 केस दर्ज हुए।
इसी तरह, NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में 45 साल से 60 साल की तक की महिलाओं के साथ राजस्थान में दुष्कर्म के 200 केस और 60 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं के साथ रेप के 2 मामले सामने आए। पूरे देश में दुष्कर्म के 30641 केस दर्ज हुए। इनमें 30868 महिलाएं, बच्चियां और युवतियां रेप का शिकार हुई।
महिला अत्याचारों से संबंधित मामलों की बात करें तो राजस्थान में वर्ष 2017 में 25995 केस दर्ज हुए थे। इसके बाद वर्ष 2018 में 27866 मुकदमे दर्ज हुए। लेकिन वर्ष 2019 में महिला अत्याचारों के मामलों में जबर्दस्त उछाल आया। यहां विभिन्न जिलों में 41,550 केस सामने आए। NCRB के आंकड़ों के अनुसार महिलाओं पर अत्याचार के मामलों में राजस्थान प्रथम नंबर पर रहा।
NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में महिलाओं के साथ नाबालिकों द्वारा छेड़छाड़ व परेशान करने के मामलों में भी राजस्थान पीछे नहीं है। यहां दर्ज हुए मुकदमों के हिसाब से राजस्थान देश में प्रथम नंबर पर रहा है।

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