कट्टर हिन्दुत्ववादी विचारधारा छोडनें से शिवसेना दो फाड हो गई - अरविन्द सिसौदिया
कट्टर हिन्दुत्ववादी विचारधारा के चलते शिवसेना दो फाड - अरविन्द सिसौदिया
Shivsena splits due to radical Hindutva ideology - Arvind Sisodia
परिणाम कुछ भी हो मगर दूध फट चुका है।
शिवसेना को मुम्बई महानगरपालिका में नुकसान उठाना पड सकता है।
जब से शिवसेना ने कांग्रेस के साथ मिल कर महाराष्ट्र में राज्य सरकार बनाई है तब से ही शिवसेना के कार्यकर्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों में आक्रोश भी है और विरोध भी है। किन्तु राज्य सरकार के मुख्यमंत्री के नाते यह अभी तक दवाया हुआ था। कितु हनुमान चालीसा विवाद उवं सांसद नवनीत राणा की जेल यात्रा के बाद यह विस्फोट प्रगट हो गया । पहले राज्यसभा चुनाव और अब एमएलसी चुनावों में नतीजों के रूप में सामनें भी आ गया। दावा किया जा रहा है कि शिंदे का साथ 35 से ज्यादा विधायक है। अगर ऐसा हुआ तो शिवसेना दो-फाड़ हो सकती है।
शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे सिर्फ हिन्दूवादी ही नहीं थे बल्कि वे इससे भी दो कदम आगे बड कर यह कहने का सहास रखते थे कि हां हमने बाबरी ढांचा ढहाया है। कट्टर हिन्दू वादी शिवसेना ने जब कांग्रेस के साथ मिल कर राज्य सरकार बनाई थी तब भी यह आशंका उभरी थी। माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट में हैं।
शिवसेना के करीब करीब 20 विधायकों के सूरत पहुंचने की चर्चा है। सूरत के जिस होटल में शिंदे 12 विधायकों के साथ ठहरे हैं उसकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शिवसेना के नेता संजय राउत भी कह चुके हें कि भाजपा मध्यप्रदेश, राजस्थान का खेल महाराष्ट्र में दौहराना चाहती है।
महाराष्ट्र में राजनीतिक भूचाल आ गया है। शिवसेना के सीनियर नेता और मंत्री एकनाथ शिंदे कई विधायकों को लेकर गुजरात जा चुके हैं। उन्होंने ऐसा महाराष्ट्र एम एल सी चुनाव में की गई क्रॉस वोटिंग के बाद किया। इस क्रॉस वोटिंग का फायदा बीजेपी को मिला था । फिलहाल शिंदे के साथ ये विधायक सूरत के एक होटल में रुके हुए हैं। इन विधायकों की लिस्ट अब सामने आ गई है। एकनाथ शिंदे के साथ गुजरात पहुंचने वाले नेताओं में महाराष्ट्र सरकार के दो मंत्री, शिंदे के बेटे भी शामिल हैं। एक निर्दलीय विधायक का नाम भी आया है। जानें एकनाथ शिंदे के जाने से उद्धव और शिवसेना को कितनी तगड़ी चोट लग सकती है।
उद्धव सरकार के नेता भाजपा के साथ ?
महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि पार्टी ने 134 प्रिफरेंशियल वोट हासिल किए। पार्टी के पास 106 विधायक हैं और सात अन्य विधायकों का समर्थन मिला। इस तरह से भाजपा के हिसाब से समझें तो 21 वोट एमवीए अर्थात शिवसेना एण्ड कंपनी से टूटकर आए हैं। यह उद्धव ठाकरे सरकार के लिए बड़ा झटका है और उनकी सरकार में एकजुटता की कमी को भी दर्शाता है। पाटिल ने भाजपा की जीत का श्रेय फडणवीस को दिया है। हालांकि पूर्व सीएम ने कहा कि वह चमत्कार में विश्वास नहीं करते, यह डट। के भीतर का अंसतोष है जो वोट के रूप में कन्वर्ट हुआ है।
तब राज्यसभा चुनाव में मारी बाजी
इसी महीने की 10 तारीख को महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव दिलचस्प हो गया था। महाराष्ट्र की छह सीटों के लिए सात उम्मीदवार मैदान में थे। गठबंधन सरकार चला रही शिवसेना पर्याप्त संख्याबल होने के बाद भी अपने दोनों उम्मीदवारों को जिता नहीं सकी। राज्यसभा की 6 सीटों पर सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी यानी शिवसेना$कांग्रेस$राष्ट्रवादी कांग्रेस के 3 और बीजेपी के 3 उम्मीदवार विजयी हुए। 6वीं सीट पर बीजेपी के धनंजय महाडिक ने शिवसेना के संजय पवार को हरा दिया। 288 सदस्यों वाली राज्य विधानसभा में एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 41 मतों की जरूरत थी। दूसरे राउंड के बाद महाडिक को 41 वोट मिले जबकि पवार 33 वोट ही हासिल कर सके। इस तरह से फडणवीस से उद्धव की फाइट में भाजपा के देवेंद्र हावी रहे।
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