लोकतंत्र की रक्षार्थ सुप्रीम संज्ञान लें और संजय रावत को गिरफ्तारी के निर्देश दें - अरविन्द सिसोदिया sanjay raut ki dhamki
लोकतंत्र की रक्षार्थ सुप्रीम संज्ञान लें और संजय रावत को गिरफ्तारी के निर्देश दें - अरविन्द सिसोदिया
शिवसेना की मान्यता समाप्त हो और अगले 6 साल तक चुनाव लड़नें पर पाबन्दी लगे -अरविन्द सिसोदिया
शिवसेना प्रवक्ता संजय रावत ने आज अपने संबोधन में महाराष्ट्र की जनता के द्वारा चुने हुए 40 जन प्रतिनिधियों को एक अक्षम्य धमकी दी है और जिस तरह से पोस्टमार्टम की बात कही है । वह निश्चित रूप से उन्हें जान से मारने की धमकी है।
लोकतंत्र में इस तरह की धमकी शुद्ध अपराध और असंवैधानिक कृत्य है। इसलिए ऐसी धमकी देने वाले व्यक्ति को तुरन्त गिरफ्तार किया जाना चाहिये।
किंतु महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार स्वयं तो कोई कार्यवाही नहीं करेगी , किंतु सुप्रीम कोर्ट को लोकतंत्र की रक्षा के लिए स्वयं संज्ञान लेना चाहिए और संजय रावत को तुरंत गिरफ्तार कर जेल में डालने एवं जिन जनप्रतिनिधियों को जान से मारने की अपरोक्ष धमकी दी गई है , उनकी सुरक्षा के जिम्मेवारी तय करनी चाहिए ।
लोकतंत्र यदि धमकियों के आधार पर चलने लगेगा, तो फिर यह लोकतंत्र और तानाशाही में फर्क ही क्या रह जायेगा ।
तानाशाही को रोकना, तानाशाही को समाप्त करना, यही तो लोकतंत्र का सर्वोच्च उद्देश्य है ।
लोकतंत्र के मूल उद्देश्य को विफल करने के नियत से जो धमकी शिवसेना के द्वारा दी गई है । उस धमकी को तुरंत विफल करना होगा , जवाब देना होगा और उसे बताना होगा कि यह सब असंवैधानिक है अपराध है और इसको भारत में स्वीकार नहीं किया जा सकता है ।
आपराधिक भाषा बोलने वाली शिवसेना की मान्यता भी समाप्त होनी चाहिए और उस पर अगले 6 साल के किसी भी प्रकार के चुनाव में भाग लेने पर भी पाबंदी लगाई जानी चाहिए ।
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