प्रशांतकिशोर ने अपरोक्षरूप से नितिश की पोल ही खोली है - अरविन्द सिसौदिया

 


प्रशांतकिशोर ने अपरोक्षरूप से नितिश की पोल ही खोली है - अरविन्द सिसौदिया
बिहार मध्यावधि चुनाव की ओर बढ रहा है
लालू भाजपा के साथ भी तो सरकार बना सकते हैं

राजनीति में सांप की तरह बल खाने और निश्चित-तौर पर धोका देनें वाले, कथित सुशासन बाबू नें बिहार राज्य सरकार के संरक्षण में बिहार जला डाला। प्रशांतकिशोर ने अपने बयान से इस तरफ अपरोक्षरूप से साफ साफ इशारा किया है। ये वही नितिश कुमार हैं, जिन्होनें लालू प्रसाद यादव के कंधे पर बैठ कर सत्ता का सुख चखा और सबसे ज्यादा धोखे लालू जी को ही दिये।

जब नागरिकता कानून आया तब कांग्रेस के बयान पर शाहीन बाग खडे हुये। जिसमें कई विपक्षी दलों ने इन्हे सहयोग किया। तब मोदी जी ने कहा था यह प्रयोग है। वही प्रयोग फिर से हुआ , देश की तकदीर बदले वाले तीन किसान कानून आये तब पंजाब और दिल्ली सरकारों के संरक्षण में तथाकथत किसान आन्दोलन चला। पंजाब और यूपी चुनाव समाप्त होते ही वे तथाकथित किसान हित चिन्तक गायब हो गये। जैसे ही मोदी सरकार ने देशहित की अभी तक की सबसे महत्वपूर्ण एवं देश को सुरक्षा प्रदान करनें वाल अग्निवीर योजना को घोषित किया, वैसे ही भारत को अंदर से कमजोर करने वाली ताकतें अहल गई कि भारत इजराइल पैटर्न की तरफ बढ रहा है। बिहार सरकार के संरक्षण में युवाओं के नाम पर, रेलों को आग के हवाले का काम प्रारम्भ किया गया। सब कुछ इतनापूर्व नियोजित था कि पूरा देश भौंचक्का रह गया ।

हलांकी में पहले भी कह चुका हूं और अब भी कह रहा हूं , कि केन्द्र सरकार को बहुत मजूबती से और बहुत कठोर निर्णयों से देश संभालना होगा क्यों कि कांग्रेस सत्ता से बाहर होते ही बिन पानी की मझली की तरह छटपटाती है। वह देश को परोक्ष अपरोक्ष अस्थिर करती है। वह देश का कितना ही बडा अहित कर सकती है। जब वह भाजपा को हटानें के लिये पाकिस्तान जा सकती है। तो वह अपनी विश्वसनीयता को पूरी तरह खो देती है। इसका परिणाम वह भुगत भी रही है , भारत की राजनीति में अंतिम सांसें गिन रही है। परिणाम तो जनता आगे भी भुगतानें वाली है।

जब से बिहार में सुशासन बावू भाजपा से पीछे हुये हैं तब से ही वे छटपटा रहे हैं। वे बार बार लालू की तरफ हाथ बडा रहे है। भाजपा भी सब जानती है, राष्ट्रपति चुनाव के बाद संभवतः बिहार में मुख्यमंत्री का चेहरा कोई ओर भी हो सकता है। यदि लालू नितिश के साथ सरकार बना लेंगे तो भी अब सरकार चला नहीं पायेंगे , क्यों कि लालू जी सबसे ज्यादा नितिश को समझते हैं। संभावित लालू नितिश सरकार छै माह से ज्यादा नहीं चलेगी। बिहार यूं तो मध्यावधी चुनाव की ओर बडता दिख रहा है। राजनीति में कोई स्थाई शत्रु नहीं होता, बिहार में चर्चा है कि लालू जी भाजपा के साथ भी सरकार बना सकते हें ।

Why Bihar is burning reveals Prashant Kishor 


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