ऑन लाईन हिंसक गेम और धन ठगी के एप्स् प्रतिबंधित हों - अरविन्द सिसौदिया
हिंसा को बडावा देनें वाली ऑन लाईन गेमिंग एवं धन की ठगी वाले एप्स् को लेकर गंभीर चिन्ता पूरे विश्व में की जा रही है। किन्तु धन कमानें की गला काट प्रतिर्स्पधा के चलते सभी बडे देश इस तरफ से आंख मोडे हुये है। उन्हे सरकार के खजानें के लिये पैसा चाहिये। इस कारण इन्टरनेट पर तरह तरह की गैर कानूनी सामग्री भी बिना रोक टोक उपलब्ध रहती है। जिसके नजीते व्यक्ति, परिवार एवं समाज को भुगतना ही पडता है।
भारत सरकार को इस तरह की इन्टरनेट सामग्रीयों एवं कार्यों पर पूरी तरह से रोक लगानी चाहिये , क्यों कि इसकी लत से भारत के बच्चों का भविष्य खतरे में पडनें की स्थिती उत्पन्न हो गई है। इसके साथ साथ परिवारों में हिंसक घटनाओं में वृद्धि, चोरी की घटनाओं में वृद्धि, मानिक विकृतियां, माता पिता द्वारा तय किये बच्चे के भविष्य की योजनाओं में बाधा सहित अनेकों प्रकार के अतिरेक एवं असामान्य जीवन शैली की स्थिती उत्पन्न हो गई है, जो कि देश के लिये घातक है।
कई घातक एवं स्तब्ध करने वाली घटनायें समाज में घटित हो चुकी हैं। मनोवैज्ञानिक भी इनकी लत को बहुत अधिक नुकसानदायक बता रहे हे। इसलिये आवश्यक कदम उठानें अनिर्वाय हैं।
1. भारत में ऑन लाईन गैमिंग एवं एप्स पर कडी निगरानी रखनें एवं उनको प्रतिबंधित करनें की संवेदनशील व्यवस्था बनें।
2. हिंसा को उत्प्रेरित करनें वाले एवं धन की ठगी वाले सभी गेम्स एवं एप्स गैर कानूनी घोषित हों।
3. इस तरह की सामग्री बनानें एवं प्रेषित करनें वाले देशों के विरूद्ध अन्तर्राष्ट्रीय कानून बनवाये जानें की पहल हो।
4. न्यायालयों का भी देश हित , समाज हित एवं व्यक्ति की भलाई को दृष्टिगत रखते हुये ही इस तरह के प्रकरण आनें पर निर्णय देनें चाहिये।
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