गोधरा के कारण हुए थे, गुजरात दंगे , तीस्ता सीतलवाड़ नें असत्य रचनें की पद्मश्री प्राप्त की

गोधरा मे जब साबरमती एक्सप्रेस की उन जली हुई बोगियों मे से जले हुये शवों को निकाला जा रहा था तब उनमे एक जला हुआ शव ऐसा भी था जो देखने मे तो एक  प्रतीत होता था मगर जब उसे करीब जाकर गौर से देखा तो मालूम हुआ ये जली हुई एक लाश नही बल्कि दो हैं......!

एक मां अपनी दुध पीते बच्चे को अपने सीने मे चिपकाये ही जल गई थी.....!

प्रशासन ने मां बच्चे की लाशो को अलग करने की कोशिश की मगर वो दोनो लाशें अलग नही की जा सकीं...
बच्चे की पसलियां गलकर मां के सीने से चिपक गई थी.....!
शिनाख्त ना होने पर तब प्रशासन ने दोनो की अंत्येष्टि एक साथ ही करवा दी....!

कांग्रेस को गुजरात दंगे याद हैं.....! 

असामाजिक देश विरोधी वामपंथी चरित्र वालों को गुजरात दंगे याद है...!
मगर गोधरा मे हमारे हिंदूओ भाईयो के साथ जो निर्ममता हुई ये याद नही है....!

कल जब तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात ATS ने गिरफ्तार कर लिया है तो ये बताना जरूरी हो गया है कि 
आखिर कौन से है "तीस्ता सीतलवाड़"?

आखिर 20 साल बाद इसे क्यो गिरफ्तार किया गया.... 
गुजरात दंगे क्यो और किसकी योजनाओं की हिस्सा था? 
कैसे मोदीजी को इस दंगे का जिम्मेदार ठहराने की  नाकाम कोशिश की गई...... 

 क्या आपको पता है कि तीस्ता सीतलवाड़ के NGO को UPA सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने फंड दिया था.......जिसका उपयोग नरेंद्र मोदी के विरुद्ध एजेंडा चलाने में किया गया......?
मात्र 20 हजार महीना कमाने वाली सीतलवाड़ रातो रात कैसे अरबो रूपये की मालिक बनकर NGO चलाने लगी...? जो की आज तक ये ऐजेंडा चलाया जा रहा है....

अपने आस पास मंडरा रहे देश में अराजकता फैलाने वाले 'तीस्ता सीतलवाड़' जैसे असामाजिक देश विरोधी वामपंथी चरित्र वालों को पहचाने और उन्हे बेनकाब करें, यह हम सबका दायित्व होना चाहिए......। 
यही नही....
तीस्ता सीतलवाड़ के अलावा तुरंत राजदीप सरदेसाई और सागरिका घोष को भी गिरफ्तार करके उन पर रासुका लगाया जाना चाहिए....... क्योंकि इन लोगों ने पिछले 20 सालों में नरेंद्र मोदी के नाम पर जो रोटियां सेकी हैं'...!

तीस्ता जावेद सीतलवाड के साथ और भी लोग इस अपराध में शामिल थे उन्हें भी गिरफ्तार करना चाहिए, चाहे कितने भी पावरफुल नामचीन हस्तियां क्यों न हो !

सिर्फ तिस्ता सीतलवाड़ ही नही,कहानियां गढ़नेवाले पत्रकारों के कारगुजारियां की भी जांच हो कि  आखिर क्या कुछ इन्हे बदले में मिल रहा था .....आलीशान बंगला और अथाह संपत्ति के मालिक  भ्रष्टाचार के पुजारी ऐसे कई पत्रकारों के सच को देश की जनता  के सामने लाना ही चाहिए है.....

 तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा सड़क मार्ग से अहमदाबाद लाया गया है अब सीतलवाड़ को ये बताना पडेगा कि जब दंगे हुये ही नही थे तो दंगे के एक दिन पहले गुजरात दंगों के बारे में उसने रिपोटिंग कैसे की....?

उसे दंगे की भनक कैसे, और कहां से लगी....? 

 तीस्ता सीतलवाड़ के बाद राजदीप सरदेसाई का ही नंबर है क्योंकि इसने भी फर्जी रिपोर्टिंग करके पद्मा श्री लिया है.....
।तीस्ता सीतलवाड़ मतलब पत्रकार, राजनेता, NGO, कुछ वकीलों और आतंवादियों का ऐसा गठजोड़ जो इस देश को दीमक की तरह खा रहा था ,विदेशी पैसों से देश को जलाने वाला पूरा गैंग सामने आएगा जिस दिन तीस्ता सीतलवाड़ का असली सच देश के सामने आएगा ........

साभार

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