डाऊ केमिकल्स से हमदर्दी क्यों....? भोपाल गैस नरसंहार !

सरकार की कोशिश , इतना पैसा मुंह पर मार दो की कोई चिल्लाये नही....!!!
सबाल  गाँधी परिवार की साख का हे ...!!! 
- अरविन्द सिसोदिया
भोपाल गैस नरसंहार के मामले में गठित भारत सरकार के मंत्री मंडलीय समूह ने सोमबार को एक सिफारिस सोंपी   हे , जिस में  कोशिश की गई हे की इतना पैसा  मुंह  पर मार दो की कोई चिल्लाये नही ! 1500 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा को प्रधानमंत्री मंत्री मंडल की केबिनेट  बैठक में रखेंगे और स्वीक्रति भी मिलाना तय हे . मगर कही भी यह नही बताया गया की यह पैसा वे दोषी कंपनी से वसूलेंगे  की नही !
गैस कांड पर पुनर्गठित मंत्री समूह (जीओएम) के द्वारा दी गई सिफारिशों से अधिकतर पीड़ित लोग और त्रासदी में न्याय की मांग कर रहे सातों एनजीओ भी संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं। प्रभावितों का कहना है कि सरकार द्वारा दिये गये फैसले में केवल खानापूर्ति ही की गई है।
सरकार वास्तव में भोपाल गैस से पीड़ित लोगों के प्रति सहानुभूति का तो दिखावा कर रही हे, वह वास्तव में तो अमरीकी  एंडरसन और डाउ केमिकल्स के प्रति बचाव का रुख अपना रही है। क्यों की इस मंत्री समूह में कम से कम कमलनाथ तो इनके शुभ चितक के तोर पर बैठे हें .इस सारे मशले के दोरान चिंता मलवे की सफाई कर  डाउ को फायदा पहुचाने की रही हे .  


भोपाल गैस नरसंहार पर बात हो रही हे , निर्णय लिया जा रहा हे और उन्हें क्या कहना हे , यह पूछा  ही नही जा  रहा , शायद  बात एंडर्सन से हो रही होगी!
भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े सातों एनजीओ ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर मुलाकात की अपील की है। 25 जून को होने वाली कैबिनट की अंतिम बैठक से पहले केंद्रीय कैबिनेट के सामने अपने बातों को रखने की अनुमति मांगी है।भोपाल गैस त्रासदी के प्रभावितों द्वारा सही न्याय के लिए विशेष आयोग के गठन की मांग तेज हो गई है। प्रभावितों का मानना है कि बिना विशेष आयोग के गठन के गैस कांड में सही न्याय नहीं मिल सकता है।
 
गैस कांड के संबंध में जीओएम द्वारा दी गई सिफारिश से केवल 6 फीसदी लोगों को ही न्याय मिल सकेगा। बाकी के 94 फीसदी लोग पहले की तरह ही न्याय से वंचित हो जाएंगे। सही बात यह हे की वे बहुतसे क्षेत्र जिनके लोग प्रभावित हुए और  म. प्र. सरकार उन क्षेत्रों को पीड़ित मान रही हे , उसे केंद्र सरकार सामिल नही करके न इंसाफी की यथा बत  बनाये  हुए हे . वे शहर के 36 वार्ड ही गैस पीड़ित माने हें , जबकि भोपाल के सभी 56 वार्डे को गैस प्रभावित घोषित किया जाना चाहिए . क्यों की गैस को किसी सीमा में नहीं बांधा जा सकता था और उसने जो तांडव किया सबको मालूम हे . समूचे भोपाल को गैस पीडि़त घोषित करने की मांग पर ढाई दशक से राजनीति जारी है।केंद्र सरकार वहां की स्थानीय सरकार की बात  को ठुकरा कर एंडरसन को ही फायदा पहुचा  रही हे . !! उपहार अग्निकांड के पीड़ितों को भी 20.20, 25.25 लाख का मुआवजा दिया गया है. मगर भोपाल के गैस पीड़ितों को जिनकी पुश्तें तक गैस के प्रभाव से मुक्त नहीं हो पाएंगी, पहले भी भीख की तरह मुआवजा  देकर चलता कर दिया गया था ।

1989 में हुए निपटारे के तहत मारे गए 3000 लोगों और 1,20000 पीडि़तों को 47 करोड़ डॉलर का मुआवजा दिया गया था। भोपाल गैस त्रासदी के कुल पीडि़तों की संख्या (मारे गए और घायल) 5 लाख से ज्यादा है। इसमें कम से कम 15,000 लोग मारे गए हैं। सामूहिक नरसंहार के बदले भारत सरकार ने यूनियन कारबाइड से जो 750 करोड़ रुपए लिए थे, उसका उचित रूप से बंटवारा नहीं हो सका। साढ़े सात लाख मुआवजा दावे थे, उनमें से सबका निपटारा तब तक तक नहीं हो सकता जब तक की बड़ी राशी हाथ में न हो . इस मोके पर भी यह स्पष्ट नही किया  गया की उन दावों का क्या होगा जिन्हें अभी तक स्वीकार नही किया गया . 
  
प्रभावितों ने सरकार द्वारा घोषित मुआवजे की भरपाई के लिए डाऊ केमिकल्स और अमेरिका द्वारा पैसा उपलब्ध कराये जाने की मांग की है। पीड़ितों का कहना है कि सरकार इस बात का जवाब दे कि जिस पैसे से गैस पीड़ितों को राहत देने का काम करेगी, वह किसका पैसा होगा? अगर वो भारतीयों का पैसा है तो सरकार डाउ केमिकल्स के साथ इतनी हमदर्दी क्यों कर रही है?
 
- राधा क्रष्ण मन्दिर  रोड ,
  डडवाडा  , कोटा २ . राजस्थान .
2010

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

राष्ट्रहित चिंतन के सृजन को प्रोत्साहित करना चाहिए - विनय बाबा (महाप्रभुजी पीठ)

कविता - युग परिवर्तन करता हिंदुस्तान देखा है Have seen India changing era

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

शिक्षा वही जो जीवन जीने का सामर्थ्य प्रदान करे - अरविन्द सिसोदिया Education India

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

कुंभ मेला , संपूर्ण मानव सभ्यता को संग्रहीत करने के सामर्थ्य की व्यवस्था - अरविन्द सिसोदिया Kunbh Mela

दिल्ली का हित केंद्र के साथ डबल इंजन सरकार बनानें में - अरविन्द सिसोदिया BJP Delhi

अमेरिका की अमानवीय तानाशाही की निंदा होनी चाहिये - अरविन्द सिसौदिया US deportation

अपने जीवन के पीछ समाजोपयोगी विरासत छोड़ें - अरविन्द सिसोदिया jeevan he Anmol