साहस मित्र और दुःसाहस शत्रु - अरविन्द सिसोदिया
साहस आपका सबसे अच्छा दोस्त होता है और दुःसाहस शत्रु
1. साहस का महत्व
साहस, या " आत्मविश्वास युक्त साहस ", एक महत्वपूर्ण गुण है जो व्यक्ति को सामना करने, जोखिम उठाने और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। यह केवल व्यक्तिगत विकास में सहायक नहीं होता, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव मदद करता है। साहस के बिना, किसी भी व्यक्ति की अपनी ताकत को पहचानना हो पाता है और न ही अपने कार्यों को साकार कर सकता है।
2. साहस और दुःसाहस के बीच का अंतर -
जब हम साहस की बात करते हैं, तो यह सामान्य रूप से उस स्थिति को उपयुक्त करता है जिसमें व्यक्ति अपने कठिन लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है और सही निर्णय लेने की कोशिश करता है। जो उसके पूर्व अनुभवों पर आधारित होता है । इसके विपरीत, दुःसाहस वह स्थिति होती है जब कोई व्यक्ति बिना सोचे-समझे या अतिआत्मविश्वास में , क्षमता से बाहर होने वाला जोखिम उठा लेता है। दुःसाहस अक्सर नकारात्मक प्रभावों का कारण बनता है क्योंकि यह विचार असावधानी से भरा होता है।
3. साहस का लाभ
- निर्णय लेने की क्षमता: अनुभवी लोग बेहतर निर्णय लेने में सक्षम होते हैं क्योंकि वे अपने दम पर निर्णय लेने में सक्षम होते हैं।
- उद्यम: उद्यम से बढ़ा हुआ है, जिससे व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में अधिक सक्षम होता है।
- समाज में सकारात्मक प्रभाव: आगे बढ़ने की प्रेरणा से युक्त लोग बार-बार प्रयास करते हरण और विफलताओं से भी प्रेरणा पाते हैं और सफल होकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाते हैं।
4. दुःसाहस के नुकसान
- खतरनाक स्थितियाँ: दुःसाहसी कार्य अक्सर खतरनाक हो सकते हैं और गंभीर परिणाम ला सकते हैं।
- विश्वास की कमी: जब कोई व्यक्ति बार-बार दुःसाहसी काम करता है, तो उसके प्रति लोगों का विश्वास कम हो सकता है।
- अवसरों का नुकसान: दुःसाहसी निर्णय से व्यक्तिगत महत्वपूर्ण अवसरों को खो सकता है जो उसे आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं।
5. निष्कर्ष
इस प्रकार, साहस वास्तव में एक मित्र की तरह होता है जो हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है जबकि दुःसाहस एक शत्रु की तरह होता है जो हमें नुकसान पहुंचा सकता है। सही समय पर सही निर्णय लेना और अपनी क्षमता से कार्य को सफलतापूर्वक करना ही वास्तविक साहस की पहचान है।
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