पेंशनर दिवस के उपलक्ष में पेंशनर्स वर्ग का भव्य अलंकरण Pension

 


भारत पेंशनर्स समाज कोटा शाखा द्वारा पेंशनर दिवस के उपलक्ष में भव्य अलंकरण समारोह का आयोजन किया गया।

कोटा 23 दिसंबर।
               भारत पेंशनर्स समाज कोटा शाखा का पेंशनर दिवस वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन के श्री उमराव मल पुरोहित हाॅल में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता खुशीरामसिंह चौधरी की। मुख्यअतिथि का पद अध्यक्ष नागरिक सहकारी बैंक श्री राजेश कृष्ण बिरला ने सुशोभित किया।अति विशिष्ट अतिथि मथुरा से आए पूर्व विधायक प्रणत पाल सिंह, श्री राजकुमार प्रजापत वरिष्ठ मंडल लेखा अधिकारी,रेलवे सुशोभित रहे। इसके अतिरिक्त विशिष्ट अतिथि के पद पर श्री अरविंद सिसोदिया, प्रन्यासी पाठ्य पुस्तक मंडल राजस्थान सरकार,श्री राजाराम कर्मयोगी, कर्मयोगी साहित्य सेवा संस्थान शोभायमान थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ रघुराज सिंह कर्मयोगी ने किया।
             इस अवसर पर संस्थान ने 25 ऐसे वरिष्ठ नागरिकों को अलंकृत किया जो अपने जीवन के 75, 80,85,90 या 95 वर्ष पूरा कर चुके हैं। सम्मान पाकर सभी अत्यंत प्रसन्न नजर आ रहे थे। उन्होंने दोनों हाथ उठाकर संस्था को आशीर्वाद दिया। श्री राजेश बिरला ने अपने संबोधन में कहा कि बुजुर्ग व्यक्ति अनुभव का खजाना होते है।युवाओं को उनके अनुभवों से लाभ उठाना चाहिए। जिससे वह आने वाले संकटों का सामना कर सकते हैं। श्री प्रणतपाल सिंह ने कहा कि बुजुर्गों को हमने सम्मानित नहीं किया, बल्कि हम उनकी उपस्थिति से सम्मानित और गौरवान्वित अनुभव कर रहे हैं। इनके मार्गदर्शन में देश बहुत आगे जा सकता है। तरक्की कर सकता है। इसी प्रकार श्री अरविंद सिसोदिया ने कहा कि बुजुर्ग व्यक्तियों ने जो देश की सेवा की है उसी के कारण आज हम 21वीं सदी में विकसित देशों की लाइन में आकर खड़े हो गए हैं। संस्था के अध्यक्ष खुशीराम चौधरी ने अपने संबोधन में संस्था की गतिविधियों का विवरण पेश किया। संस्था अब तक 115 वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित कर चुकी है। स्वादिष्ट भोजन करने के बाद सभा समाप्त की गई।

भवदीय 
रघुराज सिंह कर्मयोगी 

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

‘फ्रीडम टु पब्लिश’ : सत्य पथ के बलिदानी महाशय राजपाल

‘‘भूरेटिया नी मानू रे’’: अंग्रेजों तुम्हारी नहीं मानूंगा - गोविन्द गुरू

“Truth is one — whether witnessed in a laboratory or realized in the depths of meditation.” – Arvind Sisodia

सत्य एक ही है,वह चाहे प्रयोगशाला में देखा जाए या ध्यान में अनुभव किया जाए - अरविन्द सिसोदिया Truth is one

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

कांग्रेस के पास एक भी बड़ा काम गिनाने को नहीं है - अरविन्द सिसोदिया

हम विजय की ओर बढ़ते जा रहे....

कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान