वोट ठगने के लिए बने जिलों का दुरुस्तीकरण उचित - अरविन्द सिसोदिया
वोट ठगन के लिये जिले बनानें वालों को जनता ने ही अस्विकार कर दिया,भजनलाल शर्मा सरकार द्वारा जिलों का दुरुस्तीकरण उचित . अरविन्द सिसोदिया
कोटा 29 दिसंबर। भाजपा कोटा संभाग के मीडिया संयोजक अरविन्द सिसोदिया नें भजनलाल सरकार द्वारा अव्यवहारिक नये जिलों और संभागीय मुख्यालयों के पुनर्गठन करके दुरुस्त करने के निर्णय का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा कि गत 21 महीने पहले कांग्रेसी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा विधानसभा चुनाव जीतने हेतु वोट ठगने के हेतु से अनावश्यक अव्यवहारिक स्वरूप के भी नये जिले बना दिए थे। उनके द्वारा बनाये 17 जिलों और 3 संभाग केंद्रों के औचित्य की समीक्षा एक उच्चस्तरीय समिति नें की और मानकों पर खरे नहीं उतर रहे उनमें से 9 जिलों और तीनों संभाग केंद्रों को निरस्त कर दिया । जो कि साहसपूर्ण स्वागत योग्यh निर्णय है।
सिसोदिया ने कहा कि ज़ब चुनावी लाभ के लिए नये जिले बनाये गये थे जब से ही ये मजाक का विषय बन गये थे, क्योंकि कुछ नये जिले आवश्यकता और मानकों पर पूरी तरह ठीक थे तो कुछ बिलकुल ही गले नहीं उतर रहे थे, क्योंकि वे जिला बनने के मानकों पर परफेक्ट ही नहीं थे।
सिसोदिया नें कहा कि नया जिला बनाना आर्थिक रूप से बहुत ही महंगा सौदा होता है, वहीं उसकी जनसंख्या, क्षेत्रफल और भौगोलिक परिस्थितियों का भी औचित्य होना चाहिए। क्योंकि जिला नया बनते ही जिला कलक्ट्रेट, जिला न्यायालय, जिला पुलिस अधीक्षक सहित सभी विभागों के जिलास्तरीय कार्यालयों को खोलना होता है। इसके लिए बने मानकों की भी नैतिककता और औचित्य होता है।
तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नें 17 मार्च 2023 को 19 नये जिले बनाये और तीन नये संभाग बनाये जानें की घोषणा की और इसी के साथ दो जिले जयपुर और जोधपुर का अस्तित्व समाप्त कर दिया गया था । इसके बाद 6 अक्टूबर 2023 को तीन और जिले मालपुरा, सुजानगढ अज्ञैर कुचामन सिटी को बनाया गया, जिसकी अधिसूचना जारी नहीं हुई थी। इस प्रकार यह चुनावी टोटका था, इसके बावजूद जनता नें गहलोत को कुर्सी से उतार दिया । अर्थात उनके जीलों वाले फार्मूले का जब जनता ने ही अस्विकार कर दिया था। अब भाजपा की भजनलाल शर्मा सरकार नें इनकी समीक्षा कर 9 जिलों को समाप्त कर दिया है। जो हल्ला मचानें का कोई औचित्य नहीं है।
कांग्रेस मुख्यमंत्री गहलोत नें तब
1- अनूपगढ़ को श्रीगंगानगर जिले से
2- डीडवाना कुचामन को नागौर जिले से
3- जोधपुर ईस्ट, को जोधपुर जिले से
4- जोधपुर वेस्ट को जोधपुर जिले से
5- फलोदी को जोधपुर जिले से
6- नीम का थाना को सीकर जिले से
7- जयपुर उत्तर को जयपुर जिले से
8- जयपुर दक्षिण को जयपुर जिले से
9- दुदू को जयपुर जिले से
10- कोटपुतली-बहरोड को जयपुर जिले से
11-खैरथल , को अलवर जिले से
12-डींग , को भरतपुर जिले से
13-केकडी , को अजमेर जिले से
14- व्यावर ,को अजमेर जिले से
15- गंगापुर सिटि - को सवाई माधोपुर जिले से
16- शाहपुर, को भीलवाडा जिले से
17- सलुम्बर को उदयपुर जिले से
18- सांचौर को जालौर जिले से
19- बालोतरा को बाडमेर जिले से
इस तरह से जयपुर व जोधपुर जिलों का अस्तित्व समाप्त हो गया था, इससे कुल 17 नये जिले बढ़ना हुआ ।
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कांग्रेस मुख्यमंत्री गहलोत नें तब जो जिले बनाये थे, उनमें से निम्न नये जिले यथावत बने रहेंगे -
1- डीडवाना कुचामन को नागौर जिले से
2- फलोदी को जोधपुर जिले से
3- बालोतरा को बाडमेर जिले से
4- कोटपुतली-बहरोड को जयपुर जिले से
5- खैरथल - तिजारा, को अलवर जिले से
6- डींग , को भरतपुर जिले से
7- ब्यावर ,को अजमेर जिले से
8- सलुम्बर को उदयपुर जिले से
तथा जयपुर व जोधपुर जिलों का अस्तित्व जो समाप्त किया गया था वे अब लगभग यथावत हो जायेंगे। इस तरह पूर्व के 33 जिलों में 8 और जुडनें से 41 की संख्या हो जायेगी।
राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार नें समीक्षा के बाद जो इन्हे ठीक किया है वह स्वागत योग्य है।
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राजस्थान में अब 41 जिले,
गहलोत राज में बने ये जिले खत्म; भजनलाल कैबिनेट का बड़ा फैसला
Rajasthan 9 Districts Dissolves
राजस्थान सरकार के मंत्री जोगाराम पटेल ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि 67 साल में 7 नए जिले बनते हैं। तो एक हफ्ते में 17 नए जिले बनाना कही से उचित नहीं है। नए जिले जो बने थे , जो तीन संभाग बने थे . वो ठीक नहीं थे .
राजस्थान में अब 41 जिले,
गहलोत राज में बने ये जिले खत्म; भजनलाल कैबिनेट का बड़ा फैसला
भजनलाल कैबिनेट बैठक में 9 नए जिले खत्म
Bhajanlal Cabinet Meeting Decision:
राजस्थान की भजनलाल सरकार ने शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लिया है. कैबिनेट बैठक में गहलोत सरकार में बनाए गए 9 जिलों को खत्म करने का निर्णय लिया गया है. सरकार के इस फैसले के साथ अब राजस्थान में कुल जिलों की संख्या 41 हो गई है. हालांकि. गहलोत राज में बनाए 17 जिलों में 8 जिले यथावत रहेंगे.
व्यवहारिक नहीं था इन जिलों का गठन- मंत्री
कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि राजस्थान 1956 में बना. इसके बाद से लंबे समय तक हमारे यहां 26 जिले थे. इसके बाद 7 और नए जिले बने. लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम समय में 17 नए जिले और तीन संभाग घोषित किए. आचार संहिता की घोषणा से तुरंत पहले पूर्ववर्ती सरकार ने नए जिलों की घोषणा की थी. जो व्यवहारिक नहीं है. न ही इन जिलों की जनसंख्या आधार सही था.
हमारी मंत्रिमंडल कमेटी ने पाया कि ये जिले व्यवहारिक नहीं है. उसे हम खत्म करते हैं. राजस्थान में कुल 7 संभाग और 41 जिले ही रहेंगे. इस तरह गहलोत सरकार के समय बने 9 नए जिले समाप्त हो गए. साथ ही तीन नए संभाग- बांसवाड़ा, सीकर और पाली संभाग को समाप्त कर दिया गया है.
राजस्थान में खत्म हुए ये 9 नए जिले
दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, सांचौर.
गहलोत राज में बने ये जिले बने रहेंगे-
बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना -कुचामन, कोटपूतली -बहरोड़, खैरथल-तिजारा, फलौदी और सलूम्बर ये जिले यथावत बने रहेंगे।
गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल में 17 नए जिले और तीन नए संभाग बनाए थे. बालोतरा, डीडवाना, फलौदी, अनूपगढ़, जोधपुर ग्रामीण, सलूंबर, सांचौर, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुर सिटी, खैरतल डीग, कोटपूतली, ब्यावर, केकड़ी, जयपुर ग्रामीण और दूदू को नया जिला बनाया गया था. जबकि सीकर, पाली और बांसवाड़ संभाग को नया संभाग बनाया गया.
बीजेपी बार-बार उठाती रही है सवाल
पूर्व सीएम गहलोत के इस फैसले पर विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सवाल उठाए थे. उसके बाद चुनाव में जीत हासिल करने के बाद भजनलाल सरकार ने नए जिलों के गठन की समीक्षा का फैसला किया. इसके लिए रिटायर्ड आईएएस अधिकारी ललित के पंवार अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था. इस कमेटी ने नए जिलों के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी.
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