खुश रहनें की आदत डालो, खुशी महसूस करोगे , असंतुष्टता से कुंठाएं घेरे रहेंगी- अरविन्द सिसोदिया khush rhane ki aadat dalo

 Arvind Sisodia: -
खुश रहनें की आदत डालोगे तो खुशी महसूस करोगे , कुंठित रहोगे तो कुंठाएं घेरे रहेंगी।

विचार - 

बिल्कुल ! खुश रहने की आदत डालने से हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं। जब हम खुश रहते हैं, तो हमारा मन और शरीर दोनों ही स्वस्थ और ऊर्जावान रहते हैं।

खुश रहने की आदत डालने के लिए कुछ सुझाव हैं:

1. _धन्यवाद की भावना_: दिनभर में हुई अच्छी बातों के लिए ईश्वर के प्रति धन्यवाद की भावना रखें।
2. _सकारात्मक सोच_: नकारात्मक विचारों को दूर करें और सकारात्मक सोच को अपनाएं।
3. _आनंददायक गतिविधियाँ_: अपने शौक और रुचियों के अनुसार सकारात्मक आनंददायक गतिविधियों में समय बिताएं।
4. _स्वास्थ्य और फिटनेस_: नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार के माध्यम से अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
5. _संबंधों का महत्व_: अपने परिवार और मित्रों के साथ संबंधों को मजबूत बनाएं और उनके साथ समय बिताएं।
6.- देनें का भाव - : जब हम अपने आपसे कुछ दूसरों को देनें का भाव रखते हैं तो मन में सकारात्मकता की खुशी महसूस करते हैं । दुखी हमेशा वही होता है जो लेने का भाव रखता है ।

दूसरी ओर, कुंठित रहने से हमारे जीवन में नकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं। कुंठित रहने से हमारा मन और शरीर दोनों ही नकारात्मक और उदास रहते हैं।

कुंठित रहने से बचने के लिए कुछ सुझाव हैं:

1. _नकारात्मक विचारों को दूर करें_: नकारात्मक विचारों को दूर करें और सकारात्मक सोच को अपनाएं।

इस प्रकार, खुश रहने की आदत डालने से हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं, जबकि कुंठित रहने से नकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं।
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खुश रहने की आदत से सकारात्मक परिवर्तन

1. मानसिक स्वास्थ्य में सुधार

खुश रहने की आदत से हमारे मानसिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सुधार होता है। जब हम खुश होते हैं, तो हमारा मस्तिष्क अधिक डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर का उत्पादन करता है, जो हमें खुशी और संतोष का अनुभव देते हैं। शारीरिक स्वास्थ्य को भी संरक्षित करते हैं । यह तनाव और चिंता के स्तर को कम करने में मदद करता है। अनुसन्धानों से पता चला है कि सकारात्मक रासायनिक मानसिक विकारों का खतरा कम हो सकता है।

2. शारीरिक स्वास्थ्य पर असर
खुशी का हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर पड़ता है। खुश रहने वाले लोग सामान्यतः बेहतर प्रतिरक्षा प्रणाली रखते हैं, जिससे वे बीमारी में भी जल्दी ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा, खुशी उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी कम करती है। एक अध्ययन में पाया गया कि खुश लोग लम्बे समय तक जीवित रहते हैं।

3. सामाजिक मूल्यांकन में सुधार
जब हम खुश रहते हैं, तो हम लोगों के साथ बेहतर संबंध स्थापित करते हैं। ख़ुशी संबंधों को बढ़ाती है । जब हम खुश होते हैं, तो हमारी सकारात्मक ऊर्जा हमें लोकप्रिय बनाती है । जिससे हमारा सामाजिक नेटवर्क मजबूत होता है। अच्छे सामाजिक संबंध न केवल हमारी खुशियों को बढ़ावा देते हैं बल्कि हमें संरक्षण , समर्थन और सुरक्षा की भावना भी प्रदान करते हैं।

4. रसायन शास्त्र और स्थापत्य में वृद्धि
जब हम खुश होते हैं, तो हम अधिक सक्रिय और ऊर्जावान महसूस करते हैं, जिससे काम करने की क्षमता प्रबल होती है। कई शोध अध्ययन सकारात्मक मनोवैज्ञानिक लोगों को नए विचारों के लिए खोलने में मदद करते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं।

5. जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार
अंततः, खुशहाल जीवन की आदत से जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार होता है। जब हम अपने जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं, तो हम छोटे-छोटे बच्चों का आनंद लेते हैं और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं। यह संतोष की भावना पैदा होती है जो हमें जीवन के प्रति अधिक उत्सुक बनाती है।

इन सभी सिद्धांतों पर ध्यान देते हुए, यह स्पष्ट होता है कि खुश रहने की आदतों से न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि सामाजिक स्तर पर भी सकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं।

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