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दिसंबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

संतोषी जीवन ही आत्मा की सबसे बड़ी संपत्ति है - अरविन्द सिसोदिया santoshi jeevan

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Arvind Sisodia: - विचार -  संतोषी जीवन ही आत्मा की सबसे बड़ी संपत्ति है , वर्ना संपत्तियाँ सर्वदुःख का कारण बनती हैं । - बिल्कुल! संतोषी जीवन ही आत्मा की सबसे बड़ी संपत्ति है। जब हम संतुष्ट होते हैं, तो हमारा मन शांत और संतुष्ट रहता है, और हम अपने जीवन को अधिक आनंद और संतुष्टि के साथ जीते हैं। संतोषी जीवन के कई फायदे हैं: 1. _शांति और संतुष्टि_: संतोषी जीवन से हमें शांति और संतुष्टि मिलती है, जो हमारे जीवन को अधिक आनंदमय बनाती है। 2. _मानसिक स्वास्थ्य_: संतोषी जीवन से हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है, क्योंकि हम तनाव और चिंता से मुक्त रहते हैं। 3. _संबंधों में सुधार_: संतोषी जीवन से हमारे संबंधों में भी सुधार होता है, क्योंकि हम अधिक सहानुभूति और समझ के साथ दूसरों के साथ व्यवहार करते हैं। 4. _आत्म-संतुष्टि_: संतोषी जीवन से हमें आत्म-संतुष्टि मिलती है, जो हमें अपने जीवन को अधिक अर्थपूर्ण और संतुष्ट बनाती है। दूसरी ओर, असंतोषी जीवन से हमें कई समस्याएं हो सकती हैं: 1. _तनाव और चिंता_: असंतोषी जीवन से हमें तनाव और चिंता हो सकती है, जो हमारे मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावि...

सफलता के लिए अनुभवी व्यक्ति से सीखो safalta ke liye anubhavi se sikho

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Arvind Sisodia:-  सफलता के लिए अनुभवी व्यक्ति से सीखो विचार - बिल्कुल ! सफलता के लिए अनुभवी व्यक्ति से सीखना बहुत महत्वपूर्ण है। अनुभवी व्यक्ति के पास जीवन का अनुभव और ज्ञान होता है, जो उन्हें सफलता के रास्ते पर चलने में मदद करता है। अनुभवी व्यक्ति से सीखने के कई फायदे हैं:- 1. _ज्ञान और अनुभव_: अनुभवी व्यक्ति के पास जीवन के अनुभव और ज्ञान होता है, जो उन्हें सफलता के रास्ते पर चलने में मदद करता है। 2. _सफलता के रास्ते_: अनुभवी व्यक्ति आपको सफलता के रास्ते पर चलने में मदद कर सकते हैं, और आपको उन गलतियों से बचने में मदद कर सकते हैं जो उन्होंने अपने जीवन में की हैं। 3. _आत्मविश्वास_: अनुभवी व्यक्ति से सीखने से आपको अपने आप पर विश्वास करने में मदद मिलती है, और आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अधिक आत्मविश्वास से भर जाते हैं। 4. _नेटवर्किंग_: अनुभवी व्यक्ति के पास एक मजबूत नेटवर्क होता है, जो आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है। अनुभवी व्यक्ति से सीखने के लिए, आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होगा: 1. _सम्मान_: अनुभवी व्यक्ति का सम्मान करें और उनक...

भोपाल गैस नरसंहार के मुख्य अभियुक्त रहे अमेरिकी एण्डरसन पर भी चर्चा हो - अरविन्द सिसोदिया

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भोपाल गैस नरसंहार के मुख्य अभियुक्त एण्डरसन और कांग्रेस की मिली भगत पर भी बहस होनी चाहिए . - भोपाल गैस नरसंहार के मुख्य अभियुक्त एण्डरसन और कांग्रेस की मिली भगत पर भी बहस होनी चाहिए ..... - अडानी को समन जारी करने वाली अमेरिकी अदालत एण्डरसन केस हिस्ट्री भी खोलें कांग्रेस की आलोचना कांग्रेस पार्टी पर यह भी आरोप लगाया गया कि एंडरसन को भारत छोड़ने दिया गया और इस मुद्दे पर प्रभावी कानूनी कार्रवाई नहीं की गई। यह राजनीतिक विवाद आज भी जारी है, क्योंकि कई लोगों का मानना ​​​​है कि कांग्रेस ने इस मामले में पीड़ितों के प्रति न्याय नहीं किया। वर्तमान में अडानी समूह पर विभिन्न प्रकार के आरोप लगाए जा रहे हैं। कुछ राजनीतिकयों ने अडानी ग्रुप के खिलाफ आवाज उठाई है, जबकि अन्य इसे राजनीतिक प्रतिशोध मानते हैं। कांग्रेस पार्टी अडानी मुद्दे पर  सवालिया बन गई , जब उनके इतिहास में भोपाल गैस कांड जैसी घटनाओं से लेकर रिकॉर्ड देखा गया। संक्षेप में इस प्रकार, भोपाल गैस कांड और उसके बाद की घटना कांग्रेस पार्टी की छवि पर एक धब्बा बनी हुई है। इसलिए कुछ लोग तर्क कर रहे हैं कि कांग्रेस को अडानी मुद्दे प...

डाऊ केमिकल्स से हमदर्दी क्यों....? भोपाल गैस नरसंहार !

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सरकार की कोशिश , इतना पैसा मुंह पर मार दो की कोई चिल्लाये नही....!!! सबाल  गाँधी परिवार की साख का हे ...!!!   - अरविन्द सिसोदिया भोपाल गैस नरसंहार के मामले में गठित भारत सरकार के मंत्री मंडलीय समूह ने सोमबार को एक सिफारिस सोंपी   हे , जिस में  कोशिश की गई हे की इतना पैसा  मुंह  पर मार दो की कोई चिल्लाये नही ! 1500 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा को प्रधानमंत्री मंत्री मंडल की केबिनेट  बैठक में रखेंगे और स्वीक्रति भी मिलाना तय हे . मगर कही भी यह नही बताया गया की यह पैसा वे दोषी कंपनी से वसूलेंगे  की नही ! गैस कांड पर पुनर्गठित मंत्री समूह (जीओएम) के द्वारा दी गई सिफारिशों से अधिकतर पीड़ित लोग और त्रासदी में न्याय की मांग कर रहे सातों एनजीओ भी संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं। प्रभावितों का कहना है कि सरकार द्वारा दिये गये फैसले में केवल खानापूर्ति ही की गई है। सरकार वास्तव में भोपाल गैस से पीड़ित लोगों के प्रति सहानुभूति का तो दि...

भोपाल गैस त्रासदी वरसी : दोषी कौन ...? ज्यादा कुछ नहीं सिर्फ सात सवाल ..!

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- अरविन्द सीसोदिया भोपाल गैस त्रासदी की वरसी  .   ज्यादा कुछ नहीं सिर्फ सात सवाल ..... १.अमेरिका का जहरीला कारखाना भोपाल रेलवे स्टेशन के पास खोलने की अनुमति किसने दी ? भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार ने ही..... २.एंडरसन को भारत से अमेरिका भागने में किसने मदद की ? भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार ने ही..... ३.भोपाल गैस त्रासदी के जिम्मेदार लोग कोन है अमेरिका ? भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार ने ही.... . ४.२५ हज़ार निर्दोस लोगो की मौत के जिम्मेदार लोगो को २५ साल बाद भी केवल २ साल की सजा वो भी जमानत पर रिहा, मतलब सजा तो हुई नहीं क्या ये ब्रिटेन या अमेरिका में हो सकता है नहीं लेकिन भारत में हुआ है. इसे करने वाले कौन हैं ...? भारत सरकार के कानून से चलने वाला न्यायालय.. ... ५. भोपाल के ९ लाख लोगों के जीवन से खेलने वाला कौन ..? भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार ने ही..... ६. भोपाल के ५ लाख ६० लोगों के जीवन के साथ हुए खतरनाक अत्याचार को ठीकसे.., गिनने , संभालने और उनके दुखः को प्रस्तुत करने में लापरवाह कौन ... ..? जनता को मौत के मुहं  में छोड़ कर चुनाव प्रचार में रत रहने...

कांग्रेस-लाशों के डेरों का कोई मायने नहीं हे.....

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भोपाल गैस त्रासदी - इंसाफ नही, लाशों का व्यापार अब बात यह तो तय हो कई क़ी कांग्रेस  क़ी, तत्कालीन प्रधानमंत्री एवं विदेशमंत्री राजीव गाँधी  क़ी केंद्र सरकार ने ही बचा कर भगाया था , राष्ट्रदूत अखवार ने तो यह भी छापा  हे क़ी एंडरसन ने भारत छोड़ने से पहले , तत्कालीन राष्टपति ज्ञानी जेल  सिंह  के साथ चाय पी थी . खेर बात सिर्फ इतने पर ख़त्म नही होती क़ी एंडरसन भाग गया , वह इस देश में १५ हजार लाशें छोड़ कर गया था , मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के लाखों निवासी जहरीली गेस से बुरी तरह घायल हुए  थे , सड़कों पर बचने के लिए भागते हुए म़ोत के मुह में समा गये  थे अर्थार्त लाखों घायल अस्पताल में थे , किसी की तो जबाबदेही होगी ही , उनका भी क्या हुआ , इस पूरे मामले में कांग्रेस की चाहे तत्कालीन केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार रही हो , बाजिवतोर...

भोपाल गैस त्रासदी, चुल्लू भर पानी में डूब मरने जैसी बात

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    भोपाल गैस त्रासदी, चुल्लू भर पानी में डूब मरने जैसी बात है। ,स्वतंत्र भारत के राजनेतिक कर्णधारों को ,संवेधानिक व्यवस्था को, लगता नही इस  सरकार में कोई शर्म बाकीं हे , एक अपमानजनक  फेसले के 24 घंटे गुजर जाने के बाद भी कोई ठीक प्रतिक्रिया केंद्र सरकार क़ी और से नही आई , लगता भी नही क़ी सरकार कोई कदम उठाएगी,क्यों क़ी उसने तो यह मामला दवाया ही था , मुआवजे की बात पर, दिल्ली के उपहार अग्निकांड का उदाहरण हैं कि इस घटना में मृतकों के परिजनों को 15 लाख मुआवजे की राशि के साथ 9 फीसदी की दर से ब्याज भी दिया गया। लेकिन क्या भोपाल गैस पीड़ितों के जीवन की कीमत महज 25 हजार रूपये है? जबकि प्रभावित लोगों की भावी पीढ़ियों को भी अभी तक जहरीले रसायनों का दंश झेलना पड़ रहा है। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि बीमार लोग काम नहीं कर सकते, उस पर ईलाज का खर्च गरीब लोगों की कमर तोड़ देता है। ऐसे में भरण पोषण कैसे हो, यह एक बड़ा सवाल है।          जानकारों की मानें तों 24 साल के बाद भी पीड़ितों की पहचान उनके रोगों के आधार पर नहीं की जा सकी है। 1980 से लेकर 1996 तक मुआवजे के ना...

साहस मित्र और दुःसाहस शत्रु - अरविन्द सिसोदिया

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Arvind Sisodia:-   साहस आपका सबसे अच्छा मित्र होता है और दुःसाहस शत्रु  विचार - -बिल्कुल! साहस आपका सबसे अच्छा मित्र होता है और दुःसाहस शत्रु। साहस हमें चुनौतियों का सामना करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की प्रेरणा देता है। उदाहरण - साहस को हिटलर से समझा जा सकता है जो पहले विश्वयुद्ध में अपमानित और पराजित जर्मनी के पुनरुत्थान करता है और न केवल बदला लेता बल्कि जर्मनी को लगभग विश्व विजेता बना देता है ।  दुःसाहस का उदाहरण भी हिटलर है क्योंकि वह तमाम विजयों से इतना उत्साहित हो जाता है कि बिना सही समझ बिना आंकलन या एनालिसिस के ही रूस पर आक्रमण कर देता है । रूस के दो प्राकृतिक  सेनापति होते हैं नवंबर और दिसंबर । इन महीनों की कड़ाके की सर्दी में आक्रमणकारी जर्मन फ़ौज जम कर मर गई और फिर रुस नें हिटलर को रौंद दिया जो उसके पतन और सर्वनाश का कारण बना । साहस के कई फायदे हैं:- 1. _चुनौतियों का सामना_: साहस हमें चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा देता है और हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। 2. _आत्मविश्वास_: साहस हमें अपने आप पर अधिक विश्वा...