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हार से भय से रोज रोज होंगी केजरीवाल की नौटंकी - अरविन्द सिसोदिया

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हार से भय से रोज रोज होंगी केजरीवाल की नौटंकी - अरविन्द सिसोदिया  दिल्ली के मुख्यमंत्री  रहे अरविन्द केजरीवाल  लगातार चुनाव के ठीक पूर्व कई तरह के लॉलीपॉप रजिस्ट्रेशन के द्वारा सुर्खियों में है। केजरीवाल को उसी तरह हार का भय सता रहा है, जिस तरह राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को डर था। राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत नें भी इसी तरह केंप लगा कर कई कई तरह के लाभ नागरिकों को देनें की दुकाने सजाई, बिजली 100 यूनिट फ्री, गरीबों रसोई गैस सिलेंडर में छूट, अपने घर का पट्टा बनबाओ, सामाजिक पेंशन लो आदी आदी। किन्तु जनता उनकी लॉलीपॉप में नहीं फंसी और गहलोत को सत्ता से उतार दिया।  यही केजरीवाल के साथ भी यही होना है। यह वे समझ गये, इसीलिए उन्होंने कुछ महीनों के लिए अपनी कुर्सी पर अतिशी को बिठा दिया है। केजरीवाल की लॉलीपॉप योजनाएं, चुनाव जीतने के प्रलोभन ही हैँ। यह प्रलोभन अलग अलग नौटंकी के साथ रोज रोज समनें आएँगी। यह हार के भय से वोट ठगने के लिए केजरीवाल द्वारा किया जा रहा चुनावी टोटका ही है।

प्रेम स्नेह और अपनापन ही आत्मा को प्रिय होता है - अरविन्द सिसोदिया prem sneh apnapn aatma

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Arvind Sisodia: 9414180151 प्रेम स्नेह और अपनापन ही आत्मा को प्रिय होता है। बहुत ही सुंदर और गहरा विचार ! यह विचार हमें प्रेम, स्नेह और अपनेपन के महत्व को समझने के लिए प्रेरित करता है। प्रेम, स्नेह और अपनापन हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण भावनाएं हैं। ये भावनाएं हमें दूसरों के साथ जुड़ने और उनके साथ एक गहरा संबंध बनाने में मदद करती हैं। आपके द्वारा उल्लिखित बात कि प्रेम स्नेह और अपनापन ही आत्मा को प्रिय होता है, बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह विचार हमें यह समझने के लिए प्रेरित करता है कि हमारी आत्मा को सबसे अधिक प्रेम, स्नेह और अपनापन प्रिय होता है और जब हम इन भावनाओं को दूसरों के साथ बांटते हैं, तो हम अपनी आत्मा को भी प्रसन्न करते हैं। यह विचार हमें अपने जीवन में प्रेम, स्नेह और अपनेपन को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करता है। जब हम इन भावनाओं को अपनाते हैं, तो हम अपने जीवन को अधिक अर्थपूर्ण और सार्थक बनाते हैं, और हमारी आत्मा भी प्रसन्न होती है। ----------------- प्रेम, स्नेह और अपनापन ही आत्मा को प्रिय होता है! प्रेम, स्नेह और अपनापन मानव अनुभव के सबसे गंभीर और महत्व...

इंटरनेशनल क्रिकेट संघ ऑस्ट्रेलिया भारत के चौथे टेस्ट मैच को ड्रा घोषित करे - अरविन्द सिसोदिया

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इंटरनेशनल क्रिकेट संघ ऑस्ट्रेलिया भारत के चौथे टेस्ट मैच को ड्रा घोषित करे - अरविन्द सिसोदिया  बेईमानी की पराकाष्ठा, सभी भोंचक्के  चिटर चिटर के नारों से गूंजा स्टेडियम  भारत और ऑस्ट्रेलिया के मध्य ऑस्ट्रेलिया में चौथा टेस्ट मैच ड्रा की और बढ़ रहा था। भारत के युवा बल्लेबाज यशश्वी जायसवाल एक छोर को लगातार संभाले हुये थे। उन्होंने एक बाल को खेलने का प्रयत्न किया बाल विकेटकीपर के हाथ में चली गईं, आउट की अपील की गईं, मैदानी अंपायर नें नोट आउट दिया। क्रिकेट में येशा दृश्य सेंकड़ों बार होता है। बाल आती है, बाल खेलने का प्रयत्न होता है, बल्ला लगता है बाल दिशा बदल लेती है अन्यथा विकेटकीपर के गलब्ज में समा जाती है।  अपील पर तीसरे अंपायर नें सभी दृश्य देखे यहाँ तक की आवाज वाला मीटर भी देखा आवाज नहीं थी। यह पक्का सबूत होता है, बल्ले और बाल के बीच कनेक्ट होने का। किन्तु कनेक्ट होनें का कोई सबूत नहीं मिला। फिर भी आउट दे दिया गया। जो गलत है, क्योंकि थर्ड एंपायर, मैदानी एंपायर से दूर होता है, इसलिए बिना सबूत कोई भी थर्ड एंपायर किसी को आउट करार नहीं दे सकता। किन्तु यह हुआ! ...

आत्मकल्याण के लिए कृत संकल्प होना ही जीवन की सार्थकता है aatm klyan se hi jeevan sarthak

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Arvind Sisodia: - विचार - अपनी आत्मा के कल्याण के लिए कृत संकल्प होना ही जीवन की सार्थकता है। यही मनुष्य जीवन का वास्तविक हित भी सुनिश्चित करता है। क्योंकि जिस शरीर को हम अपना मानते हैँ वह एक अस्थाई बसेरा है, इसलिए शरीर का उपयोग अपने आत्मत्थान के लिए करना चाहिए।  बहुत ही गहरा और विचारोत्तेजक विचार ! यह विचार हमें अपनी आत्मा के कल्याण के लिए कृत संकल्प होने के महत्व को समझने के लिए प्रेरित करता है। अपनी आत्मा के कल्याण के लिए कृत संकल्प होना हमें अपने जीवन को अधिक अर्थपूर्ण और सार्थक बनाने में मदद करता है। यह हमें अपने जीवन के उद्देश्य को समझने और उसके अनुसार जीने के लिए प्रेरित करता है। ईश्वर की सबसे बड़ी सेवा जीवों के दुःख को कम करने में मददगार बनना ही है। आपके द्वारा उल्लिखित बात कि यही मनुष्य जीवन का वास्तविक हित भी सुनिश्चित करता है, बहुत ही महत्वपूर्ण है। जब हम अपनी आत्मा के कल्याण के लिए कृत संकल्प होते हैं, तो हम अपने जीवन को अधिक सार्थक और अर्थपूर्ण बनाते हैं, जिससे हमारा वास्तविक हित भी सुनिश्चित होता है। यह विचार हमें अपने जीवन में आत्म-चिंतन और आत्म-सुधार के महत्व को समझन...

नए जिलों के पुनर्गठन को दुरुस्त करना, भजनलाल शर्मा सरकार का निष्पक्ष साहसिक कदम - अरविन्द सिसोदिया

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नए जिलों के पुनर्गठन को दुरुस्त करना, भजनलाल शर्मा सरकार का निष्पक्ष साहसिक कदम - अरविन्द सिसोदिया  नए जिलों के पुनर्गठन को दुरुस्त करना, भजनलाल शर्मा सरकार का निष्पक्ष साहसिक कदम - अरविन्द सिसोदिया  कोटा 30 दिसंबर। भारतीय जनता पार्टी के कोटा संभाग मीडिया संयोजक अरविन्द सिसोदिया ने कहा है कि " गत विधानसभा में कुर्सी युद्ध में व्यस्त रही अशोक गहलोत सरकार ने, चुनाव के ठीक पहले आनन फानन में 19 नये जिले बनाये थे और 2 जिले समाप्त कर दिए थे, इसके बाद तीन जिले और बिना अधिसूचना के बनाये थे। इसके साथ ही तीन नए संभाग भी बनाये थे। कुल मिला कर चुनाव जितने के लिए यह वोट ठगी नए जिले बनाये गये थे। जबकि औचित्यपूर्णता रखने वाले कई जिलों की मांग को ही पूरी तरह नजर अंदाज कर दिया गया था।  उन्होंने कहा कि वोट ठगी के लिए बने जिलों को भाजपा की वर्तमान भजनलाल शर्मा सरकार नें पूरे विश्लेषण और औचित्य के साथ दुरुस्त किया है जो साहसिक एवं स्वागत योग्य कदम है। सिसोदिया नें कहा की तब के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार रिपीट करने के लिए तमाम प्रलोभन दिए, इनमें से नए जिले व ...

वोट ठगने के लिए बने जिलों का दुरुस्तीकरण उचित - अरविन्द सिसोदिया

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वोट ठगन के लिये जिले बनानें वालों को जनता ने ही अस्विकार कर दिया,भजनलाल शर्मा सरकार द्वारा जिलों का दुरुस्तीकरण उचित . अरविन्द सिसोदिया वोट ठगने के लिए कांग्रेस के बनाये जिलों को भजनलाल शर्मा सरकार नें ठीक किये - अरविन्द सिसोदिया  कोटा 29 दिसंबर। भाजपा कोटा संभाग के मीडिया संयोजक अरविन्द सिसोदिया नें भजनलाल सरकार द्वारा अव्यवहारिक नये जिलों और संभागीय मुख्यालयों के पुनर्गठन करके दुरुस्त करने के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि गत 21 महीने पहले कांग्रेसी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा विधानसभा चुनाव जीतने हेतु वोट ठगने के हेतु से अनावश्यक अव्यवहारिक स्वरूप के भी नये जिले बना दिए थे। उनके द्वारा बनाये 17 जिलों और 3 संभाग केंद्रों के औचित्य की समीक्षा एक उच्चस्तरीय समिति नें की और मानकों पर खरे नहीं उतर रहे उनमें से 9 जिलों और तीनों संभाग केंद्रों को निरस्त कर दिया । जो कि साहसपूर्ण स्वागत योग्यh निर्णय है। सिसोदिया ने कहा कि ज़ब चुनावी लाभ के लिए नये जिले बनाये गये थे जब से ही ये मजाक का विषय बन गये थे, क्योंकि कुछ नये जिले आवश्यकता और मानकों पर पूरी तरह ठीक थे...

दिल्ली विधानसभा चुनाव दिलचस्प मोड़ पर Delhi Assembly Election

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दिल्ली की सत्ता पर 15 साल तक काबिज रहीं कांग्रेस की वरिष्ठनेत्री एवं नेहरूपरिवार से संबंद्ध श्रीमती शीला दीक्षित को 2013 के विधानसभा चुनाव में  आप पार्टी संयोजक अरविन्द केजरीवाल से मुख्यमंत्री रहते हुए हारना पढ़ा था। यह कसक कांग्रेस को हमेशा रहेगी। तब आप पार्टी के खाते में बीजेपी के नहीं बल्कि कांग्रेस के वोट गएथे जो अभी तक भी आप पार्टी से ही जुड़े हुये हैँ। इस तरह से दिल्ली विधानसभा सभा चुनाव 2025 में आप पार्टी सबसे प्रमुख दो में एक रहने वाली प्रतीत होती है। वहीं भाजपा दिल्ली की सत्ता से दूर रहते हुये भी दूसरे क्रम पर लगातार बनी हुई है क्योंकि केजरीवाल के उदय के बाबजूद भाजपा पर हमेशा 30% से अधिक मत रहे हैँ। वहीं भाजपा लगातार तीन चुनावों से लोकसभा की सभी 7 सीटें जीतती आ रही है। जिसके आधार पर भाजपा को दिल्ली विधानसभा चुनाव के फस्ट टू में एक मानना ही पड़ेगा।  इस तरह से कांग्रेस जो गत दो चुनावों में शून्य पर चली आरही है, उसके कोई चांस नहीं दिख रहे हैँ। 1- 2013 के विधानसभा चुनाव में आप को 28 सीटों के साथ 29 फ़ीसदी से अधिक वोट मिले थे। वहीं बीजेपी का अपना वोट बना रहा और वो...

ज्ञान विज्ञान और अनुसंधान, ईश्वरीय कार्य ही हैँ - अरविन्द सिसोदिया

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Arvind Sisodia 9414180151 ज्ञान विज्ञान और अनुसंधान, ईश्वरीय कार्य ही हैँ। इन कार्यों को करने से ईश्वर को भी प्रशन्नता होती है कि उनक़ी सृजित संताने भी ज्ञानवान हैँ। बहुत ही सुंदर और गहरा विचार !  यह विचार हमें ज्ञान, विज्ञान और अनुसंधान के महत्व को समझने के लिए प्रेरित करता है। ज्ञान, विज्ञान और अनुसंधान को ईश्वरीय कार्य मानना हमें यह समझने के लिए प्रेरित करता है कि ये गतिविधियाँ हमें ईश्वर के सृजन को समझने और उसके साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करती हैं। इनको करने से हमें प्रगति व ज्ञान प्राप्त होता है, जिससे हम समाज का भला भी कर सकते हैँ। यह विचार हमें यह भी याद दिलाता है कि ज्ञान, विज्ञान और अनुसंधान के माध्यम से हम ईश्वर को भी प्रशन्नता प्रदान कर सकते हैं। यह हमें अपने ज्ञान और क्षमताओं का उपयोग करके ईश्वर की दृष्टि और सृष्टि को समझने और उसके साथ जुड़ने के लिए प्रेरित करता है। इस प्रकार, ज्ञान, विज्ञान और अनुसंधान को ईश्वरीय कार्य मानना हमें अपने जीवन को अधिक अर्थपूर्ण और सार्थक बनाने के लिए प्रेरित करता है। ------------------ ज्ञान विज्ञान अनुसंधान और: ईश्वर...

नितिश जी अभी पलटी नहीं मारेंगे - अरविन्द सिसौदिया Nitish Kumar

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बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार की छवी इस तरह की बन गई है कि वे अचानक साथी दक का साथ छोड कर विपक्षी दल के साथ सरकार बना लेते है। इससे बिहार में यदि भाजपा के स्थानीय नेता व कार्यकर्तागण सावधान हैं तो इसे अन्यथा नहीं लेना चाहिये। यह उनकी आदत के कारण है। दिसम्बर 2024 के आखरी सप्ताह में दोनों दलों में दूरी भी दिखी ही है। किन्तु भाजपा के केन्द्रीयनेताओं बिहार विधानसभा का अगला चुनाव 2025 नितिश कुमार के नेतृत्व में ही लडनें की बात कही है। स्वयं नितिश ने भी यह कहा है कि दो बार भूल हो गई है। अब वे कहीं जानें वाले नहीं हैं। किन्तु बिना आग के धुआं भी नहीं उठता है। इस तरह कर उहापोह की स्थिती में यी बात भी उछाली जा रही है कि इससे नरेन्द्र मोदी सरकार भी गिर सकती है। हमनें इसी पर आंकडों की छानबीन की जो कहती है कि नितिष जी के अलग होनें या इण्डीं गठबंधन में चले जानें पर भी केन्द्र की सरकार पर कोई बडा फर्क नहीं पडता है। जहा जक बिहार के चुनाव हैं उनमें भी लालूजी की स्थिती अभी भी कमजोर बनीं हुई है। इसलिये लगता तो नहीं है कि आने वाले समय में कोई बडा खेला होगा ! मगर नितिश जी के मन में जो चलता है वह कुछ दिन...

दस प्वाइंट में समझें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी को Ex PM Manmohan Singh

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी का निधन हो गया है। वे आर्थिक मामलों के उच्चतम जानकर रहे हैँ। भारतीय राजनीती में उनके नाम कुछ अलग उपलब्धयां भी है जैसे:- 1-  वे राज्यसभा के सदस्य होकर प्रधानमंत्री थे जो प्रथमबार हुआ। अन्यथा सभी प्रधानमंत्री लोकसभा से हुये। 2- वे कांग्रेस के एकमात्र प्रधानमंत्री रहे को नेहरू परिवार से नहीं होकर भी लगातार दो कार्यकाल पूरे कर सके  3- वे भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री बने । 4- उन्होंने वैश्वीकरण और उदारीकरण की शुरुआत की  5- नरेगा योजना के द्वारा गांव के मजदूर को उसके घर के आसपास मजदूरी देनें का महत्वपूर्ण काम प्रारंभ किया। 6- सूचना का अधिकार उनके समय में दिया गया। 7- आधार कार्ड बनाने की योजना का प्रारंभ भी उन्ही के कार्यकाल की योजना रही। 8- अमेरिका से हुई न्यूक्लियर डील  9- कृषि ऋणों की माफ़ी  10- लोकपाल बिल पर भी उनके कार्यकाल में स्वीकृति मिली थी। --------------- आधार, मनरेगा और RTI... जानिए मनमोहन सिंह की उपलब्धियां, आर्थिक सलाहकार से पीएम बनने तक का सफर आधार, मनरेगा और RTI... जानिए मनमोहन सिंह की उपलब्धियां...