भारत की सतर्क सुरक्षा एजेंसीयों ने बड़े भयानक षड्यंत्र को विफल कर देश की महान सेवा की है - अरविन्द सिसोदिया Aatnkvad surksha
समाज की सतर्कता ही राष्ट्र की सुरक्षा है - अरविन्द सिसोदिया
दिल्ली घटनाक्रम का स्पष्ट संदेश, संदिग्ध गतिविधियों के विरुद्ध पूरा समाज सावचेत रहे - अरविन्द सिसोदिया
भारत की सतर्क सुरक्षा एजेंसीयों ने बड़े भयानक षड्यंत्र को विफल कर देश की महान सेवा की है - अरविन्द सिसोदिया
कोटा, 12 नवम्बर। राजस्थान पाठ्यपुस्तक मंडल के शिक्षा प्रोत्साहन प्रन्यासी अरविन्द सिसोदिया ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि “दिल्ली की हालिया आतंकी घटना ने पूरे देश को चेताया है कि आतंकी मानसिकता रखने वाले और उन्हें संरक्षण देने वाले देशी और विदेशी तत्व सक्रिय हैं। ऐसे में हर नागरिक का कर्तव्य है कि संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखें और ध्यान में आने पर शासन, प्रशासन, पुलिस सहित सुरक्षा एजेंसियों की जानकारी में लाना चाहिए ।”
सिसोदिया ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सशक्त नेतृत्व और हमारी सुरक्षा एजेंसियों की सजगता ने भारत को एक बड़े भयंकर आतंकी हमले से बचा लिया गया है। दुश्मन ताकतों का उद्देश्य देश को भयानकतम तरीके से दहलाने और आराजकतापूर्ण तरीके से अस्थिर करने का था , परंतु हमारी सतर्क सुरक्षा एजेंसीयों ने उनके बड़े षड्यंत्र को फिलहाल विफल कर दिया है। किन्तु पाकिस्तान प्रेरित आतंकवाद अन्य विदेशी ताकतों के सहयोग से निरंतर समस्या उत्पन्न कर रही है, इसलिए समाज को भी निरंतर सावचेत रहना आवश्यक है। "
सिसोदिया नें कहा कि " प्रधानमंत्री मोदीजी नें बहुत स्पष्टता से संदेश दे दिया है कि दिल्ली हमले के पीछे जो भी दोषी हैँ, उन्हें छोड़ा नहीं जायेगा। " उन्होंने कहा है कि " वर्तमान भारतीय सुरक्षा व्यवस्था और आक्रमण शक्ति बेहद मज़बूत है और शत्रु से कोई समझौता नहीं करता है। "
उन्होंने कहा कि “यह समय राजनीति या आलोचना का नहीं, बल्कि देशभक्ति और सुरक्षा बलों के मनोबल को ऊँचा उठाने का है। जिन जाँबाज अधिकारियों और एजेंसियों ने साइनाइड से भी ज्यादा घातक जहरीले जहर के माध्यम से लाखों भारतीयों की हत्या की साजिश को नाकाम किया, वे राष्ट्र के सच्चे रक्षक हैं। वहीं बरामद विशाल मात्रा में विस्फोटक यह दर्शाता है कि हमला कितना विनाशकारी हो सकता था,परंतु भारत की सुरक्षा ढाल अभेद्य सिद्ध हुई। जिसके परिणाम स्वरूप बहुत बड़े षड्यंत्र की परिणीति एक छोटे घटनाक्रम तक़ सीमित हो गई । ”
सिसोदिया ने कहा कि “इस गहराई से रचे गए षड्यंत्र में बाहरी दुश्मनों के साथ देश के भीतर छिपे गद्दारों की भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं की जा सकता। इसलिए आतंकीयों के सहयोगियों को खोज निकालना और दंडित करना राष्ट्रहित में अत्यंत अत्यावश्यक है। समाज को चाहिए कि वह भी चौकन्ना रहे, देशविरोधी गतिविधियों की भनक मिलते ही तुरंत पुलिस व प्रशासन को सूचित करें ।”
सिसोदिया नें कहा कि " देश की एकता, अखंडता और शांति व्यवस्था को तोड़ने का कोई भी प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जा सकता । हमारे सुरक्षा बल उन षड्यंत्रकारीयों को खोज कर अवश्य दंडित करेंगे। ” उन्होंने कहा कि “यह भारत नया भारत है, जो न केवल सजग है, बल्कि हर साजिश का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। इसलिए दुश्मन सामने से नहीं पीछे से, धोखे से नुकसान पहुंचाने की साजिश रचता है और उसके विरुद्ध सामाजिक रूप से देश को भी जागरूक रहना होगा। ”
भवदीय,
अरविन्द सिसोदिया
शिक्षा प्रोत्साहन प्रन्यासी,
राजस्थान पाठ्यपुस्तक मंडल
मोबाईल 9414180151
-------
भारत______ की सुरक्षा एजेंसियां इस हफ्ते ऐसे चलीं जैसे किसी गुप्त ऑपरेशन के घड़ी-साज़… हर पुर्ज़ा सही जगह, सही वक्त पर और नतीजा… पाँच बड़े आतंक मॉड्यूल, पाँच अलग शहर, पाँच घातक साजिशें… सबकी साँसें एक साथ रोक दी गईं.भारत का सीक्रेट ऑपरेशन: पाँच साजिशें, एक ही रात में ख़ामोश
देश भर में अलग अलग जगहों पर आतंक की परछाइयाँ पनप रही थीं. कहीं लैब कोट पहनकर डॉक्टर ज़हर पका रहा था, कहीं एक कट्टर भर्तीकर्ता डिजिटल अंधेरों में नौजवानों को फँसा रहा था, कहीं दूर से भेजे गए ड्रोन हथियार गिरा रहे थे… और फिर भी, ये सब एक ही चीज़ पर भरोसा कर रहे थे: कि भारत सो रहा होगा, लेकिन भारत सोया नहीं था.
1. गुजरात: “डॉक्टर ऑफ डेथ” का काउंटर - ATS ने तब धावा बोला जब तीन ISIS मॉड्यूल के लोग रिसिन, साइनाइड और विदेशी पिस्तौलें इकट्ठा कर रहे थे. डॉक्टर ने शहर के फ़ूड मार्केट का सर्वे किया था…पर उसकी “केमिकल साइलेंस” अब सिर्फ केस फाइल में है.
2. यूपी: वह आदमी जो 4,000 पाक नंबरों पर घूमता था - Bilal Khan… अल-कायदा का डिजिटल भूत. भर्ती, कट्टरता, ज़हर भरी पोस्ट्स… पर ATS ने नेटवर्क ट्रेस कर लिया. 4,000 पाक नंबरों का जाल जैसे ही खुला, खेल खत्म.
3. दिल्ली: चार राज्यों से निकली IED की डोर - Special Cell की टीम ने वह मॉड्यूल तोड़ा जो “ख़िलाफ़त” बनाने और “गज़वा-ए-हिंद” का सपना देख रहा था. दिल्ली, झारखंड, एमपी, तेलंगाना में एक साथ रेड. बारूद, हथियार, केमिकल… सब जब्त. ये ब्लास्ट इतिहास नहीं बने, सिर्फ सबूत बनकर रह गए.
4. जम्मू-कश्मीर: नारको-किंग का लैंडिंग गियर फेल - सऊदी से मुंबई उतरा और SIA ने उसे वहीं लॉक कर दिया. 29 किलो हेरोइन, IED, ग्रेनेड…पाकिस्तान का पूरा फंडिंग चैनल कट गया. पिर पंजाल की घाटी में शोर नहीं, सिर्फ राहत बची.
5. पंजाब: RDX और रिमोट वाले साए का अंत - 2.5 किलो RDX, रिमोट डिवाइस, विदेशी लिंक…Rinda के UK–Pak नेटवर्क की यह शाखा Counter-Intelligence ने तोड़ कर फाइल में बंद कर दी.
यह पाँच ऑपरेशन सिर्फ गिरफ्तारियां नहीं थे. यह एक मैप था… जो पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, UK और भारत के दर्जनों शहरों को जोड़ता था. एन्क्रिप्टेड चैट, ड्रोन रूट, फंडिंग चैनल, डिजिटल ब्रेनवॉश…सब एक एक कर उजागर.
भारत ने न सिर्फ हमले रोके, बल्कि दुश्मन का पूरा इकोसिस्टम एक्स-रे में डाल दिया. आतंकियों ने सोचा था वे भारत को चौंकाएँगे… लेकिन इस बार भारत पहले ही अंधेरे में बैठा इंतज़ार कर रहा था.
ओर इन सबसे इतर कुछ ओर भी है जो सेक्युलरिज्म गहन स्याह अंधेरे में भी बहुत स्पष्ट तौर पर हमे दिखता हे (कल के अखबारों की सुर्खियां हे जो कटिंग हे ) की किस तरह हथियारों के अतिरिक्त भी हमें हताहत करती हैं ।
बहुत जरूरत हे हमे आंखे खोलने की....
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें