कविता - हर दिन नया बनाना है
जीवन सुख का आधार सही,
पर संघर्षों का दरिया है,
समस्याओं से लड़ना है,
हर पल खड़ी चुनौती को,
हिम्मत से हराना है।
मन में विश्वास जगाना है,
हार कर फिर मुस्काना है,
अंधेरों में करे उजियारा ,
बस ऐसा दीप जलाना है।
रास्ते कठिन हों चाहे जितने,
कदम नहीं डगमगाने हैं,
तूफ़ानों की परवाह न करके,
आगे ही बढ़ते जाने हैं।
सपनों की उड़ान भरनी है,
मन के पंख फैलाने हैं,
गिरकर फिर उठने की ताकत,
अपने भीतर जगानी है।
जीवन एक सतत परीक्षा है,
इसे हँसकर निभाना है,
संघर्षों से सीख लेकर,
हर दिन नया बनाना है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें