कविता - धन्य धन्य जीवनदाता मोदी
कविता - धन्य धन्य जीवनदाता मोदी खूब मज़ाक उड़ाया गया, हर कदम पर रोड़े भी अटकाए , बचकानी राजनीति ने, कई बार हालातों को और कठिन बनाए। भय उत्पन्न किया, भ्रम भी खूब फैलाये। पर मोदीजी अडिग रहे, थमे नहीं, कोरोना की उस घोर अंधेरी घड़ी में, आपने हौंसले की लौ जलाई, अन्न भी बांटा, रामायण भी दिखलाई, देश को भरोसा दिया, दिलों में शक्ति जगाई। मोदी सरकार नें रात–दिन एक कर महामारी से जंग लड़ी, वैक्सीन बनवाई, घर-घर पहुँचाई, हर नागरिक के जीवन के लिए सुरक्षा ढाल बनाई। मुफ़्त डोज लगवाने से लेकर हर संकट की चुनौती को पार कराया, जब पूरे विश्व के नेता गायब थे, तब उसने प्रहरी बनकर राष्ट्र का साहस बढ़ाया। आज ये कविता आपके समर्पण को प्रणाम करती है, देश आपका आभार जताता है, पीड़ियाँ आपको सलाम करती हैँ। धन्य धन्य जीवनदाता मोदी, इतिहास आपने रच डाला, आपके प्रयासों ने भारत को, महामारी को हराने का कौशल सीखलाया। --------