आतंकवाद पर साझा अन्तर्राष्ट्रिय रणनीति की जरूरत - अरविन्द सिसौदिया

 JAI JAI BHARAT - ARVIND SISODIA

 आतंकवाद पर साझा अन्तर्राष्ट्रिय रणनीति  की जरूरत - अरविन्द सिसौदिया
अब....स्तब्ध है पूरा विश्व ! पूर्व राष्ट्रपति ट्रंम्प और वर्तमान राष्ट्रपति जो बाईडेन , राजनैतिक फायदे के लिये , अमरीका की अर्न्तराष्ट्रीय साख को बट्टा लगा बैठे। ये दोनों तमाम खुफिया सूचनाओं एवं सामरिक रिपोर्टों को नजर अंदाज कर, शांतीवार्ता कर रहे थे। बिना सिस्टम वार्ता और निर्णय लेनें का नतीजा सामने आ चुका हे । काबुल में 100 के लगभग निर्दोष लोग, आतंकवाद की बली पर अपनी जान गंवा बैठे है। वहां क्या हो रहा है,किसी को कुछ नहीं पता। तालिबान हो या कोई ओर,खूनी सिकंजे में अफगानिस्तान फंस चुका है। यह खेल समाप्त तो क्या होगा...? आगे और बढेगा !! संसार का उसूल है जैसे के साथ तैसा वाला और उसी से मार्ग मिलता है। यह मामला सिर्फ अमरीका का नहीं है बल्कि सम्पूर्ण विश्व का है और सभी आतंकवादियों के विरूद्ध है। नाम बदलने से हिंसा के अंजाम नहीं बदलता !  एक सामूहिक अन्तर्राष्ट्रिय रणनीति एवं रणकौशल की जरूरत है। फिलहाल यह असंभव सा लग रहा है। किन्तु समय रास्ता निकालता ही हे और कोई न कोई रास्ता निकलेगा भी ।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने और भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने इस आतंकी हमले की निंदा की है। गुटेरेस सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के पांच स्थायी सदस्यों - ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिका के साथ बैठक करने वाले हैं, और वह बिगड़ती अफगान स्थिति पर चर्चा कर सकते है।
संयुक्त राष्ट्रः भारत ने काबुल में हुए आतंकवादी हमलों की निंदा करते हुए आतंकवाद-समर्थकों के खिलाफ एक एकीकृत वैश्विक रुख का आह्वान किया है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने गुरुवार को सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए काबुल में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की, और कहा कि भारत हमले से पीड़ितों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट करता है।

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 काबुल एयरपोर्ट पर फिदायीन हमला: 13 अमेरिकी कमांडो समेत 100 से ज्यादा लोगों की मौत, US प्रेसिडेंट बाइडेन बोले- आतंकियों को ढूंढ़-ढूंढ़ कर मारेंगे
August 27th, 2021

हाईलाइट
-अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर 2 फिदायीन हमले
-80 लोग मारे जा चुके हैं और 200 से ज्यादा लोग जख्मी हैं
-हमले में मरने वालों में 13 अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं
            डिजिटल डेस्क, काबुल/वाशिंगटन/नई दिल्ली। अफगानिस्तान में कल यानी गुरुवार शाम काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दो फिदायीन हमले हुए। अमेरिकी अखबार द वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक इस हमले में 13 अमेरिकी मरीन कमांडो मारे गए हैं, जबकि 15 घायल हैं, सौ से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका है और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

आतंकी संगठन ISIS के खुरासान ग्रुप ने हमले की जिम्मेदारी ली है। काबुल एयरपोर्ट से तमाम फ्लाइट ऑपरेशन्स बंद कर दिए गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने काबुल एयरपोर्ट हमले की निंदा करते हुए कहा कि सैनिकों की मौत बेहद दुखद है, दूसरों की जान बचाने में अमेरिकी सैनिकों का बलिदान हम कभी भुलेंगे नहीं और ना ही माफ करेंगे। हम आतंकियों को ढूंढकर मारेंगे। जिन लोगों ने इस हमले को अंजाम दिया है, वह यह जान लें, हमलोग इसे माफ नहीं करने वाले हैं। ना ही इसे भूलने वाले हैं। हमलोग अब तुम्हारा शिकार करेंगे। तुम्हें इस हमले की कीमत चुकानी होगी।

 बता दें कि दो फिदायीन हमलों समेत 3 धमाकों से दहले काबुल एयरपोर्ट पर और भी आतंकी हमले हो सकते हैं। अमेरिकन ब्रॉडकास्ट कंपनी (ABC) के मुताबिक एयरपोर्ट के नॉर्थ गेट पर कार बम ब्लास्ट का खतरा है। ऐसे में काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास ने नया अलर्ट जारी किया है।

तालिबान ने इन विस्फोटों को 'आतंकवादी कृत्य' करार दिया। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि ग्रुप ने अमेरिकियों को इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट (आईएसआईएल) के संभावित आतंकी हमले के बारे में जानकारी प्रदान की थी। इसे इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) भी कहा जाता है। जबीहुल्ला मुजाहिद ने इस बात को दोहराया कि 'तालिबान आतंकवादियों को अपने अभियानों के लिए अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा।' टोलो न्यूज ने एक चश्मदीद के हवाले से कहा, यह धमाका बैरन कैंप के पास अफगानों की भीड़ के अंदर से हुआ, जो देश छोड़ने की कोशिश कर रहे थे। बैरन कैंप एयरपोर्ट से सटा हुआ है।

पेंटागन ने बताया कि अधिकारियों ने कहा है कि उनके पास खुफिया जानकारी थी कि आत्मघाती हमलावर एयरपोर्ट पर हमला कर सकते हैं। दिन में कई देशों ने आत्मघाती बम विस्फोट के खतरे की आशंका के चलते अपने नागरिकों को एयपोर्ट जाने से बचने की सलाह दी थी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए विस्फोटों की जानकारी दी गई है। अमेरिकी दूतावास ने अमेरिकी नागरिकों को एयरपोर्ट जाने से बचने और एयरपोर्ट के गेटों से बचने के लिए अलर्ट जारी किया है।

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 अमेरिका के अफगानिस्तान से निकलने को लेकर डिफेंस और टेररिज्म एनालिस्ट्स ने जो बाइडेन प्रशासन को चेतावनी दी थी। कहा था कि अमेरिका के निकलने के बाद इस्लामिक स्टेट से जुड़े आतंकी अफगानिस्तान का बुरा हाल करने की कोशिश करेंगे। 26 अगस्त को काबुल में हुए हमले ने इस बात को सच साबित कर दिया ।

US राष्ट्रपति बाइडेन ने काबुल हमलावरों को दी चेतावनी, बोले- 'हम ढूंढकर मारेंगे'
काबुल एयरपोर्ट पर हमले की जिम्मेदारी खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट समूह ने ली है

अपडेटेड Aug 27, 2021  स्रोत : Moneycontrol.com

Kabul Airport Blasts LIVE Updates: युद्धग्रस्त अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गुरुवार शाम को हुए सीरियल बम धमाकों में कम से कम 90 लोगों की मौत हो गई और करीब 150 लोगों से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस हमले में 13 अमेरिकी सैनिक भी मारे गए हैं। धमाकों में मारे गए बाकी लोगों के अफगान नागरिक होने का अनुमान है।

काबुल एयरपोर्ट पर हमले की जिम्मेदारी खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट समूह ने ली है। IS ने अपने टेलीग्राम चैनल के जरिए दावा किया है कि एयरपोर्ट पर हुए हमले के पीछे इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISIS-K) का हाथ है। ISIS-K ने कहा है कि यह एक आत्मघाती हमला था। इससे पहले अमेरिकी रक्षा विभाग ने हमले के पीछे इस्लामिक स्टेट के होने की संभावना व्यक्त की थी।

हमले की दुनिया भर में निंदा

अफगानिस्तान के लोगों पर हुए इस हमले की दुनिया भर में निंदा की गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने काबुल में हुए हमलों के लिए इस्लामी चरमपंथियों को जिम्मेदार ठहराया और हमले में मारे गए लागों की जान का बदला लेने का संकल्प लेते हुए कहा कि हम तुम्हें (हमलावरों को) पकड़कर इसकी सजा देंगे। बाइडेन ने कहा कि इस हमले के पीछे जो भी है उसे हम ढूढ़ निकालेंगे और मारेंगे। उन्होंने इसकी कीमत उसे चुकानी होगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि ना हम उन्हें भूलेंगे और ना ही माफ करेंगे। आतंकवादी, अमेरिकियों को हमारा काम करने से रोक नहीं सकते। हम काबुल में अपना मिशन नहीं रोकेंगे और लोगों को सुरक्षित अफगानिस्तान से बाहर निकालने का काम जारी रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमलों में तालिबान और इस्लामिक स्टेट के बीच मिलीभगत का अब तक कोई सबूत नहीं मिला है। बाइडेन ने कहा कि हम अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को बचाएंगे।

बाइडन ने कहा कि इस हमले को अंजाम देने वाले और अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की मंशा रखने वाले ध्यान रखें कि हम तुम्हें बख्शेंगे नहीं। हम यह भूलेंगे नहीं। हम तुम्हें पकड़कर इसकी सजा देंगे। मैं अपने देश के हितों और लोगों की रक्षा करूंगा। राष्ट्रपति ने कहा कि काबुल में हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट और उसके पास एक होटल पर हुए भयावह हमले के पीछे ISIS-K का हाथ है।

अधिकारियों ने कहा कि अमेरिकी सेना के 60 से अधिक जवान घायल हुए हैं और इनकी संख्या बढ़ सकती है। काबुल धमाकों की भारत सरकार ने भी निंदा की है। भारत ने कहा कि इन धमाकों ने एक बार फिर उस आवश्यकता को उजागर किया है कि आतंक के विरुद्ध दुनिया को एक साथ आने की जरूरत है।

ब्रिटेन के रक्षा सचिव डोमिनिक रॉब ने कहा है कि इस तरह की कायराना हरकत यूके को अफगानिस्तान में अपना काम करने से रोक नहीं सकती। इसके अलावा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक बयान जारी कर काबुल आतंकवादी हमले की निंदा की है और उन लोगों को सलाम किया है जो ऐसे वक्त में काबुल में लोगों के सुरक्षित बाहर निकालने के मिशन पर लागातार काम कर रहे हैं।

वहीं, नेटो के मुख्य सचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने इस घटना को भयानक आंतकी हमला बताते हुए कहा कि जितना संभव हो उनते लोगों के यहां से सुरक्षित बाहर निकलना हमारी प्रथमिकता है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) ने भी हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह घटना अफगानिस्तान में जमीन पर स्थिति की अस्थिरता को रेखांकित करती है।

उधर, एक बयान में अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाला इस्लामी आतंकी संगठन तालिबान ने भी हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह अमेरिकी सैनिकों द्वारा नियंत्रित क्षेत्र में हुआ है। तालिबान का प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने BBC से कहा कि हमें (तालिबान) कोई नुकसान नहीं हुआ है। यह घटना उस जगह पर हुई है जो अमेरिकी सेना के नियंत्रण में है।

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अफगानस्तिन में असली “खेला“ होना बांकी है - अरविन्द सिसौदिया
https://arvindsisodiakota.blogspot.com/2021/08/blog-post_75.html
कूटनीति की तराजू पर तालिवान का निष्कंट राज नहीं दिख रहा है। अभी असली खेल चालू होना है। रूस और चीन के बीच अब शीतयुद्ध अफगानिस्तान के कारण होगा। क्यों कि अफगानिस्तान बहुमूल्य खनिजों के भण्डार के साथ साथ अपना सामरिक महत्व भी रखता है। चीन हर हाल में अफगानिस्तान पर तिब्बत की तरह कब्जा जमानें की फिराक में रहेगा। रूस के सहयोग से पहले भी वामपंथी विचार वाली सरकार अफगान में रही है। वह फिर उसी तरह की सरकार लानें का यत्न करेगा। वहीं चीन को रोकनें की सबसे अधिक कोशिश ही रूस की होगी । रूस कभी नहीं चाहेगा कि अफगान में चीन के पैर जमें। अफगान में असली खेला होना बांकी है।


शहीद मंदिर हुआ था, ढांचा तो अतिक्रमण था - अरविन्द सिसौदिया
https://arvindsisodiakota.blogspot.com/2021/08/9414180151.html
शहीद ढांचा नहीं मंदिर हुआ था, ढांचा तो अतिक्रमण था, जिसे जनमत ने हटा दिया।
इस तरह का कुत्य पूरी दुनिया में इस्लामी आक्रमण कर्ताओं ने किये, भारत में सोमनाथ मंदिर पर , काशी विश्वनाथ मंदिर पर, अयोध्या के श्रीराम जन्म भूमि मंदिर पर, मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर पर ही नहीं अपितु लाखों मंदिरों और करोडा मूर्तियों सहित अनेको किलों और भव्य इमारतों का इस्लामी करण रूपी अतिक्रमण हुआ था। देश आजाद होते ही इन्हे पुनः अपने भव्य और मूल स्परूप में आनें का अधिकार है और किसी को भी, इसमें बाधा बनने का अधिकर नहीं हे। 

 

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Kabul Airport Blasts LIVE Updates:
 काबुल धमाकों में 13 अमेरिकियों सहित 90 लोगों की मौत, ISIS ने ली जिम्मेदारी

मृतकों में 13 अमेरिकी सैनिक और अफगानिस्तान के 77 लोग शामिल हैं


अपडेटेड Aug 27, 2021 पर 14:30  |  स्रोत : Moneycontrol.com

Kabul Airport Blasts LIVE Updates: युद्धग्रस्त अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गुरुवार शाम को हुए सीरियल बम धमाकों में कम से कम 90 लोगों की मौत हो गई है और करीब 150 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस हमले में 13 अमेरिकी सैनिक भी मारे गए हैं। धमाकों में मारे गए बाकी लोगों के अफगान नागरिक होने का अनुमान है।

काबुल एयरपोर्ट पर हमले की जिम्मेदारी खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट समूह ने ली है। IS ने अपने टेलीग्राम चैनल के जरिए दावा किया है कि एयरपोर्ट पर हुए हमले के पीछे इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISIS-K) का हाथ है। ISIS-K ने कहा है कि यह एक आत्मघाती हमला था। इससे पहले अमरिकी रक्षा विभाग ने हमले के पीछे इस्लामिक स्टेट के होने की संभावना व्यक्त की थी।


हालांकि, इन धमाकों के बाद भी अमेरिका अपना निकासी अभियान जारी रखेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने काबुल में हुए हमलों के लिए इस्लामी चरमपंथियों को जिम्मेदार ठहराया और हमले में मारे गए लागों की जान का बदला लेने का संकल्प लेते हुए कहा कि हम तुम्हें (हमलावरों को) पकड़कर इसकी सजा देंगे।

जो बाइडेन ने कहा कि इस हमले के पीछे जो भी है उसे हम ढूढ़ निकालेंगे और इसकी कीमत उसे चुकानी होगी। राष्ट्रपति ने कहा कि ना हम उन्हें भूलेंगे और ना ही माफ करेंगे। आतंकवादी, अमेरिकियों को हमारा काम करने से रोक नहीं सकते। हम काबुल में अपना मिशन नहीं रोकेंगे और लोगों को सुरक्षित अफगानिस्तान से बाहर निकालने का काम जारी रहेगा।

उन्होंने आगे कहा कि काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमलों में तालिबान और इस्लामिक स्टेट के बीच मिलीभगत का अब तक कोई सबूत नहीं मिला है। बाइडेन ने कहा कि हम अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को बचाएंगे। उधर, एक बयान में अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाला इस्लामी आतंकी संगठन तालिबान ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह अमेरिकी सैनिकों द्वारा नियंत्रित क्षेत्र में हुआ है।

बाइडन ने कहा कि इस हमले को अंजाम देने वाले और अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की मंशा रखने वाले ध्यान रखें कि हम तुम्हें बख्शेंगे नहीं। हम यह भूलेंगे नहीं। हम तुम्हें पकड़कर इसकी सजा देंगे। मैं अपने देश के हितों और लोगों की रक्षा करूंगा। राष्ट्रपति ने कहा कि काबुल में हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट और उसके पास एक होटल पर हुए भयावह हमले के पीछे ISIS-K का हाथ है।

अधिकारियों ने कहा कि अमेरिकी सेना के 60 से अधिक जवान घायल हुए हैं और इनकी संख्या बढ़ सकती है। काबुल धमाकों की भारत सरकार ने भी निंदा की है। भारत ने कहा कि इन धमाकों ने एक बार फिर उस आवश्यकता को उजागर किया है कि आतंक के विरुद्ध दुनिया को एक साथ आने की जरूरत है।

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