हां हम तैयार हैं की भारतीय नीति स्वागत योग्य है,पाकिस्तान को चेतावनी जरूरी थी - अरविन्द सिसौदिया
हां हम तैयार हैं की भारतीय नीति स्वागत योग्य है,पाकिस्तान को चेतावनी जरूरी थी
- अरविन्द सिसौदिया 9414180151
अफगानिस्तान से अमरीका अपने तमाम साथियों के साथ जा चुका हे। अफगानिस्तान में नया निजाम अस्थिर है, कमजोर है, अपरिपक्व है। सब कुछ उसके नियंत्रण में भी नहीं हे। अन्य आतंकी गुटों के भी ठिकानें हे। वहीं तालिबान लम्बे समय से कुछ देशों पर आश्रित भी रहा ही है, उनके रहमो करम का कर्जदार भी हे। भारत सरकार और उसके रक्षा मंत्री की चिन्ता भी सही हे, कि अफगानिस्तान का बेचा फायदा उठानें की कोशिशें होंगी, उसकी जमीन का बेजा इस्तेमाल भी हो सकता हे। अफगानिस्तान के नाम पर पाकिस्तान स्वंय की जमीन से भी बदनियत का संचालन कर सकता हे।
इसी क्रम में भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कुछ बयानों वक्तव्यों के द्वारा बहुत ही स्पष्टता से कह दिया है कि भारत अपनी सुरक्षा के लिये प्रतिबद्ध है। वह किसी दूसरे देश में घुस कर भी शत्रुओं को खत्म करने करनें की ताकत रखता है। यह बदनियत पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश है। वहीं अपरोक्ष रूप से तालिबान शासकों को भी यह चेतावनी है। हलांकी तालिबान ने कई बार कहा है कि वह अफगानिस्तान का इस्तेमाल दूसरे देशों के विरूद्ध नहीं होने देगा । किन्तु उसके नियंत्रण में क्या कुछ रहेगा । इस पर सामरिक विशेषज्ञों की अलग राय है। इसलिये भारत को तो हर हाल में सावचेत रहना ही होगा । तालिबान और अफगानिस्तान की ओट से पाक्रिस्तान भारत में आतंकी माहौल खडा करने से चूकेगा नहीं , इसलिये उससे यह कहना कि तुम्हारी हरकतों के खिलाफ हां हम तैयार है की नीति स्वागत योग्य है।
पाकिस्तान को रक्षा मंत्री की खरी-खरी
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले- भारत अपनी जमीन से वार कर सकता है, जरूरत पड़ी तो दूसरे की जमीन पर जाकर भी वार करने की भी क्षमता रखता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उसे खरी-खरी सुनाई। राजनाथ सिंह ने कहा कि एक देश आतंकवाद का सहारा ले रहा है। वो बोले कि भारत अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा और जरूरत पड़ी तो हम उनकी जमीन पर जाकर टेररिज्म को खत्म करेंगे। राजनाथ तमिलनाडु के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज के कार्यक्रम में बोल रहे थे।
पाकिस्तान को चैलेंज देते राजनाथ के 2 बयान -
1. राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर सफल हुआ है तो यह हमारी ताकत की वजह से हुआ है। 2016 में पाकिस्तान की तरफ से क्रॉस-बॉर्डर स्ट्राइक्स की वजह से हमारा रवैया प्रतिक्रिया देने की बजाय आक्रामक हुआ है। 2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक से इसे मजबूती मिली है।
2. भारत अपनी जमीन पर तो आतंक का खात्मा करेगा ही। दूसरे की जमीन पर जाकर आतंक का खात्मा करने की जरूरत पड़ी तो भी भारत पीछे नहीं रहेगा। हमारे भारत में यह क्षमता पैदा हो गई है कि हम अपनी जमीन से भी वार कर सकते हैं और उसकी जमीन पर जाकर भी वार कर सकते हैं।
अफगानिस्तान के हालात चुनौती पूर्ण
रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि अफगानिस्तान में मौजूदा हालात हमारे लिए चुनौतीपूर्ण हैं। नई परिस्थितियों ने हमें अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर किया है। हम रणनीति बदलने वाले हैं और QUAD का इसी रणनीति पर गठन होगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं
सिंह ने कहा कि हमारी सीमाओं पर मौजूद चुनौतियों के बावजूद देश के नागरिक इस बात को लेकर सुनिश्चित हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा। देश के पूर्वोत्तर में चीन की तरफ से भारतीय सीमा में दाखिल होने की कोशिश की गई थी, वहां भी हमने नए उत्साह से साथ चुनौती का सामना किया।
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सार
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान की भारत के साथ सीधे लड़ाई की हिम्मत नहीं है। अब वह भारत को हजार जख्म देने की नीति पर काम कर रहा है। दुनिया की कोई ताकत जम्मू और कश्मीर को भारत से अलग नहीं कर सकती है। इस बीच रक्षामंत्री ने चीन को भी आड़े हाथों लिया।
विस्तार
भारत सरकार थिएटर कमांड के निर्माण पर तेजी से काम कर रही है। इससे रक्षा सुधारों में क्रांति आएगी। यह बात सोमवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पंजाब यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय सुरक्षा पर बलरामजी दास टंडन व्याख्यानमाला के वर्चुअल संबोधन में कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत चीन के साथ सीमा विवाद बातचीत से हल करना चाहता है। हमारी सरकार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन को एकतरफा कार्रवाई करने की इजाजत नहीं देगी। केंद्र सरकार सीमा के मुद्दे और उसके सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं करेगी।
रक्षामंत्री ने कहा कि दुनिया की कोई ताकत देश के ताज जम्मू और कश्मीर को भारत से अलग नहीं कर सकती है। आतंकवाद के खिलाफ देश के भीतर और जरूरत पड़ने पर सीमा पार आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई करने में भारत सक्षम हो चुका है। बीते वर्षों में भारतीय सेना की कार्रवाई में खासा बदलाव देखने को मिला है। इससे सेना के हौसले बुलंद हैं। सीमा पर सीजफायर की घटनाएं बंद हो गई हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की भारत के साथ सीधी लड़ाई की हिम्मत नहीं है तो वह भारत को हजार जख्म देने की नीति पर काम कर रहा है।
क्या है थिएटर कमांड
तीनों सेनाओं के संयुक्त कमान को थिएटर कमांड या एकीकृत कमांड कहा जाता है। योजना के मुताबिक, थिएटर कमांड में सेना, वायुसेना और नौसेना की इकाइयां होंगी और ये सभी विशेष भौगोलिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए एक संचालन कमांडर के तहत एक साथ काम करेंगी।
फिलहाल सेना, नौसेना और वायुसेना की अलग-अलग कमान हैं। सीमा पर बढ़ी चुनौती और युद्ध के मौके पर तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बेहद जरूरी है। इस योजना के तहत कम से कम चार थिएटर कमांड स्थापित किए जाएंगे। केंद्र सरकार थिएटर कमांड को लेकर काफी गंभीर नजर आ रही है।
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अफगानिस्तान की स्थिति नए सुरक्षा प्रश्न उठाती है : राजनाथ सिंह
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भाषा Updated: Aug 30, 2021
चंडीगढ़, 30 अगस्त (भाषा) | रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान में मौजूदा घटनाक्रम ने सुरक्षा के नए सवाल खड़े कर दिए हैं और केंद्र सरकार सतर्क तथा किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है।
उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी राष्ट्र विरोधी ताकत को अफगानिस्तान के घटनाक्रम का फायदा उठाकर सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है।
वह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित तीसरे बलरामजी दास टंडन स्मृति व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे।
सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने संबोधन में कहा, ''पड़ोसी देश अफगानिस्तान में जो हो रहा है, उससे सुरक्षा के लिहाज से नए सवाल उठ रहे हैं और हमारी सरकार वहां के घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है।''
सिंह ने कहा, ''भारतीयों की सुरक्षा के साथ-साथ हमारी सरकार यह भी चाहती है कि देश विरोधी ताकतें वहां के घटनाक्रम का फायदा उठाकर सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा न दें। ''
उन्होंने कहा, ''हमारी कुछ और चिंताएं हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से चुनौती बन सकती हैं।''
तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान से पूरी तरह बाहर निकलने की समयसीमा समाप्त होने से दो सप्ताह पहले सभी प्रमुख शहरों पर कब्जा करके 15 अगस्त को देश पर नियंत्रण कर लिया है। इस सप्ताह के शुरु में काबुल हवाई अड्डे के बाहर हुए इस्लामिक स्टेट के आत्मघाती हमले में 180 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
सिंह ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी नीत सरकार पूरी तरह सतर्क है और किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है। उन्होंने कहा, ''हम वायु, जल और थल- कहीं से भी उत्पन्न होने वाले खतरों से निपटने के लिए हमेशा तैयार हैं।''
रक्षा मंत्री ने नयी चुनौतियों का सामना करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली को लगातार उन्नत और अद्यतन करने पर जोर दिया और कहा कि आधुनिक तकनीक के विकास के कारण कुछ नए खतरे सामने आए हैं। उन्होंने इस साल की शुरुआत में जम्मू वायु सेना स्टेशन पर ड्रोन से दो बम गिराए जाने का जिक्र किया।
सिंह ने कहा, ''हमें नयी चुनौतियों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली को लगातार उन्नत और अद्यतन करना होगा।''
उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य देश को समृद्ध, मजबूत और सुरक्षित बनाना है।
उन्होंने कहा, "ऐसा भारत जो किसी को डराता नहीं बल्कि छोटे देशों में सुरक्षा की भावना विकसित करता हो और भारत की बढ़ती ताकत उनके लिए खतरा नहीं हो।"
सिंह ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच विश्वास की कमी है और देश को राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से इस तथ्य को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। सिंह ने कहा कि पाकिस्तान समझ गया है कि उन्हें संघर्ष विराम समझौतों का उल्लंघन करने का कोई फायदा नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि इस साल फरवरी में, नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम बरकरार रखने के लिए भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
सिंह ने कहा, ''हम प्रतीक्षा और निगरानी मोड में भी हैं क्योंकि दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी एक बड़ी समस्या है।'' उन्होंने कहा कि समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद से पड़ोसी देश ने संघर्ष विराम उल्लंघन नहीं किया है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान समझ चुका है कि वह कश्मीर में खासकर अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद ज्यादा कुछ करने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा कि 1965 और 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा और इन पराजयों ने पूरी तरह से साबित कर दिया कि वह भारत के खिलाफ पूरे दम-खम के साथ युद्ध शुरू करने की स्थिति में नहीं है।
मंत्री ने कहा कि भारत के खिलाफ सीधा युद्ध करने में असमर्थता ने पाकिस्तान को दो नीतियों पर काम करने के लिए मजबूर किया - एक तरफ, पड़ोसी देश ने एक परमाणु रास्ता खोजने की दिशा में कदम उठाया और दूसरी ओर, उसने भारत को ''हजारों जख्म देकर मारने'' की नीति पर काम करना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ एक छद्म युद्ध शुरू किया । उसने भारत को निशाना बनाने के लिये आतंकवादियों को प्रशिक्षण, धन और हथियार देने के वास्ते अपनी जमीन के इस्तेमाल की अनुमति दी। उन्होंने कहा कि 1980 के दशक के बाद पाकिस्तान पूरी दुनिया में "आतंकवाद की नर्सरी" बन गया।
जम्मू-कश्मीर पर सिंह ने कहा कि आतंकवाद को रोकने के लिए भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा पिछले सात वर्षों से प्रभावी कार्रवाई की जा रही है।
सिंह ने कहा, "मेरा मानना है कि कश्मीर में बचा हुआ आतंकवाद भी खत्म हो जाएगा। मुझे यह विश्वास है क्योंकि अनुच्छेद 370 और 35ए के कारण अलगाववादी ताकतों को जो ताकत और ऑक्सीजन वहां मिलती थी, वह अब खत्म हो गई है।"
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर न तो राजनीति करती है और न ही ऐसा होने देती है। सुरक्षा बलों को अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए खुली छूट दी गई है। उन्होंने कहा, ''सेना और सुरक्षा बलों के आत्मविश्वास और मनोबल का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले सात साल में उन्होंने भारत के भीतरी इलाकों में एक भी बड़ी आतंकी घटना नहीं होने दी।''
उरी आतंकी हमले के बाद की गई सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री सिंह ने कहा, ‘‘भारत न केवल देश की सीमाओं के भीतर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है बल्कि हमारी सेना के बहादुर जवानों ने जरूरत पड़ने पर सीमा पार करके आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने का काम किया है।’’
उन्होंने उरी हमले के बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा हमले के बाद हुई बालाकोट एयर स्ट्राइक का जिक्र करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा, "आज हम कह सकते हैं कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का मॉडल भारत में ध्वस्त हो रहा है।"
मेरे अन्य आलेख
लेखक विश्लेशक एवं प्रखर प्रवक्ता अरविन्द सिसौदिया के ब्लाग पर आप सादर आमंत्रित है।
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जय जय भारत - अरविन्द सिसौदिया
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हनुमान जी का दिन मंगलवार
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पौराणिक
मान्यताओं और विशेष कर स्कंद पुराण के अनुसार, मंगलवार के दिन हनुमान जी
का जन्म हुआ था, इस कारण से यह दिन उनकी पूजा के लिए समर्पित कर दिया गया.
इस दिन विधि विधान के साथ बजरंगबली की पूजा करने से वे जल्द प्रसन्न होते
हैं, श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और संकटों को भी दूर
करते हैं.
वैसे तो आप किसी भी भगवान की देवी - देवता की पूजा किसी भी
दिन कर सकते हैं लेकिन हफ्ते के सातों दिन किसी न किसी देव को , भगवान को
समर्पित हैं और उस दिन उनकी विशेष पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती
है, इस तरह की मान्यता है। ठीक इसी तरह मंगलवार का दिन हनुमान जी का दिन
माना जाता है और इस दिन बजरंगबली की पूजा करने से मनोवांछित और उत्तम फल की
प्राप्ति होती है.।
ईश्वर की विराट शक्तियों का दिग्दर्शन श्रीकृष्ण
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भगवान श्री कृष्ण - विजयश्री का पूर्ण पुरूषार्थ करो
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हिन्दू
धर्म में सृजन के देव बृम्हा जी, संचालन के देव विष्णु जी और संहार के देव
शिव जी को कहा गया है। माना जा सकता है कि जनरेट , ओपरेट और डिस्ट्राय से
ही GOD बना है। भगवान विष्णु जी को सुव्यवस्थित संचालन एवं अव्यवस्थाओं के
विनाश हेतु बार - बार जन्म लेना होता हे। भगवान श्रीकृष्ण के रूप में यह
उनका आठवां अवतार है। अन्याय, अधर्म,अनाचार और विध्वंश को परास्त करने के
लिये विजय के मार्ग को प्रशस्त कर, धर्म की जय सुनिश्चित करने का संदेश
उनका जीवन देता हे। भागवत पुराण में वर्णित उनका जीवन और श्रीमद भगवत गीता
में दिये उनके उपदेश सिर्फ एक ही बात कहते हे। कि विजय के लिये पूरी ताकत
से पुरूषार्थ करो । विजय का पूर्ण प्रयत्न करो ।- अरविन्द सिसौदिया
9414180151
न्याय के देवता शनिदेव
https://arvindsisodiakota.blogspot.com/2021/08/blog-post_28.html
ईश्वर
की सृष्टि संचालन व्यवस्था में, प्राणीयों के जीवन को व्यवस्थित करने की
व्यवस्था में कर्म फल , दण्ड विधान एवं न्याय के महत्वपूर्ण कार्य के देव
शनि महाराज है। शनि महाराज का कालखण्ड एवं उनकी स्थिती हमें पूर्व जन्मों
के संचित फलों के बारे में भी इशारा करती है। जो भी हमारा कर्म फल बैंक का
बैंक बेलेंस है। उसी क्रम में जीवन का पथ कैसा होगा । इसकी ओर सही जन्म
पत्री इशारा भी करती है। हमें शनि महाराज को अपने चाल चलन से प्रशन्न करना
चाहिये। क्यों कि जिस तरह न्यायालय में न्यायिक अभिरक्षा होती है। उसी तरह
शनि देव भी न्यायिक अभिरक्षा प्रदान करते हे। शनि महाराज को न तो मित्र
मानना चाहिये न शत्रु । वे सिर्फ आपके वर्तमान चाल चलन को देखते हैं और
आपके प्रति नम्र या कठोर बनते है।
धरणीधर भगवान बलदाऊजी
https://arvindsisodiakota.blogspot.com/2021/08/blog-post_50.html
धरणीधर
भगवान बलराम , भगवान श्रीकृष्ण के बडे भाई बलदाऊजी है। वे शेषनाग के अवतार
हैं जो भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों में उनकी सहायता हेतु जन्म लेते
हे। उनके बलदाऊ जी के जन्म दिन को विषेशरूप से कृषक वर्ग आयोजित करता हे।
मूलतः इस जयंती पर्व को मातायें संतानों को बलराम जी की तरह बलशाली , दीर्घ
आयु एवं कुल गौरव बनानें की कामना से मनाती हें।
आतंकवाद पर साझा अन्तर्राष्ट्रिय रणनीति की जरूरत - अरविन्द सिसौदिया
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वहां
क्या हो रहा है,किसी को कुछ नहीं पता। तालिबान हो या कोई ओर,खूनी सिकंजे
में अफगानिस्तान फंस चुका है। यह खेल समाप्त तो क्या होगा...? आगे और बढेगा
!! संसार का उसूल है जैसे के साथ तैसा वाला और उसी से मार्ग मिलता है। यह
मामला सिर्फ अमरीका का नहीं है बल्कि सम्पूर्ण विश्व का है और सभी
आतंकवादियों के विरूद्ध है। नाम बदलने से हिंसा के अंजाम नहीं बदलता ! एक
सामूहिक अन्तर्राष्ट्रिय रणनीति एवं रणकौशल की जरूरत है। फिलहाल यह असंभव
सा लग रहा है। किन्तु समय रास्ता निकालता ही हे और कोई न कोई रास्ता
निकलेगा भी ।
अफगानस्तिन में असली “खेला“ होना बांकी है - अरविन्द सिसौदिया
https://arvindsisodiakota.blogspot.com/2021/08/blog-post_75.html
कूटनीति
की तराजू पर तालिवान का निष्कंट राज नहीं दिख रहा है। अभी असली खेल चालू
होना है। रूस और चीन के बीच अब शीतयुद्ध अफगानिस्तान के कारण होगा। क्यों
कि अफगानिस्तान बहुमूल्य खनिजों के भण्डार के साथ साथ अपना सामरिक महत्व भी
रखता है। चीन हर हाल में अफगानिस्तान पर तिब्बत की तरह कब्जा जमानें की
फिराक में रहेगा। रूस के सहयोग से पहले भी वामपंथी विचार वाली सरकार अफगान
में रही है। वह फिर उसी तरह की सरकार लानें का यत्न करेगा। वहीं चीन को
रोकनें की सबसे अधिक कोशिश ही रूस की होगी । रूस कभी नहीं चाहेगा कि अफगान
में चीन के पैर जमें। अफगान में असली खेला होना बांकी है।
शहीद मंदिर हुआ था, ढांचा तो अतिक्रमण था - अरविन्द सिसौदिया
https://arvindsisodiakota.blogspot.com/2021/08/9414180151.html
इस तरह का कुत्य पूरी दुनिया में इस्लामी आक्रमण कर्ताओं ने किये, भारत में सोमनाथ मंदिर पर , काशी विश्वनाथ मंदिर पर, अयोध्या के श्रीराम जन्म भूमि मंदिर पर, मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर पर ही नहीं अपितु लाखों मंदिरों और करोडा मूर्तियों सहित अनेको किलों और भव्य इमारतों का इस्लामी करण रूपी अतिक्रमण हुआ था। देश आजाद होते ही इन्हे पुनः अपने भव्य और मूल स्परूप में आनें का अधिकार है और किसी को भी, इसमें बाधा बनने का अधिकर नहीं हे।
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