क्या कांग्रेस देश पर आराजकता का तालिवानी हमला कर रही है- अरविन्द सिसौदिया
क्या कांग्रेस देश पर आराजकता का तालिवानी हमला कर रही है- अरविन्द सिसौदिया
भारत में राष्ट्रहित चिन्तक सरकार अच्छी तरह से न केबल चल रही है, बल्कि वह पूरे विश्व में लोकप्रिय भी है और देश को सभी मोर्चों पर कुशल मार्ग दर्शन कर रही है। सम्पूर्ण विश्व पिछले 100 साल की सबसे भयावही महामारी से जूझ रहा है। भारत की नरेन्द्र मोदी सरकार ने इस महामारी पर कुशलता पूर्वक अन्य देशों की अपेक्षा कम नुकसान में सामना किया और देश को बाहर निकाला । पडौसी देशों की गिद्धदृष्टि को भी माकूल जबाव दिया। सामरिक एवं आर्थिक मोर्चे को भी संभाला । लोकप्रियता के कई विश्व एवं देश के सर्वें भी मोदी सरकार के पक्ष में ही आये। इस कारण चिन्ता कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों सहित कई दूसरे देशों को भी है । कांग्रेस की परोक्ष अपरोक्ष सांठ गांठ पाकिस्तान और चीन से सामने आती रही है। चीन से बडते तनाव के बीच कांग्रेस की अडंगेबाजी की आराजकता लगातार देश में बढती हुई हम देख रहे है। इस तरह का व्यवहार कभी भारत में साम्यवादी दलों को देखनें को मिलती थी। एकतय सुदा टूल किट स्पष्ट महसूस हो रहा है।
देश में मानसून सत्र के प्रारम्भ से पूर्व में भी जिस तरह से रोज रोज झूठ और भ्रम कांग्रेस के नेतृत्व में परोशा जा रहा था वह स्पष्ट संकेत था कि कोई अपरोक्ष शक्ति की प्रेरणा / टूल किट के तहत कांग्रेस देश में आराजकता उत्पन्न कर रही है। किसानों के नाम पर फाईवस्टार कल्चर का आन्दोलन, लाल किले पर खलिस्तानी झण्डा फहराना, ट्रेक्टरों से पुलिस पर आक्रमण । यही सब संसद के सदनों में भी देखनें को मिला । कांग्रेस एवं विपक्ष दलों की आराजकता फैलानें की मंशा शुरू से स्पष्ट थी, उसमें राजनैतिक कारणों से दलीय प्रतिस्पर्द्धा भी थी। मंत्री जी के हाथ से कागज छीनना, सस्पेंड होने के बाद भी माफी भी नहीं मांगना और महिला मार्शल को चोट पहुचाना , सदनों में विपक्ष ने भद्दा प्रदर्शन किया, रूल बुक चेयर के ऊपर फेंकाना। एक प्रकार से यह चेयर और सेक्रेटरी जनरल के ऊपर कातिलाना हमला था। विपक्ष के सांसद माफी तो छोड़िए। सीना चौड़ाकर सौ बार ऐसी घटनाएं करने की बात कह रहे हैं। ये सब विपक्ष के अराजकता के उदाहरण हैं। ऐसे सांसदों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। पूरे सदन की गरिमा गिराते हुए विपक्ष ने जनता के बीच में बहुत सारे प्रश्न चिह्न खड़े कर दिये है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के द्वारा श्रीनगर में भडकाऊ बयान देना कि कश्मीर पर डायरेक्ट आक्रमण है। क्या कांग्रेस देश पर आराजकता का तालिवानी हमला कर रही है या मुस्लिम लीग की तरह सीधी कार्यवाही कर रही है। अब संदन में बचा क्या है । ये इससे आगे बडे तो सदन में कत्ल और बलात्कार ही शेष हे।
संसद में आराजकता
विपक्ष के आरोपों को सरकार ने किया खारिज, कहा-
'सड़क से संसद तक अराजकता फैलाने वाले सांसद मांगें देश से माफी'
'विधेयकों को लेकर हमें धमकी दी गई' : 8 केंद्रीय मंत्रियों ने विपक्ष पर साधा निशाना
Parliament Ruckus: राज्यसभा में हुए हंगामे और विपक्ष के मारपीट के आरोपों को केंद्र सरकार ने खारिज किया है.
Updated: August 12, 2021
By India.com Hindi News Desk Edited by Parinay Kumar
Parliament Ruckus: राज्यसभा में हुए हंगामे और विपक्ष के मारपीट के आरोपों को केंद्र सरकार ने खारिज किया है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में संसद से विजय चौक तक विरोध मार्च निकालने की घटना के बाद केंद्र सरकार के आधे दर्जन मंत्रियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर विपक्ष को कटघरे में खड़ा किया. मंत्रियों ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए चोरी और ऊपर से सीनाजोरी करने की बात कही. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सदन में देश से जुड़े विषयों को उठाना चाहिए, लेकिन विपक्ष ने सड़क से संसद तक अराजकता किया
विपक्ष को जनता के टैक्स के पैसे की न तो फिक्र रही और न ही संवैधानिक मूल्यों की. विपक्ष को घड़ियाली आंसू बहाने की बजाए देश से माफी मांगनी चाहिए. संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि संसद का मॉनसून सेशन अभी खत्म हुआ. दुर्भाग्यपूर्ण है कि पहले दिन से ही जब सर्वदलीय मीटिंग हुई थी, उसमें प्रधानमंत्री भी हिस्सा लिए थे, तब पहले दिन से ही विपक्ष ने सदन न चलने के संकेत दिए थे. टीएमसी और कांग्रेस के सांसदों ने अराजकता की हद पार कर दी.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष की मंशा शुरू से स्पष्ट थी. मिनिस्टर के हाथ से कागज छीनना, सस्पेंड होने के बाद भी माफी भी नहीं मांगना और महिला मार्शल को चोट लगना, ये सब विपक्ष के अराजकता के उदाहरण हैं. 9 तारीख को भी सदन में विपक्ष ने भद्दा प्रदर्शन किया. रूल बुक चेयर के ऊपर फेंका गया. एक प्रकार से यह चेयर और सेक्रेटरी जनरल के ऊपर कातिलाना हमला था. ऐसे सांसदों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. विपक्ष के सांसद माफी तो छोड़िए, सीना चौड़ाकर सौ बार ऐसी घटनाएं करने की बात कह रहे हैं. पूरे सदन की गरिमा गिराते हुए विपक्ष ने जनता के बीच में बहुत प्रश्न चिह्न खड़ा कर दिया.
आखिर विपक्ष के सांसद हमारे युवा-युवतियों को क्या दृश्य दिखाना चाहते हैं? हम लगातार चर्चा चाहते थे, लेकिन विपक्ष ने जानबूझकर जरूरी मुद्दों पर चर्चा नहीं की. केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कहावत है कि चोरी और सीनाजोरी. पहले विपक्ष ने पार्लियामेंट में प्रदूषण फैलाया, उसके बाद सड़क पर प्रदर्शन किया. उसके ऊपर कहा कि 100 बार हम यह हरकत दोहराएंगे.
(इनपुट: IANS)
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August 12, 2021 13:22 IST
संसद में हंगामे पर BJP ने विपक्ष को आड़े हाथ लिया, संबित पात्रा बोले- 'विरोधी पार्टियों के व्यवहार से देश शर्मसार'
संबित पात्रा ने कहा कि ये वहीं विपक्षी है, जो कह रहे थे कि संसद का एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए, मगर जब सत्र चल रहा था तो एक दिन भी चर्चा नहीं होने दी।
Written By Dalchand Kumar
संसद में कामकाज को बाधित करने के लिए केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस और विपक्षी दलों को आड़े हाथ लिया है। गुरुवार को राहुल गांधी समेत विपक्ष के अन्य नेताओं के संसद भवन से विजय चौक तक मार्च के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि जिस प्रकार अराजकता संसद के अंदर विपक्षी पार्टियों और खासकर राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने दिखाया है उससे पूरा देश और लोकतंत्र शर्मसार हुआ है।
संबित पात्रा ने कहा कि संसद के इतिहास में पहली बार हुआ है कि लॉबी में कांच का गेट तोड़ दिया गया, जिससे एक सुरक्षाकर्मी भी हताहत हुई है। वो भी अस्पताल में है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि ये वही विपक्षी हैं, जो कह रहे थे कि संसद का एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए मगर जब सत्र चल रहा था, कोरोना पर एक दिन भी चर्चा नहीं होने दी।
संबित पात्रा ने कहा कि 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सड़क पर कैसे विरोध कर रहे हैं। लोकतंत्र को शर्मसार किया गया है। मैं कहूंगा कि सिर्फ उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ही नहीं रोए, बल्कि लोकतंत्र भी रोया। विपक्ष ने पूरे सत्र की बर्बादी सुनिश्चित की और यह अराजकता की पराकाष्ठा है.'
पात्रा ने कहा, 'जिस प्रकार का व्यवहार आज कांग्रेस पार्टी और कुछ अन्य विपक्षी पार्टियां सड़क पर उतरकर कर रही हैं। जिस प्रकार अराजकता संसद के अंदर विपक्षी पार्टियों और खासकर राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने दिखाया है उससे पूरा देश और लोकतंत्र शर्मसार हुआ है।'
इसके अलावा बीजेपी नेता केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और कुछ और विपक्ष के लोग तो शुरू से ही कह रहे थे कि हम संसद के सत्र को वाशआउट करने के लिए वाशिंग मशीन लेकर आए हैं। आप सिर्फ संसद को ही बदनाम नहीं कर रहे हैं बल्कि पूरे देश को बदनाम करने की षड़यंत्र और साजिशें कर रहे हैं।
गौरतलब है कि इस बार संसद का मानसूत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया है। हंगामे के चलते पूर्व निर्धारित समय से दो दिन पहले ही बुधवार को संसद की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। मानसून सत्र की शुरुआत से ही संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में लगातार गतिरोध बना रहा। यही वजह है कि मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में मात्र 22 प्रतिशत कामकाज हो पाया तो राज्यसभा में यह महज 28 प्रतिशत रहा। सत्र के दौरान संविधान (127वां संशोधन) विधेयक समेत कुल 20 विधेयक पारित हुए।
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