मोदी जी का मास्टर स्ट्रोक - मेडीकल में सामाजिक एवं आर्थिकरूप पिछडों को आरक्षण
केंद्र सरकार का बड़ा फैसला
मोदी जी का मास्टर स्ट्रोक - मेडीकल शिक्षा में सामाजिक एवं आर्थिकरूप पिछडा वर्ग को आरक्षण
- अरविन्द सिसौदिया 9414180151
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तेजी से फैसले लेने और उन पर काम करने के लिये मशहूर है। उनकी सरकार ने जिस तरह मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के अन्याय से मुक्त करवाया उसी तरह दसकों से अन्य पिछडा वर्ग और आर्थिक रूप से पिछडे लोग मेडीकल शिक्षा में अपना प्रतिनिधित्व पर्याप्त नहीं कर पाते थे। प्रधानमंत्री मोदी जी ने इसे समझा और रास्ता निकाला । उन्होनें वर्तमान शैक्षणिक सत्र से ही स्नातक और स्नातकोत्तर मेडिकल/डेंटल पाठ्यक्रमों के लिए अखिल भारतीय कोटा योजना में ओबीसी को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान कर एक ऐतिहासिक निर्णय लिया। इससे हर साल हजारों की संख्या में युवाओं को बेहतर अवसर हासिल होगा और देश में सामाजिक न्याय का पूर्णता होगी।
मोदी जी की सरकार का यह निर्णय मास्टर स्ट्रोक साबित हो रही है विशोष कर अडंगेबाजी की राजनीति करने वाली कांग्रेस सहित कई दलों के विरूद्ध। विशेषकर उन दलों को जो पिछडा वर्ग की राजनिति तो करते है। मगर उनके लिये सोचते कभी नहीं है।
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मेडिकल में अन्य पिछड़ा वर्ग यानि ओबीसी को आरक्षण
मेडिकल शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का फैसला किया गया है। इसे वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2021-22 से ही लागू किया जाएगा।
केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, मेडिकल एजुकेशन में OBC को 27% और EWS को मिलेगा 10% रिजर्वेशन
Reservation in medical education: मेडिकल एजुकेशन में वर्तमान एकेडमिक ईयर 2021-22 से अखिल भारतीय कोटा (AIQ) के तहत आरक्षण दिया जाएगा.
Reservation in medical education: देश में मेडिकल एजुकेशन को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. मेडिकल एजुकेशन में अखिल भारतीय कोटा (AIQ) के तहत आरक्षण दिया जाएगा. इसके तहत वर्तमान एकेडमिक ईयर 2021-22 से अंडरग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल और डेंटल कोर्स के लिए अखिल भारतीय कोटा (AIQ) योजना के तहत OBC और आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) वर्ग के कैंडिडेट्स को रिजर्वेशन दिया जाएगा. फैसले के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को 27% और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उम्मीदवारों को 10% आरक्षण मिलेगा.
इस फैसले से हर साल लगभग 1500 ओबीसी विद्यार्थियों को एमबीबीएस में और 2500 ओबीसी विद्यार्थियों को PG में वहीं 550 EWS विद्यार्थियों को एमबीबीएस और लगभग 1000 विद्यार्थियों को PG में लाभ मिलेगा. देश भर के ओबीसी विद्यार्थी अब किसी भी राज्य में सीटों के लिए कम्पटीशन करने के लिए AIQ योजना में आरक्षण का लाभ ले सकेंगे. एक केंद्रीय योजना होने के कारण इस आरक्षण के लिए ओबीसी की केंद्रीय सूची का इस्तेमाल किया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष से UG और PG मेडिकल और डेंटल पाठ्यक्रमों के लिए अखिल भारतीय कोटा योजना में अन्य पिछड़ा वर्ग को और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण प्रदान करने के सरकार के ऐतिहासिक फैसले की सराहना की है.
पीएम ने बताया ऐतिहासिक फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा “हमारी सरकार ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष से स्नातक और स्नातकोत्तर मेडिकल/डेंटल पाठ्यक्रमों के लिए अखिल भारतीय कोटा योजना में ओबीसी को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का एक ऐतिहासिक फैसला किया है. इससे हरसाल हजारों की संख्या में युवाओं को बेहतर अवसर हासिल करने और हमारे देश में सामाजिक न्याय का एक नया उदाहरण पेश करने में सहायता मिलेगी.”
5,550 छात्र होंगे लाभान्वित
इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर कहा कि ‘देश में मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में सरकार द्वारा ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है. ऑल इंडिया कोटे के तहत अंडरग्रेजुएट/पोस्ट ग्रेजुएट, मेडिकल और डेंटल शिक्षा में ओबीसी वर्ग के छात्रों को 27% व कमजोर आय वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों को 10% आरक्षण दिया जाएगा. इस निर्णय से मेडिकल और डेंटल शिक्षा में प्रवेश के लिए ओबीसी तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) से आने वाले 5,550 छात्र लाभान्वित होंगे. देश में पिछड़े और कमजोर आय वर्ग के उत्थान के लिए उन्हें आरक्षण देने को सरकार प्रतिबद्ध है.’
पिछले 6 साल के दौरान, देश में एमबीबीएस की सीटें 2014 की 54,348 से 56 प्रतिशत बढ़कर 2020 में 84,649 और पीजी सीटों की संख्या 2014 की 30,191 से 80 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में 54,275 हो गई हैं. इसी अवधि के दौरान 179 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की गई. अब देश में 558 मेडिकल कॉलेज है जिनमें 289 सरकारी और 269 प्राइवेट हैं.
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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव जी की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु
भारतीय जनता पार्टी ओबीसी समाज और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के युवाओं को मेडिकल कॉलेज की PG और UG की पढ़ाई में क्रमशः 27 प्रतिशत और 10 प्रतिशत आरक्षण का निर्णय लेने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को हार्दिक बधाई देती है और उनका अभिनंदन करती है।
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उनके इस एक निर्णय से हर साल एमबीबीएस में लगभग 1,500 ओबीसी और 550 ईडब्ल्यूएस छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा। वहीं, मेडिकल के स्नातकोत्तर कोर्स में 2,500 ओबीसी छात्रों और करीब 1,000 ईडब्ल्यूएस छात्रों को प्रवेश का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।
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ओबीसी समुदाय के कल्याण के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाये हैं। ये माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं जिन्होंने ओबीसी कमीशन को संवैधानिक मान्यता देकर पिछड़े वर्ग के लोगों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया।
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मोदी सरकार में दलित, पिछड़े, ओबीसी एवं महिलाओं को व्यापक प्रतिनिधित्व मिला है। वर्तमान में मोदी सरकार में 27 मंत्री ओबीसी समुदाय से हैं जबकि 20 एससी/एसटी समुदाय से हैं और 11 महिलायें हैं।
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कांग्रेस को बताना चाहिए कि लंबे समय तक सत्ता में रहकर उसने OBC के हितों के विषयों को क्यों रोके रखा? आर्थिक रूप से कमजोर तबके के 10% आरक्षण के लिए कांग्रेस ने क्यों नही कुछ किया?
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बाबा साहब के सिद्धांतों को जमीन पर यदि किसी सरकार ने उतारा है तो वह माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार है। कांग्रेस इस दिशा में कुछ भी नहीं कर पाई। इसलिए उसकी 'खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे' वाली स्थिति होनी स्वभाविक है।
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माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के मंत्र के साथ ‘ईज ऑफ लिविंग’ का विचार प्रतिपादित किया है ताकि ताकि भेदभाव से मुक्त समाज में पिछड़े लोगों को बुनियादी सुविधाएं शीघ्र और सस्ती दर पर उपलब्ध करायी जा सके।
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मोदी सरकार की हर योजना, हर कार्यक्रम का केंद्र बिंदु गरीब, कमजोर, पिछड़ा तबका है। अंत्योदय प्रधानमंत्री का संकल्प है और समतामूलक एवं न्यायपूर्ण समाज की स्थापना उनका उद्देश्य।
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माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार के साथ ही सामाजिक न्याय को भी प्राथमिकता दी है।
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मोदी सरकार में पिछले 5 वर्षों में 179 नए मेडिकल कॉलेज खुले हैं। देश में अब 558 मेडिकल कॉलेज हैं। देश में यूजी की सीटों में 56% के करीब और पीजी की सीटों में 80% के करीब बढ़ोतरी की गई। इसका बहुत बड़ा फायदा ओबीसी, एससी, एसटी समुदाय को मिल रहा है।
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एससी और ओबीसी वर्ग के छात्रों की फ्री-कोचिंग और प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति की पात्रता के लिए वार्षिक आय को बढ़ा दिया गया है। ओबीसी वर्ग के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति में भी भारी वृद्धि की गई।
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चाहे प्रधानमंत्री आवास योजना हो, आयुष्मान भारत योजना हो, जन-धन योजना हो, उज्ज्वला योजना हो या अन्य योजनायें, हमारी सरकार की हर योजना में पिछड़े वर्ग, एससी, एसटी और महिलाओं को लाभ मिला है।
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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव ने आज पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और सामाजिक समरसता के सिद्धान्त को आधार मानकर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा ओबीसी, अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के कल्याण के लिए उठाये गए क़दमों की भूरि-भूरि सराहना की।
श्री यादव ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के मंत्र के साथ ‘ईज ऑफ लिविंग’ का विचार प्रतिपादित किया है ताकि ताकि भेदभाव से मुक्त समाज में पिछड़े लोगों को बुनियादी सुविधाएं शीघ्र और सस्ती दर पर उपलब्ध करायी जा सके। अब पिछड़ों, दलितों, शोषितों और वंचितों को भी लगने लगा है कि केंद्र में उनकी सरकार है और वास्तव में उनके लिए काम किया जा रहा है। हमारे प्रधानमंत्री जी ने सामाजिक सद्भाव के माध्यम से वंचित तबकों के सपने को साकार किया है और उनमें नई आकांक्षाएं पैदा की हैं। मोदी सरकार की हर योजना, हर कार्यक्रम का केंद्र बिंदु गरीब, कमजोर, पिछड़ा तबका है। अंत्योदय प्रधानमंत्री का संकल्प है और समतामूलक एवं न्यायपूर्ण समाज की स्थापना उनका उद्देश्य।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार के साथ ही सामाजिक न्याय को भी प्राथमिकता दी है। परसों, 29 जुलाई 2021 को ही आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने मेडिकल शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का ऐतिहासिक फैसला किया। इसे वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से ही लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत एमबीबीएस, एमएस, बीडीएस, एमडीएस और डिप्लोमा में 5,550 छात्रों को फायदा मिलेगा। उनके इस एक निर्णय से हर साल एमबीबीएस में लगभग 1,500 ओबीसी और 550 ईडब्ल्यूएस छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा। वहीं, मेडिकल के स्नातकोत्तर कोर्स में 2,500 ओबीसी छात्रों और करीब 1,000 ईडब्ल्यूएस छात्रों को प्रवेश का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी OBC समाज और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के युवाओं को मेडिकल कॉलेज की PG और UG की पढ़ाई में आरक्षण का निर्णय लेने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को हार्दिक बधाई देती है और उनका अभिनंदन करती है।
श्री यादव ने कहा कि ओबीसी समुदाय के कल्याण के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाये हैं। पिछड़ा वर्ग के आयोग को संवैधानिक दर्जा देने करने की मांग एक लंबे समय से चली आ रही थी। कांग्रेस की यूपीए सरकार के पिछले 10 वर्ष में पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं दिया गया। ये माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं जिन्होंने ओबीसी कमीशन को संवैधानिक मान्यता देकर पिछड़े वर्ग के लोगों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया।
विपक्ष पर हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को बताना चाहिए कि लंबे समय तक सत्ता में रहकर उसने OBC के हितों के विषयों को क्यों रोके रखा? आर्थिक रूप से कमजोर तबके के 10% आरक्षण के लिए कांग्रेस ने क्यों नही कुछ किया? जब मोदी सरकार यह कर रही है तो कांग्रेस की स्थिति 'खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे' वाली होनी स्वभाविक है।
श्री यादव ने कहा कि मोदी सरकार में पिछले 5 वर्षों में 179 नए मेडिकल कॉलेज खुले हैं। देश में अब 558 मेडिकल कॉलेज हैं। देश में यूजी की सीटों में 56% के करीब और पीजी की सीटों में 80% के करीब बढ़ोतरी की गई। इसका बहुत बड़ा फायदा ओबीसी, एससी, एसटी समुदाय को मिल रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार में दलित, पिछड़े, ओबीसी एवं महिलाओं को व्यापक प्रतिनिधित्व मिला है। वर्तमान में मोदी सरकार में 27 मंत्री ओबीसी समुदाय से हैं जबकि 20 एससी/एसटी समुदाय से हैं और 11 महिलायें हैं। ओबीसी आरक्षण में ‘क्रीमी लेयर’ की आय सीमा भी बढ़ाई गई। चाहे प्रधानमंत्री आवास योजना हो, आयुष्मान भारत योजना हो, जन-धन योजना हो, उज्ज्वला योजना हो या अन्य योजनायें, हमारी सरकार की हर योजना में पिछड़े वर्ग, एससी, एसटी और महिलाओं को लाभ मिला है। एससी और ओबीसी वर्ग के छात्रों की फ्री-कोचिंग और प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए वार्षिक आय की पात्रता को बढ़ा दिया गया है। ओबीसी वर्ग के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति में भारी वृद्धि की गई।
श्री यादव ने कहा कि पहली बार घुमंतू और अर्ध-घुमंतू जातियों के लिए मोदी सरकार में एक राष्ट्रीय आयोग का गठन किया। बाबा साहब के सिद्धांतों को जमीन पर यदि किसी सरकार ने उतारा है तो वह माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार है।
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