अफगान मुद्दे को राजनैतिक रंग दिया, तो देश की मुश्किलें बढ़ेंगी - अरविन्द सिसौदिया


 

अफगान मुद्दे को राजनैतिक रंग दिया, तो देश की मुश्किलें बढ़ेंगी - अरविन्द सिसौदिया
 

 पंद्रह अगस्त को तालिवान ने अफगानिस्तान में अपना कब्जा कर लिया। यह वहां की तत्कालीन सरकार और फौज के लगभग आत्म समर्पण जैसे व्यवहार के कारण हुआ। यह सब इतनी जल्दी हुआ कि पूरी दुनिया हक्की बक्की रह गई। भारत ही नहीं तमाम अन्य देशों के नागरिक वहां फंसे हुये है। उन्हे सकुशल बाहर निकालना ही सभी देशों की प्राथमिकता है। इस बीच काबुल हवाई अड्डे पर दो आतंकी बम धमाकों में बहुत से लोग मारे जा चुके हैं। वहां कोई किसी की मदद की स्थिती में नहीं है। सब कुछ आराजकता ग्रस्त है। तालिवानों ने कथित तौर पर एक अस्थाई सरकार भी बनाई है। मगर शासन - प्रशासन जैसा अभी वहां कुछ भी नहीं है। आतंकी दुनिया में जीने वाले लोगों का वहां कब्जा है , मनमर्जी है। सभी देशों के सामनें अभी निर्णय लेनें का संकट है। क्यों कि निर्णायक भूमिका अमरीका की ही होनी थी, जो खुद फंसा हुआ है। डर यह है कि तालिवान के अलावा भी बहुत से अन्य आतंकी गुट है। उनकी क्या मंसा है। तालमेल हुआ है कि नहीं हुआ है। बर्चस्व के क्या क्या प्रश्न और मसले उनमें उभरेंगे। यह अभी भविष्य के गर्भ में हे। इसलिये कांग्रेस सहित सभी दलों को राष्ट्रहित और दूरदृष्टि से काम लेना चाहिये। विभिन्न चैनलों पर डिबेट करवानें में भी संयम वर्ता जाना चाहिये। कांग्रेस सहित तमाम दलों ने एक जुटता दिखाई है। किन्तु कांग्रेस के प्रवक्ता ठीक इसके विपरीत प्रश्न उठा रहे है। ये खुलाशा करो वो खुलाशा करो की गैर जरूरी सवालात उछाल रहे है। इनका लाभ तो क्या होगा पता नहीं मगर एक एक शब्द अभी सोच समझ कर बोलनें की जरूरत हे। क्यों कि वहां नागरिक फंसे हुये है। आतंकवाद से भारत नहीं घबराता 1000-800 साल से भारत इससे जुझ रहा है उन्हे पराजित भी कर रहा हे। सवाल अभी राजनीति से ऊपर उठ कर हालात संभालने का है। भारतीय नागरिक सही सलामत वापस आ जायें यही सर्वोच्च प्रथमिकता सभी दलों की होनी चाहिये। इस हेतु आवश्यक संयम की भी जरूरत हे। वहीं सभी रणनीतियां गुप्त भी रखनी होंगी, अन्यथा फायदा चीन पाकिस्तान को होगा और नुकसान भारत का होगा।

 

 सर्वदलीय बैठक (PTI)
अफगानिस्तान: कांग्रेस ने अटल का नाम लेकर मोदी सरकार को घेरा, कहा- PM करें ब्रीफ

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 सर्वदलीय बैठक (PTI)

 

 Afghanistan Crisis : 

सर्वदलीय बैठक के बाद जयशंकर ने कहा- अफगानिस्तान के मुद्दे पर सभी दल सरकार के साथ
Edited by नवीन कुमार पाण्डेय | नवभारतटाइम्स.कॉम Updated: Aug 26, 2021

All Party Meeting : सरकार ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि अफगानिस्तान के ताजा हालात गंभीर हैं, इसलिए उसने अपना फोकस वहां फंसे अपने कर्मियों और अन्य लोगों को

हाइलाइट्स-

- सरकार ने सर्वदलीय बैठक में अफगानिस्तान के ताजा हालात की जानकारी दी

- उसने बैठक में शामिल नेताओं को बताया कि अफगानिस्तान की हालत गंभीर है


- सरकार ने कहा कि भारतीय कर्मियों को वहां से निकालना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है

नई दिल्ली
सरकार ने विभिन्न राजनीतिक दलों से कहा है कि अफगानिस्तान में फंसे लोगों को निकालना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार ने आज साढ़े तीन घंटे चली सर्वदलीय बैठक में नेताओं को अफगानिस्तान की ताजा स्थिति की जानकारी दी। उसने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति गंभीर है, इसलिए भारतीय कर्मियों को बाहर निकालना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। बैठक के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मीडिया को बताया कि अफगानिस्तान के मुद्दे पर सभी दल सरकार के साथ हैं।

अब तक 565 लोगों को निकाला गया
संसदीय सौंध (Parliament House Annex) में आयोजित इस बैठक में जयशंकर के अलावा राज्यसभा के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल तथा संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी मौजूद थे। पिछले सप्ताह अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे की पृष्ठभूमि में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राजनीतिक दलों के नेताओं को वहां के ताजा हालात की जानकारी दी। सरकार ने बताया कि अफगानिस्तान से अब तक 565 लोगों को निकाला गया। विदेश मंत्रालय की स्पेशल सेल में अब तक मदद के लिए 3,014 कॉल के जवाब दिए गए, वॉट्सऐप के जरिए 7,826 जवाब दिए गए जबकि ईमेल से भी 3,101 जवाब दिए गए।

हमें देश और लोगों के हित में एकजुट होकर काम करना है। उन्होंने मीटिंग में 'वेट एंड वॉच' के लिए बोला है।
मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता, कांग्रेस संसदीय दल, राज्यसभा

31 दलों के 37 नेता मीटिंग में रहे मौजूद
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मीडिया को बताया कि 31 पार्टियों के 37 नेता बैठक में मौजूद थे। इस मुद्दे पर सरकार और सब राजनीतिक पार्टियों की एक जैसी राय है। उन्होंने कहा, 'हम ज्यादातर भारतीयों को वापस ले आए हैं लेकिन सबको वापस नहीं लाए हैं। हम कुछ अफगान नागरिकों को भी लाए हैं जो इस समय भारत आना चाहते थे। सरकार जल्दी से जल्दी लोगों की पूरी वापसी सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।'


फंसे लोगों को निकालना सर्वोच्च प्राथमिकता
बैठक में हिस्सा लेने वाले कुछ नेताओं के अनुसार, विदेश मंत्री ने कहा कि भारत, अफगानिस्तान से यथासंभव अधिक लोगों को बाहर निकालने का प्रयास कर रहा है । उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय कर्मियों को निकालना सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार ने युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान की स्थिति को गंभीर बताया और कहा कि तालिबान ने दोहा समझौते में किये गए वादे को तोड़ा है। तालिबान नेताओं और अमेरिका के बीच फरवरी 2020 में हुए दोहा समझौते में धार्मिक स्वतंत्रता और लोकतंत्र को रेखांकित किया गया था । इसमें काबुल में एक ऐसी सरकार की बात कही गई थी जिसमें अफगानिस्तान के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो। 


हम ज्यादातर भारतीयों को वापस ले आए हैं लेकिन सबको वापस नहीं लाए हैं। हम कुछ अफगान नागरिकों को भी लाए हैं जो इस समय भारत आना चाहते थे। सरकार जल्दी से जल्दी लोगों की पूरी वापसी सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
- एस. जयशंकर, विदेश मंत्री

इन नेताओं ने लिया मीटिंग में भाग
इस महत्वपूर्ण बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक नेता टी आर बालू, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल सहित कुछ अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक से निकलने के बाद राज्यसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'हमें देश और लोगों के हित में एकजुट होकर काम करना है। उन्होंने मीटिंग में 'वेट एंड वॉच' के लिए बोला है।'

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आतंकवाद पर साझा अन्तर्राष्ट्रिय रणनीति की जरूरत - अरविन्द सिसौदिया
https://arvindsisodiakota.blogspot.com/2021/08/blog-post_81.html
वहां क्या हो रहा है,किसी को कुछ नहीं पता। तालिबान हो या कोई ओर,खूनी सिकंजे में अफगानिस्तान फंस चुका है। यह खेल समाप्त तो क्या होगा...? आगे और बढेगा !! संसार का उसूल है जैसे के साथ तैसा वाला और उसी से मार्ग मिलता है। यह मामला सिर्फ अमरीका का नहीं है बल्कि सम्पूर्ण विश्व का है और सभी आतंकवादियों के विरूद्ध है। नाम बदलने से हिंसा के अंजाम नहीं बदलता !  एक सामूहिक अन्तर्राष्ट्रिय रणनीति एवं रणकौशल की जरूरत है। फिलहाल यह असंभव सा लग रहा है। किन्तु समय रास्ता निकालता ही हे और कोई न कोई रास्ता निकलेगा भी ।


अफगानस्तिन में असली “खेला“ होना बांकी है - अरविन्द सिसौदिया
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कूटनीति की तराजू पर तालिवान का निष्कंट राज नहीं दिख रहा है। अभी असली खेल चालू होना है। रूस और चीन के बीच अब शीतयुद्ध अफगानिस्तान के कारण होगा। क्यों कि अफगानिस्तान बहुमूल्य खनिजों के भण्डार के साथ साथ अपना सामरिक महत्व भी रखता है। चीन हर हाल में अफगानिस्तान पर तिब्बत की तरह कब्जा जमानें की फिराक में रहेगा। रूस के सहयोग से पहले भी वामपंथी विचार वाली सरकार अफगान में रही है। वह फिर उसी तरह की सरकार लानें का यत्न करेगा। वहीं चीन को रोकनें की सबसे अधिक कोशिश ही रूस की होगी । रूस कभी नहीं चाहेगा कि अफगान में चीन के पैर जमें। अफगान में असली खेला होना बांकी है।


शहीद मंदिर हुआ था, ढांचा तो अतिक्रमण था - अरविन्द सिसौदिया
https://arvindsisodiakota.blogspot.com/2021/08/9414180151.html
शहीद ढांचा नहीं मंदिर हुआ था, ढांचा तो अतिक्रमण था, जिसे जनमत ने हटा दिया।
इस तरह का कुत्य पूरी दुनिया में इस्लामी आक्रमण कर्ताओं ने किये, भारत में सोमनाथ मंदिर पर , काशी विश्वनाथ मंदिर पर, अयोध्या के श्रीराम जन्म भूमि मंदिर पर, मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर पर ही नहीं अपितु लाखों मंदिरों और करोडा मूर्तियों सहित अनेको किलों और भव्य इमारतों का इस्लामी करण रूपी अतिक्रमण हुआ था। देश आजाद होते ही इन्हे पुनः अपने भव्य और मूल स्परूप में आनें का अधिकार है और किसी को भी, इसमें बाधा बनने का अधिकर नहीं हे। 

 

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 सर्व दलीय बैठक
सर्वदलीय बैठक में बोले जयशंकर: अफगानिस्तान में हालात अच्छे नहीं, लोगों को जल्द से जल्द निकालना जरूरी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: संजीव कुमार झा Updated Thu, 26 Aug 2021

खास बातें
अफगानिस्तान संकट पर चर्चा करने के सर्वदलीय बैठक जारी है। इस बैठक में अफगानिस्तान को लेकर भारत की आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। इसके अलावा इस बैठक में अफगानिस्तान में भारत के निकासी मिशन और राजधानी काबुल समेत तालिबान के कब्जे वाले शहरों में बिगड़ते हालात पर चर्चा की जाएगी।
लाइव अपडेट
03:32 PM, 26-AUG-2021
कांग्रेस ने उठाया महिला अफगान राजनयिक का मुद्दा

बैठक के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने एक महिला अफगान राजनयिक का मुद्दा उठाया जिन्हें डिपोर्ट कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि यह एक गलती थी, ऐसा दोबारा नहीं होगा और वो इस मामले को देखेंगे।
03:10 PM, 26-AUG-2021
देश के हितों के लिए मिलकर काम करने की जरूरत: खड़गे

अफगानिस्तान को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक को लेकर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह पूरे देश की समस्या है। हमें लोगों और देश के हितों के लिए मिलकर काम करना होगा। उन्होंने हमसे इंतजार करने और नजर बनाए रखने को लिए कहा है। सभी दलों ने ऐसा ही विचार व्यक्त किया है।
02:41 PM, 26-AUG-2021
हमने छह निकासी उड़ानें संचालित की: डॉ. एस जयशंकर

डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि ऑपरेशन 'देवी शक्ति' के तहत हमने छह निकासी उड़ानें संचालित की हैं। हम अधिकांश भारतीयों को वापस लाए हैं, लेकिन उन सभी को नहीं, क्योंकि उनमें से कुछ लोग उड़ान के दिन नहीं पहुंच सके। हम निश्चित रूप से कोशिश करेंगे और सभी को बाहर लाएंगे।  
02:38 PM, 26-AUG-2021
अफगान नागरिकों के लिए ई-वीजा प्रणाली शुरू की गई: एस जयशंकर

अफगान नागरिकों के लिए ई-वीजा प्रणाली शुरू की गई है। एक सुव्यवस्थित तरीके से अफगानिस्तान से प्रत्यावर्तन और अन्य अनुरोधों के समन्वय के लिए 16 अगस्त को विशेष अफगान सेल की स्थापना की गई थी। कॉल, ईमेल और व्हाट्सएप संदेशों पर अनुरोधों का जवाब देने के लिए 24X7 सेवा दी जा रही है।

 
02:37 PM, 26-AUG-2021
बैठक में 31 पार्टियों के 37 नेता मौजूद थे

अफगानिस्तान पर सर्वदलीय बैठक के बाद विदेश मंत्री डॉ. एस.जयशंकर ने कहा कि 31 पार्टियों के 37 नेता बैठक में मौजूद थे। इस मुद्दे पर सरकार और सब राजनीतिक पार्टियों की एक जैसी राय है।
02:36 PM, 26-AUG-2021
हम सभी की कर रहे मदद: एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि हम ज्यादातर भारतीयों को वापस ले आए हैं लेकिन सबको वापस नहीं लाए हैं। हम कुछ अफगान नागरिकों को भी लाए हैं जो इस समय भारत आना चाहते थे। सरकार जल्दी से जल्दी लोगों की पूरी वापसी सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
02:34 PM, 26-AUG-2021
अब तक 565 लोग अफगानिस्तान से निकाले गए

विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार अब तक अफगानिस्तान से 175 दूतावास कर्मियों, 263 अन्य भारतीय नागरिक, हिंदुओं और सिखों सहित 112 अफगान नागरिक, 15 तीसरे देश के नागरिक यानी कि कुल 565 लोगों को निकाला गया। भारत सरकार ने अन्य एजेंसियों द्वारा भारतीयों को निकालने में भी मदद की।
12:41 PM, 26-AUG-2021
अफगानिस्तान से जल्द से जल्द लोगों को निकालना जरूरी: डॉ. एस जयशंकर

अफगान संकट पर चल रही सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान में हालात अच्छे नहीं हैं। जितनी जल्दी हो सके लोगों को वहां से निकालना जरूरी है। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है।
12:19 PM, 26-AUG-2021
विदेश सचिव श्रृंगला ने दी अफगानिस्तान संकट पर जानकारी

केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला द्वारा अफगानिस्तान संकट पर अहम जानकारी दी गई। इसके बाद सभी राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा सवाल पूछे जा रहे हैं और सुझाव दिए जा रहे हैं।
11:29 AM, 26-AUG-2021
असदुद्दीन ओवैसी और टीएमसी के प्रतिनिधि ने भी लिया भाग

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस बैठक में भाग लिया है। वहीं तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए हैं।
11:19 AM, 26-AUG-2021
बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और प्रहलाद जोशी भी मौजूद

अफगानिस्तान संकट पर होने वाली अहम बैठक में भारत सरकार की तरफ से विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और प्रहलाद जोशी भी मौजूद हैं।
 
11:09 AM, 26-AUG-2021
खड़गे समेत कई बड़े नेता पहुंचे बैठक में भाग लेने के लिए

सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के लिए कई बड़े नेता संसद पहुंच चुके हैं। इनमें एनके प्रेमचंद्रन, लल्लन सिंह, बिनय विश्वम और प्रसन्ना आचार्य शामिल हैं। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंग्ला भी पहुंच चुके हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी समेत अन्य नेता भी बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं।
11:04 AM, 26-AUG-2021
सभी दलों के नेताओं को हालात से अवगत कराएंगे डॉ. एस जयशंकर

इसके साथ ही इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, राजनीतिक पार्टियों के संसदीय दलों के नेताओं को अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति से अवगत कराएंगे। इसकी जानकारी संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक ट्वीट के माध्यम से दी थी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि राजनीतिक पार्टियों के संसदीय दलों के नेताओं को विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर द्वारा अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति के बारे में 26 अगस्त, सुबह 11 बजे मुख्य समिति कक्ष, संसद भवन सौंध, नई दिल्ली में जानकारी दी जाएगी। ईमेल के जरिए आमंत्रण भेजे जा रहे हैं। सभी संबंधित लोगों से शरीक होने का अनुरोध किया जाता है।
10:53 AM, 26-AUG-2021
सर्वदलीय बैठक में बोले जयशंकर: अफगानिस्तान में हालात अच्छे नहीं, लोगों को जल्द से जल्द निकालना जरूरी

 अफगानिस्तान संकट पर चर्चा करने के सर्वदलीय बैठक जारी है। इस बैठक में अफगानिस्तान को लेकर भारत की आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। इसके अलावा इस बैठक में अफगानिस्तान में भारत के निकासी मिशन और राजधानी काबुल समेत तालिबान के कब्जे वाले शहरों में बिगड़ते हालात पर चर्चा की जाएगी।

 

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सरकार अफगानिस्तान से भारतीयों को वापस लाने को पूरी तरह प्रतिबद्ध : जयशंकर

  पीटीआई-भाषा संवाददाता 16:4 HRS IST


नयी दिल्ली, 26 अगस्त (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को अफगानिस्तान की ताजा स्थिति की जानकारी दी और कहा कि सरकार वहां से भारतीयों को वापस लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है जहां स्थिति ‘गंभीर’ है।

तालिबान को लेकर भारत के रूख के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि अफगानिस्तान में स्थिति ठीक नहीं हुई है, इसे ठीक होने दीजिए । उन्होंने कहा, ‘‘ आपको संयम रखना होगा । वहां स्थिति ठीक होने दें । ’’

पिछले सप्ताह तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने की पृष्ठभूमि में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राजनीतिक दलों के नेताओं को उस देश के ताजा हालात के बारे में जानकारी दी । संसदीय सौंध में आयोजित इस बैठक में जयशंकर के अलावा राज्यसभा के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल तथा संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी मौजूद थे ।

बैठक में मौजूद लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकालने के अभियान के संबंध में उपलब्ध कराये गए आंकड़ों के अनुसार, सरकार ने दूतावास के 175 कर्मियों, 263 अन्य भारतीय नागरिकों, हिन्दू एवं सिख समेत अफगानिस्तान के 112 नागरिकों, तीसरे देशों के 15 नागरिकों को बाहर निकाला और यह कुल आंकड़ा 565 है।

दस्तावेज के मुताबिक, सरकार ने अन्य एजेंसियों के माध्यम से भारतीयों को निकालने की सुविधा भी उपलब्ध करायी ।

इस महत्वपूर्ण बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक नेता टी आर बालू, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल सहित कुछ अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया।

जयशंकर ने यह भी कहा कि सरकार सभी भारतीयों को अफगानिस्तान से वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है ।

विदेश मंत्री जयशंकर ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि‘‘ इस बारे में (अफगानिस्तान के बारे में) सभी दलों के विचार समान हैं, हमने मुद्दे पर राष्ट्रीय एकता की भावना से बात की ।’’

 

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तालिबान सरकार का गठन शुरू, खूंखार आतंकी बना अफगानिस्तान का रक्षामंत्री

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अफगानिस्तान में काबुल में कब्जा करने के बाद अब तालिबान सरकार के गठन का कार्य तेजी से शुरू हो गया. इस दौरान तालिबान अधिकृत अफगानिस्तान को चलाने के लिए वहां की सरकार अलग-अलग विभागों के लिए प्रमुख की नियुक्त कर रही है. सूत्रों की मानें, तो अफगानिस्तान में 20 साल बाद अफगान में वापसी करने के बाद तालिबान ने ग्वांतानामो बे जेल के पूर्व बंदी मुल्ला अब्दुल कय्यूम जाकिर को अफगानिस्तान का अंतरिम रक्षा मंत्री नियुक्त कर दिया है. साथ ही हाजी मोहम्मद इदरीस को देश के केंद्रीय बैंक द अफगानिस्तान बैंक (DAB) का कार्यवाहक प्रमुख नियुक्त किया गया है.

मालूम हो कि मुल्ला अब्दुल कय्यूम जाकिर एक अनुभवी तालिबानी कमांडर है और तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का करीबी सहयोगी भी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में आतंकी हमले के बाद उसे 2001 में अमेरिकी नेतृत्व वाली सेनाओं ने पकड़ लिया था और 2007 तक ग्वांतानामो बे की जेल में बंदी बनाकर रखा गया था. लेकिन बाद में उसे रिहा कर के अफगानिस्तान सरकार को सौंप दिया गया. बता दें कि मुल्ला अब्दुल तालिबान के खूंखार आतंकियों में से एक है. जिसे ग्वांतानामो बे क्यूबा में अमेरिकी सेना की एक उच्च सुरक्षा वाली जेल में रखा गया था, जहां केवल हाई-प्रोफाइल आतंकवादियों को कैद में रखा जाता है.

हालांकि अफगानिस्तान में अभी औपचारिक सरकार का गठन नहीं किया गया है, लेकिन देश को सुव्यवस्थित रखने के लिए तालिबान ने अलग-अलग विभागों के प्रमुख को नियुक्त करना शुरू कर दिया है. इसकी पुष्टि करते हुए तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि इदरीस को "सरकारी संस्थानों और बैंकिंग मुद्दों को व्यवस्थित करने और लोगों की समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से" नियुक्त किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अफगानिस्तान की तालिबान सरकार में गुल आगा को कार्यवाहक वित्त मंत्री और सदर इब्राहिम को कार्यवाहक आंतरिक मंत्री के रूप में नामित किया गया है.

 

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