स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा की गुरूवर रविन्द्रनाथ टैगोर को अनुपम आदरांजली
स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा की गुरूवर रविन्द्रनाथ टैगोर को अनुपम आदरांजली - अरविन्द सिसौदिया
भारतीय स्वतंत्रता का ध्वजवाहक गीत,नारा या महामंत्र तो वन्दे मात्रम ही था। राजनीति है सो राष्ट्रगान में भी हो गई और वन्दे मातरम की जगह,जन गण मन राष्ट्रगान बना । संविधान सभा के अध्यक्ष एवं प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद जी ने सहासपूर्वक राष्ट्रगीत के रूप में वन्दे मातरम को दर्ज करवा कर महामंत्र का मान रखा । मातृभूमि की आराधना की दृष्टि से दोनो ही गीत उपयुक्त है।
जन गण मन राष्ट्रगान के रचियता गुरूवर रविन्द्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि 7 अगस्त के अवसर पर तोक्यो ओलिंपिक में नीरज चोपड़ा ने इतिहास रचते हुये जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता और स्वर्ण पदक के सम्मान में वहां भारत का राष्ट्रगान गूंजा । यह रविन्द्रनाथ टैगोर जी को भी अनुपम आदरांजली थी। उनकी आत्मा को अत्यंत प्रशन्नता हुई होगी। कि उनकी पुण्यतिथि पर विश्व पटल पर उनकी उत्कृष्टकृति गुंजायमान हुई ।
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