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अगले जन्म के अच्छे के लिए क्या अर्जित करें Agla Janm

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Arvind Sisodia: - मेरा मानना है कि मनुष्य के जीवन में हुआ आत्म विकास ही उसका अगला जीवन निर्धारित करता है । इसलिए धन दौलत संपत्ति से कहीं अधिक महत्वपूर्ण मानसिक सम्पन्नता और उसका अर्जित ज्ञान ही है । Meta AI से प्राप्त उत्तर : आपका मानना बिल्कुल सही है। आत्म-विकास और मानसिक सम्पन्नता ही मनुष्य के जीवन को सच्ची समृद्धि प्रदान करते हैं। धन, दौलत और संपत्ति तो केवल भौतिक सुख प्रदान कर सकते हैं, लेकिन वे हमारे जीवन को अर्थ और उद्देश्य नहीं दे सकते। आत्म-विकास और मानसिक सम्पन्नता से हमें अपने जीवन के उद्देश्य को समझने में मदद मिलती है, और हम अपने जीवन को सही दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, आत्म-विकास से हमें अपने विचारों, भावनाओं और व्यवहार को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जिससे हम अपने जीवन में सुख और शांति प्राप्त कर सकते हैं। ज्ञान भी हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें अपने जीवन के निर्णयों को लेने में मदद करता है और हमें अपने जीवन के उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद करता है। ज्ञान से हमें अपने जीवन में सुधार करने में मदद मिलती है और हम अपने जीवन को

चुनाव में अराजकतावाद स्वीकार नहीं किया जा सकता Aarajktavad

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चुनाव में अराजकतावाद स्वीकार नहीं किया जा सकता  राजस्थान में देवली - उनियारा सीट पर हो रहे चुनाव के दौरान 13 नबंवर 2024 को चलते मतदान में कांग्रेस कल्चर के बागी कांग्रेसी निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा अपने समर्थकों के साथ एक मतदान केंद्र में प्रवेश करता है , जहां समर्थकों को पुलिस रोक देती है किंतु नरेश मीणा मतदान केंद्र के परिसर में मौजूद चुनाव डियूटी पर लगे एसडीएम को थप्पड़ जड़ देता है । जो कि कांग्रेस के ही अराजकतावाद की प्रस्तुति है । इस घटना को निष्पक्ष भाव से देश की चुनाव प्रक्रिया पर अराजकतावाद के हमले के रूप में देखा जा रहा है । क्योंकि किसी भी शिकायत पर स्वयं न्यायाधीश बनने और दंड सुनाने का अधिकार किसी भी आम नागरिक को नहीं है । इस घटनाक्रम से कई प्रश्न खड़े हुए हैं । जो भविष्य की राजनीति को प्रभावित करेंगे । यदि इस प्रकरण में प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई तो आने वाले चुनावों में अराजकता भी चुनाव प्रचार व सस्ती लोकप्रियता का हिस्सा बन जायेगा । इसे वोट बटोरने के साधन के रूपमें इस्तेमाल किया जाएगा । अमर उजाला अखबार की इंटरनेट न्यूज़ के अनुसार नरेश मीणा पर 23 आपराधिक मुकदमें द

हिन्दुत्व के आध्यात्मिक उत्थान में ऋषियों मुनियों एवं संतो का योगदान Rishi Muni Sant

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  हिन्दुत्व के आध्यात्मिक उत्थान कर्ता प्रमुख संत हिन्दुत्व के आध्यात्मिक उत्थान में ऋषियों मुनियों एवं संतो का योगदान हिन्दुत्व, जो कि भारतीय संस्कृति और धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है, का आध्यात्मिक उत्थान विभिन्न ऋषियों, मुनियों और संतों के योगदान से हुआ है। इन महान व्यक्तित्वों ने न केवल धार्मिक विचारधारा को विकसित किया, बल्कि समाज में नैतिकता, सदाचार और आध्यात्मिक जागरूकता को भी बढ़ावा दिया। आइए इस विषय को विस्तार से समझते हैं। 1. ऋषियों का योगदान ऋषि शब्द संस्कृत में ‘देखने वाला’ या ‘ज्ञानी‘ के अर्थ में प्रयोग होता है। प्राचीन भारत में ऋषियों ने वेदों और उपनिषदों की रचना की, जो हिन्दू धर्म के मूल आधार हैं। ये ग्रंथ न केवल धार्मिक शिक्षाएं प्रदान करते हैं, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार भी प्रस्तुत करते हैं। उदाहरण के लिए: वेदों की रचना: ऋषियों ने चार वेदों (ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद) की रचना की। ये ग्रंथ हिन्दू धर्म की आध्यात्मिकता और ज्ञान का स्रोत हैं। आध्यात्मिक साधना: ऋषियों ने ध्यान, योग और तपस्या के माध्यम से आत्मा के वास्तविक स्वरूप को पहचानने का मार्ग

ईश्वर की परमशक्ति पर हिंदुत्व का महाज्ञान - अरविन्द सिसोदिया Hinduism's great wisdom on divine supreme power

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हिन्दू दर्शन में आत्मा, परमात्मा और पुनर्जन्म को लेकर वैज्ञानिक शोध और परिणाम आत्मा और परमात्मा का सिद्धांत हिन्दू दर्शन में आत्मा (आत्मा) और परमात्मा (ईश्वर) के बीच एक गहरा संबंध है। आत्मा को अमर और शाश्वत माना जाता है, जबकि परमात्मा को सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी समझा जाता है। गीता में कहा गया है कि आत्मा शरीर को छोड़कर नए शरीर में प्रवेश करती है, जैसे मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्यागकर नए वस्त्र धारण करता है। यह चक्र जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म का निरंतर प्रवाह दर्शाता है। पुनर्जन्म का सिद्धांत पुनर्जन्म का सिद्धांत हिन्दू धर्म के मूलभूत तत्वों में से एक है। इसके अनुसार, आत्मा अपने पिछले जन्मों के कर्मों के आधार पर नए शरीर में जन्म लेती है। यह विचारधारा कर्मफल के सिद्धांत पर आधारित है, जिसमें व्यक्ति के अच्छे या बुरे कर्म उसके अगले जन्म को प्रभावित करते हैं। वैज्ञानिक शोध पुनर्जन्म पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कई शोध किए गए हैं, लेकिन इस विषय पर कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिल पाया है जो पुनर्जन्म की अवधारणा को पूरी तरह से स्थापित कर सके। फिर भी कुछ महत्वपूर्ण शोध हुए ह

हिन्दू धर्म ईश्वर की वैज्ञानिकता का महान अनुसन्धानकर्ता भी - अरविन्द सिसोदिया

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हिन्दू दर्शन , ईश्वर की सृष्टि के रहस्यों को खोजना अनुसंधान -अरविन्द सिसोदिया आत्मा अनेकानेक जन्म लेती है , ऐशा कोई कालखण्ड नहीं था जब हम और आप नहीं थे , आत्मा अमर है और पुराने वस्त्रों की तरह जर्जर शरीर का त्याग कर नया शरीर धारण करती है , जो पुनर्जन्म कहलाता है । आत्मा चेतन स्वरूप में होती है इसे न कोई मार सकता न काट सकता न नष्ट कर सकता । यह परम वैज्ञानिक तथ्य खोजने का श्रेय  भारतीयों को जाता है । लगभग 5 हजार साल पूर्व महाभारत के युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण यह ज्ञान अर्जुन को प्रदान करते हैं । जिसे पुनर्जन्म की अनेकों घटनाएं प्रमाणित करती हैं । ईश्वर की फेसबुक , एक्स या व्हाट्सअप पर प्रत्येक जन्म एक पोस्ट की तरह होती है । पुनर्जन्म की याद मेमोरी में सेव्ड / संग्रहित वीडियो की तरह है ।  महाभारत में ही भीष्म को अपने कई जन्मों का वृतांत याद था किंतु श्री कृष्ण को भीष्म के ही और अधिक जन्मों की जानकारी थी । भारत के अधिकांश सनातन साहित्य एवं धार्मिक ग्रन्थों में एक ही आत्मा के पूर्व के कई जन्मों का वृतांत मिलता है । जो साबित करता है पुनर्जन्म और कर्मफल का ज्ञान भारत को अनादिकाल से

कैलाश मानसरोवर, भगवान शंकर की रहस्यमय निवास स्थान kailash mansrovar

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कैलाश_मानसरोवर_शिवजी_की_रहस्यमय_दुनिया... कैलाश मानसरोवर को भगवान शिव का निवास स्थल माना जाता है। कहा जाता है कि इस पर्वत पर भगवान शिव माता पार्वती के साथ विराजमान हैं। जो भी इस पर्वत पर आकर उनके दर्शन कर लेता है , उसका जीवन पूरी तरह से सफल हो जाता है। इस पावन स्थल पर हर साल लाखों श्रद्धालु मन में सिर्फ ये आस लिए आते हैं कि शिव के साक्षात दर्शन मात्र से उनके सारे कष्ट मिट जाएंगे। कैलाश पर्वत को धरती का केंद्र कहा जाता है, जहां धरती और आकाश एक साथ आ मिलते हैं।   कैलाश पर्वत की तलहटी में 1 दिन होता है 1 माह के बराबर ! इसका मतलब यह है कि 1 माह ढाई साल का होगा। दरअसल, वहां दिन और रात तो सामान्य तरीके से ही व्यतीत होते हैं लेकिन वहां कुछ इस तरह की तरंगें हैं कि यदि व्यक्ति वहां 1 दिन रहे तो उसके शरीर का तेजी से क्षरण होता है अर्थात 1 माह में जितना क्षरण होगा, उतना 1 ही दिन में हो जाएगा।  कैलाश पर्वत पर कंपास काम नहीं करता यहाँ आने पर दिशा भ्रम होने लगता है. यह जगह बहुत ही ज्यादा रेडियोएक्टिव है। लेकिन ये जगह बेहद पावन, शांत और शक्ति देने वाली है!  #कैलाश_मानसरोवर_रहस्य  #Kelash-

कार्तिक पूर्णिमा का महात्त्म : मत्स्य अवतार, भगवान विष्णु का पहला अवतार Matsya Puran

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  कार्तिक पूर्णिमा का महात्त्म मत्स्य अवतार परिचय मत्स्य अवतार, भगवान विष्णु का पहला अवतार है, जिसे हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यह अवतार मुख्य रूप से जल प्रलय के दौरान मानवता और वेदों की रक्षा के लिए जाना जाता है। मत्स्य का अर्थ संस्कृत में “मछली“ होता है, और इस कथा में भगवान विष्णु ने एक विशाल मछली का रूप धारण किया। कथा का सारांश कथा के अनुसार, एक समय पृथ्वी पर मनु नामक राजा थे, जो भगवान विष्णु के परम भक्त थे। एक दिन जब मनु नदी के किनारे सूर्य को अर्घ्य दे रहे थे, तभी एक छोटी मछली उनके हाथ में आ गई। मछली ने राजा से कहा कि उसे अपने कमंडल में रख लें क्योंकि वह बड़ी मछलियों द्वारा खाई जा सकती थी। राजा ने दया दिखाते हुए मछली को अपने कमंडल में रख लिया। जैसे-जैसे समय बीता, मछली बढ़ने लगी और अंततः राजा ने उसे समुद्र में डाल दिया। उस मछली ने राजा को बताया कि सात दिनों बाद एक भयानक जल प्रलय आने वाला है और उन्हें एक बड़ी नाव बनानी होगी जिसमें सभी जीवों और सप्त ऋषियों को सुरक्षित रखा जा सके। जब जल प्रलय आया, तो मत्स्य रूपी भगवान विष्णु ने अपनी विशालता से नाव को सुरक्षित स्थान पर

महाराष्ट्र व झारखंड विधानसभा में भाजपा नेतृत्व की ही सरकार बनेगी - अरविन्द सिसोदिया

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महाराष्ट्र व झारखंड विधानसभा में भाजपा नेतृत्व की ही सरकार बनेगी - अरविन्द सिसोदिया पूरे देश में लोकसभा चुनाव के बाद फिरसे भाजपा के पक्ष में वातावरण निर्माण हुआ है , क्योंकि कांग्रेस के राजकुमार का व्यवहार अहंकारपूर्ण और अमर्यादित रहा है, उनकी अराजकतावादी मानसिकता के कारण देश विदेशों में मजाक बनता है । भारत के लोग समझ और संस्कार को महत्व देते हैं ।और इसी गंभीर सोच के चलते भारत में भाजपा के पक्ष में एक सहानुभूति पूर्ण वातावरण का निर्माण हुआ है , जिसका फायदा भाजपा को मिलता दिख रहा है । हरियाणा के हालिया चुनाव में कांग्रेस जीत के आसपास भी कहीं नहीं टिक पाई और भाजपा लगातार तीसरीबार सरकार में आई , जबकि तीसरीबार जीतना बेहद मुश्किल होता है । वहीं कांग्रेस जम्मू और कश्मीर  चुनाव में भी पोजेटिव वोट बैंक के बावजूद आधी हो गई , पहले 12 सीट थीं और अब 6 पर सिमट गई । कुल मिलाकर कांग्रेस लोकसभा चुनाव के बाद कमजोर परफॉर्मेंस ही कर पा रही है । उसकी अपने साथी दलों के प्रति भी व्यवहार अविश्वसनीय पाया जा रहा है । उसके गलत आचरण से ही उसकी बड़ी लोकप्रियता धड़ाम से नीचे गिर गई है । राहुल गांधी और उन

आत्मा , मस्तिष्क और कंप्यूटर

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आत्मा का वैज्ञानिक अर्थ क्या है  - आत्मा का वैज्ञानिक अर्थ एक जटिल और विवादित विषय है, क्योंकि यह धारणा विभिन्न धर्मों, दर्शनों और संस्कृतियों में अलग-अलग तरीकों से परिभाषित की गई है। विज्ञान में आत्मा की कोई एक स्वीकृत परिभाषा नहीं है, लेकिन यहाँ कुछ वैज्ञानिक दृष्टिकोण हैं:- 1. *चेतना*: विज्ञान में आत्मा को अक्सर चेतना के साथ जोड़ा जाता है, जो कि जागरूकता, अनुभव और संज्ञान की स्थिति है। 2. *मस्तिष्क की कार्य*: आत्मा को मस्तिष्क की कार्यों के रूप में देखा जा सकता है, जैसे कि विचार, भावनाएं और स्मृतियाँ। 3. *जीवन शक्ति*: कुछ वैज्ञानिक आत्मा को जीवन शक्ति या जीवन ऊर्जा के रूप में देखते हैं, जो कि जीवित प्राणियों में उपस्थित होती है। 4. *क्वांटम भौतिकी*: कुछ वैज्ञानिकों ने आत्मा को क्वांटम भौतिकी के संदर्भ में देखा है, जहां यह ऊर्जा और जागरूकता के रूप में परिभाषित की जाती है। 5. *न्यूरोबायोलॉजी*: आत्मा को न्यूरोबायोलॉजी के दृष्टिकोण से देखा जा सकता है, जहां यह मस्तिष्क की कोशिकाओं और तंत्रिका तंत्र की कार्यों के रूप में समझा जाता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विज्ञान में

भारत को बांटने वालों को, वोट की चोट से सबक सिखाएं - अरविन्द सिसोदिया

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भारत को बांटने वालों को, वोट की चोट से सबक सिखाएं - अरविन्द सिसोदिया कोटा 12 नवंबर । भाजपा कोटा संभाग के संभाग संयोजक अरविन्द सिसोदिया नें राजस्थान उपचुनावों में भाजपा के पक्ष में वोटिंग का आव्हान करते हुए कहा है कि देश को बांटने वालों को अपने वोट की चोट से सबक सिखाएँ । सिसोदिया ने कहा है कि कांग्रेस  ने हमेशा ही भारत का बुरा किया है, भारतीय सँस्कृति से भेदभावपूर्ण अन्याय किया है , कांग्रेस को न भारत में राजनीति करने का नैतिक अधिकार है न उन्हें वोट मांगने का नैतिक अधिकार है । सिसोदिया ने कहा है कि कांग्रेस नेतृत्व लगातार भारत की अखंडता का अपमान करती रही है वे लगातार भारत के विकास और सुशासन में अड़ंगेबाजी कर रहे है, जबकि जनता नें लगातार तीन चुनावों से उन्हें  दहाई के दो अंकों में समेट रखा है ।  उन्होंने कहा कि राजस्थान के जनमानस नें लगातार कांग्रेस को शिकस्त दी है, उन्हें राजस्थान की सत्ता की गद्दी से उतार दिया है और उन उपचुनावों में भी वे उसे सबक सिखाने आतुर हैं । चुनाव परिणाम के दिन कांग्रेस को समाज बांटो अभियान की सजा जनता सुना देगी । भवदीय अरविन्द सिसोदिया  9414180151