अटलजी का सपना साकार करते मोदीजी, भजनलालजी और मोहन यादव जी
अटल सरकार में हुए थे प्रयास 2002 में सूखे की स्थिति ऐसी थी कि केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकारों को भी इस ओर सोचना पड़ा था. सिंचाई का संकट गहरा गया था, ऐसे में देशभर की नदियों को आपस में जोड़कर सिंचाई की समस्या से निजात के लिए अटल सरकार में योजना बनाई गई. तत्कालीन पीएम ने कमेटी तैयार कराई और तत्काल कार्ययोजना तैयार करने काेे कहा. मकसद था कि 60 नदियों को आपस में जोड़ दिया जाए ताकि बाढ़ के साथ-साथ सूखे की समस्या से भी निजात मिले. इसके लिए एक कार्यदल गठित किया गया. छह महीने में दल ने इस प्रस्ताव को सहमति दे दी. रिपोर्ट दो हिस्सों में बनाई गई थी, पहले हिस्से में दक्षिण क्षेत्र की नदियों को जोड़ा जाना था, वहीं दूसरेे हिस्से में उत्तर भारत की नदियों पर काम होना था. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रधानमंत्री की इस योजना को सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रकृति से खिलवाड़ बताया. वर्तमान स्थिति में नदियों को जोड़ने की परियोजना की दिशा में जुलाई 2014 में केंद्र सरकार ने विशेष समिति के गठन को मंजूरी दी है. केन बेतवा लिंक परियोजना नदी जोड़ो योजना की पहली कड़ी है, नदी जोड़ो योजना प्रधानमंत्र...