हिंडेनबर्ग और उसके आकाओं की राष्ट्रहित में गहरी जांच हो - अरविन्द सिसौदिया
भारत में अस्थिरता की साजिश करने वाली हिंडेनबर्ग और उसके आकाओं की राष्ट्रहित में गहरी जांच हो - अरविन्द सिसौदिया
1-हिडनबर्ग के बंद होने का शेयर बाजार पर प्रभाव
हिडनबर्ग रिसर्च के बंद होने से अडानी ग्रुप के स्टॉक में तेजी से देखने को मिली है। शुरुआती कारोबार में अडानी इंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स, अडानी ग्रीन एनर्जी और अन्य कंपनियों के स्टॉक में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह संकेत देता है कि एंटरप्राइज़ का विश्वास वापस आ रहा है और वे अडानी ग्रुप की स्थिरता को सकारात्मक रूप से देख रहे हैं।
In the national interest, there should be a thorough investigation of Hindenburg and his masters who plotted to destabilise India - Arvind Sisodia
अमेरिका की अपरोक्ष ब्लेकमेलर कंपनी हिंडेनबर्ग नें अपनी दुकान बंद करने की घोषणा की है । किन्तु वह भारत को बर्बाद करनें के षडयंत्र के अपराध से मुक्त नहीं हो सकती। भारत सरकार को उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करनी चाहिये, भारत की जांच एजेंसी से इसकी व्यापक जांच करवानी चाहिये । हिंडेनबर्ग को भारत को बर्बाद करनें की सुपारी देनें वाले लोगों को गिरफत में लेना चाहिये। चाहे वे कोई भी क्यों न हों।
हिंडनबर्ग ने भारत में अस्थिरता पैदा करने की साजिश थी, वह पूरी तरह से बेनकाब हो चुका है। हिंडनबर्ग का नैट एंडरसन अब पीछे हट रहा है। वह जानता है कि उसने आपराधिक कृत्य किया है। भारत में वे कुटिल कठपुतलियां कौन थीं, जिन्होंने साजिश रची ? बड़ा सवाल अब ये है कि इनके पीछे कौन था, जो ये साजिश रच रहा था। राष्ट्रहित में उस व्यक्ति संस्था का बेनकाब होना अत्यंत आवश्यक है।
Hindenburg, the virtual blackmailer company of America, has announced to shut shop. But it cannot be free from the crime of conspiring to destroy India. The Indian government should take legal action against it, a comprehensive investigation should be conducted by the Indian investigation agency. Those who gave contract to Hindenburg to destroy India should be arrested. Whoever they may be.
Hindenburg had conspired to create instability in India, it has been completely exposed. Hindenburg's Nat Anderson is now backing down. He knows that he has committed a criminal act. Who were those cunning puppets in India who hatched the conspiracy? The big question now is who was behind them, who was hatching this conspiracy. In the national interest, it is very important that that person and organization is exposed.
अदाणी से ट्विटर तक...हिंडनबर्ग
ये हैं हिंडनबर्ग रिसर्च के 7 बड़े शिकार; अब क्यों बंद करेगी खुद का कारोबार?
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपना कामकाज बंद करने का एलान किया है। यह अमेरिका की एक शॉर्ट सेलिंग कंपनी है। पिछले कुछ सालों में इसने कई लोगों को अपना शिकार बनाया है।
पिछले कुछ समय से भारत में हिंडनबर्ग की चर्चा खूब हुई। इस संस्था ने अदाणी समूह और सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच के खिलाफ आरोप लगाए थे। यह कंपनी वित्तीय अनियमितताओं के खुलासे का दावा करती थी।
अमेरिका की शार्ट सेलर कंपनी ¨हडनबर्ग रिसर्च अपना काम-काज बंद करने को लेकर चर्चा में है। कंपनी का गठन 2017 में हुआ था। 10 कर्मचारियों के साथ कंपनी ने पिछले सात वर्ष में सात बड़ी कंपनियों को शिकार बनाया है। आइये जानते हैं हिंडनबर्ग के सात बड़े शिकार के बारे में।
अदाणी समूह -
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी समूह को लगातार निशाना बनाया। कंपनी 2023 में समूह के खिलाफ रिपोर्ट प्रकाशित करती रही और कारपोरेट धोखाधड़ी का आरोप लगाया। अदाणी समूह को वित्तीय मोर्चे पर दबाव का सामना करना पड़ा और हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद समूह की मार्केट वैल्यू में अरबों डॉलर की बड़ी गिरावट आई थी। हालांकि बाद में अदाणी समूह ने शेयर बाजार में हुए ज्यादातर नुकसान की भरपाई कर ली।
सेबी प्रमुख के खिलाफ आरोप -
(2023)पिछले वर्ष हिंडनबर्ग ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर हितों के टकराव का आरोप लगाया था। कंपनी ने दावा किया था कि उनकी विदेश स्थित ऐसी कंपनियों में हिस्सेदारी है जो गौतम अदाणी के लिए पैसों की हेराफेरी करती हैं। यह आरोप व्हिसल ब्लोअर और दूसरी जाचों द्वारा मुहैया कराए गए दस्तावेजों पर आधारित थे।
निकोला कारपोरेशन -
हिंडनबर्ग 2020 में इलेक्ट्रिक ट्रक बनाने वाली कंपनी निकोला के पीछे पड़ गई थी। शार्ट सेलर कंपनी ने कहा कि निकोला ने अपनी तकनीक को लेकर निवेशकों से झूठ बोला है। हिंडनबर्ग के संस्थापक एंडरसन ने निकोला के एक वीडियो को चुनौती दी थी।
इस वीडियो में दिखा गया था कि उसका इलेक्ट्रिक ट्रक तेज रफ्तार से जा रहा है, जबकि सच यह था कि ट्रक एक पहाड़ी से नीचे जा रहा था। इस मामले में एक यूएस ज्यूरी ने 2022 में निकोला के संस्थापक ट्रेवर मिल्टन को धोखाधड़ी का दोषी करार दिया था।
इकान एंटरप्राइजेज एलपी मामला-
2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने आय और राजस्व की रिपोटिंग को लेकर इकान एंटरप्राइजेज एलपी की आलोचना की थी। हिंडनबर्ग ने कंपनी पर अपनी हिस्सेदारी का अधिक मूल्यांकन करने और लाभांश का भुगतान करने के लिए पोंजी जैसे स्ट्रक्चर का सहारा लेने का आरोप लगाया था। इन आरोपों के बाद इकान एंटरप्राइजेज के शेयरों में बड़ी गिरावट आई और कंपनी की नेट वर्थ 2.9 अरब डॉलर कम हो गई थी।
ब्लाक इंक के खिलाफ आरोप -
हिंडनबर्ग रिसर्च ने पेमेंट कंपनी ब्लाक इंक में 2023 में शार्ट पोजिशन का खुलासा किया और आरोप लगाया कि कंपनी ने यूजर्स की संख्या को बढ़ा चढ़ा कर और कस्टमर एक्विजिशन लागत को कम करके दिखाया है। हिंडनबर्ग के इन आरोपों को ब्लाक इंक के चुनौती के तौर पर देखा गया।
ब्लाक इंक की स्थापना 2009 में जैक डोरसी ने क्रेडिट कार्ड इंडस्ट्री को झटका देने के लिए की थी। आठ प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ जैक डोरसी कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारक थे।
ट्विटर -
2022 में हिंडनबर्ग ने ट्विटर इंक में पहले शार्ट और बाद में लांग पोजिशन ली। मई में हिंडनबर्ग ने कहा कि उसने शार्ट पोजिशन इसलिए ली क्योंकि उसका मानना है कि अगर एलन मस्क डील से हट जाते हैं तो ट्विटर को खरीदने के लिए उनका 44 अरब डॉलर का ऑफर कम हो जाएगा।
जुलाई में एंडरसन ने एलन मस्क के खिलाफ दांव लगाते हुए लांग पोजिशन का खुलासा किया। हालांकि अक्टूबर में ट्विटर खरीदने की डील ओरिजनल कीमत पर ही हुई।
जेएंडजे परचेजिंग पोंजी स्कीम -
हिंडनबर्ग ने जेएंडजे परचेजिंग के खिलाफ 2022 में जांच शुरू की। जेएंडजे परचेजिंग एक 400 मिलियन डॉलर की पोंजी स्कीम है। हिंडनबर्ग ने इसके लिए कंपनी के निगरानी वाले फुटेज हासिल किए। फुटेज से पता चला कि जेएंडजे की मार्केटिंग टीम के लोग लोगों को धोखाधड़ी वाली निवेश स्कीम में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। इन आरोपों के बाद इस मामले में एफबीआई ने हस्तक्षेप किया और स्कीम से जुड़े लोगों के खिलाफ आपराधिक आरोप तय किए। पोंजी स्कीम बंद हो गई।
ऐसे पैसे कमाती थी हिंडनबर्ग रिसर्च -
नाथन एंडरसन ने हिंडनबर्ग रिसर्च की शुरुआत की थी। हिंडनबर्ग एक अमेरिकी शार्ट सेलर कंपनी है। शार्ट सेलिंग के जरिए कंपनी ने अरबों रुपये कमाए हैं। शार्ट सेलिंग एक इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी है। इसमें कोई व्यक्ति किसी खास कीमत पर शेयर खरीदता है और फिर कीमत ज्यादा होने पर उसे बेच देता है। इससे उसे बड़ा मुनाफा होता है।
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हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी अपने ही जाल में फंसी, क्या जांच के डर से बंद की अपनी दुकान
हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी अपने ही जाल में फंसी, क्या जांच के डर से बंद की अपनी दुकान
Hindenburg Research Company Going To Shut Down:
हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी दूसरी कंपनियों को बर्बाद करने की कोशिश करते-करते खुद बर्बाद हो गई. वो बंद होने की कगार पर है.
Hindenburg Research Company Shutting Down: हिंडनबर्ग पर जांच का शिकंजा कस चुका है.
Hindenburg Research Company Going To Shut Down:
अमेरिकी इंवेस्टमेंट रिसर्च फर्म और शॉर्ट सेलिंग ग्रुप हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी बंद होने जा रही है. कंपनी के फाउंडर नाथन एंडरसन ने इसका एलान किया है. हिंडनबर्ग रिसर्च का ये एलान ऐसे वक्त में आया है, जब अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन का 4 वर्षों का कार्यकाल पूरा होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं. डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने ही वाले हैं. आपको बता दें कि हाल ही में हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी के एक सदस्य और रिपब्लिकन सांसद ने न्याय विभाग से हिंडनबर्ग को लेकर जांच की मांग की थी.
हिंडनबर्ग जांच के घेरे में -
न्याय विभाग और US SEC द्वारा जांच उल्लंघनों के लिए भारतीय नियामक SEBI द्वारा जांच और कारण बताओ नोटिस ऑफशोर और ओडीआई रूट से भारतीय सिक्यूरिटीज पर शॉर्ट्स बनाए कई नियामकों ने हिंडनबर्ग पर चारों ओर से शिकंजा कसा हिंडनबर्ग ने अभी तक SEBI के नोटिस का जवाब नहीं दिया।
बंद होगी हिंडनबर्ग रिसर्च
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हिंडनबर्ग की स्थापना 2020 : वाहन स्टार्टअप निकोला कॉर्पोरेशन पर पहली रिपोर्ट कंपनियों के खिलाफ करीब एक दर्जन रिपोर्ट रिपोर्ट्स हेज फंडों और निवेशकों को बेची गईं शॉर्ट्स से लाभ पाने के लिए सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट जारी
बीजेपी प्रवक्ता ने उठाए सवाल -
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी के बंद होने की खबरों पर कहा, ''खबर ये आई है कि हिंडनबर्ग ने अपनी दुकान बंद कर ली है. एक बात तो स्पष्ट है कि हिंडनबर्ग एक टारगेट सुपारी लेकर भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की मंशा से और निजी मुनाफा कमाने की मंशा से काम कर रहा था."
शहजाद पूनावाला ने आगे कहा, "हिंडनबर्ग की बातों को किस प्रकार से अपनाने का काम कुछ राजनीतिक दल और उनके इकोसिस्टम ने किया, ये भी एक सवाल है. हिंडनबर्ग पर अमेरिका में भी जांच जारी है."
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, "हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने भी फटकार लगाई और उनकी रिपोर्ट को दरकिनार तो किया ही, साथ ही ये भी कहा कि इनकी एक्टिविटी पर जांच होनी चाहिए. कारण ये है कि भारत के निवेशकों के लाखों करोड़ों रुपये हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने बर्बाद की है. हालांकि, यहां पर कुछ राजनीतिक दल, खासकर राहुल गांधी एक पार्टी और एक व्यक्ति के विरोध में उतरते-उतरते भारत की इकोनॉमी और भारत के स्टेट के खिलाफ उतर गए और अपने निवेशी पार्टनर हिंडनबर्ग का सहारा लेते हुए झूठे और अनर्गल आरोप लगाते हुए भारत की अर्थव्यवस्था को इकोनॉमिक एनार्की की तरफ ले जानी की कोशिश कर रहे हैं.''
वरिष्ठ वकील जय अनंत देहाद्राई ने एक्स पर उठाए सवाल
ट्रंप के पद संभालने से ठीक पहले हिंडनबर्ग के बंद होने से संदेश स्पष्ट पीएम मोदी, अदाणी ग्रुप, SEBI पर हमले केवल लाभ के लिए नहीं थे, ये भारत में अस्थिरता पैदा करने की साजिश थी, पूरी तरह से बेनकाब हो चुका नैट एंडरसन अब पीछे हट रहा है।भारत में वे कुटिल कठपुतलियां कौन थीं, जिन्होंने साजिश रची? बड़ा सवाल अब ये है कि इनके पीछे कौन था, जो ये साजिश रच रहा था।
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