’फिंगरप्रिंट’ नहीं आने से हो रही परेशानी का सुलभ और व्यवहारिक समाधान निकालें - अरविन्द सिसोदिया fingerprint scan
वरिष्ठ नागरिकों के ’फिंगरप्रिंट’ नहीं आने से हो रही परेशानी का सुलभ और व्यवहारिक समाधान निकालें - अरविन्द सिसोदिया
कोटा 8 जनवरी । भाजपा कोटा संभाग के संभाग मीडिया संयोजक अरविन्द सिसौदिया नें मुख्यमंत्री राजस्थान, मुख्य सचिव राजस्थान एवं जिला कलेक्टर कोटा एवं केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी राज्य मंत्री, भारत सरकार को ईमेल भेज कर अवगत करवाया है कि “ वरिष्ठ नागरिकों के आधार कार्ड में जो अंगूठा और उंगलियों की छाप हैं वे बुजुर्ग अवस्था में मशीन से घिस जानें के कारण या अन्य कारण से उठती नहीं हैं या मिलती नहीं एवं मशीन पर स्कैन नहीं होती है । इससे बुजुर्ग व्यक्तियों के सामनें विभिन्न योजनाओं एवं आवश्यकताओं में बड़ी समस्या आ रही है। जिम्मेदार कर्मचारी अधिकारी इस संदर्भ में कोई भी उचित समाधान प्रस्तुत करने में विफल हैं। इसलिये सुलभ व व्यावहारिक समाधान की आवश्यकता बनी हुई है। ”
उन्होंने कहा कि “ आधार कार्ड में दर्ज पुतली से भी आधार कार्ड वेरिफिकेशन होता है किंतु ये मशीनें बहुत कम हैं, न के बराबर हैं। इस कारण से व्यक्ति को अंगूठे वाली मशीन पर ही निर्भर रहना होता है । इस तरह के भी मामले सामने आये हैं जिनमें फिंगरप्रिंट स्कैनर और आइरिस स्कैनर से काम नहीं चलता है। “
सिसोदिया नें कहा है कि “ जबकि आधार से पैसा निकालने के लिए उंगलियों का मिलना बहुत जरूरी है, वही राशन कार्ड से राशन लेने में, मोबाइल सिम और जीवित प्रमाण पत्र सहित अनेकानेक कार्यों के लिए आधार कार्ड में जो अंगूठा-उंगलियां है उनका मिलान स्कैन से होना जरूरी है।“
उन्होनें कहा कि “ बैंक में कैशियर कैशियर कहता है कि 10,000 से कम का अमाउंट हम यहां नहीं देंगे ई-मित्र काउन्टर से निकाल लो, इसी तरह राशन में भी दिक्कत आती है , अन्य कार्यों में भी दिक्कत आती है । विशेष कर यह दिक्कत बुजुर्ग अवस्था के व्यक्तियों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन गया है। वे आम व्यक्ति की तरह दौडधूप कर नहीं सकते, परिवार के अन्य सदस्यों पर निर्भर रहतें है। जिन्हे सामान्यतः अपने काम होते है। इस तरह से यह समस्या सरकार की व्यवस्थागत समस्या है और इसका समाधान भी सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों को ही निकालना है।“
सीसौदिया ने ईमल भेज कर मांग की है कि “ 60 वर्ष से अधिक की आयु के आधार कार्ड धारकों का अंगूठा और उंगलियों की छाप हाई क्वालिटी की मशीन से दुबारा से लेना चाहिए ताकि उनके अंगूठे और उंगलियों की वास्तविक स्थिति आधार में दर्ज हो और सामान्य मशीन उसे पकड़ सके । इसके अतिरिक्त अन्य केसी विधि से बुजुर्ग की पहचान कर उसके कार्य को बिना रोके करनें की पद्यती इजाद करें। वहीं हाथ पांव एवं शरीर में इस तरह के निशान भी होते है। जो उम्र के सभी दौर में शरीर में बने रहते है। इनकी पहचान के आधार पर भी काम किया जा सकता है। ऐसा पहले होता भी था । उन्होंने कहा कि समस्या के निदान के लिए अन्य तकनीकी व्यवस्थायें अथवा कोई और तरीका, जो आसानी से वरिष्ठ लोगों के कामकाज में सहायक बन सके उसे अपना कर , समस्या का निदान करना चाहिये।
भवदीय
अरविंद सिसोदिया
9414180151
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