हिंदुत्व को समाप्त करने के विश्व व्यापी षड्यंन्त्रों से सुरक्षित रखने के प्रयत्नों को बढ़ाना होगा - अरविन्द सिसोदिया
Arvind Sisodia :-
अरविन्द सिसोदिया 941418051
कालजयी सनातन हिंदुत्व को समाप्त करने के विश्व व्यापी षड्यंन्त्रों से सुरक्षित रखने के प्रयत्नों को बढ़ाना होगा।
विश्वव्यापी हिन्दू विरोधी और सनातन हिन्दू अनुसंधानों को समाप्त करने की कोशिशों के बीच, इसे सुरक्षित रखने के प्रयत्नों को बढ़ाना होगा। इसके लिए हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत को समझने और उसकी रक्षा करने की आवश्यकता है । इस क्रम में कोशिशों को बढ़ाना होगा।
हिन्दू विरोधी विचारों के लोग ऐतिहासिक हिन्दू सिद्धांतो को देखते हुए, इसे समाप्त करने के प्रयासों पर आगे बढ़ चुके हैँ। यह कई कई शताब्दीयों से हो रहा है और अभी अभी इसमें बहुँआयामी तेजी आई है। सबसे बड़ी बात हिन्दुओं पर झूठे लांछन लगाए जा रहे हैँ, उसे अल्पसंख्यक बिरोधी ठहराया जा रहा है। पूरे विश्व में हिन्दुओं पर आक्रमण हो रहे हैँ। हिन्दू पहचान को अपमानित किया जा रहा है।
इसलिए हमें अपनी एकता और संगठन को मजबूत करना होगा । हमें अपने समुदाय के बीच जागरूकता बढ़ानी होगी और हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए काम करना होगा। इसकी श्रेष्ठताओं को पूरे विश्व में उजागर करना होगा।
इसके अलावा, हमें अपने संगठनों और सरकारों से अपील करनी होगी कि वे झूठे हिन्दू विरोधी विचारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें, खंडन करें और हमारी सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करें । हमें अपने समुदाय के बीच एकता और संगठन को बढ़ावा देना होगा और हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए काम करना होगा।
इस प्रकार, हम विश्वव्यापी हिन्दू विरोधी और सनातन हिन्दू अनुसंधानों व सिद्धांतों को समाप्त करने की कोशिशों से सुरक्षा प्रयत्न करें। इसे सुरक्षित रखने के प्रयत्नों को बढ़ा सकते हैं और अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित कर सकते हैं। इस हेतु हमें सनातन हिन्दू बोर्ड बनाना चाहिए।
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विश्वव्यापी सनातन हिंदू विरोधी अभियानों से हिंदुत्व को सुरक्षित रखने के प्रयासों को बढ़ाना होगासमस्या का विश्लेषण
वर्तमान समय में, विश्व स्तर पर हिंदू विरोधी संप्रदायों और सनातन हिंदू अनुसंधानों को समाप्त करने की कोशिशें बढ़ रही हैं। यह स्थिति न केवल भारत में है बल्कि विदेशों में भी देखी जा रही है, जहां विभिन्न सम्मेलन और संगोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं जो हिंदुत्व को नकारात्मक रूप में प्रस्तुत करती हैं। ऐसे आयोजन का उद्देश्य हिंदू धर्म और संस्कृति की छवि को धूमिल करना है।
बचाव का उपाय
शोध और शिक्षा का समर्थन : सनातन हिंदू और संस्कृति के सकारात्मक सिद्धांतों पर व्यापक शोध कर उसे वैज्ञानिक भाषा में प्रस्तुत करना होगा। ऐसे कट्टरपंथियों, घंटे अध्ययनकर्ताओ और अनुयायियों को शामिल किया जाना चाहिए जो हिंदू धर्म के सिद्धांतों और विविधताओं को बुद्धिमत्ता से विश्व के समझ रख सकें।
सामाजिक जागरूकता : समाज में षड्यंन्त्रों के विरुद्ध जागरूकता के लिए कार्यक्रम आयोजित किये जानें चाहिए। इन कार्यक्रमों में लोगों को हिंदू धर्म के मूल सिद्धांतों, उनकी विविधताओं और सांस्कृतिक मसलों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए।
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग : सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करके हिंदू संस्कृति की श्रेष्ठताओं को डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म में सकारात्मक सामग्री साझा की जानी चाहिए। इससे युवा पीढ़ी तक सही जानकारी पहुंचाई जा सके।
सुरक्षा उपाय : उन व्यक्तियों और संस्थाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी जो इस विषय पर काम कर रहे हैं। उन्हें धमाकियों से बचने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि वे अपने कार्य को निर्भीकता से जारी रख सकें। वहीं उन्हें आर्थिक संबल भी प्रदान करना बहुत आवश्यक है।
वैश्विक सहयोग : अन्य देशों में रहने वाले भारतीय समूह के साथ मिलकर एक वैश्विक नेटवर्क स्थापित किया जाना चाहिए। यह नेटवर्क विभिन्न देशों में विश्वविद्यालयों से भारतीय संस्कृति के वास्तविक स्वरूप को साझा करें, भ्रमों को दूर करें।
की रक्षा करने वाले विद्वानों का सहयोग कर सकता है।
राजनीतिक समर्थन : राजनीतिक स्तर पर भी इस मुद्दे को उठाया जाना आवश्यक है ताकि सरकारी संस्थान इस दिशा में ठोस कदम उठा सकें। इसके लिए नीति निर्माण प्रक्रिया में शामिल होना होगा।
संवाद स्थापित करना : विभिन्न समूहों के बीच संवाद स्थापित करना जरूरी है ताकि गलतफहमियों को दूर किया जा सके। इसे एक स्वस्थ चर्चा का मोहरा मठ कहा जाता है जिसमें सभी सितारे की बात सुनी जाती है।
इन प्रयासों से न केवल सनातन हिंदू अनुसंधान सुरक्षित रहेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना होगा कि आने वाली पीढि़यों की सांस्कृतिक विरासत को अपनी गरिमा और उसके सम्मान कर महत्व को समझें।
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