भाजपा दिल्ली विधानसभा सरकार बनाएगी - अरविन्द सिसोदिया delhi election

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दिल्ली में सब कुछ हिन्दू वोटर के हाथ में, आप की रणनीति हिन्दू वोट ठगने की है - अरविन्द सिसोदिया 

आप पार्टी को दिल्ली नगर निगम  में उनका बोर्ड होने से नुकसान हो सकता है। जो पहले भाजपा को होता था।

दिल्ली के नगर निगम चुनाव 2022 में 250 वार्डों के चुनाव में 134 आप पार्टी तो भाजपा 106 पर कांग्रेस 9 और 3 अन्य रहे। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी सभी 7 लोकसभा क्षेत्र भाजपा के पास रहे। इस प्रकार कहा जा सकता है कि भाजपा वापसी कर रही है।

अभी तक दिल्ली का वोटर ट्रेंड यह रहा है कि लोकसभा में जो वोटर भाजपा को साथ देता है वही विधानसभा में आप के साथ खड़ा हो जाता है। जिससे जिस तरह का परिणाम लोकसभा में भाजपा का रहता है ठीक उसी तरह का परिणाम विधानसभा में आप पार्टी का रहता है। इसलिए दोनों ही दल एक - एक चुनाव शत प्रतिशत जीतते हैँ।

आप पार्टी नें विधानसभा 2015 में 67 सीटें जीती थीं, जबकि उसने 2020 में 62 सीटें जीती और अब 2025 में वह लगातार तीसरीबार जीत की हेड्रिक बनाना चाहती है।  वही भाजपा 2015 में 3 और 2020 में 8 सीटें जीत पाई  है किन्तु इन पांच सालों में निगम चुनाव में भाजपा लगभग बराबर पर रही 134 आप के मुकाबले भाजपा 106 पार्षद जीत कर बराबरी पर है। इसके बाद लोकसभा चुनाव में उसने सभी 7 सीटें जीती। इसमें भी वह 52 विधानसभा क्षेत्रों में सबसे आगे रही है। इस प्रकार भाजपा नें अपने दावे को मज़बूत किया है। 

कांग्रेस और आप संयुक्त चुनाव लड़ कर भाजपा को सिर्फ 2. 5 प्रतिशत नुकसान ही पहुंचा सकी। किन्तु इससे वे भाजपा को 13 विधानसभा क्षेत्रों में  नंबर 2 पर धकेलने में सफल रहे, किन्तु अब ये दोनों ही दल एक दूसरे के आमने सामने हैँ, जो भाजपा को फायदा पहुंचता है।

भाजपा को मुख्य नुकसान नगर निगम की लीडरशिप से होता था अब की बार यह नुकसान आप पार्टी को हो सकता है। 

दूसरा भाजपा का 16 से 20 प्रतिशत हिन्दू वोट, विधानसभा में आप को चला जाता है, जिसका कारण रेवड़ी योजनाएं हैँ। इसे रोकने के लिये अबकी बार भाजपा अधिक गंभीर है। 

आप पार्टी के ग्राफ में गिरावट भी आई है, मुख्यमंत्री का चेहरा केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय ही नहीं जा सकते। इस तरह का न्यायालय का निर्णय है। इसी कारण मार्लेना को मुख्यमंत्री बनाया गया है।

इसलिए लगता है कि भाजपा दिल्ली विधानसभा में जीत सकती है।

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