सर्वोच्च न्यायालय को दोहरे मापदंड से बचना चाहिए - अरविन्द सिसोदिया
सर्वोच्च न्यायलय का सुपर संसद बनना ही,लोकतंत्र की हत्या - अरविन्द सिसोदिया भारत में सर्वोच्च न्यायालय के दोहरे मापदंड़ों को लेकर गंभीर प्रश्न उठा हैँ। उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ नें न्यायपालिका पर गंभीर प्रश्न उठायें हैँ। उन्होंने कहा राष्ट्रपति को न्यायपालिका निर्देश नहीं दे सकती। उन्होंने यह भी कहा कि सर्वोच्च न्यायालय सुपर संसद बन रही है। वह कार्यपालिका का काम भी अपने हाथ में ले रही है। कई तरह कई टिप्पणीयां उन्होंने न्यायपालिका के विरुद्ध की हैँ। उन्होंने इशारे से यह भी कहा है कि जज भी जाँच के दायरे से बाहर नहीं हैँ। इसी तरह सुप्रशिद्ध अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन नें भी कहा कि पुराना वक्फ क़ानून संविधान विरोधी है, देश के अनेकों उच्च न्यायालयों में मुकदमेँ चल रहे हैँ। जबकि उसे सुप्रीम कोर्ट को सुनना चाहिए था। किन्तु तब सुप्रीम कोर्ट नें कहा पहले हाई कोर्ट जाइये। इसी सिद्धांत को वक्फ संसोधन बिल के मामले में भी मानना चाहिए था। किन्तु उसे सुप्रीम कोर्ट नें सीधे सुन लिया। यह सुप्रीम कोर्ट का भेदभाव है। जब हिंदू पक्ष या वक्फ से पीड़ित वर्ग सर्वोच्च न्यायालय गया तो, उसे हाई को...
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