जो करके दिखायेगा, श्रेय भी वही पायेगा - अरविन्द सिसोदिया mahila aarakshan

जो करके दिखायेगा, श्रेय भी वही पायेगा - अरविन्द सिसोदिया

कांग्रेस कह रही है कि महिला आरक्षण बिल उसका है या नई संसद बनानें का आइडिया मीरा कुमार से समय का है।
सवाल यह है कि सोचा विचारी का कोई खास असर नहीं होता, क्यों मुंगेरी लाल के हसीन सपने तो सभी देख ही सकते हैं। मगर उनका सच में बदला आसमान से पहाड़ तोड़ने जैसा होता है।

नये संसद भवन के निर्माण की बात अनेकों बार आई मगर उसे साकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी नें ही किया, महिला आरक्षण बिल कई बार पेश हुआ, एक बार राज्यसभा में पारित भी हो गया, मगर लोक सभा में पारित नहीं हुआ, कानून नहीं बना। अब महिला आरक्षण बिल पास होता दिख रहा है। इसलिए श्रेय को लेकर घुड़दौड़ शिरु... कांग्रेस लाभ लपकना चाहती है। कांग्रेस कह रही है कि सोनिया गांधीजी नें चिट्ठी लिखी इसी से यह हो रहा है। चिट्ठीयों से बहूमत मिलतान कानून बनता। ये सब नौटंकियां हैं। कांग्रेस के खरगे कह रहे हैं कि  ओबीसी के लिए अलग से आरक्षण करो, अर्थात वे अभी भी अड़ंगा लगाना चाहते हैं।

मोदीजी महिला आरक्षण बिल लाये हैं तो पास भी वे अपने बल बूते करवा लेंगे। श्रेय भी उन्ही को मिलेगा।

मोदीजी नें गत नौ वर्षों में बहुत कुछ नया किया है, लोककल्याण के लिए किया है, इसलिए उनके किये को किया ही तो कहा जायेगा। कांग्रेस पर कई दशकों तक एकधिकारी सत्ता रही मगर उन्होंने देश के लिए , सैन्य सुरक्षा के लिए,महिलाओं के लिए और संस्कृति के लिए कुछ किया ही नहीं। इसी कारण देश कई जनता नें उन्हें हटा दिया।

जनधन खातों से पहली वार गरीब व्यजती बेंकों से जुड़े, थोड़े बहुत नहीं, करोड़ो लोग जुड़े,
शोयचालयों का निर्माण भी करोड़ों घरों में हुआ,
उज्जवला योजना का लाभ भी करोड़ों परिवार निरंतर ले रहे हैं, इस योजना का लाभ महिलाओं को मिला, झूठ राजनैतिक कारणों से कितना भी फैलाओं मगर सच यही है की उज्जवला योजना वरदान बन कर आई.
तीन तलाक के पाखंड से महिलाओं को मुक्ती दिलाना अद्वितीय पुण्यकार्य है।

गिनती गिनते रहो, इतने काम मोदीजी नें किए हैं.... श्रेय भी मोदीजी को ही मिलेगा।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

Veer Bal Diwas वीर बाल दिवस और बलिदानी सप्ताह

अटलजी का सपना साकार करते मोदीजी, भजनलालजी और मोहन यादव जी

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

रामसेतु (Ram - setu) 17.5 लाख वर्ष पूर्व

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे

सफलता के लिए प्रयासों की निरंतरता आवश्यक - अरविन्द सिसोदिया

हम ईश्वर के खिलोने हैँ वह खेल रहा है - अरविन्द सिसोदिया hm ishwar ke khilone

माता पिता की सेवा ही ईश्वर के प्रति सर्वोच्च अर्पण है mata pita ishwr ke saman

हमारा शरीर, ईश्वर की परम श्रेष्ठ वैज्ञानिकता का प्रमाण