देश समझ रहा है, कांग्रेस के आपातकाल -2,तानाशाही और डराने धमकानें की राजनीति को - अरविन्द सिसौदिया
कांग्रेस नें आपातकाल के अहंकार को दोहराया
कांग्रेस ने नये नाम से जो गठबंधन बनाया है, उसका घमण्यि गठबंधन सही नाम करण हुआ है, इसका प्रमाण इस गठबंधन के नामकरण में तो मिला ही था, बेहद हल्की और ओझी हरकत देश के नाम पर रातनैतिक गठबंधन का नाम करण करके किया गया था। इसके बाद सनातन को समाप्त करनें की अहंकार पूर्ण घोषणा सामनें आगई । और अब तो बेहद खतरनाक निर्णय सामनें आया कि यह गठबंधन अपनी पशंद के मीडिया के पास जायेंगे और जो नापशंद है, उसका बहिस्कार करेंगे।
कांग्रेस गठबंधन के इस निर्णय पर भाजपा ने कडी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है “ घमंडिया गठबंधन में शामिल इण्डी एलायंस के दलों द्वारा पत्रकारों के बहिष्कार और उन्हें धमकाने का लिया गया निर्णय घोर निंदनीय और भर्त्सनीय है। घमंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने ऐसा निर्णय लेकर अपनी दमनकारी, तानाशाही और नकारात्मक सोच को ही प्रदर्शित किया है। भारतीय जनता पार्टी इण्डि एलायंस के इस दुर्भाग्यपूर्ण कदम की घनघोर निंदा करती है।
कांग्रेस के इस निर्णय नें 1975 में कांग्रेस की सर्वेसर्वा एवं प्रधानमंत्री स्व0 इन्दिरा गांधी जी के द्वारा लगाये गये आपातकाल की याद ताजा करदी है , जब निर्दोष विपक्ष को जेल में डाल दिया गया था। मीडिया की स्वतंत्रता समाप्त करदी गई, अखबार सरकारी अधिकारियों की देख रेख में छपते थे। जनता की जबरिया नसबंदी कर दी गई थी।
जब से जनता नें कांग्रेस को सत्ता से बेदखल किया है तब से ही कांग्रेस का आचरण लगभग तानाशाहीपूर्ण ही चल रहा है। पहले गुजरात के मुख्यमंत्री रहते नरेन्द्र मोदी जी को जम कर परेशान किया गया,जब से वे प्रधानमंत्री बनें तब से मोदी विरोध में कांग्रेस आपा खो बैठी है, अनाप सनाप झूठ और भ्रम के जर्ये उन्हे दवाब में लेने की हर संभव कोशिश की मगर मोदी जी दबाव में नहीं आये। इसी तरह दवाव में लेनें के लिये अडानी अंबानी विरोध किया गया , षडयंत्र चलाये गये। अब देश के मीडिया घरानों और निर्भीक एंकरों को सही बोलने से रोका जा रहा है। देश से सनातन ही नहीं सत्य को भी समाप्त करनें की कोशिश कांग्रेस आपे गठबंधन को साथ लेकर कर रही है। जो कि पूरी तरह अनुचित है। भारत की जनता चुप भले ही रहती है मगर वोट से दण्ड देनें का काम करती है। आपातकाल लगानें वालीं श्रीमति इन्दिरा गांधी को चुनाव में करारी हार इसी जनता नें दी थी। इसी जनता नें राहुल गांधी को उनकी वर्षों से चली आ रही लोकसभा सीट से हरा कर सबक तो दिया है। मगर वे अभी तक भी इससे सबक नहीं सीखे है। लगता है सनातन और मीडिया के विरूद्ध मोर्चा खोलकर अब वे दक्षिण से भी अपनी पराजय तय करने वाले हैं।
विपक्षी गठबंधन ’इंडिया’ ने एक अभूतपूर्व क़दम उठाते हुए उन 14 टीवी एंकरों की एक सूची जारी की,जिनके प्रोग्राम में उनका प्रतिनिधि नहीं जाएगा।
गठबंधन ने कहा है कि उसने ‘नफ़रत भरे’ न्यूज़ डिबेट चलाने वाले इन टीवी एंकरों के कार्यक्रमों का बहिष्कार का फ़ैसला किया है। इस फ़ैसले का एलान करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, ’’हर शाम पाँच बचे कुछ चैनलों पर नफ़रत का बाज़ार सज जाता है। पिछल नौ साल से यही चल रहा है। अलग-अलग पार्टियों के कुछ प्रवक्ता इन बाज़ारों में जाते हैं। कुछ एक्सपर्ट जाते हैं, कुछ विश्लेषक जाते हैं।....लेकिन सच तो ये है कि हम सब वहां उस नफ़रत बाज़ार में ग्राहक के तौर पर जाते हैं। ’’
उन्होंने कहा,’’हम नफ़रत भरे नैरेटिव को मंज़ूरी नहीं दे सकते। यह नैरेटिव समाज को कमज़ोर कर रहा है। अगर आप समाज में नफ़रत फैलाते हैं तो यह हिंसा का भी रूप ले लेता है, हम इसका हिस्सा नहीं बनेंग। ’’ न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एंड डिज़िटल एसोसिएशन (एनबीडीए), कुछ न्यूज़ एंकरों और बीजेपी ने ’इंडिया’ गठबंधन के इस फ़ैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
गठबंधन की ओर से उन 14 एंकरों की सूची जारी कर दी गई है, जिनके प्रोग्राम इसके नेताओं ने नहीं जाने का फ़ैसला किया है। ये एंकर हैं - अदिति त्यागी, अमन चोपड़ा, अमीश देवगन, आनंद नरसिम्हन, अर्णब गोस्वामी, अशोक श्रीवास्तव, चित्रा त्रिपाठी, गौरव सावंत, नाविका कुमार, प्राची पाराशर, रुबिका लियाकत, शिव अरूर, सुधीर चौधरी और सुशांत सिन्हा।
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घमंडिया गठबंधन द्वारा मीडिया के दमन पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति
घमंडिया गठबंधन में शामिल I.N.D.I. एलायंस के दलों द्वारा पत्रकारों के बहिष्कार और उन्हें धमकाने का लिया गया निर्णय घोर निंदनीय और भर्त्सनीय है। घमंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने ऐसा निर्णय लेकर अपनी दमनकारी, तानाशाही और नकारात्मक सोच को ही प्रदर्शित किया है। भारतीय जनता पार्टी I.N.D.I. एलायंस के इस दुर्भाग्यपूर्ण कदम की घनघोर निंदा करती है।
भारतीय जनता पार्टी ऐसी विकृत सोच का घोर विरोध करती है जो विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रोके। घमंडिया गठबंधन में शामिल दलों द्वारा पत्रकारों के बहिष्कार का धृष्टता से एलान उनकी इमरजेंसी वाली सोच को ही दर्शाता है। हम सब जानते हैं कि अतीत में भी इसी तरह से आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया का गला घोंटा गया था। आज भी घमंडिया गठबंधन के दल उसी अराजकवादी और इमरजेंसी वाली सोच के तहत काम कर रही है।
I.N.D.I. एलायंस द्वारा मीडिया को खुलेआम धमकी देना देश की जनता की आवाज को कुचलने की कोशिश जैसा है। इससे ये भी प्रतीत होता है कि घमंडिया दलों में सच का सामना करने की हिम्मत नहीं है। साथ ही, यह भी प्रतीत होता है कि घमंडिया गठबंधन किसी बाहरी दवाब में मीडिया की स्वतंत्रता को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। देश में लोकतंत्र है, किसी को भी प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। घमंडिया गठबंधन हताश और निराश है।
भारतीय जनता पार्टी मीडिया संस्थानों और अपने कर्तव्य के प्रति समर्पित सभी पत्रकारों से आग्रह करती है कि आप ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए ऐसी विकृत सोच का विरोध करें। सभी पत्रकार साथी घमंडिया गठबंधन के दलों की ऐसी तानाशाही मानसिकता के आगे बिलकुल न डरते हुए बिना FEAR और FAVOUR के उच्च भारतीय मूल्यों का पालन करते हुए ऐसी निकृष्ट सोच का बहिष्कार करें।
(अनिल बलूनी)
राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख, भाजपा
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INDIA
कुछ पत्रकारों के बहिष्कार के विपक्षी गठबंधन के फैसले को भाजपा ने बताया आपातकाल 2.0; कहा - वे सच से डर गए
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 'अभी तो घमंडिया गठबंधन ठीक से बना भी नहीं कि उनका लोकतंत्र और मीडिया विरोधी चाल-चरित्र-चेहरा दिखने लगा है। पत्रकारों पर प्रतिबंध लोकतंत्र की मर्यादा तार-तार करने वाला है।'
INDIA opposition alliance media channels anchors boycott bjp reply sanatana dharam dispute
भाजपा का विपक्ष पर पलटवार
विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A की समन्वय समिति की बुधवार को दिल्ली में बैठक हुई। इस बैठक में विपक्षी गठबंधन की आगे की रणनीति पर चर्चा की गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बैठक में विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने तय किया है कि वो अपने नेताओं और प्रवक्ताओं को कुछ टीवी एंकर्स के शो में भेजना बंद करेंगे। अब इसे लेकर राजनीति गरमा गई है। भाजपा ने इस मुद्दे पर विपक्ष को घेर लिया है।
'झूठ पर खड़ा गठबंधन, सच से डरा'
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि 'झूठ बोलने के एक सूत्रीय कार्यक्रम के तहत बने सनातन विरोधी INDI एलायंस को सच सुनने में डर लगता है। इसलिए वे घमंडिया गठबंधन के आगे ना झुकने वाले पत्रकारों के खिलाफ प्रतिबंध का एलान कर रहे हैं।' केंद्रीय मंत्री ने लिखा कि 'मीडिया पर बैन लगाना और अपनी आलोचना में उठे स्वर को दबाना कांग्रेस की पुरानी आदत है। साफ है कि झूठ पर खड़ा ये गठबंधन, सच से डरा हुआ है।'
धर्मेंद्र प्रधान ने लिखा कि 'जिन्हें सच सुनने का ही साहस नहीं है, वे लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। अभी तो घमंडिया गठबंधन ठीक से बना भी नहीं कि उनका लोकतंत्र और मीडिया विरोधी चाल-चरित्र-चेहरा दिखने लगा है। पत्रकारों पर प्रतिबंध लोकतंत्र की मर्यादा तार-तार करने वाला है। लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है। यह निंदनीय भी है।'
'विपक्षी गठबंधन में छटपटाहट'
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया है। इस पोस्ट में अनुराग ठाकुर विपक्षी गठबंधन के नेताओं पर सनातन धर्म का अपमान करने का आरोप लगा रहे हैं। पोस्ट के कैप्शन में अनुराग ठाकुर ने लिखा कि पत्रकारों का बायकॉट, उनके ऊपर मुकदमे...I.N.D.I.A एलायंस में इतनी छटपटाहट क्यों है? अनुराग ठाकुर ने एक अन्य बयान में कहा कि 'विपक्षी गठबंधन, मीडिया के खिलाफ जो कदम उठा रहा है, वो आपातकाल 2.0 है। यह दिखाता है कि उनका लोकतंत्र में विश्वास नहीं है।'
भाजपा ने विपक्षी गठबंधन द्वारा पत्रकारों के बहिष्कार की कड़ी निंदा की और एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की। इस प्रेस विज्ञप्ति में भाजपा ने आरोप लगाया कि मीडियो को खुलेआम धमकी देना जनता की आवाज कुचलने की कोशिश जैसा है। यह कांग्रेस की आपातकाल वाली सोच को दर्शाता है। भाजपा नेता अनिल बलूनी ने इस प्रेस विज्ञप्ति को सोशल मीडिया पर साझा किया है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि INDIA गठबंधन ने कुछ पत्रकारों का बहिष्कार किया है। वही लोग जो हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भाषण दे रहे थे, उन्होंने न्यूज एंकरों का बहिष्कार करके अपने असहिष्णु रवैये को साबित कर दिया है। अगर ये लोग सरकार में आते हैं तो सबसे पहले ये प्रेस सेंसरशिप लगाएंगे।
बता दें कि दिल्ली में शरद पवार के आवास पर हुई विपक्षी गठबंधन की समन्वय समिति की बैठक में, मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से खबर आ रही है कि कुछ एंकर्स के नाम जारी किए गए हैं। इन्हीं एंकर्स के शो में विपक्षी गठबंधन के नेता शामिल होंगे और अपना पक्ष रखेंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार, विपक्षी गठबंधन द्वारा कुछ टीवी चैनल्स का पूरी तरह से बहिष्कार किया जाएगा तो कुछ चैनल्स के सिर्फ एंकर्स का बहिष्कार किया जाएगा। विपक्षी दलों के नेता अक्सर कुछ टीवी एंकर्स पर सत्ताधारी पार्टी के समर्थन का आरोप लगाते रहे हैं। राहुल गांधी भी कई बार सार्वजनिक तौर पर इसे लेकर तंज कस चुके हैं।
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