भाजपा में चुनावी यात्राओं का नवाचार - अरविन्द सिसोदिया State Election
भाजपा में चुनावी यात्राओं का नवाचार - अरविन्द सिसोदिया
( यह लेखक के निजी विचार हैं )
देश में इस साल के अंत में मध्यप्रदेश, राजस्थान,छत्तीसगढ,तेलंगाना और मिजोरम़ राज्यों में चुनावी सरगर्मियां पूरी तरह तरह से हाई टेर्म्पेचर होंगी, हो सकता है कि मतदान भी हो रहे हों। भाजपा नें इस वार इन राज्यों की चुनावी यात्राओं में नवाचार किया है, चुनावी यात्रायें तो पहले भी होती रहीं हैं। मगर इस बार पूरी तरह से अभिनव प्रयोग किये गये है। इस बार किसी भी यात्रा का कोई बड़ा नेता सर्वेसर्वा नहीं बनाया, बल्कि जो नेता मुख्यमंत्री की लाईन विशेष में नहीं हैं, उन्हें प्रति यात्रा संयोजक बना कर, यात्राएँ प्रारंभ करदी हैं। इन यात्राओं डे टू डे अलग अलग नेता गण पहुंच कर सम्मिलित हो रहे हैं और स्वागत सभाओं, आम सभाओं एवं पत्रकारवार्ताओं को सम्बोधित कर रहे हैं। जिनमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नढडा सहित केन्द्रीय मंत्रीगण एवं प्रदेश के वरिष्ठ नेता पदाधिकारीगण सम्मिलित हो रहे हैं। इन यात्राओं में भाग लेनें व भाषण देनें में अनेकानेक कार्यकर्ताओं को अवसर मिल रहा है। भाजपा ने इन यात्राओं में अधिकतम कार्यकताओं को काम से जोड कर , नवाचार किया है। एकाधिकार की प्रवृति को पूरी तरह से रोक दिया है। जिसका लाभ पार्टी को निश्चित ही मिलेगा।
राजस्थान और छतीसगढ़ जहां भाजपा विपक्ष में है, वहाँ परिवर्तन संकल्प यात्रा नाम से ये यात्राएं निकाली जा रही हैं। राजस्थान में एक साथ 4 परिवर्तन यात्राएं चल रहीं हैं। तो छतीसगढ़ में 2 परिवर्तन यात्राएं चल रहीं हैं। इसी तरह से मध्यप्रदेश में जहां भाजपा की सरकार है, वहाँ जन आशीर्वाद यात्रा नाम से पांच यात्राएँ एक साथ निकल रहीं हैं। इस प्रकार कुल 11 यात्राएं इस समय चल रहीं हैं। जिनमें मध्यप्रदेश में भोपाल और राजस्थान में जयपुर में , 25 सितंबर को विशाल सम्मेलनों के साथ समापन होगा। 25 सितंबर पं दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर, इन दोनों प्रदेशों में बड़ी बड़ी प्रदेश स्तरीय सभाएँ होंगी, जिन्हे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी संबोधित करेंगे। वहीं कुछ विलम्ब से प्रारम्भ हुई छतीसगढ की दोनों यात्राओं का 28 सितम्बर को बिलासपुर पहुंचनें पर समापन होगा ।
इस साल के अंत तक हिन्दी बेल्ट के मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के अलावा दक्षिण भारतीय राज्य तेलंगाना और पूर्वांचल के मिज़ोरम में विधानसभा के चुनाव होंने हैं। इन चुनावों को लेकर इन सभी प्रदेशों में राजनीतिक सरगर्मियां तेज़ हो गई हैं। लगभग प्रचार अभियान प्रारम्भ हो गये हैं, प्रत्याशी भी अपने अपने तरीके से मतदाताओं के बीच उतर रहे है।
क्यों कि इन राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल दिसम्बर अंत या जनवरी के पूर्वार्ध में पूरा हो रहा है। जैसे कि :-
1- मिजोरम की 40 सदस्यों वाली विधानसभा का कार्यकाल 17 - 12 - 2023 को पूरा हो रहा है।
2- छतीसगढ की 90 सदस्यों वाली विधानसभा का कार्यकाल 03 - 1 - 2024 को पूरा हो रहा है।
3- मध्यप्रदेश की 230 सदस्यों वाली विधानसभा का कार्यकाल 06 - 1 - 2024 को पूरा हो रहा है।
4- राजस्थान की 200 सदस्यों वाली विधानसभा का कार्यकाल 14 - 1 - 2024 को पूरा हो रहा है। और
5- तेलंगाना की 119 सदस्यों वाली विधानसभा का कार्यकाल 16 - 1 - 2024 को पूरा हो रहा है।
अर्थात भारत चुनाव आयोग इन राज्यों के चुनाव हेतु अक्टूबर में कभी भी चुनाव कार्यक्रम घोषित कर सकता है। वही इन प्रदेशों में मुख्यतौर भाजपा कांग्रेस सहित भारत राष्ट्र समिति और मिजो नेशनल फ्रंट प्रमुख दल हैं और इन्होनें तैयारियां प्रारम्भ कर दीं हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश व छतीसगढ दो राज्यों में अपने उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी है, वहीं भारत राष्ट्र समिति नें भी अपने अधिकांश उम्मीदवारों 119 में से 115 की सूची जारी कर दी है। हालांकि अभी कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है, लेकिन चुनाव की तारीख़ की घोषणा होने के काफ़ी पहले भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में 39 और छत्तीसगढ़ में 21 उमीदवारों की लिस्ट जारी कर चौंका दिया है।
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