धर्म के प्रति राजनैतिक पाखण्ड को समाज नें वोट से सजा सुनाई है - अरविन्द सिसोदिया Sanatan is the best religion
Society has punished political hypocrisy towards religion by voting - Arvind Sisodia
धर्म के प्रति राजनैतिक पाखण्ड को समाज नें वोट से सजा सुनाई है
- अरविन्द सिसोदिया 9414180151
Sanatan is the best religion of the entire world - Arvind Sisodia
1- सनातन सम्पूर्ण विश्व का सर्व श्रैष्ठ धर्म है क्यों कि यह सम्पूर्ण विश्व को एक परिवार मान कर विचार करता है। वसुधैव कुटम्बकम का संदेश सनातन संस्कृति ही देती है।
- वसुधैव कुटुंबकम् संस्कृत का सूत्र वाक्य है जिसका अर्थ होता है, “दुनिया एक परिवार है“ अर्थात “संपूर्ण विश्व एक परिवार है“।
वसुधैव कुटुम्बकम् सनातन धर्म का मूल संस्कार तथा विचारधारा है जो “महा उपनिषद“ एवं भागवत पुराण“ सहित कई ग्रन्थों में लिपिबद्ध है।
2- इसी सनातन संस्कृति का ध्येय वाक्य सभी के सुख की कामना और शांती की है -
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु। मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥
ॐ शान्तिः ! शान्तिः ! शान्तिः॥
- ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः मंत्र हिंदी अर्थ सहित
हे प्रभु : सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी का जीवन मंगलमय बनें और कोई भी दुःख का भागी न बने। हे ईश्वर हमें ऐसा आशीवार्द दो !
ॐ शान्तिः ! शान्तिः ! शान्तिः॥
3- ये वही सनातन है जो कहता है कि सत्य ही सबसे बडा है, सत्य के तथ्य को कोई भी इंकार नहीं कर सकता । ज्ञान , विज्ञान और आध्यात्म सहित ईश्वर से लेकर धर्म, अर्थ काम ( कार्य ) और मोक्ष के क्षेत्र में सवर्त्र सत्य ही सर्वोपरी है।
- यह मूलतः मुण्डक-उपनिषद के सर्वज्ञात मंत्र 3.1.6 का शुरुआती हिस्सा है.
सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः ।
येनाक्रमंत्यृषयो ह्याप्तकामो यत्र तत्सत्यस्य परमं निधानम् ।।
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सारी दुनिया सनातन का सम्मान कर रही है और कुछ राजनैतिक सिरफिरे मात्र वोट बैंक के लालच में आत्मा पर चोट और परमात्मा से खोट कर रहे हैं। बिना जानें समझे किसी एजेण्डा विषेश के लिये बोल रहे हैं। यह बहुत आसानी से समझ में आ रहा है कि कांग्रेस के नवगठित गठबंधन को भी, विशेष कर अल्पसंख्यक वोट बैंक हड़पने के लिए, हिन्दुओं के विरूद्ध कुछ तो भी अनर्गल कहते रहना है ताकि उस वोट बैंक के वोट ठगे जा सकें। यह बयानात इसी क्रम में आये महसूस होते हें।
किन्तु धर्म के जानकार कहतें है परमात्मा जिसे दंड देता है उसकी बुद्धि पहले हर लेता है। इसलिए यह मान लीजिए की सनातन या हिंदुत्व पर जो कीचड उछाल राजनीति कर रहे हैं, उनका स्वयं अंत तय है। वे स्वयं आमजन में अपना विसश्वास खो देंगें।
- गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्रीरामचरितमानस में एक चौपाई लिखी है- “जाको प्रभु दारुण दुख देहि, ताकी मति पहले हर लेहि” अर्थात जिन्हें भी परमात्मा अतिशय कष्ट देने की ठान लेते हैं, उनकी बुद्धि पहले हर लेते हैं।
भगवान श्रीराम को लेकर, सनातन को लेकर, हिंदुत्व को लेकर आगे बड़ी भाजपा 2 लोकसभा सीटों से आज विश्व की सबसे ज्यादा सदस्यों की संख्या वाली पार्टी है , लगातार दो लोकसभा चुनावों से पूर्ण बहूमत से केन्द्र सरकार बना रही है। वहीं श्रीराम जन्म भूमि रथ यात्रा को रोकने वाले मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के पास लोकसभा में कोई सदस्य नहीं है, जीरो सदस्य वाली पार्टी रही 2019 चुनाव में । अयोध्या में निर्दोष और निहत्थे कारसेवकों पर गोली चलाने वाले मुलायम सिंह की पार्टी सपा सिंगल डिजिट में मात्र 3 लोकसभा सदस्य में हैं, रामजन्म भूमी पर ताले लगवाने वाली कांग्रेस, मंदिर निर्माण में हर तरह का अड़ंगा लगाने वाली कांग्रेस , प्रभु श्रीराम का अस्तित्व नकारने वाली कांग्रेस हंसिये पर है, अपने इतिहास के सबसे बुरे दिनों से गुजर रही है। लोकसभा में मात्र 50 सीटों के आसपास है।
सनातन को समाप्त करने की बात कह कर उदयनिधि स्टालीन पुत्र मुख्यमंत्री स्टालिन नें और उसका पूर्ण समर्थन कर प्रियांक खरगे पुत्र कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे नें हिंदुत्व को जो चुनौती दक्षिण में प्रस्तुत की है, उसका जबाव भी दक्षिण भारत से ही आयेगा। अगले चुनाव में तमिलनाडु से ही डीएमके साफ हो जायेगी। कर्नाटक भी कांग्रेस हॉफ हो जायेगी ।
ईश्वर नें उदयनिधि स्टालीन और प्रियांक खरगे की मती इसीलिए हरी है कि वह इन्हे सबक सिखाने वाला है। ये दोनों राजकुमार अपने अपने प्रदेशों में राज्य सरकारों में मंत्री हैं, इन्हे सनातन में दोष निकालने के बजाए स्वयं की सरकारों के दोष दूर करने चाहिए, जो कि कुशासन ग्रस्त हैं। भेदभाव युक्त हैं।
जहां तक सामाजिक बुराईयों की बात है वह सम्पूर्ण विश्व में समान रूप से पाई जातीं हैं। हत्या, बलात्कार, चोरी , डकैती , लूट , धोखा कहां जायज है ? सभी धर्म पंथ सम्प्रयाद और सभी देशों के कानूनों में ये अपराध हैं, पाप हैं , कुरीती है, सामाजिक बुराई है। इसी तरह सामाजिक भेदभाव, आर्थिक भेदभाव , महिलाओं के प्रति भेदभाव सहित दास बनाने, गुलाम बनाने की प्रथायें भी अमानवीय हैं। प्रलोभन आधारित धर्मान्तरण, जबरिया धर्मान्तरण , कुपोषण और अशिक्षा भी अमानवीय है। समाजशास्त्र जिन्हे बुरा मानता है कहता है, वह तो सभी जगह कम ज्यादा पाये जाते हैं और इन पर शतप्रतिशत अंकुश कहीं भी नहीं लग पाया है। जिन राज्यों में ये राजकुमार राज्य सरकारों में मंत्री हैं, वहाँ भी कुशासन है। भेदभाव है। विफलतायें हैं।
जो लोग बुराईयों को, विसंगतियों को, सनातन में, हिन्दुओं में ढूढ रहे हैं , वे लोग इन्ही कुरीतियों को अन्य पंथों, विचारों और व्यवहारों में भी मौजूद होनें के तथ्यों पर खामोश क्यों रहते हैं। हिन्दूओं के अतिरिक्त अन्यों पंथों के खिलाफ बोलनें की हिम्मत ही इनमें नहीं होती, चुप रहते हैं, मुंह नहीं खुलते। सच तो यह है कि हिन्दू के खिलाफ अनर्गल प्रलाप करने वाले स्वंयभू ही वैचारिक भेदभाव करने वाले लोग है। ये अपनी मनोविकृती परोसते रहते है। जहां घोषितरूप से बुराईयां हैं , उनके खिलाफ एक शब्द इनके मुंह से नहीं निकलता , सच यह है कि ये लोग वास्तविकता में कायर हैं। विश्व में मौजूद अधर्म पर टिपण्णी करने से बचते हैं,सच और समानता से नजरें छुपाते है।
जब कांग्रेस ने गैर जरूरी आपातकाल लगा कर निर्दोष विपक्ष को जेलों में डाल दिया था और जनता के साथ जबरिया नसबंदी का अत्याचार किया था, तब भी इस जनता ने खामोशी से सब सहा और वोट के समय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी सहित तमाम कांग्रेस को साफ कर दिया था।
अन्त में यही कहूंगा कि यह भारत की जनता है, कष्ट सहन कर लेती और वोट से सबक सिखाती है। इसी जनता नें श्रीराम जन्मभूमी प्रसंग में कांग्रेस,सपा और आर जे डी को सबक सिखाया हुआ है। वही परिणाम दक्षिण में भी सनातन समर्थक जनमत दोहरायेगा। डी एम के और कांग्रेस सहित कांग्रेस गठबंधन को सबक सिखाएगी।
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