सपा का भारतीय भगवा संस्कृति पर आक्रमण - अरविन्द सिसोदिया

 


योगीजी के भगवा वस्त्र के बहानें,

सपा का भारतीय भगवा संस्कृति पर आक्रमण - अरविन्द सिसोदिया


याद रहे करोडों वर्षों से भारत में भगवा रंग, भगवा ध्वज एवं भगवा व़स्त्र धर्म एवं आस्था का पवित्र मान सम्मान रहा है। उसे जंग बताना नितांत ही अपमान जनक व्यवहार में आता है। सपा की डिम्पल यादव नें मुख्यमंत्री योगी के वस्त्रों के बहानें जो टिप्पिणी की है। वह भारतीय संस्कृति पर कुंठित एवं साम्प्रदायिक आक्रमण है। यह अक्षम्य है।
ये वस्त्र योगी जी के नहीं भारतीय संस्कृति के है।


समाजवादी पार्टी वही पार्टी है जिसनें अयोध्या के परम सत्य “ श्रीराम जन्म भूमि“ की स्वतंत्रता का, अतिक्रमण  मुक्ति को विरोध तो किया ही, साथ ही उसे मुक्त करवानें वाले भक्तों अर्थात कारसेवकों पर गोलियां चलाईं और सरयू का पवित्र जल खून से लाल कर दिया था। हिन्दूओं के रक्त से लाल अयोध्या को कर दिया था और उसी रंग की टोपी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पहनाई। जिससे हिन्दू विरोध तत्व और कट्टपंथी सन्तुष्ट हों,उन्हे अपना नेता चुनें। सत्ता की प्राप्ती के लिये जयचंन्द और मीरजाफर बनने जैसा कृत्य इतिहास में कभी माफ नहीं होगा।

भगवा रंग का वैदिक नाम अरूणोदय है अर्थात सूर्य के उदय के समय का रंग। यही रंग सनातन संस्कृति का है, यही रंग भारतीय संस्कृति का है। इस रंग में भारत का आध्यात्म फलता फूलता है। भगवा पहनावा सम्मान का प्रतीक है। इसका समाजवादी पार्टी की नेता ने मजाक बनाया है। भगवा से जंग का मतलब भारत से जंग ही है। भारतीय संस्कृति से जंग भी है। डिम्पल की शिक्षा में तो भारतीय संस्कृति कभी रही नहीं , लेकिन दुर्भाग्य यह है कि उनकी पार्टी में भी भारतीय संस्कृति नहीं है। समाजवादी पार्टी का बस चले तो सूरज को भी आदेश दे दिया जायेगा कि वह हरे रंग के प्रकाश में उगे।

हिन्दू को समझना होगा, कि खूनी रंग की टोपी पहन कर, हरे रंग को पहन कर साम्प्रदायिक गुलामी करनें वालों की असली मानसिकता क्या है। अच्छा हुआ कि मुख्यमंत्री की पढ़ी लिखी धर्मपत्नि के मुंह से जानें अनजानें सत्य प्रगट हो गया। सपा के एक भदौरिया प्रवक्ता हैं वे कई महीनों से हरा कुर्ता छोड ही नहीं रहे जबकि वह बहुत मैला भी हो गया। हरी साडी पहन कर एक सेलीब्रेटी नेता प्रचार को गईं थीं।

मन में क्या है , वोट किसके ठगनें है। धोका किसको देना है। सब कुछ स्पष्ट है। फिर भी चक्कर में आओ तो, भारत को कौन बचा सकता है।
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डिंपल ने सीएम योगी पर हमला करते हुए जनता से पूछ लिया कि लोहे में जो जंग लगता है उसका रंग क्या होता है? फिर खुद ही जवाब दिया कि इंजन तो लोहे का होता है, लेकिन लोहे पर जो जंग लगता है उसी रंग का कपड़ा हमारे मुख्यमंत्री पहनते हैं। जंग का रंग भी मुख्यमंत्री के कपड़े के रंग का होता है। डिंपल ने कहा कि जंग के रंग वाले इंजन को हटाना जरूरी है। जंग वाले इंजन को हटाने के लिए यह चुनाव तो जनता लड़ रही है। 

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28 मई 2022 को जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टिविट् किया कि “ मैं भी भगवाधारी ” हूं तो अचानक ही इसका रंग सोशल मीडिया पर छा गया ।

 “ मैं भी भगवाधारी ”
-ट्विटर पर घंटों टॉप ट्रेंड करता रहा योगी का “ मैं-भी-भगवाधारी ”


लखनऊ, 28 फरवरी । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जैसे ही गोरखपुर में हुंकार भरी कि मुझे गर्व है कि मैं भगवाधारी हूं, इसके बाद पूरे सोशल मीडिया पर  “ मैं-भी-भगवाधारी ” ट्रेंड करने लगा। इससे यह साफ है कि योगी को कितना समर्थन मिल रहा है।

फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम सहित सभी प्रमुख सोशल मीडिया मंच रविवार को “ मैं भी भगवाधारी के रंग ” में पूरी तरह रंग गए। यूपी के मुख्यमंत्री रहे अखिलेष यादव की पत्नि श्रीमती डिंपल यादव द्वारा भगवा को जंग कहे जाने पर योगी ने जनसभा से कहा था कि “हां, मैं भगवाधारी हूँ” जिसके बाद समर्थकों ने ट्विटर पर रुमैं-भी-भगवाधारी ट्रेंड चलाया। यह ट्रेंड पूरे भारत में नंबर-एक ट्रेंड कर रहा था। इसे 415 मिलियन इंप्रेशन मिले। यही नहीं, इस हैशटैग से किये गए ट्वीट की पहुंच करीब 58 मिलियन से अधिक लोगों तक रही।

दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव द्वारा भगवा रंग को जंग से जोड़कर उनके खिलाफ दिए गए बयान पर रविवार को जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि उनका बयान सृष्टि, सनातन संस्कृति और संत परंपरा का अपमान है। मुझे गर्व है कि मैं भगवाधारी हूं। योगी के इस हुंकार को जनसभा में प्रचुर जनसमर्थन मिला और भीड़ से समवेत आवाज गूंजी कि हम भी भगवाधारी हैं। जनसभा में काफी देर तक “ मैं भी भगवाधारी ”, “हम भी भगवाधारी” का नारा गूंजता रहा। इसके बाद सोशल मीडिया पर भी यही नारा गूंजता रहा।

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव

अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने दिया बयान

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने हाल ही में भगवा रंग को लेकर बयान देते हुए कुछ ऐसी बातें कही है। जिसे लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चाएं हो रही है। आपको बताते चलें कि हिंदू और हिंदुत्व को लेकर कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी भी पहले बयान दे चुके हैं। सिर्फ इतना ही नहीं भगवा रंग को लेकर भी कांग्रेस समाजवादी पार्टी के साथ ही साथ कई अन्य पार्टी के नेता बयान देते रहे हैं।

संत समिति के महामंत्री जितेंद्र नंद सरस्वती ने दी नसीहत

संत समिति के महामंत्री जितेंद्र नंद सरस्वती ने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को लेकर बयान देते हुए कहा है कि जिस तरह से समाजवादी पार्टी के नेता एक के बाद एक भगवा रंग के साथ ही सड़क हिंदू धर्म के रंगों को लेकर बयान देते जा रहे हैं। यह किसी भी रुप में सही नहीं है। सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा है कि समाजवादी पार्टी के नेताओं को इस मामले को लेकर मा फी मांगने की जरूरत है।


संत समाज के कई लोग नहीं है खुश   

डिंपल यादव के द्वारा भगवा रंग को लेकर बयान देने के बाद ही संत समाज के कई लोग खुश नजर नहीं आ रहे हैं। एक के बाद एक कई लोग अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को नसीहत देते नजर आ रहे हैं। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि डिंपल यादव और समाजवादी पार्टी के नेता चुनाव में सफल होने के लिए कुछ भी कर सकते हैं सिर्फ इतना ही नहीं वह लोग हिंदू धर्म को लेकर भी कुछ ऐसे बयान दे सकते हैं जो कि असंसदीय है।

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भगवा का अपमान डिम्पल यादव के द्वारा

भगवा कपड़े को जंग बताना भारतीय संस्कृति पर हमला - निशिकांत दूबे

- झारखंड के सांसद निशिकांत दूबे ने कहा, भगवा सनातन संस्कृति का प्रतीक

बलिया, 27 फरवरी । झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने बलिया में कहा कि सपा ने भगवा का अपमान किया है। वे सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव द्वारा सिराथू में कथित रूप से भगवा कपड़े को जंग बताने वाले बयान में अपनी प्रतिक्रिया कहा कि “ पूर्व सांसद डिम्पल यादव प्रयागराज के सिराथू में कहती हैं कि भगवा कपड़ा जंग है। इससे बड़ा भारतीय सभ्यता और संस्कृति पर कोई हमला नहीं हो सकता। वोटबैंक की राजनीति क्या यही हो सकती है ? क्या मुख्यमंत्री जिस भगवा कपड़े को पहनते हैं वह जंग है ?“

निशिकांत दूबे बोले, भगवा रंग का तो शिवाजी का भी झंडा रहा है। साधु-संतों का भी यही रंग है। जितने मंदिर हैं सब जगह तो भगवा झंडा ही लगता है। यह हमारी संस्कृति का प्रतीक है। विपक्ष के विरोध का यह स्तर वोट बैंक की राजनीति के कारण है। विपक्ष का यह रवैया शोभनीय नहीं है।

निशिकांत दूबे ने कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद पिछले सात सालों में विपक्ष के नेता भी पूजा करने लगे हैं। आखिर मोदी से पहले कितने प्रधानमंत्री हैं जो खुलेआम पूजा करते थे। देश में पीएम मोदी के आने के बाद अब सभी को मंदिर जाना पसंद आ रहा है। यह सुकून देता है। उन्होंने कहा कि धर्म अर्थव्यवस्था का बड़ा साधन है।
 

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