आतंकियों एवं दंगाईयों को अवसर देनें वाले दलों को हांसिये पर डालें - अरविन्द सिसौदिया
आतंकवाद और अपराधवाद में संलिप्त दलों एवं नेताओं को चुनाव लडनें पर रोक हो - अरविन्द सिसौदिया
आतंकियों एवं दंगाईयों को अवसर देनें वाले दलों को हांसिये पर डालें - अरविन्द सिसौदिया
Put the parties which give opportunities to terrorists and rioters on the hunt - Arvind Sisodia
विधानसभा चुनावों में आतंकवाद के प्रति नर्म रूख और दोस्ताना व्यवहार रखने वाले दल बेनकाब हो रहे है।
आप पार्टी के प्रमुखों में से एक रहे कवि कुमार विश्वास और विधायक अल्का लाम्बां ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के प्रति खलिस्तान प्रेम और देश की अखण्डता से समझौता करने वाले मंसूबे को उजागर कर दिया है। अच्छा तो तब होता कि वे उसी समय यह तथ्य उजागर करते । देर से सही देश ने जाना तो उनके मन के अन्दर क्या पल रहा है। कांग्रेस के राजकुमार ने अमरीकी राजनायिक से आतंकी हमले की निदा करने के बजाये हिन्दूओं से ज्यादा खतरा बताया था। जो विक्की लीक्स में सामनें आया था।
असल में आतंकवादी भी यह देखते है। किस सरकार के राज में उनके प्रति अनुकूल शासन होगा , वे उसी राज में दंगे, आतंकी घटनायें अंजाम देते है। जिस सरकार में उन्हे सीधा मुकाबला करना पढे या उन पर भी कठोर कार्यवाही की आशंका रहती है। उसमें वे ज्यादातर चुप रहते है। या विफल होते है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने गुजरात में जब मुह तोड जबाव की रणनीति पर काम किया जो पूरे देश में आतंकी घटनाओं एवं दंगों में कमी आ गई । दंगा मुक्त देश के लिये भाजपा सरकार, मोदी सरकार, योगी सरकार ही सही हैं। इसी लिये पूरे देश में भाजपा सरकारें पंशेद की जा रहीं है। आतंकियों एवं दंगाईयों को अवसर देनें वाले दलों को हांसिये पर डाला जा रहा है।
अहमदाबाद सीरियल बम धमाकों के आतंकवादियों को हाल ही में कोर्ट ने सजा दी है। उसके तार समाजवादी पार्टी से जुड गये। समाजवादी पार्टी ने अपने शासन के समय भी आतंकवादियों पर से मुकदमें वापस लेनें की कोशिश की थी ।
कुल मिला कर एक मजबूत राष्ट्रीय कानून एवं निर्वाचन आयोग की स्पष्ट गाइड लाइन होनी चाहिये कि आतंकवाद और अपराधवाद में संलिप्त दलों एवं नेताओं को चुनाव लडनें पर रोक होगी । इस तरह के दलों एवं नेताओं की नागरिकता एवं मान्यता समाप्त की जा सकेगी।
याद रहे सर्वोच्च न तो संबिधान होता न ही न्यायालय, किसी भी देश का अस्तित्व ही सर्वोच्च होता है। देश होगा उसका अस्तित्व होगा तो संविधान भी बन जायेगा और न्यायालय भी गठित हो जायेगा। इसलिये देश सर्वोपरी के भाव से ही सभी संस्थाओं को काम करना चाहिये।
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माननीय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा
माननीय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले अनेक दशकों से हमारा देश, आतंकवाद का कहर झेलता रहा है। जेहादी संगठनों की कुदृष्टि हमारी धरती, हमारी संस्कृति और हम लोगों पर रही है। हम-आप सभी जानते हैं कि जब आतंकी हमला होता है, आतंकवाद बढ़ता है तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान गरीब और मध्यम वर्ग को ही निभाना पड़ता है। एक समय था जब हर कुछ सप्ताह के बाद देश में बड़े बम धमाके होते थे, सीरियल ब्लास्ट होते थे। कभी मुंबई में बम फटते थे, तो किसी दिन दिल्ली में। जयपुर, बेंगलुरू, हैदराबाद, गुवाहाटी, लुधियाना, अगरतला, इंफाल, कितने ही शहर उस दौरान बम धमाकों से धर्राए, कितने ही निर्दोष नागरिक उन हमलों में मारे गए।
श्री मोदी ने कहा कि जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तो उस दौरान अमदाबाद में भी सीरियल बम धमाके हुए थे। मैं उस दिन को कभी भूल नहीं सकता। उसी दिन मैंने संकल्प लिया था कि मेरी सरकार इन आतंकवादियों को पाताल से भी खोजकर सजा देगी। आपने देखा है, कुछ दिन पहले ही अमदाबाद बम धमाके के दोषियों को सजा मिली है। जो हम भारतीयों को तबाह करना चाहते थे, उन्हें अदालत ने सजा सुनाई है। अनेक आतंकवादियों को फांसी की सजा भी मिली है। कुछ राजनीतिक दल, ऐसे ही आतंकवादियों के प्रति मेहरबान रहे हैं। ये राजनीतिक दल, वोटबैंक के स्वार्थ में, आतंकवाद को लेकर नरमी बरतते हैं। ये देश की सुरक्षा के लिए बहुत खतरे की बात है, इसलिए हर देशवासी को इसके बारे में जरूर जानना चाहिए।
आदरणीय प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ही 2006 में काशी में बम धमाका हुआ था। संकट मोचन मंदिर में भी धमाका किया गया था। वहां के कैंट रेलवे स्टेशन पर भी हमला किया गया था। तब यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। जब 2013 में समाजवादी पार्टी की सरकार फिर से सत्ता में आई, तो इन लोगों ने शमीम अहमद नाम के आरोपी पर चल रहे मुकदमों को वापस लेने का फैसला ले लिया था। ऐसे ही आपको याद होगा, 2007 में गोरखपुर में आतंकी हमला हुआ था। 2013 में समाजवादी सरकार ने तारिक कासमी नाम के आरोपी से केस वापस ले लिया था लेकिन अदालत इसके लिए तैयार नहीं हुई और फिर तारिक को 20 साल की सजा हुई थी। 2007 में लखनऊ, अयोध्या के कोर्ट परिसर में बम धमाके हुए थे। 2013 में समाजवादी सरकार ने तारिक काजमी नाम के आतंकी से मुकदमा वापस ले लिया था लेकिन इस मामले में भी अदालत ने समाजवादी सरकार की साजिश नहीं चलने दी और उस आतंकी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। ऐसे ही यूपी में एक दो नहीं बल्कि आतंकी हमलों के 14 मुकदमों में समाजवादी सरकार ने बहुत सारे आतंकवादियों से मुकदमे वापस लेने का फरमान सुना दिया था। ये लोग विस्फोट कर रहे थे, धमाके कर रहे थे और समाजवादी पार्टी सरकार इन आतंकवादियों पर मुकदमा तक नहीं चलने दे रही थी।
श्री मोदी ने कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं का रवैया, और भी खतरनाक रहा है। ये लोग ओसामा जैसे आतंकवादी को जी कहकर बुलाते हैं। ये लोग बाटला हाउस इनकाउंटर में आतंकवादियों के सफाए पर आंसू बहाते हैं। ये लोग किसी दिन भारतीय सेना का अपमान करते हैं, किसी दिन पुलिस को बेइज्जत करते हैं जबकि हमारी सरकार ने National War Memorial और National Police Memorial बनाया है। हम हर शहीद का सम्मान करते हैं। इतने वर्षों तक मैं इसलिए चुप रहा क्योंकि अमदाबाद ब्लास्ट केस की सुनवाई चल रही थी। आज जब अदालत ने आतंकियों को सजा सुना दी है, तो मैं अब विषय को देश के सामने उठा रहा हूं। और मैं आज गुजरात पुलिस की भी प्रशंसा करूंगा कि उसके प्रयासों से आतंकियों के कई मॉड्यूल्स का खात्मा हुआ है।
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