मोदी युग में, भेड़ - बकरियों की तरह खदेडा , चीनी सैनिकों को भारतीय सेना ने - अरविन्द सिसौदिया china indo crisis
मोदी युग में, भेड़ - बकरियों की तरह खदेडा , चीनी सैनिकों को भारतीय सेना ने - अरविन्द सिसौदिया
कांग्रेस सहित तमाम विपक्ष को सैन्य मामलों में संयम से काम लेना चाहिये और विशेषकर कांग्रेस को अपनी गिरेबान में भी झांक कर देख लेना चाहिये कि आज से 60 वर्ष पूर्व पं. जवाहरलाल नेहरू जी के प्रधानमंत्रित्व काल में इसी तवांग में चीनी सैनिक मारकाट करते हुये पहुंचे थे और इस पर कब्जा करके आगे बडे थे। संभवतः वह तारीख भी 23 से 25 अक्टूबर 1962 होनी चाहिये। तब भारत शांति के पुजारी एवं पंचशील के शिल्पकार नेहरू जी का भारत था, कांग्रेस पार्टी द्वारा शासित भारत था। संसाधन विहीनता के कारण पराजित एवं मुकाबला नहीं करने वाला भारत था।
तब भारत और चीन के बीच युद्ध 20 अक्टूबर 1962 को शुरू हुआ , जिसके परिणामस्वरूप हजारों सैनिक शहीद हुए और भारत को हार का सामना करना पड़ा । इस युद्ध में चीन ने भारत के अक्साई चिन में लगभग 38,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र पर कब्जा कर लिया ।
मगर अब भारत बहुत बदल चुका है, 2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भारत है, भाजपा द्वारा शासित भारत है। जो भारत की सीमाओं पर जरूरी निर्माण और आवश्यकता की अन्य जरूरतों को पूरा करनें का तंत्र तैयार कर रहा है और तेजी से इस काम को पूरा करनें में लगा है। 70 साल तक देश ने सीमाओं नें जरूरी तंत्र की उपेक्षा छेली है। इसे पूरी तरह से पूर्णता देनें में समय तो लगेगा, मगर मोदी जी के नेतृत्व में बहुत बडी राशियों से बडे बडे स्तर पर काम हो रहे हैं। जिनसे सीमाओं की सुरक्षा के मामले में भारत आत्म निर्भरता की ओर बड रहा है। इसी से चीन और पाकिस्तान परेशान और इनके पक्षधर के रूप में काम करनें वाले भारत में मौजूद दल और लोग भी परेशान हैं।
9 दिसम्बर 2022 को तवांग में चीनी सैनिकों ने फिर से घुसपैठ की, सैंकडों की संख्या में वे आये थे, उन्हे भारतीय सैनिकों ने न केबल रोक लिया बल्कि उन्हे भेड बकरियों की तरह खदेड दिया गया है। जो वीडियो इस घटना की तमाम मीडिया में चल रही है। उसमें भारतीय सैनिकों से वे मुकाबला करने बजाये भागते हुये झुण्ड की तरह दिख रहे हैं। यह बदले हुये भारत की तस्वीर है। इससे पहले भी इन सालों में कई झडपों में भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों को खदेड चुके हैं।
पहली वार ........चीन ने पहली बार अधिकृत रूप से कहा है कि भारतीय सैनिक उसके क्षेत्र में घुस आये थे ....! यह चीन ने एक चाल के तहत ही कहा है, अन्यथा घुसे उसके सैनिक ही थे।
चीन की सेना के प्रवक्ता ने कहा है कि पीएलए का वेस्टर्न थिएटर कमांड वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी भूभाग में रूटीन पेट्रोलिंग कर रहा था, तभी भारतीय सैनिक चीन के हिस्से में आ गए और चीन के सैनिकों को रोकने की कोशिश की।
सर्तकता ....सर्वोपरी
भारत के तमाम राजनैतिक दलों को यह अच्छी तरह समझना चाहिये कि चीन को चुटकी बजा कर खत्म करना अभी किसी के बस की बात नहीं है। वह भी महाशक्ति है और जन्म के साथ ही राष्ट्रीय हितों के लिये तेजगति से काम में जुटा हुआ है। हमने उसे ताकतवर ही बनाया और अपना बहुत कुछ खोया है। चीन भारत की सीमा कभी मिलती ही नहीं थी। उसके लिये भी हम ही जिम्मेवार रहे। हमनें ही चीन को तिब्बत दिलवाया था।
चीन ने प्रत्येक क्षेत्र में अपने आपको साबित किया है। जबकि हमनें पूरे 70 साल खोये हैं । हमारे यहां 2014 के बाद से ही देशहित पर पूरे दम खम से काम प्रारम्भ हुआ है। जिससे चीन में भी घबराहट है। हमें नरेन्द्र मोदी सरकार का साथ देना चाहिये, उसे ताकत देना चाहिये। सही काम कर रही सरकार की टांग खिंचाई दुश्मन को फायदा पहुंचाना ही होता है। जरूरत समझदारी से सैन्य मजबूती पर काम करनें की जरूरत है। चीन से तो अभी लगातार मई 2024 तक संघर्ष चलेगा ही ....इसका कारण भी परेक्ष अपरोक्ष सभी समझ भी रहे हैं।
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