खुर्शीद की खुशामद,स्वार्थ की कवायत - अरविन्द सिसौदिया
कांग्रेस मूलतः ब्रिटिश गवरमेन्ट के द्वारा स्थापित करवाई गई पार्टी है, जिसका मकसद ब्रिटिश भक्त भारतीय तैयार करना था। जब भी इस पार्टी में प्रखर अंग्रेज विरोधी, प्रखर राष्ट्रभक्त, प्रखर हिन्दू वादी या भारत का भला चाहने वाले उभरे तो उन्हे बडी निर्दता से विफल किया गया । वहीं कांग्रेस में हिन्दू विरोधी नेताओं का बहुत सम्मान रहा है । स्वतंत्रता के संघर्ष में भी प्रखर हिन्दू वादी नेता बालगंगाधर तिलक को मुख्यधारा से अलग कर उनके स्थान पर दक्षिण अफ्रिका से मोहनदास करमचन्द गांधी को आयात कर स्थापित करनें में ब्रिटिश सरकार का बहुत बडा षडयंत्र था। योजनापूर्वक तिलक को जेल में डाल दिया गया था । यह लम्बी कहानी है, कई भागों में चलने वाले उपन्यासों की तरह।
कांग्रेस के बडे नेता और उत्तरप्रदेश की मुस्लिम राजनीति में सक्रीय पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद अपने उलझे बयानों के लिये विख्यात हैं। हाल ही में उन्होनें दो विवादास्पद बयान दिये है। जो तथाकथित गांधी परिवार (जो कि मूलतः इन्दिरा गांधी के पति पूर्व सांसद श्री फीरोज खान का परिवार है,) को खुश करने हैं। इससे पूर्व में भी उन्होने बहुत से बयान गांधी परिवार को खुश रखनें के लिये दिये है। उन्होनें हिन्दुत्व की तुलना बोको हरम और आई एस आई एस जैसे आंतंकी संगठन से तक की है।
** दूसरा उन्होन कांग्रेस के ताजा ताजा चुने गये राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की असलियत उजागर करते हुये दिया है कि नेता तो गांधी परिवार ही है। खरगे तो पार्टी चलानें के लिये हें।
सलमान की बातों से न तो नाराज होना चाहिये न परेशान होना चाहिये , क्यों कि वे कांग्रेस संस्कृति के सच्चे प्रतीक हैं। वे जानते है कि मध्यप्रदेश के महाराज ग्वालियर ज्योतिरादित्य सिंधिया ,राजस्थान में राजेश पायलेट के पुत्र सचिन पायलेट या हाल ही में हिमाचल के राजा वीरभद्र सिंह की पत्नि प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभासिंह की तरह पार्टी का काम करने से कुछ हांसिल नहीं होता । जब तक कि गांधी परिवार का आर्शीवाद न मिले।
सलमान यह भी जानते हैं कि सत्ता के उच्च पदों की मलाई, काम करने से नहीं बल्कि स्तुत करनें और मोदीजी को गाली देनें पर ही मिलेगी। इसलिये उन्होने खरगे को भी अपरोक्ष याद दिला दिया कि जो गति पूर्वकाल में सीताराम केसरी की हुई थी, उसके जितनी ही औकात कांग्रेस के गैर गांधी परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष की होती है। अर्थात उन्होनें कांग्रेस के गांधी परिवार की चापलूसी की है। अपने नम्बर बडाये हैं। वहीं उन्होने अपरोक्ष राहुल की खडाऊ अपने सिर पर रख कर चलने की बात कह कर, अपने पूर्ण आत्मसमर्पण को प्रगट किया है। उन्होने राहुल को जता दिया है कि हम जूते ही सिर पर रख कर चनले तैयार है। तो इससे ज्यादा समर्पण को कुछ है ही नहीं, यह समर्पण की पराकाष्टा है। इसे भी सलमान खुर्शीद ने प्रगट कर अपनी वफादारी सुनिश्चित की है। अनुभवी सलमान खुर्शीद जानते हैं कि फिलहाल कांग्रेस के असली नेता राहुल ही हैं और खरगे कुछ समय के महमान सो उन्होने भविष्य को भांपते हुये वही किया जो स्वहित में ठीक था।
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सलमान खुर्शीद भारत सरकार में भूूतपूर्व विदेश मंत्री रहे हैं पंद्रहवीं लोकसभा के मनमोहन सिंह मंत्रीमंडल में सहकारी एवं अल्पसंख्यक मामलों से संबंधित मंत्रालय में मंत्री बनाया गया था। सलमान खुर्शीद एक भारतीय राजनीतिज्ञ, नामित वरिष्ठ अधिवक्ता, प्रख्यात लेखक हैं। वह विदेश मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री रहे थे। उनके द्वारा पाकिस्तान में जाकर भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हराने में पाकिसतान से मदद मांगना कुख्यात रहा है।
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हिंदुत्व की इस्लामी जिहाद से तुलना
हिंदुत्व की तुलना कट्टर इस्लामी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट और बोको हरम से करने के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद (Salman khurshid) ने एक बड़ा एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. बीजेपी ने इसे कांग्रेस की हिंदू विरोधी सोच और उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले तुष्टीकरण की राजनीति का प्रयास बताया है. महाराष्ट्र में कांग्रेस के सहयोगी दल शिवसेना ने भी इस किताब (Sunrise Over Ayodhya) पर आपत्ति जताई है. वहीं कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने भी कहा कि हिंदुत्व की इस्लामी जिहाद से तुलना करना तथ्यात्मक रूप से गलत और अतिशयोक्ति है.
क्या है विवाद ?
सलमान खुर्शीद ने 'सनराइज ओवर अयोध्या' नाम की किताब लिखी है. इस किताब पर ही सियासी बवाल मचा हुआ है. क्योंकि सलमान खुर्शीद ने अपनी किताब में हिंदुत्व पर निशाना साधा है. सलमान खुर्शीद की किताब के पेज नंबर 113 का चैप्टर है 'सैफरन स्काई' यानी भगवा आसमान. इसमें सलमान खुर्शीद लिखते हैं-हिंदुत्व साधु-सन्तों के सनातन और प्राचीन हिंदू धर्म को किनारे लगा रहा है, जो कि हर तरीके से ISIS और बोको हरम जैसे जिहादी इस्लामी संगठनों जैसा है.
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दैनिक भास्कर द्वारा सलमान खुर्शीद से लिया गया इन्टरव्यू ....
सलमान खुर्शीद का पूरा इंटरव्यू, उन्होंने अपने बयान पर विवाद से लेकर भारत जोड़ो यात्रा, चुनाव और RSS-BJP तक हर ऐसे मुद्दे पर बात की…
सवाल: अमरोहा में आपने राहुल की तुलना भगवान श्रीराम से की। अगर राहुल गांधी राम हैं, तो लक्ष्मण और हनुमान कौन हैं?
जवाब: मैंने राहुल को भगवान राम नहीं कहा। लक्ष्मण और हनुमान कौन हैं, वो मैं नहीं बताऊंगा, मैं पूरी रामायण लिखने नहीं बैठा हूं। मैंने कहा- भगवान राम का धरती पर जो जीवन था, जिसमें उन्होंने 14 साल का वनवास बिताया और रावण को युद्ध में हराया। उस संदर्भ में मैंने राहुल के लिए राम का इस्तेमाल किया था। मैंने यही कहा था कि जिस तरह भरत राम की खड़ाऊ लेकर उनका संदेश लाते हैं, इसी तरह हम कांग्रेसी भी राहुलजी का संदेश लेकर आते हैं।
सवाल: इसके बाद आपने कहा राहुल गांधी महामानव हैं, योगी की तरह तपस्या कर रहे हैं। ऐसा तो नहीं है कि पहली बार कोई इतनी लंबी पद यात्रा कर रहा है।
जवाब: राहुल गांधी महामानव हैं, क्योंकि उन्हें सर्दी नहीं लगती। हम घरों के अंदर जैकेट पहने हुए हैं, वो बाहर सड़कों पर टीशर्ट में पैदल चल रहे हैं और ऐसा नहीं लगता कि उन्हें ठंड लग रही है। इसलिए मैंने उन्हें ‘सुपर ह्यूमन’ कहा। अगर किसी और को ये बात नहीं जमती, तो वो न माने, लेकिन मेरा यही मानना है
सवाल: UPA सरकार ने, जिसमें आप मंत्री थे, रामसेतु पर दिए हलफनामे में राम को काल्पनिक बताया था, आप राहुल के लिए राम का उदाहरण दे रहे हैं, ये कैसा विरोधाभास है?
जवाब: मुझे नहीं मालूम कि किसने ऐसा कहा। इस देश की भगवान राम में आस्था है, इसलिए उसका सम्मान करना जरूरी है। कांग्रेस पार्टी ने ऑफिशियली कभी ये नहीं कहा कि भगवान राम काल्पनिक थे। हम हर धर्म और आस्था का सम्मान करते हैं।
सवाल: आपके बयान को कांग्रेस की सॉफ्ट हिंदुत्व की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जो BJP खुलकर करती है, क्या कांग्रेस वही दबे पांव करने की कोशिश कर रही है?
जवाब: आप रामलीला देखते हैं, तो क्या आप सॉफ्ट हिंदुत्व करते हैं। मैं राजनीतिज्ञ के अलावा वकील और आम आदमी भी हूं। भारत जोड़ो यात्रा राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है। ये आम जनता की भावनाओं को जोड़ने की यात्रा है। मैं हिंदू ही नहीं तो क्यों सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति करूंगा। मैं देश की सभ्यता का पूरा सम्मान करता हूं।
सवाल: अभी मैं बिहार में था, वहां एक ड्राइवर से भारत जोड़ो यात्रा की बात की, उसे पता नहीं नहीं था कि राहुल पूरी यात्रा पैदल कर रहे हैं। क्या ये कांग्रेस का खराब कम्युनिकेशन नहीं है?
जवाब: मैंने राहुल के बारे में जो बयान दिया, उसके बाद मीडिया में इतनी चर्चा हो रही है। हम जानते हैं कि बात को लोगों तक कैसे पहुंचाया जाता है। अगर कोई अपनी आंखों पर पट्टी बांध ले तो इसमें किसका दोष है।
सवाल: भारत जोड़ो यात्रा UP जाने वाली है, अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने कहा कि उन्हें नहीं बुलाया गया। क्या कांग्रेस ‘एकला चोलो रे’ के मूड में है?
जवाब: मायावतीजी को मैंने खुद फोन करके भारत जोड़ो यात्रा के लिए न्योता दिया है। उन्होंने राहुल को शुभकामनाएं दी हैं। अगर अखिलेश और जयंत को न्योता नहीं मिला तो हम उनसे बात कर लेंगे।
सवाल: आपने अपनी किताब में हिंदुत्व की तुलना ISIS और बोको हरम से की थी, क्या इस पर कायम हैं?
जवाब: मेरी हिंदुत्व से कोई दुश्मनी नहीं है। हिंदुत्व में अगर कोई अच्छी बात है, तो हमें वो भी माननी चाहिए। राहुल कहते हैं कि RSS से लड़ना है, इसका मतलब ये है कि RSS की जिस कार्यशैली से देश का नुकसान होता है, हमें उसका विरोध करना है।
सवाल: क्या मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष बनने से पार्टी में कुछ बदला है?
जवाब: गांधी परिवार हमारा नेता है, राहुल गांधी हमारे नेता हैं और वो रहेंगे। उनकी यात्रा में जो रिस्पॉन्स देख रहे हैं, वो बात स्पष्ट करती है कि वो नेता हैं। पार्टी को चलाने के लिए एक फुल टाइम अध्यक्ष की जरूरत थी, जो सिर्फ यही काम करे। और जो बहुत बड़े काम करने हैं, वो हमारे नेता करते रहेंगे। ऑर्गेनाइजेशन की देखरेख के लिए अध्यक्ष के साथ एक टीम रहेगी। ये टीम बन रही है।
सवाल: आप विदेश मंत्री रहे हैं, अभी भारत और चीन में तनाव चल रहा है, इस पर क्या कहेंगे?
जवाब: अगर मैं इस पर कुछ कहूंगा तो बोला जाएगा कि हम देश का मनोबल तोड़ रहे हैं। हम सैनिकों का मनोबल बढ़ाना चाहते हैं। चीन कोई आसान समस्या नहीं है। उसका समाधान झूला झूलकर नहीं निकाला जा सकता। चीन ये क्यों कर रहा है, उसे समझना होगा। चीन ने भारत छोड़कर सभी पड़ोसियों से समझौते कर लिए हैं।
सवाल: RSS मुस्लिम और ईसाई समुदाय में अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश करते दिख रहा है, इसे कैसे देखते हैं?
जवाब: RSS-BJP के नेता पहले मोदीजी को समझाएं। उनके मंत्रियों को समझाएं। वोटों के लिए तो ये करना ठीक है, लेकिन क्या इन समुदायों को वो सम्मान भी मिलेगा? मुझे तो भगवान राम का नाम लेने की मनाही है। अगर मैं ये बोल देता कि मोदीजी में भगवान दिखते हैं, तो मेरा स्वागत होता।
सवाल: एक आम मुसलमान इस वक्त देश के सियासी हालात को कैसे देख रहा है?
जवाब: मेरा ये मानना है कि मुसलमान सहमा और परेशान है। उन्होंने पहले जिन्हें वोट दिया, उससे निराश भी है। मुसलमान को महसूस होना चाहिए कि सरकार में हमारी भी भागीदारी है। जरूरत है कि इस देश में सभी को बराबरी की नजर से देखा जाए।
सवाल: क्या राहुल गांधी की PM पद की उम्मीदवारी पर पार्टी एकराय है?
जवाब: कांग्रेस पार्टी के नेता ही इस बारे में फैसला करेंगे।
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