राहुल गांधी एवं बिलावल भुट्टों के बयान एक जैसे क्यों ? - अरविन्द सिसौदिया Rahul Bilawal

 

 16 दिसम्बर , विशेषकर पाकिस्तान के लिये उनके इतिहास का सबसे बुरा दिन होता है। क्यों कि इस दिन उनके 95 हजार के लगभग सैनिकों ने भारतीय सेना के सामनें आत्म समर्पण किया था। इस दिन उनका बिलबिलाना समझ में आता है। 


मगर भारत की कांग्रेस पार्टी को इस स्वाभिमान भरे दिन पर भी अपनी सरकार को कोस कर पाकिस्तान के विदेशमंत्री बिलाबल जैसी भाषा बोलना कतई उचित नहीं है। यह दिन भारत के विशेष उत्सव का दिन है, स्वयं कांग्रेस के लिये भी और भारत के सुरक्षा बलों के लिये भी मगर । सिर्फ संघ और भाजपा को कोसना और प्रधानमंत्री मोदी जी को गरियाना , यह कैसी राजनीति है। कांग्रेस की वरिष्ठनेता पूर्व
प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी और प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी विपक्ष में रहे है। कमसे कम उनके ही वक्तव्य पढ़ लिये होते ।

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शाबास ! भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद, पाकिस्तान को दो टूक जबाव देकर नंगा कर दिया

इनसे फायदा पाकिस्तान को हुआ और नुकसान भारत को !
कांग्रेस को देश विरोधी ताकतों के साथ खडे होनें की बीमारी !!

यह राहुल खुद ही जानें कि वे क्यों सद्दाम हुसैन के जैसा दिखना चाहते हैं ?

- पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने गुरुवार अर्थात 16 दिसम्बर 2022 को न्यूयॉर्क में कहा कि भारत सरकार गांधी की विचारधारा में विश्वास नहीं करती है, बल्कि उनके हत्यारे के सिद्धांतों में विश्वास करती है।

- यह अभिव्यक्ति राहुल गांधी की अभिव्यक्ति का ही दोहराया जाना है।
पाकिस्तानी नेता बिलावल भुट्टो जरदारी- कांग्रेस नेता राहुल गांधी

यह सच है कि भारतीय युवराज राहुल गांधी, पाकिस्तानी राजकुमार बिलावल भुट्टो के बयान एक जैसे ही हैं। क्यों कि उनका परिवेश एक जैसा है। दोनों के निशाने पर, आर एस एस, भाजपा और भारत के प्रधानमंत्री मोदी हैं।

बीजेपी नेता अमित मालवीय ने किया ट्वीट
भाजपा आई टी सेल के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में राहुल को बिलावल जैसा बताया। उन्होंने कहा, ” बिलावल भुट्टो जरदारी और राहुल गांधी के बीच एक समानता है। दोनों हकदार वंशवादी, अक्खड़ और गुस्सैल हैं, एक ही भाषा बोलते हैं और पीएम मोदी को निशाना बनाने के लिए समान शब्दों और मुहावरों का इस्तेमाल करते हैं। उन्हें क्या बांधता है? शायद भारत के लिए उनकी नफरत, जो बढ़ रही है । “

बिलावल ने पीएम मोदी को लेकर दिया बयान
बिलावल ने गुरुवार को न्यूयॉर्क में कहा कि भारत सरकार गांधी की विचारधारा में विश्वास नहीं करती है, बल्कि उनके हत्यारे के सिद्धांतों में विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार हिटलर से प्रभावित है। पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने में भारत की भूमिका की निंदा करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादी तत्वों को पड़ोसी देश से समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि विदेशी तत्व सक्रिय रूप से बलूचिस्तान में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर का पाकिस्तान पर हमला
इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बीते दिन पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि आतंकवाद का एपिसेंटर अब भी बेहद सक्रिय है।

भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए बार-बार कई देशों से सलाह मिलती है। लेकिन वह बाज नहीं आता। भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए उसने डोजियर बनाया है। इसके जरिये वो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अफवाह फैलाता है।

पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को भारत सरकार ने बेहद कडी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा है कि : - असभ्य हैं पाक विदेश मंत्री, भूल गए 1971 ,भारत ने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो ओसामा बिन लादेन को एक शहीद के रूप में महिमामंडित करता है और लखवी, हाफिज सईद, मसूद अजहर, साजिद मीर और दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकवादियों को शरण देता है।

भ्पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के जहरीले और अभद्र बयानबाजी का भारत सरकार ने करारा जवाब दिया है. बिलावल के बयान को भारत ने ’असभ्य’ करार दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाक विदेश मंत्री की टिप्पणियां पाकिस्तान के लिए भी एक नया निचला स्तर हैं। बिलावल भुट्टो स्पष्ट रूप से 1971 में इस दिन को भूल गए हैं। जो बंगालियों और हिंदुओं के खिलाफ पाकिस्तानी शासकों की ओर से किए गए नरसंहार का प्रत्यक्ष परिणाम था।
पाकिस्तान को करारा जवाब
भारत सरकार ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी सोच बदलनी चाहिए. पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो ओसामा बिन लादेन को एक शहीद के रूप में महिमामंडित करता है और लखवी, हाफिज सईद, मसूद अजहर, साजिद मीर और दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकवादियों को शरण देता है।
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पूरा घटनाक्रम....
बिलावल भुट्टो ने की मोदी पर विवादित टिप्पणी, तो भारत ने दिया ये जवाब

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी की ओर से कश्मीर का मुद्दा उठाने और भारत की स्थायी सदस्यता के दावे के विरोध के बाद भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उन पर जवाबी हमला किया है।

भारत ने एक दिसंबर को एक महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी अध्यक्षता ग्रहण की थी । इसके तहत आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग के बाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को लेकर एक चर्चा के दौरान ज़रदारी ने कश्मीर का सवाल उठाया।

ज़रदारी ने कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव लागू करने की अपील की और कहा कि वह कश्मीर में शांति लाने की वो अपनी प्रतिबद्धता साबित करे.।
बिलावल भुट्टो ने कहा, “ ओसामा बिन लादेन मर चुका है पर ’बुचर ऑफ़ गुजरात’ ज़िंदा है और वो भारत का प्रधानमंत्री है । जब तक वो प्रधानमंत्री नहीं बना था तब तक उसके अमेरिका आने पर पाबंदी थी ।“

बिलावल भुट्टो की इस टिप्पणी का भारत में काफी विरोध हो रहा है। बीजेपी ने इसके ख़लिफ़ पाकिस्तानी दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन करने का फ़ैसला किया है।
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भारत की विदेश राज्य मंत्री और नई दिल्ली से सांसद मीनाक्षी लेखी ने भुट्टो के बयान के जवाब में कहा, “आमतौर पर विदेश मंत्री ऐसी बात नहीं करते। ये वही हैं जिन्होंने बलूचिस्तान में लोगों को ’बुचर’ किया है। जिन्होंने कश्मीर में लोगों को मारा है। ये पंजाब के भी बुचर हैं और कराची के भी। “

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “ये आज के दिन भारत से पाकिस्तान को बांग्लादेश में मिली हार की दर्द भी हो सकता है। बांग्लादेश में 16 दिसंबर 1971 को मिली हार के बाद उनकी (बिलावल भुट्टो की) दादी खूब रोई थीं। इसके बावजूद पाकिस्तान आतंकवादियों की हिफ़ाज़त करने की कोशिश करता है। जम्मू-कश्मीर या देश के अन्य हिस्सों में ये बाद किसी से छिपी नहीं है।“

इस बयान पर बीजेपी के विदेश मामलों के प्रमुख विजय चौथाईवाले ने बिलावल भुट्टो को पाकिस्तान का पप्पु बताया है। बिलावल भुट्टो के विवादित बयान का भारत के विदेश मंत्रालय ने विस्तार से जवाब दिया है।

अपना नज़रिए बदले पाकिस्तान
अरिंदम बागची

एक स्टेटमेंट जारी करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा - पाकिस्तान के हिसाब से भी यह बयान काफ़ी निचले स्तर का है। पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के प्रति रवैये में कोई ख़ास बदलाव नहीं आया है. उसे भारत पर लांछन लगाने का कोई अधिकारनहीं है। आतंकवाद को वित्तीय सहायता देने, पनाह देने और उसे स्पांसर करने में पाकिस्तान की निर्विवादित भूमिका हमेशा चर्चा में रही है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री के असभ्य बोल, उस देश के आतंकवाद को एक प्रॉक्सी के रूप में इस्तेमाल करने की विफ़लता का परिणाम है।
उन्होने कहा है कि “ न्यूयॉर्क, मुबंई, पुलवामा, पठानकोट और लंदन जैसे कई शहर पाकिस्तान पोषित आतंकवाद के गवाह हैं. ये आंतक उनके स्पेशल टेरोरिस्ट ज़ोन से दुनिया भर को निर्यात होता है. ’मेक इन पाकिस्तान’ आतंकवाद को रोकना होगा।”

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा “ पाकिस्तान ओसामा बिन-लादेन को शहीद के रूप में महिमामंडित करता है और वो लखवी, हाफ़िज़ सईद, मसूद अज़हर, साजिद मीर और दाऊद इब्राहिम को पनाह देता है. दुनिया के किसी और देश में संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित 126 में से 27 आतंकवादी नहीं रहते।”
उन्होने कहा है कि “ हम चाहते थे कि पाकिस्तान के विदेशमंत्री कल मुंबई हमलों की चश्मदीद अंजलि कुल्थे के सयुंक्त राष्ट्र में बयान को ध्यान से सुनते। अंजलि ने पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब से 20 गर्भवती महिलाओं की जान बचाई थी।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री का अधिक ध्यान अपने देश में आतंकवाद के मास्टर माइंड्स की तरफ़ होना चाहिए। पाकिस्तान में आतंकवाद को राज्य की पॉलिसी के रुप में इस्तेमाल किया जा रहा है। पाकिस्तान को अपना दृष्टिकोण बदलने की ज़रूरत है।
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 पाकिस्तान विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी ख़ार ..........
ज़रदारी से पहले पाकिस्तान विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी ख़ार ने भी पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाओं के लिए भारत को ज़िम्मेदार ठहराया था।

पाकिस्तान के विदेश सचिव असद मजीद ख़ान ने इस्लामाबाद में विदेशी राजनयिकों को एक डोज़ियर भी सौंपा था, जिसमें उनके देश में आतंकवादी हमले में भारत की कथित भूमिका का ज़िक्र था।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर का ज़िक्र और आतंकवादी घटनाओं के लिए भारत के ज़िम्मेदार ठहराए जाने के बाद इस विवाद में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मोर्चा संभाला।

जयशंकर ने कहा, “जो देश अल-क़ायदा के सरगना ओसामा बिन-लादेन का मेज़बान हो सकता है और अपने पड़ोसी देश की संसद पर हमला करवा सकता है, उसे यूएन में ’उपदेशक’ बनने की कोई ज़रूरत नहीं है।“

पाकिस्तान आतंकवाद का ’एपिसेंटर’ : जयशंकर

जयशंकर ने 26-28 नवंबर, 2008 को हुए आतंकवादी हमलों के दौरान मुंबई की नर्स अंजलि कुलथे के 20 गर्भवती महिलाओं को बचाने का ज़िक्र भी किया। इसके बाद भारतीय विदेश मंत्री ने सुरक्षा परिषद को बताया कि मुंबई में 26/11 के हमलों के शिकार लोगों को न्याय मिलना अब भी बाकी है।

एक दिन पहले भारतीय नर्स अंजलि कुल्थे ने परिषद के सामने 26/11 की रात को 20 गर्भवती महिलाओं और बच्चों को बचाने की घटना का ज़िक्र किया था। उन्होंने कहा था, “मेरी वर्दी ने मुझे साहस दिया और नर्सिंग के प्रति मेरे जुनून ने मुझे विचारों को स्पष्टता दी।“

जयशंकर ने 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले को लेकर कहा, “आज से 18 साल पहले 13 दिसंबर को पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद ने दिल्ली में संसद परिसर पर हमला किया था. आतंकियों ने यहां खुलेआम फ़ायरिंग की थी, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी ।”

जयशंकर ने पिछले 24 घंटे में आतंकवाद के सवाल पर पाकिस्तान पर दो बार ज़वाबी हमला किया है। उन्होंने कहा कि दुनिया पाकिस्तान को आतंकवाद के ’एपिसेंटर’ के तौर पर देखती है।

सबको मालूम है कहां से पनपता है आतंकवाद
हिना रब्बानी ख़ार ने बुधवार को इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था दुनियाभर में किसी देश ने भारत से बेहतर आतंकवाद का इस्तेमाल नहीं किया है। इसी बयान पर पलटवार करते हुए एस जयशंकर ने कहा “मुझे पता है कि हम बीते ढाई साल कोविड से जूझ रहे हैं। इसकी वजह से हममें से ज़्यादातर लोग ब्रेन फ़ॉग से जूझ रहे हैं. लेकिन मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि दुनिया ये नहीं भूली है कि आतंकवाद कहां जन्म लेता है, और इस क्षेत्र (दक्षिण एशिया) और इससे परे सामने आने वाली आंतकी गतिविधियों पर किसकी उंगलियों के निशान हैं।“ उन्होंने कहा, “मैं ये कहूंगा कि आदतन इस तरह की फंतासी भरी कहानियों में उलझने से पहले उन्हें खुद को इस बात का इल्म करना चाहिए।“

हिना रब्बानी ख़ार को हिलेरी क्लिंटन का बयान क्यों याद दिलाया ?

ये कहने के साथ ही जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री रहीं हिलेरी क्लिंटन का चर्चित बयान याद दिलाया जो उन्होंने साल 2011 में पाकिस्तान में दिया था।

उन्होंने कहा, “मैंने हिना रब्बानी ख़ार के बयान से जुड़ी रिपोर्ट्स पढ़ी हैं. और मुझे एक दशक पुरानी बात याद आ गई. हिलेरी क्लिंटन जब पाकिस्तान के दौरे पर आई थीं, हिना रब्बानी ख़ार उस समय मंत्री थीं।“

“और हिलेरी क्लिंटन ने उनके बगल में खड़े होकर कहा था- ’अगर आप अपने घर में सांप पाल रहे हैं तो आप ये उम्मीद नहीं कर सकते कि वे सिर्फ़ आपके पड़ोसियों को ही काटेंगे, आख़रिकार वे उन लोगों को काटेंगे जो उन्हें घर में रखते हैं।’ लेकिन आप सभी जानते हैं कि पाकिस्तान सलाह लेने के मामले में अच्छा नहीं है. आप देखिए कि वहां क्या हो रहा है। ऐसे में पाकिस्तान को सबसे पहले अपने काम सुधारकर एक अच्छा पड़ोसी बनना चाहिए।“

पाकिस्तानी अख़बार डॉन की एक ख़बर के मुताबिक़ उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह कि पाकिस्तान को अस्थिर करने में भारत की कोशिश का नोटिस ले। उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस गृह मंत्री राना सनाउल्ला के उस बयान के बाद एक दिन बाद आया जिसमें उन्होंने कहा था कि जमात उद-दावा के चीफ़ हाफ़िज़ सईद के लाहौर स्थित घर में भारत ने विस्फोट कराया था. जिसमें चार लोगों की जान चली गई।
ख़ार ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा था कि आतंकवाद को पनाह देने वाले ख़ुद को इसका शिकार बताते हैं।
उन्होंने कहा, “भारत लगातार एक उत्पाती देश की तरह ऑपरेट कर रहा है. ये देश लगातार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अस्तित्व को नकारता आ रहा है. ये दिखाता है इस देश की मानसिकता कैसी है।“
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जब जयशंकर ने पाकिस्तानी पत्रकार को दिया जवाब
एस जयशंकर ने आतंकवाद से जुड़े एक सवाल पर एक पाकिस्तानी पत्रकार को भी कड़ा जवाब दिया. संयुक्त राष्ट्र में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जयशंकर से एक पाकिस्तानी पत्रकार ने सवाल किया- “दक्षिण एशिया को कब तक आतंकवाद का दंश झेलना पड़ेगा जो नई दिल्ली, काबुल और पाकिस्तान से फैल रहा है?“

इस पर जयशंकर ने पाकिस्तानी पत्रकार से कहा कि आतंकवाद के सवाल पर उन्हें पाकिस्तान के मंत्री से सवाल करना चाहिए न कि भारत के मंत्री से। उन्होंने कहा, “आपको पता होना चाहिए कि आप ग़लत मंत्री से सवाल कर रहे हैं। आपको पाकिस्तान के मंत्री से यह पूछना चाहिए क्योंकि वही बता सकते हैं कि पाकिस्तान कब तक आतंकवाद का सहारा लेता रहेगा. आख़रिकार दुनिया मूर्ख नहीं है।“
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