संदेश

जनवरी, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

चार पी एम वेटिंग में बंटा विपक्ष,2024 की चुनौती से बाहर - अरविन्द सिसोदिया weting pm

चित्र
चार पीएम वेटिंग में बंटा विपक्ष,2024 की चुनौती से बाहर  - अरविन्द सिसोदिया भारत की राजनीति में कांग्रेस गत दो लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में अपने न्यूनतम स्कोर पर चल रही है, उसके पास नेता प्रतिपक्ष बनने के नंबर भी नहीं रहे। इसका मुख्य कारण कांग्रेस की हिन्दू विरोधी एवं मुस्लिम परस्ती की नीति रही। वहीं उसका मूल उद्देश्य ईसाइयत को लाभ पहुंचाने का रहा है। कांग्रेस नें अपना जनाधार स्व. राजीव गाँधी की सरकार के समय से खोना प्रारंभ किया, जो लोकसभा में फिर से कभी पूर्ण बहूमत तक नहीं पहुंचा। कांग्रेस की  नरसिंह राव और मनमोहन सिंह दूसरे दलों के समर्थन से सरकार में थीं । वहीं कई अन्य कई प्रधानमंत्री कांग्रेस के समर्थन से बनें। किन्तु इस दौरान कॉंग्रेस सिकुड़ती चली गई और क्षेत्रीय क्षत्रप मज़बूत हुये, नतीजा गठबंधन की अस्थिर राजनीति में देश फंस गया और देशहित के सभी कार्य बाधित हुये। 2004 से 2014 तक का कार्यकाल कांग्रेस को काल बन गया, क्योंकि इस दौरान बेहद कमजोर और भ्रष्टाचारीयों की जी हजूरी करने वाले प्रधानमंत्री नें जनता का न केबल विश्वास खोया बल्कि, सरकार को आतंकवादीयों की पक्षधर साबित किया और हिन्द

विपक्ष नें कांग्रेस को युवराज सहित नो चांस पर ला दिया - अरविन्द सिसौदिया Rahul Gandhi Congress

चित्र
   विपक्ष नें कांग्रेस को युवराज सहित नो चांस पर ला दिया  - अरविन्द सिसौदिया Opposition brought Congress along with Yuvraj to no chance - Arvind Sisodia भारत के लोकतंत्र में स्व के भाव में और स्व की चेतना में आने के लिये 75 वर्ष लग गये । सही मायनें में 2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्व का भाव भारत में उभरकर आया है। इससे भारत में हिन्दू एकता को बल मिला है और हिन्दुत्ववादी शासन में हैं।  मोदी एवं योगी की लोकप्रियता से हिन्दू एक जुट हुआ है और अपने हितों की बात करने लगा है। इसी के चलते दो बार से हिन्दू विरोधी मानसिकता से ग्रस्त कांग्रेस लोकसभा के सदन में और विभिन्न प्रदेशों में सिमट गई है। कांग्रेस को 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी की हत्या से उपजी सहानुभूती के बाद पूर्ण बहूमत प्राप्त हुआ था , तब से वह पूर्ण बहूमत से कांग्रेस को सदन में नहीं ला पाई। हलांकी इस दौरान कांग्रेस के नरसिंहराव व मनमोहन सिंह सहित कांग्रेस समर्थन से कई प्रधानमंत्री बनाये। 2014 और 2019 में हांसिये पर पहुंचाई जा चुकी कांग्रेस तमाम वे तरीके अजमा रही है। जो सत्ता में आने

जेके में राहुल - प्रियंका का बर्फवारी आनंद अर्थात,मोदीजी के भारत में सब कुशल मंगल हैं - अरविन्द सिसोदिया modi yug rahul priyanka

चित्र
जेके में राहुल - प्रियंका के बर्फवारी के आनंद ने साबित किया कि मोदीजी के भारत में सब कुशल मंगल हैं - अरविन्द सिसोदिया हालांकि भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस की और से बिग संदेश, बड़ा संदेश देनें में पूरी तरह विफल, इसलिए हो गईं कि भारत कि बड़ी विपक्षी पार्टियों नें, कांग्रेस युवराज को  नेता मानने से किनारा कर लिया। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह यात्रा जाते जाते यश इसलिये दिला गईं कि 370 के हटनेँ के बाद, जम्मू और कश्मीर में पूर्ण शांति एवं सुरक्षा का माहौल क़ायम है, इस का सबूत इस यात्रा व इसका समापन बन गया।  जम्मू और कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा का जो  समापन था। उस में यात्रा के कर्ता कांग्रेस के युवराज नें, कांग्रेस पार्टी की घोषणा के विपरीत लाल चौक पर पहुंच कर तिरंगा फहराया और सुबह की बर्फवारी का आनंद बहन प्रियंका सहित अन्य गणमान्य के साथ खुल कर उठाया । इन दोनों तस्वीरों नें यह साबित किया कि जे के असल में अब भारत का हिस्सा बना है और उसमें शांति और सदभाव क़ायम करने में मोदी सरकार सफल साबित  हुई है।  वर्ना धारा 370 के चलते वहाँ भारत का तिरंगा फहराना अत्यंत कठिन व मुश्किल था। यही कारण है कि 1

महात्मा गांधी के वध को लेकर स्वामी के उठाये सवालों की जांच में हर्ज क्या है

चित्र
 अरविन्द सिसौदिया 9414180151               महात्मा गांधी की हत्या का पहला प्रयास में २० जनवरी को एक बम गांधीजी पर फेंका जाने से होता है । गांधीजी बच जाते हैं। मगर बम फेंकने वाला मदनलाल पाहवा पकड़ा जाता है। गांधी जी की हत्या के प्रयास का पूरा प्लान एवं कारण दोनों ही सामनें आ जाते है। फिर भी नेहरू जी की सरकार की यह कैसी चूक थी कि 10 दिन बाद उसी स्थान पर गांधी जी की हत्या हो गई । इस नेग्लेजंसी की भी जबावदेही बनती है। वहीं स्वामी के प्रश्नों के जबाव खोजनें में क्या हर्ज है। हमारे राष्ट्रपिता की हत्या से जुडे और भी खुलाशे सामनें आ जाते हैं तो क्या हर्ज है।  मेरा व्यक्तिगत मत है कि महात्मा गांधी के वध की असलियत को महान श्रृंगार में झुपा दिया है।   महात्मा गांधी की हत्या पर चर्चा की जरूरत : सुब्रमण्यम स्वामी गांधी जी की हत्या की नए सिरे से जांच चाहते हैं सुब्रमण्यम स्वामी गांधी जी की हत्या की नए सिरे से जांच चाहते हैं सुब्रमण्यम स्वामी, कहा- क्यों नहीं हुई थी अटॉप्सी सुप्रीम कोर्ट पिछले साल ही एक आईटी प्रोफेशनल द्वारा दायर महात्मा गांधी की हत्या की जांच की मांग वाली याचिका को रद्द कर चुका है।

गांधीजी को भुनाने से बाज आएं राहुल : महात्मा गांधी के प्रपौत्र श्रीकृष्ण कुलकर्णी

चित्र
(यह आलेख 2014 का है, किन्तु इसकी निरंतरतर हैं। पाठक इसे इसी संदर्भ से ग्रहण करें।) गांधीजी को भुनाने से बाज आएं राहुल : महात्मा गांधी के प्रपौत्र श्रीकृष्ण कुलकर्णी   नई दिल्ली।  आरएसएस को महात्मा गांधी का हत्यारा बताने पर कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी को फटकार मिली है. कांग्रेस के युवराज को यह फटकार सुनाई है राष्‍ट्रपिता के परपोते श्रीकृष्‍ण कुलकर्णी ने.कुलकर्णी ने सोशल मीडिया पर एक पत्र लिखकर राहुल गांधी को जबर्दस्‍त फटकार लगाई है. उन्होंने फेसबुक पर लिखा है कि महात्मा जी की हत्या बहुत पुरानी बात हो चुकी है और उनका परिवार उस घटना से अब काफी दूर जा चुका है. कुलकर्णी ने लिखा है कि यह कहना कि आरएसएस ने महात्मा गांधी की हत्या की, कुछ इस तरह से होगा कि कहा जाए कि आपके पिता की हत्या तमिलों ने की थी. ऐसा कहना मिथ्या नहीं होगा क्या? दो लोगों के मिलने से ही एक समुदाय नहीं बन जाता है. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह अपने स्वार्थों के लिए गांधी के नाम का इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को विभिन्न आयोगों के फैसलों को स्वीकार कर लेना चाहिए. इसलिए इस पहेली को यहीं खत्म कर द

मेवाड़ के महान योद्धा राणा सांगा का बलिदान दिवस rana sangaa

चित्र
आतंकी बाबर को उसकी औकात याद दिलाने वाले महान् हिन्दू योद्धा राणा सांगा का है आज बलिदान दिवस...! 30 जनवरी - यह वो तारीख़ है, जिस 'शहीद दिवस' के रूप में मनाते हैं। लेकिन एक और व्यक्ति था, जिनका बलिदान इसी दिन हुआ, गाँधीजी के निधन से 421 वर्ष पहले।  एक ऐसा महायोद्धा, जिसने इस्लामिक आक्रांताओं को भारत की धरती पर प्रवेश करने से रोकने के लिए सारे प्रयास किए, आज हम उस शूरवीर की बात करने जा रहे हैं जो जज़्बा, वीरता, हठधर्मिता और देशभक्ति के मामले में बडे बडे योद्धाओं से भी दो क़दम आगे था। अब तक आप समझ गए होंगे- हम यहाँ राणा सांगा की बात करने जा रहे हैं। उनका भी स्वर्गवास 30 जनवरी यानी आज के ही दिन हुआ था। महाराणा सांगा की मृत्यु के साथ ही दिल्ली में मुग़ल सत्ता स्थापित होने का मार्ग प्रशस्त हो गया और देश तब तक इस्लामिक आक्रांताओं का ग़ुलाम रहा, जब तक उन्हें 18वीं शताब्दी के बाद सिखों, मराठों और अंग्रेजों के वर्चस्व का सामना न करना पड़ा। लेकिन यह सब कुछ सिर्फ़ एक युद्ध के परिणाम से तय हो गया था। वह था- खानवा का युद्ध। 16वीं शताब्दी की शुरुआत में जब बाबर ने काबुल पर कब्ज़ा किया, तभी से उसके मन म

हिन्दू अपने में हनुमानजी सा बल, शौर्य व पराक्रम जाग्रत करें - अरविन्द सिसोदिया lord hanuman ji

चित्र
हर हिन्दू हनुमानजी सा बल, शौर्य व पराक्रम अपने में जाग्रत करें - अरविन्द सिसोदिया भारत एक अनादिकालीन हिन्दू राष्ट्र है, हिन्दू राष्ट्र ही था और हिन्दू राष्ट्र ही है।  इस समृद्ध हिन्दू राष्ट्र पर कई बाहरी आक्रमणकारीयों नें आक्रमण किये, कुछ नें कुछ कुछ समय राज भी किया और वे हिन्दूओं में ही विलीन हो गये या लौट गये। इसी तरह के आक्रमणकारीयों में इस्लामी आक्रमणकारीयों का क्रूर शासन भी रहा, उस दौरान हिन्दुओं का बड़ा धर्मानांतरण हिंसा के बल पर हुआ, जो आज भारतीय मुसलमान हैं।   ज्यादातर मुस्लिम शासकों को हरा कर ईसाई आक्रमणकारीयों नें भारत पर राज किया, उन्होंने भी हिंसा और प्रलोभन के बल पर धर्मानांतरण किया,  जो कि भारतीय ईसाई हैं। इन बाहरी आक्रमणकारियोँ को भारत के संबिधान मे अल्पसंख्यक के नाम पर संरक्षण और शक्ति प्रदान कि गई। जिसका भेजा फायदा मस्जिदों और मिशनरियों नें हिंदुत्व के विरुद्ध उठाया। जबकि हिन्दुओं में निरंतर फुट डालो अभियान चला कर उन्हें बांटा गया और  अधिकार विहीन करने की कोशिसें कि गईं जो अभी तक चल रहीं हैं। अंग्रेजों नें 1857 के विद्रोह के बाद अपनी मुस्लिमनीति परिवर्तित की और मुसलमानो

भारत अटल है, अजर है, अमर है - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी bhaarat atal hai, ajar hai, amar hai - pm narendr modi

चित्र
 भारत अटल है, अजर है, अमर है - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी bhaarat atal hai, ajar hai, amar hai - pm narendr modi  (राजस्थान के भीलवाड़ा में भगवान श्री देवनारायण जी के 1111वें अवतरण महोत्सव के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का भाषण / 28 Jan, 2023) - भारत सिर्फ एक भूभाग नहीं है, बल्कि हमारी सभ्यता की, संस्कृति की, सद्भावना की, संभावना की एक अभिव्यक्ति है। - भारत की हजारों वर्षों की यात्रा में समाजशक्ति की बहुत बड़ी भूमिका रही है। बीते 8-9 वर्षों से देश समाज के हर उस वर्ग को सशक्त करने का प्रयास कर रहा है, जो उपेक्षित रहा है, वंचित रहा है। - हम सभी अपनी विरासत पर गर्व करें, गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलें और देश के लिए अपने कर्तव्यों को याद रखें। - आज पूरी दुनिया भारत की ओर बहुत उम्मीदों से देख रही है। - हमें अपने संकल्पों को सिद्ध कर दुनिया की उम्मीदों पर खरा उतरना है। ------ मालासेरी डूंगरी की जय, मालासेरी डूंगरी की जय! साडू माता की जय, साडू माता की जय! सवाईभोज महाराज की जय, सवाईभोज महाराज की जय ! देवनारायण भगवान की जय, देवनारायण भगवान की जय ! साडू माता गुर्जरी की ई तपोभूमि

स्वभाषा में न्याय दान,न्यायपालिका का कर्तव्य - अरविन्द सिसोदिया Duty of The Judiciary

चित्र
  स्वभाषा में न्याय दान,न्यायपालिका का कर्तव्य - अरविन्द सिसोदिया Giving justice in one's own language is the duty of the judiciary - Arvind Sisodia    न्याय को स्वभाषा में दिया जाना, न्यायपालिका का कर्तव्य है - अरविन्द सिसोदिया It is the duty of the judiciary to give justice in its own language - Arvind Sisodia भारत के  सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नें हाल ही में एक महत्वपूर्ण एवं सराहनीय निर्णय लिया है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का अधिकृत अनुवाद हिन्दी सहित अन्य भारतीय भाषाओं में उपलब्ध करवाये जायेंगे। इससे आमजन को निर्णयों को जानने और समझने में आसानी होगी। The Chief Justice of the Supreme Court of India has recently taken an important and commendable decision that the official translation of the judgment of the Supreme Court will be made available in Hindi and other Indian languages. This will make it easier for the common man to know and understand the decisions. न्यायपालिका अभी तक भारतीय नागरिकों को स्वभाषा में न्याय देनें विफल रही है। वहीं वह स्वभाषाओं को उतना सम

कांग्रेस की 370 वापसी की घोषणा, उसे लोकसभा चुनाव में भारी नुकसान पहुंचाएगी ? Jammu kashmir 370

चित्र
कांग्रेस की 370 वापसी की घोषणा का समर्थन करेंगे, कितने दल करेंगे  ? Jammu kashmir 370  कांग्रेस राजकुमार राहुल गांधी नें भारत जोड़ो यात्रा के दौरान घोषणा की है कि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो संविधान के अस्थाई एवं विभाजनकारी  अनुच्छेद 370 जिसे वर्तमान मोदी सरकार नें समाप्त कर दिया है, उसे फिरसे बहाल कर देंगे।  कांग्रेस के द्वारा स्थापित इस अनुच्छेद का विरोध तब बाबा साहब भीमराव अंबेडकर नें किया था, एवं तत्कालीन भारतीय जनसंघ तब से ही इसको समाप्त करने के लिये आंदोलित रही है। इस प्रावधान का विरोध करते हुए तत्कालीन भारतीय जनसंघ के नेता एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष डा श्यामाप्रासाद मुखर्जी नें अपना बलिदान दिया था। जब इस प्रावधान को वर्तमान भारत सरकार नें हटाया तब भी अधिकांश राजनैतिक दल दवन जनमत मोदी सरकार के साथ था। सवाल यही है कि संयुक्त विपक्ष का नेता कांग्रेस को वे दल कैसे स्वीकार कर सकते हैं। क्यों कि देश कि जनता, देश का जनमत, देश के अधिकांश मतदाता इस फैसले पर मोदी सरकार के साथ है। राहुल गांधी की घोषणा के समर्थन में जम्मू और कश्मीर के राजनैतिक दल नेशनल कॉन्फ्रेंस और पी डी पी साथ भी दें, तब भी अन्

नवमतदाता अग्रिम आवेदन से मतदाता सूची में नाम जुड़वा सकेंगे - अरविन्द सिसोदिया nav matdata abhiyan

चित्र
नवमतदाता अग्रिम आवेदन से मतदाता सूची में नाम जुड़वा सकेंगे - अरविन्द सिसोदिया -------- चुनाव आयोग का एक वोटर पोर्टल है जो नेशनल वोटर सेवा पोर्टल कहलाता है. इसका सॉर्टफार्म - nvsp है जिसकी वेबसाईट निम्न है. https://www.nvsp.in/  इस पर पहुंच कर अध्ययन किया जा सकता है। ====== भारत के नव मतदाता अर्थात जो बालक बालिका किशोरवय पूरी कर युवा होनें जा रहे हैं, वे भावी नागरिक नवमतदाता कहलाते हैं।  मतदान का अधिकार 18 वर्ष की आयु से प्राप्त होता है। इस हेतु अभी 18 वर्ष का इंतजार करना पड़ता था.। किन्तु इस हेतु चुनाव आयोग नें सुविधा प्रदान कर 17 वर्ष पूर्ण होते ही अग्रिम आवेदन का अधिकार भावी पीढ़ी को दे दिया है। अब उम्र 17 होते ही वोटर बनने के लिए  आवेदन किया जा सकता है। इस आवेदन के आधार पर आवेदक जैसे ही 18 का होता है, वैसे ही नए मतदाताओं के घर डाक विभाग के माध्यम से  उसकी वोटर आइकार्ड पहुंच जाएगा। पूर्व में यह मात्र 1 जनवरी की तिथि के आधार पर एक बार होता था। अब इसमें बहुत सुविधा दी गईं है, वर्ष में अब चार बार इन पर निर्णय होगा। अब 1 जनवरी,1अप्रेल,1जुलाई और 1अक्टूबर की तिथियों पर नाम जोड़े जायेंगे। 1- अब

महान बलिदानी पृथ्वीराज चौहान,चार बांस, चौबीस गज, अंगुल अष्ठ प्रमाण...! Kingh Prthviraj Chouhan

 "मत चूको चौहान ! - वसन्त पंचमी का शौर्य"... चार बांस, चौबीस गज, अंगुल अष्ठ प्रमाण...! ता उपर सुल्तान है, चूको मत चौहान..!! वसंत पंचमी का दिन हमें "हिन्द शिरोमणि पृथ्वीराज चौहान" की भी याद दिलाता है। उन्होंने विदेशी इस्लामिक आक्रमणकारी मोहम्मद गौरी को 16 बार पराजित किया और उदारता दिखाते हुए हर बार जीवित छोड़ दिया। पर जब सत्रहवीं बार वे पराजित हुए, तो मोहम्मद गौरी ने उन्हें नहीं छोड़ा। वह उन्हें अपने साथ बंदी बनाकर काबुल,  अफगानिस्तान ले गया। और वहाँ उनकी आंखें फोड़ दीं। पृथ्वीराज का राजकवि चन्दबरदाई पृथ्वीराज से मिलने के लिये काबुल पहुंचा। वहाँ पर कैद खाने में पृथ्वीराज की दयनीय हालत देखकर चन्दवरदाई के हृदय को गहरा आघात लगा और उसने गौरी से बदला लेने की योजना बनाई। चन्दवरदाई ने गौरी को बताया कि हमारे राजा एक प्रतापी सम्राट हैं और इन्हें शब्दभेदी बाण (आवाज की दिशा में लक्ष्य को भेदना) चलाने में पारंगत हैं। यदि आप चाहें तो इनके शब्दभेदी बाण से लोहे के सात तवे बेंधने का प्रदर्शन आप स्वयं भी देख सकते हैं। इस पर गौरी तैयार हो गया और उसके राज्य में सभी प्रमुख ओहदेदारों को

स्वतंत्रता के साथ समानता का भाव लाना जरूरी - भागवत RSS Chif Mohan Bhagvat

चित्र
स्वतंत्रता के साथ समानता का भाव लाना जरूरी - भागवत जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने केशव विद्याापीठ, जयपुर में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में अपने संबोधन में कहा कि ' संविधान सभा की सर्वसम्मति से बने संविधान का लोकार्पण करते हुए बाबासाहब भीमराव अम्बेडकर ने कहा था, अब देश में कोई गुलामी नहीं है,अंग्रेज भी चले गए लेकिन सामाजिक रूढ़िवादिता के चलते जो गुलामी आई थी, उसको हटाने के लिए राजनीतिक समानता व आर्थिक समानता का प्रावधान संविधान में कर दिया गया है। इसलिए गणतंत्र दिवस पर  बाबासाहेब के संसद में दिए गए दोनों भाषणों को पढ़ना जरूरी है। " उन्होंने कहा, '15 अगस्त 1947 के बाद 26 जनवरी 1950 तक का जो कालखंड है, अगर इसका स्मरण किया जाए तो हमको स्पष्ट हो जाता है कि हमें क्या करना है। हम इन दोनों दिनों पर तिरंगा उत्साह और स्वाभिमान से फहराते हैं। उस तिरंगे में ही हमारा गंतव्य निहित है। हमको भारत को भारत के नाते दुनिया में बड़ा करना है।' भागवत ने कहा,  बाबा साहेब ने कर्तव्य परायण पथ बताया। स्वतंत्रता के लिए अन्यों की स्वतंत्रता का ख्याल रखना जरूरी है। इसीलिए

वरुण गांधी की राजकुमारी सोच, आत्मघाती विचलन varun gandhi

चित्र
वरुण गांधी की राजकुमारी सोच का आत्मघाती विचलन कांग्रेस के राजकुमार राहुल गांधी तीन तीन प्रधानमंत्री देनें वाले परिवार में जन्मे और इससे उनकी जो सोच बनीं, उसीने उन्हें स्वयंभू, गुस्सैल और सर्वोच्च होनें के अहंकार से भर दिया, वे कभी कोई कागज फाड़ते, तो कभी कोई घोषणा करते, तो कभी कुछ कहते तो कभी कुछ.. हर किसी का अपमान कर देतें हैं। अंततः उनका नामकरण पप्पू तक जा पहुंचा। अब उन्होंने खुद अपना नामकरण तपस्वी कर लिया.... खैर अब इस बीमारी से पीड़ित होते खान - गांधी के दूसरे राजकुमार वरुण गांधी भी होते नजर आ रहे हैं। समझदार माने जाने वाले वरुण गांधी एक समय भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारी भी रहे हैं और लोकसभा सांसद लगातार हैं हीं, उनकी माताजी मेनका गांधी भी भाजपा की कृपा से हीं राजनीति में स्थापित हैं। युवराज वरुण  खान - गांधी परिवार के ही राजकुमार हैं। मगर उन्हें इंदिरा गाँधी आवास में या इंदिरा गाँधी के राजनैतिक उत्तराधिकारीयों  में जगह नहीं मिली। न ही सोनिया गांधी परिवार नें उन्हें अपनाना और  न वे भविष्य में भी अपनाना चाहता। इंदिरा गाँधी की छोटी बहू मेनका गाँधी संजय गांधी की मृत्यु के समय से ही यह उप

भारत माता की जय , एक संकलन - अरविन्द सिसोदिया

चित्र
शिवानी ठाकुर देवभूमि भारत माता पर, हम सबको अभिमान है। पावन कण-कण यहाँ अनोखा, दर्शन यहाँ महान है।  छोटे-बड़े प्रदेश यहाँ पर, संस्कृति सबकी एक है। भोजन, भाषा, वेश भिन्न पर आत्मा सबकी एक है। विन्ध्य हिमालय अरावली और मलय, नीलगिरि पर्वत हैं।  गंगा, यमुना, सिंधु, नर्मदा नदियाँ इसी धरा पर हैं। बारह ज्योतिर्लिंग यहाँ पर, शंकर चारों धाम हैं।  शिव, प्रताप, कान्हा की धरती, घर-घर में श्रीराम हैं। जग सिरमौर बने फिर भारत हम सबका अरमान है। देवभूमि भारत माता पर हम सबको अभिमान है। “भारत माता”… भारत को क्यों “माँ” की उपाधि दी गई ‘आदि काल से ही पृथ्वी को मातृभूमि की संज्ञा दी गई है. .. भारतीय अनुभूति में पृथ्वी आदरणीय बताई गई है… इसीलिए  पृथ्वी को माता कहा गया …  महाभारत के यक्ष प्रश्नों में इस अनुभूति का खुलासा होता है… यक्ष ने युधिष्ठिर से पूछा था कि आकाश से भी ऊंचा क्या है और पृथ्वी से भी भारी क्या है? युधिष्ठिर ने यक्ष को बताया कि पिता आकाश से ऊंचा है और माता पृथ्वी से भी भारी है… हम उनके अंश हैं… यही नहीं इसका साक्ष्य वेदों (अथर्ववेद और यजुर्वेद) में भी मिलता हैं