My Gov न्याय मित्र व्यवस्था बनाई जाये

प्रत्येक अदालत में न्याय मित्र, न्यायाधीश को सहयोग हेतु लगाये जायेंगे ताकी अन्याय न हो......

इस हेतु सभी अदालतों में दो दो न्याय मित्र अधिवक्ता इस तरह के नियुक्त किये जायेंगे जिन्हे कम से कम दस दस वर्ष का अनुभव हो और वे प्रतिदिन न्यायाधीश महोदय को फाइल के संदर्भ में सहयोग कर सकेंगे, इनका मूल मकसद यही होगा कि निचली या प्रथम स्टेज पर कोई भी अन्याय नहीं हो...

विषय: प्रत्येक न्यायालय में न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता एवं निष्पक्षता सुनिश्चित करने हेतु “न्याय मित्र” (Amicus Curiae) की नियुक्ति संबंधी व्यवस्था।

प्रस्तावना:

यह ज्ञात है कि न्यायालयों में कार्यभार की अधिकता तथा विधिक जटिलताओं के कारण अनेक बार मामलों के त्वरित एवं निष्पक्ष निस्तारण में कठिनाई आती है। न्याय की मूल भावना को सशक्त करने और प्रथम स्तर पर ही न्याय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है कि प्रत्येक न्यायालय में न्याय मित्र (Amicus Curiae) नियुक्त किए जाएं।

अधिसूचना:

राज्य शासन, विधि एवं न्याय विभाग निम्नलिखित व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू करने की घोषणा करता है —

1. न्याय मित्रों की नियुक्ति:
प्रत्येक न्यायालय (सिविल, आपराधिक एवं अन्य न्यायालय) में दो (2) न्याय मित्र अधिवक्ता नियुक्त किए जाएंगे।

2. योग्यता:

अधिवक्ता के रूप में न्यूनतम 10 वर्ष का अनुभव।

विधिक दृष्टि से दक्षता, निष्पक्षता एवं ईमानदार आचरण।

किसी भी आपराधिक या अनुशासनात्मक कार्यवाही में संलिप्त न होना।

3. कार्य एवं दायित्व:

न्याय मित्र न्यायाधीश को मामले से संबंधित फाइलों, विधिक बिंदुओं और प्रासंगिक न्यायिक नज़ीरों पर सहयोग प्रदान करेंगे।

वे न्यायिक प्रक्रिया में यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी पक्ष के साथ अन्याय न हो और सभी पक्षों को न्याय का समान अवसर प्राप्त हो।

आवश्यकता पड़ने पर न्यायालय को लिखित अथवा मौखिक सुझाव प्रस्तुत कर सकेंगे।

4. नियुक्ति प्रक्रिया:

संबंधित राज्य विधि सेवा प्राधिकरण / उच्च न्यायालय की समिति द्वारा योग्य अधिवक्ताओं की सूची तैयार की जाएगी।

चयनित अधिवक्ताओं को न्यायालयवार न्याय मित्र के रूप में नियुक्त किया जाएगा।

5. मानदेय एवं सुविधा:
न्याय मित्रों को उनके कार्य एवं उपस्थिति के आधार पर नियत मानदेय (Honorarium) दिया जाएगा, जो समय-समय पर शासन द्वारा निर्धारित किया जाएगा।

6. उद्देश्य:
इस व्यवस्था का प्रमुख उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता, निष्पक्षता, और जनसामान्य के विश्वास को सुदृढ़ करना है ताकि प्रथम स्तर पर ही न्याय सुनिश्चित हो सके।

प्रतिलिपि सूचना हेतु:

1. सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीश, राज्य __________।
2. सभी बार एसोसिएशन, राज्य __________।
3. राज्य विधि सेवा प्राधिकरण, __________।
4. संबंधित अभिलेख हेतु।

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