My Gov बहु संरक्षण अधिनियम
बहु एवं बालिका सम्मान एवं संरक्षण अधिनियम, 2025 (Draft Law)
धारा 1: उद्देश्य
इस अधिनियम का उद्देश्य है:
1. उन बहुओं की सुरक्षा करना जिनके परिवार में दो या दो से अधिक बेटियाँ हुई हैं।
2. समाज में लड़कियों के प्रति भेदभाव और हेय दृष्टिकोण को समाप्त करना।
3. उत्पीड़न, मानसिक या सामाजिक दबाव डालने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करना।
4. प्रभावित बहुओं को सुरक्षा, मानसिक और सामाजिक समर्थन प्रदान करना।
धारा 2: परिभाषाएँ
1. बहु: वह महिला जो किसी परिवार में पत्नी के रूप में प्रवेश करती है।
2. हेय दृष्टि/भेदभाव: बहु को उसके बच्चों के लिंग के कारण ताने, अपमान, सामाजिक बहिष्कार, आर्थिक शोषण, मानसिक या शारीरिक उत्पीड़न।
3. सखी मॉनिटर: प्रत्येक पंचायत और वार्ड पार्षद क्षेत्र में नियुक्त महिला कार्यकर्ता जो महिला समस्याओं की निगरानी, रिपोर्टिंग और समर्थन का कार्य करती है।
धारा 3: बहु एवं बालिका संरक्षण प्रकोष्ठ
1. राज्य सरकार हर जिले में "बहु एवं बालिका संरक्षण प्रकोष्ठ" स्थापित करेगी।
2. प्रकोष्ठ के कर्तव्य:
प्रभावित बहुओं से संपर्क करना और उनका मानसिक, सामाजिक व कानूनी समर्थन देना।
उत्पीड़न के मामलों की जांच करना।
आवश्यक सुरक्षा उपाय, जैसे पुलिस सुरक्षा, आश्रय गृह और आर्थिक सहायता प्रदान करना।
सखी मॉनिटर से प्राप्त गुप्त रिपोर्टों का मूल्यांकन और कार्रवाई करना।
धारा 4: सखी मॉनिटर प्रणाली
1. प्रत्येक पंचायत और वार्ड पार्षद क्षेत्र में कम से कम एक सखी मॉनिटर नियुक्त की जाएगी।
2. सखी मॉनिटर के कर्तव्य:
प्रत्येक घर में प्रतिमाह जाकर महिलाओं और बहुओं की समस्याओं का गुप्त और संवेदनशील सर्वेक्षण करना।
उत्पीड़न या भेदभाव की घटनाओं की गोपनीय रिपोर्ट तैयार करना और सीधे प्रकोष्ठ को भेजना।
प्रभावित बहुओं को मानसिक, सामाजिक और कानूनी सहायता प्रदान करना।
3. सखी मॉनिटर द्वारा तैयार रिपोर्ट केवल प्रकोष्ठ के लिए प्रयुक्त होगी और इसे किसी अन्य व्यक्ति या संस्था के साथ साझा नहीं किया जाएगा।
धारा 5: उत्पीड़न पर दंड
1. जो कोई बहु को उसके बच्चों के लिंग के कारण मानसिक या शारीरिक उत्पीड़न, अपमान या सामाजिक बहिष्कार का शिकार बनाता है, उस पर लागू होगा:
3 वर्ष तक का कारावास और/या
₹5,00,000 तक का जुर्माना।
2. यदि अपराध पुनरावृत्ति करता है, तो दंड दोगुना किया जा सकता है।
3. गंभीर मामलों में प्रकोष्ठ पुलिस और न्यायालय से तत्काल हस्तक्षेप कराएगा।
धारा 6: सामाजिक जागरूकता अभियान
1. राज्य सरकार और स्थानीय निकाय मिलकर समाज में लड़कियों के सम्मान और बहुओं की सुरक्षा के लिए नियमित जागरूकता अभियान चलाएंगे।
2. स्कूलों, पंचायतों और सार्वजनिक स्थानों पर कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँगी।
3. मीडिया, रेडियो, टीवी और डिजिटल माध्यमों द्वारा नियमित अभियान चलाए जाएंगे।
धारा 7: रिपोर्टिंग और निगरानी
1. प्रकोष्ठ प्रत्येक जिले में वार्षिक रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसमें शामिल होंगे:
उत्पीड़न की शिकायतें,
कार्रवाई का विवरण,
संरक्षण प्राप्त बहुओं की संख्या,
सखी मॉनिटर द्वारा संकलित गुप्त रिपोर्ट का सारांश।
2. यह रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत की जाएगी और आवश्यकतानुसार संसद को भी प्रस्तुत की जा सकती है।
धारा 8: कार्यान्वयन और नियम
1. राज्य सरकार इस अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक नियम और निर्देश जारी करेगी।
2. नियमों में सखी मॉनिटर की नियुक्ति, प्रशिक्षण, सुरक्षा प्रोटोकॉल और प्रकोष्ठ संचालन की विस्तृत प्रक्रिया शामिल होगी।
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