खुशियों को बाँटना ही त्यौहार की असली प्रासंगिकता है” — ओम बिरला om birla
विमंदित बच्चों द्वारा बनाए गए दीपकों का महिलाओं को वितरण
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दी स्वदेशी को अपनाने की प्रेरणा
“खुशियों को बाँटना ही त्यौहार की असली प्रासंगिकता है” — ओम बिरला
कोटा, 19 अक्टूबर। दीपोत्सव के शुभ अवसर पर रविवार सुबह दाधीच सामुदायिक भवन में कोटा उत्तर विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं द्वारा “दीपोत्सव की रामा-श्यामी” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष एवं कोटा-बूँदी सांसद श्री ओम बिरला मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा — विमंदित बच्चों द्वारा बनाए गए मिट्टी के दीपकों का महिलाओं में वितरण, जिससे कार्यक्रम में संवेदनशीलता और आत्मीयता का सुंदर संदेश प्रसारित हुआ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री ओम बिरला ने कहा कि दीपावली केवल दीपों का त्योहार नहीं, बल्कि यह मानवीय संवेदनाओं और सामाजिक सदभाव का उत्सव है। उन्होंने कहा कि समाज और राजनीति में सक्रिय सभी कार्यकर्ताओं को खुशियाँ बाँटने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए ताकि कोई भी परिवार इस पर्व की खुशियों से वंचित न रहे।
उन्होंने कहा, “दीपावली का यह पर्व हमें अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है। यह केवल घरों को ही नहीं, बल्कि वंचितों के जीवन को भी उजालों से भरने का अवसर है। जब समाज के सभी वर्ग एक-दूसरे के सुख-दुःख में सहभागी बनते हैं, तभी त्योहारों का असली अर्थ साकार होता है।”
स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग का संदेश
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने इस अवसर पर देशवासियों से स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग की अपील की। उन्होंने कहा, “हमें अपने देश में निर्मित वस्तुओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। जब हम स्वदेशी वस्तुएं खरीदते हैं, तो न केवल एक उत्पाद खरीदते हैं बल्कि देश के किसी मेहनतकश व्यक्ति की आजीविका में योगदान देते हैं। यह भी देशभक्ति का ही एक रूप है।”
राजनीति का अर्थ समाजसेवा है — बिरला
कार्यक्रम में बिरला ने राजनीतिक कार्यकर्ताओं से समाजसेवा को अपनी प्राथमिकता बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राजनीति का असली उद्देश्य सत्ता नहीं, सेवा और सहयोग होना चाहिए।
उन्होंने कहा, “सिर्फ कुर्ता-पायजामा पहन लेने या महंगी गाड़ियों में घूमने से राजनीति नहीं होती। राजनीति का सार यह है कि हम समाज के कितने लोगों से जुड़ पाते हैं और उनके जीवन में कितना सुधार ला पाते हैं। जो व्यक्ति समाज के जरूरतमंदों की मदद करता है, वही सच्चे अर्थों में जनसेवक है।”
उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि दीपावली पर जो लोग मिठाई, कपड़े, या आतिशबाजी नहीं खरीद सकते, उन्हें यह सामग्री स्वयं प्रदान करें। उन्होंने कहा कि “जरूरत के समय सही सहयोग ही सबसे बड़ा दान और सच्ची सेवा होती है। यही हमारी संस्कृति का मूल संदेश है।”
अंत में विमंदित बच्चों द्वारा बनाए गए सुंदर मिट्टी के दीपकों का वितरण उपस्थित महिलाओं में किया गया, जिससे कार्यक्रम में भावनात्मक ऊष्मा और मानवीय संवेदनाओं का अनोखा समावेश हुआ।
कार्यक्रम का संचालन और अध्यक्षता
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा शहर जिला अध्यक्ष राकेश जैन ने की। उन्होंने कहा कि सामाजिक जीवन ही राजनीति का आधार है और प्रत्येक कार्यकर्ता का दायित्व है कि वह सेवा भाव से समाज के कमजोर वर्गों के साथ सहयोग करें, ताकि हर नागरिक को त्योहार की खुशी में सम्मिलित होने का अवसर मिल सके।
मंच पर वरिष्ठ भाजपा नेता पंकज मेहता, पूर्व जिला अध्यक्ष कृष्णकुमार सोनी, हेमंत विजय, नेता प्रतिपक्ष सत्यप्रकाश शर्मा (सत्तू), नेता प्रतिपक्ष लव शर्मा और जितेंद्र चौधरी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का कुशल संचालन भाजपा जिला महामंत्री रितेश चित्तौड़ा ने किया।
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