My Gov गरिमापूर्ण वस्त्र अनिवार्यता नियम
अरविन्द सिसोदिया
9414180151
🇮🇳 गरिमापूर्ण पहनावा संहिता (Dress Code for Public Representatives and Officials), भारत
प्रस्तावना
लोकतांत्रिक व्यवस्था में निर्वाचित जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं कर्मचारी राष्ट्र की गरिमा, अनुशासन और सभ्यता के प्रतीक होते हैं। अतः उनका पहनावा समाज में शालीनता, भारतीय संस्कृति और पद की गरिमा के अनुरूप होना आवश्यक है।
1. उद्देश्य
1. संसदीय एवं सरकारी संस्थानों में गरिमामय वातावरण बनाए रखना।
2. पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों के पहनावे में शालीनता, पेशेवरिता और सांस्कृतिक संतुलन सुनिश्चित करना।
3. अशोभनीय, आपत्तिजनक या सार्वजनिक मर्यादा के विपरीत वस्त्रों पर निषेध एवं नियंत्रण स्थापित करना है ।
2. परिभाषाएँ
1. गरिमापूर्ण पहनावा (Decent/ Dignified Dress):
ऐसा वस्त्र जो कार्यस्थल, सभा या सार्वजनिक सेवा के अनुकूल, साफ-सुथरा, शालीन और भारतीय सामाजिक मूल्यों के अनुरूप हो।
पुरुषों हेतु: कुर्ता पायजामा नेहरू जैकेट, फुल शर्ट पैंट, धोती-कुर्ता आदि। टीशर्ट जींस एवं अति तंग और छोटे वस्त्र निषेधित रहेंगे।
महिलाओं हेतु: साड़ी , फुल सलवार-कमीज़, राजस्थानी फुल ड्रेस, फॉर्मल सूट, कुर्ता-पलाज़ो, आदि जो पारदर्शी, भड़काऊ या शरीर प्रदर्शन करने वाले न हों। टीशर्ट जींस एवं अति तंग और छोटे वस्त्र निषेधित रहेंगे।
सेना, पुलिस सहित विशेष निर्देशित ड्रेस कोड तय किया जा सकेगा।
धार्मिक या सांस्कृतिक परिधान अनुमेय होंगे, बशर्ते वे पद की गरिमा से मेल खाते हों।
2. अशोभनीय पहनावा (Indecent/ Improper Dress):
ऐसा वस्त्र जो—
1- अत्यधिक खुला, पारदर्शी या भड़काऊ हो,
2-राजनीतिक या व्यावसायिक प्रचार के प्रतीक हो,
3-अपमानजनक नारे, चित्र या प्रतीक शामिल करे,
4- पदस्थ व्यक्ति की तटस्थता, निष्पक्षता या गरिमा को ठेस पहुँचाए।
5-संसदीय व्यवस्था या क़ानून द्वारा निषेधित हो।
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3. लागू क्षेत्र (Applicability)
यह संहिता लागू होगी—
1. संसद, राज्य विधानमंडल एवं निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों पर।
2. भारत सरकार, राज्य सरकारों और सभी सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकारी-कर्मचारियों पर।
3. न्यायालयों, आयोगों एवं संवैधानिक संस्थाओं में कार्यरत व्यक्तियों पर, जहाँ विशेष वर्दी निर्दिष्ट न हो।
4. सामान्य नियम
1. कार्यस्थल पर वस्त्र स्वच्छ, संयत और मौसमानुकूल हों।
2. किसी धार्मिक, जातीय या राजनीतिक भावनाओं को भड़काने वाला पहनावा वर्जित रहेगा।
3. बैठक, सत्र, समारोह या सरकारी आयोजन के समय पारंपरिक या औपचारिक (formal) पोशाक धारण करना अनिवार्य होगा।
4. सरकारी भवनों में टोपी, कैप, जीन्स, टी-शर्ट, स्लीवलेस टॉप, मिनी स्कर्ट, शॉर्ट्स, चप्पल आदि पर प्रतिबंध रहेगा (जब तक कि किसी विशेष अवसर पर अनुमति न दी जाए)।
5. विशेष अवसरों के लिए दिशा-निर्देश
राष्ट्रीय पर्वों पर: भारतीय पारंपरिक वेशभूषा प्रोत्साहित की जाएगी।
औपचारिक बैठकों में: फॉर्मल सूट या पारंपरिक औपचारिक परिधान आवश्यक।
फील्ड कार्यों में: सुरक्षा एवं कार्य-सुविधा को ध्यान में रखकर परिधान चुने जाएंगे।
6. अनुशासनात्मक प्रावधान
1. पहली बार उल्लंघन पर प्रवेश पर रोक तथा बाहरनिकालने सहित लिखित चेतावनी।
2. दूसरीबार बार उल्लंघन पर जुर्माना ₹5,000 से ₹25,000 तक।
3. तीसरीबार या जानबूझकर उल्लंघन पर निलंबन या निष्कासन।
4. जनप्रतिनिधियों के मामले में, संसदीय या विधानमंडलीय आचरण समिति को अनुशंसा भेजी जाएगी, जो सदन से निष्कासन तक की सिफारिश कर सकती है। पद मुक्ती का निर्णय ले सकेगी, पुनः निर्वाचन पर रोक लगा सकेगी।
7. प्रवर्तन एवं निगरानी
1. प्रत्येक विभाग/संसदीय निकाय में “गरिमापूर्ण पहनावा समिति (Dress Code Committee)” गठित होगी।
2. समिति त्रैमासिक निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करेगी।
3. शिकायतों के निवारण हेतु ऑनलाइन पोर्टल या हेल्पलाइन स्थापित की जाएगी।
8. अपवाद
1. चिकित्सकीय कारणों या शारीरिक अक्षमता की स्थिति में विशेष अनुमति दी जा सकती है।
2. धार्मिक अनिवार्यता वाले परिधान सम्मानपूर्वक अनुमत होंगे
9. संशोधन अधिकार
यह संहिता समय-समय पर संस्कृति मंत्रालय एवं कार्मिक विभाग (DoPT) द्वारा संशोधित की जा सकेगी।
10- उपलब्धता
प्रत्येक संस्थान सभी नाप में गरिमापूर्ण वस्त्र कुछ मात्रा में अपने यहाँ अचनाक की आवश्यकता पूर्ति हेतु भंडारीत रखेंगे।
10. संक्षिप्त शीर्षक
इसका नाम होगा —
“भारत गरिमापूर्ण पहनावा एवं सार्वजनिक आचरण संहिता, 2025”
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