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जुलाई, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आर्थिक भ्रष्टाचार रोकनें के लिए,संपत्तियों के रिकार्डों को आधारकार्ड से जोड़ा जाना चाहिए - अरविंद सिसोदिया

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आर्थिक भ्रष्टाचार रोकनें के लिए,संपत्तियों के रिकार्डों को आधारकार्ड से जोड़ा जाना चाहिए  -  अरविंद सिसोदिया भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में आय से अधिक संपत्ति कमाने वाले और आर्थिक हेरा फेरी  कर भ्रष्टाचार से अकूत धन इकट्ठा करने वाले लोगों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने बहुत सारी कार्यवाहीयां की है , बहुत बड़ी संख्या में लोग पकड़े गए हैं और इनसे एक बहुत बड़ी ऐसी राशि जो अवैध थी गलत थी या गलत तरीकों से कमाई गई थी को ईडी ने जप्त किया है । ईडी की कार्यवाहीओं से कई सारे राजनीतिक दलों के हैसियतवान लोगों की धनी लिप्सा , राजनीतिक पद के दुरुपयोग और उसके द्वारा मोटी मोटी राशि कमाई जाने के मामले भी एक्सपोज हुए हैं। कुल मिलाकर राजनीति से अकूत धन बनाया जा सकता है यह सामने आया है।  इन कार्यवाहियों से जो धन संपत्ति सामने आरही है उसनें  कई प्रश्न खड़े किए हैं। उनसे जुड़े कानूनों में संशोधन भी आवश्यकता सामने रखी है।  जैसे कि   1 - एक व्यक्ति को अपने पास नगद राशि कितनी रखनें का अधिकार है ? वह अपने घर में  10,000 /50,000 /1 लाख / 5लाख अर्थात कितनी राशि नगद राशि / रुपया   अधिकतम अपने घर म

कांग्रेस से उनके नेता - जनप्रतिनिधि ही, क्यों पल्ला झाड़ रहे हैं ?

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 कांग्रेस से उनके नेता - जनप्रतिनिधि ही, क्यों पल्ला झाड़ रहे हैं ?   आज एक समाचार आ रहा है कि कांग्रेस ने अपने तीन विधायकों को झारखंड में पार्टी से निलंबित कर दिया है । इन तीन विधायकों के पास हावड़ा,पश्चिम बंगाल में एक मोटी राशि पकड़ी गई है । जिसका वह ठीक से जवाब नहीं दे पा रहे थे कि राशी क्यों और किस लिये है। माना जा रहा है कि कांग्रेस के ये विधायक एकनाथ शिंदे की तर्ज पर अलग पार्टी बना कर झामुमो या भाजपा के साथ नई सरकार अपनी शर्तों पर बनाते। अर्थात झारखंड सरकार को अस्थिर करना चाहते थे अर्थात वे कांग्रेस गाइडलाइन से बाहर जा रहे थे । इसलिए कांग्रेस ने उन्हें तुरंत सस्पेंड कर दिया है।   यह बात तो नहीं चलनी है कि भाजपा ने खरीद कर यह किया - वह किया । बात यह है कि में बिकाऊ हूं तभी तो कोई खरीदेगा। जो भी कांग्रेस छोड रहा है वह कम से कम कांग्रेस के प्रति अविश्वासी तो है ही। अब मूल प्रश्न यह उठ रहा है कि कांग्रेस के विधायक कई प्रांतों में कांग्रेस से पल्ला क्यों झाड़ रहे हैं। कांग्रेस छोड़कर किसी भी दूसरे दल में जाने के लिए उत्साहित क्यों हैं । इस तरह की क्या मुसीबत कांग्रेस में आगई कि उसके ही विध

राष्ट्रपति में पति शब्द का अर्थ सर्वाेच्च स्वामित्व से है ! पति - पत्नि वाले पति से नहीं ! ! - अरविन्द सिसौदिया

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 राष्ट्रपति में पति शब्द का अर्थ सर्वाेच्च स्वामित्व से है , पति - पत्नि वाले पति से नहीं ! - अरविन्द सिसौदिया   In the President, the word 'husband' means supreme ownership, not husband-wife. - Arvind Sisodia        संविधान में प्रसिडेंट ऑफ इण्डिया को हिन्दी में राष्ट्रपति शब्द क्यों स्विकार किया गया, इसके पीछे पति-पत्नि वाला पति नहीं है।  संविधान सभा बहुत ही ज्ञानवान, बुद्धिमान लोगों की सभा थी। वह सम्पूर्ण राष्ट्र का पति किसी व्यक्ति को नहीं बना रहे थे, बल्कि वह सम्पूर्ण राष्ट्र का अधिपति बना रहे थे ।       जैसे कि गणों के नायक या  मुख्य नेतृत्वकर्ता  गणपति , राज्य का या राष्ट्र का नेतृत्व कर्ता राजा / महाराजा - “अधिपति” , सभा का बैठक का विचार विमर्श का मुख्य निर्णयकर्ता सभापति , सेना का नेतृत्वकर्ता सेनापति अर्थात सर्वाेच्चता का भाव वाला, निर्णय देनें या निर्णय लेनें के भाव वाला “पति” है। स्वामित्व का अधिकार जैसा यह शब्द है।   जैसे - पशुपति,बृहस्पति,छत्रपति,क्षेत्रपति,दम्पति, करोड पति, लखपति भूपति। ‘स्वामी’ या ‘मालिक ! जिसे यह भी माना जा सकता है कि उस समूह में सर्वाेच्च ! दे

राष्ट्र अस्मिता के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखी है राजा पृथु की शौर्यगाथा

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क्या आप जानते हैं कि विश्वप्रसिद्ध नालन्दा विश्वविद्यालय को जलाने वाले जे हादी बख्तियार खिलजी की मौत कैसे हुई थी ??? असल में ये कहानी है सन 1206 ईसवी की...! 1206 ईसवी में कामरूप में एक जोशीली आवाज गूंजती है... "बख्तियार खिलज़ी तू ज्ञान के मंदिर नालंदा को जलाकर कामरूप (असम) की धरती पर आया है... अगर तू और तेरा एक भी सिपाही ब्रह्मपुत्र को पार कर सका तो मां चंडी (कामातेश्वरी) की सौगंध मैं जीते-जी अग्नि समाधि ले लूंगा"...  राजा पृथु और , उसके बाद 27 मार्च 1206 को असम की धरती पर एक ऐसी लड़ाई  लड़ी गई जो मानव अस्मिता के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है. एक ऐसी लड़ाई जिसमें किसी फौज़ के फौज़ी लड़ने आए तो 12 हज़ार हों और जिन्दा बचे सिर्फ 100.... जिन लोगों ने युद्धों के इतिहास को पढ़ा है वे जानते हैं कि जब कोई दो फौज़ लड़ती है तो कोई एक फौज़ या तो बीच में ही हार मान कर भाग जाती है या समर्पण करती है... लेकिन, इस लड़ाई में 12 हज़ार सैनिक लड़े और बचे सिर्फ 100 वो भी घायल....  ऐसी मिसाल दुनिया  भर के इतिहास में संभवतः कोई नहीं.... आज भी गुवाहाटी के पास वो शिलालेख मौजूद है जिस पर इस लड़ाई के बारे में

भगवान सूक्ष्म रूप में " प्रसाद " ग्रहण करते हैं

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*_🚩☆  प्रसाद  ☆🚩_* क्या भगवान हमारे द्वारा चढ़ाया गया भोग खाते हैं ? यदि खाते हैं, तो वह वस्तु समाप्त क्यों नहीं हो जाती और यदि नहीं खाते हैं, तो भोग लगाने का क्या लाभ ? ये सारे प्रश्न एक लड़के ने पाठ के बीच में अपने गुरु से किये। गुरुजी ने तत्काल कोई उत्तर नहीं दिया।  वे पूर्ववत् पाठ पढ़ाते रहे।उस दिन उन्होंने पाठ के अन्त में एक श्लोक पढ़ाया:   "पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते ।   पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ॥" पाठ पूरा होने के बाद गुरु ने शिष्यों से कहा कि वे पुस्तक देखकर श्लोक कंठस्थ कर लें। एक घंटे बाद गुरुजी ने प्रश्न करने वाले शिष्य से पूछा कि उसे श्लोक कंठस्थ हुआ कि नहीं ? उस शिष्य ने पूरा श्लोक शुद्ध-शुद्ध गुरुजी को सुना दिया।  फिर भी गुरुजी ने सिर "नहीं" में हिलाया, तो शिष्य ने कहा कि, "वे चाहें, तो पुस्तक देख लें,श्लोक बिल्कुल शुद्ध है।" गुरुजी ने पुस्तक देखते हुए कहा, "श्लोक तो पुस्तक में ही है, तो तुम्हारे दिमाग में कैसे चला गया?" शिष्य कुछ भी उत्तर नहीं दे पाया । तब गुरुजी ने कहा " पुस्तक में जो श्लोक है, व

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेताओं को आईना दिखाया - अरविन्द सिसौदिया

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  दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेताओं को आईना दिखाया - अरविन्द सिसौदिया दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेताओं को उनकी बदनियत का आईना दिखाते हुये तुरन्त वे टिविट डिलिट करनें को कहा है जो उन्होनें केन्द्रीय मंत्री स्मृति इरानी की बेटी को लेकर राजनैतिक रंजिश से डाले थे। कांग्रेस के वरिष्ठ और वयोवृद्ध नेताओं ने मात्र हाई कमान को खुश करनें के लिये अनैतिक एवं अशोभनीय टिविट किये जिसके लिये उच्च न्यायालय नें जयराम रमेश, पवन खेरा और नेट्टा डिसूजा को यह निर्देश दिये हैं तथा केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा दायर दीवानी मानहानि के मुकदमे पर समन भी जारी किया है।  मानहानि मुकदमे में केन्द्रीयमंत्री ईरानी ने आरोप लगाया है कि उनके और उनकी बेटी के खिलाफ निराधार आरोप उक्त नेताओं ने लगा कर मानहानी की है। जिसके उन्होनें लिए 2 करोड़ रुपये से अधिक के हर्जाने की मांग की गई है।  अर्थात उपरोक्त प्रकरण में प्रथम दृष्टया ही कांग्रेस नेताओं को उनकी बदनियत से रोक दिया गया है और यह एक बहुत बडा संदेश भी उपरोक्त मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने दे दिया है। कांग्रेस को इस तरह के बहुत ही ओछे तरीके को नहीं अपन

कहा था न "न खाऊंगा न खानें दूँगा " , यही तो ईडी कर रहा है

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"I will neither eat nor let me eat" Is Samay vipaksh ED - ED Chilla raha hai , jabki Bharat Ke Pradhanmantri Narendra Modi ne , pad per baithane se pahle hi kah diya Tha ki " na khaunga na khane dunga"  to  Bhai bhrashtachar nahin karna chahie tha । Kyon anaitik Roop se aapane Dhan kamaya ।    इस समय मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सहित कई दल ईडी ईडी चिल्ला रहे हैं। जबकि भारत के  प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने पद पर बैठनें से पहले ही कह दिया था कि “न खाऊंगा, न खानें दूंगा“, तो भ्रष्टाचार नहीं करना चाहिये था। क्यों अनैतिक रूप से आपनें धन कमाया । अगर अवैध रूप से धन कमाया है तो फिर जांच और जेल को भी तैयार रहो। फिर प्रदर्शन की नौटंकी क्यों? यह तो वही हुआ कि में हत्यारा तो हूँ मगर मुझे पकड़ो मत ! भ्रष्टता के अपराध की जांच रोकने के लिए , कांग्रेस के धरना प्रदर्शन और संसद में अवरोध भी लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अपराध है । भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में ही अपने आम चुनाव प्रचार के दौरान एक बार नहीं अनेक बार कहा था कि " ना खाऊंगा ना खाने दूंगा " इसके बावजू

पार्थ को बली का बकरा बना,खुद को क्लीन चिट नहीं दे सकतीं ममता बनर्जी - अरविन्द सिसौदिया

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पार्थ को बली का बकरा बना,खुद को क्लीन चिट नहीं दे सकतीं ममता बनर्जी - अरविन्द सिसौदिया Parth made a scapegoat, Mamata Banerjee cannot give herself a clean chit - Arvind Sisodia भारत के संविधान में जब राजनैतिक दलों की चुनाव लडनें की प्रणाली तय की गई थी तब संभवतः किसी को पता नहीं था कि यह व्यवस्था पूंजीवादी तंत्र को देश सौंप देनें मात्र की अव्यवस्था साबित होगी। चुनाव में बहुत अधिक एवं कल्पना से परे धन व्यय होता है। यह धन देश की 99 प्रतिशत जनता के दान से आना संभव नहीं है , नाही कार्यकर्तागण इतना कोष एकत्र कर सकते हैं। धन एकत्रीकरण के पीछे दो चेहरे होते हैं। पहला देश के कुछ बडे आद्योगिक घरानें जो सब व्यवस्था कर सरकार बनवाते हैं एवं फिर सरकार से उनके फेबर की योजनायें बनवा कर, आबंटन करवा कर,टैक्स कम ज्यादा लगवा कर, पैसा कमाते हैं। दूसरा उस दल के द्वारा पर्दे के पीछे छुपे तरीकों से विधियों से धन कमाना और उसका चुनाव के समय उपयोग कर लेना । यह तभी संभव होता है जब उस दल की सरकार बनीं हो । कुछ समय पहले उत्तरप्रदेश में चुनाव के दौरान समाजवादी इत्र के लिये सैंकडों करोड नगदी मिली थी। यह इसी तरह कहीं

राष्ट्र के सर्वोच्च संबैधानिक पद के अपमानकर्ता, कांग्रेेस नेता अधीर को सदन सजा सुनायें - अरविन्द सिसौदिया

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  राष्ट्र के सर्वोच्च संबैधानिक पद के अपमानकर्ता, कांग्रेेस नेता अधीर को सदन सजा सुनायें - अरविन्द सिसौदिया कांग्रेस के लोकसभा सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संसद भवन परिसर में निजी चैनल से बात करते हुये महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिये अशोभनीय शब्द से सम्बोधित कर न केबल देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई बल्कि राष्ट्र का अपमान किया है। मेरा मानना है कि अधीर रंजन चौधरी कितना भी अपना बचाव करें, यह उनकी सोची समझी लम्पट गिरी थी। जिसके लिये उन्हे कतई मॉफ नहीं किया जा सकता है। यह एक अक्षम्य अपराध है , इसके लिये उन्हे दण्डित किया जाना चाहिये। लोकसभा एवं राज्यसभा सदनों को इस संदर्भ में गंभीरता से विचार करना चाहिये कि यह अपमान सम्पूर्ण विश्व में देश की गरिमा को गिरानें वाला रहा है। इसलिये ऐतिहासिक निर्णय लेकर अपमानकर्ता की सदस्यता समाप्ती, 6 वर्ष तक चुनाव लडनें पर रोक एवं जेल भेजनें की सजा सुनानी चाहिये। ताकि भविष्य में कोई इस तरह का राष्ट्रघाती दुस्साहस न कर सके। चौधरी की शब्दावली एवं भाषा को फिर से भी सुना जा सकता है। वह पूरी तरह सुनियोजित और जानबूझ कर

कांग्रेस सत्याग्रह : क्या सत्य की हत्या का आग्रह Congress Satyagraha

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 कांग्रेस सत्याग्रह : क्या सत्य की हत्या का आग्रह Congress Satyagraha: Is there an urge to kill the truth? नेशनल हेराल्ड मामले में आर्थिक घोटाले के आरोपियों में से प्रमुख कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया जी एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल जी जमानत पर हैं और जांच भी न्यायालय के निर्देश पर हो रही है ।  यह मामला वर्षों पूर्व का है । इस मामले में  केंद्र सरकार या प्रधानमंत्री मोदी जी का कोई सीधा इन्वोलमेंट नहीं है । मामला भी सोनिया जी के पुरानें साथी सुब्रमण्यम स्वामी ने उजागर किया व न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया ।  कांग्रेस तब से हंगामा कर रही है जब से राहुल जी से पूछताछ शिरू हुई , जबकि इसी मामले में अन्य कांग्रेसियों से भी पूछताछ हुई तब कांग्रेस खामोश थी । अब सोनिया जी से पूछताछ हो रही है  तो सत्याग्रह के नाम से सत्य तक नहीं पहुंचने का दवाब बनाया जा रहा है। अर्थात कांग्रेस का सत्याग्रह , क्या सत्य की हत्या का आग्रह है। ई डी क्या जो भी इस प्रकरण की पूंछ भी जानता है , वह मानता है कि संपत्ति हड़पनें का खेल हुआ है । यदि अपराध हुआ है तो गिरफ्तारी भी होगी । पूरा खेल गिरफ्तारी से बचा कर मामला रफादफा करनें का द

मेरी दृष्टि में नरेन्द्र मोदी "शबरी के श्रीराम " हो गये

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मेरी दृष्टि में नरेन्द्र मोदी जी "शबरी के श्रीराम " हो गये ।   निश्चित ही मेरे इन शब्दों का अर्थ अतिरेक के रूप में निकाला जाएगा । अन्यथा भी लिया जायेगा । मगर मुझे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मेरी संस्कृति देती है। इसलिये जो मुझे कहना है, में कहूंगा । ये मेरे अंतर्मन की आवाज है। जिस दिन वनवासी समाज के अत्यंत साधारण स्वरूप वाली विधवा महिला श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को विश्व की सबसे बडी राजनीतिक पार्टी भाजपा ने महामहिम राष्ट्रपति के पद हेतु चयन किया, उन्हे महामहिम राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाया। इस दिन भारत माता ने सबसे ज्यादा गर्वित हुई और उसनें असीम आर्शीवाद भाजपा नेतृत्व को दिया,विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को,जिनकी बिना सहमति के यह संभव नहीं था। यह भाजपा ही है जिसमें भारतीय संस्कृति के अन्त्योदय अर्थात अंतिम व्यक्ति तक को सम्मान और उत्थान के भाव की पूर्ति का लक्ष्य निहित है। अर्थात भाजपा का भी सम्मान विश्व में कई गुणा बडा है। एक कविता : - आप मुर्मूजी को राष्ट्रपति बना कर,भारत का पैग़ाम हो गये। मेरी दृष्टि में नरेंद्र मोदी “शबरी के श्रीराम“ हो गये। अपना देश, करोडों वर्षों

भारत के महामहिम राष्ट्रपति के रूप में द्रोपदी मुर्मू का प्रथम सम्बोधन (सम्पूर्ण)

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 द्रौपदी मुर्मू ने देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले ली है। सोमवार 25 जुलाई को संसद भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एन वी रमन्ना ने उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज संसद भवन के सेंट्रल हॉल में देश सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ ग्रहण ली। इसके बाद उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। राष्ट्रपति शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। शपथ लेने के बाद अपने संबोधन में महामहीन ने कई महत्वपूर्ण बातें कहीं।                              Draupadi Murmu Oath Ceremony भारत के राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के अवसर पर श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सम्बोधन नई दिल्ली : 25.07.2022 आदरणीय श्री राम नाथ कोविन्द जी ·उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू जी ·प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ·लोकसभा के स्पीकर श्री ओम बिरला जी ·चीफ जस्टिस एन. वी. रमणा जी ·सम्मानित सांसद-गण,·अन्य महानुभाव,·देवियो और सज्जनो तथा ·मेरे प्यारे देशवासियो जोहार ! नमस्कार ! भार

भजन - मौन से सब कह रहे हैं आदियोगी shiv bhajan Adiyogi

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  shiv bhajan - maun se sab kah rahe hain aadiyogee भजन - मौन से सब कह रहे हैं आदियोगी shiv Bhajan - Adiyogi is saying everything with silence    भजन - मौन से सब कह रहे हैं आदियोगी दूर उस आकाश की गहराइयों में, एक नदी से बह रहे हैं आदियोगी, शून्य सन्नाटे टपकते जा रहे हैं, मौन से सब कह रहे हैं आदियोगी, योग के स्पर्श से अब योगमय करना है तन-मन, साँस सास्वत सनन सनननन, प्राण गुंजन धनन धन-धन, उतरे मुझमे आदियोगी, योग धारा चलत छण छण, साँस सास्वत सनन सनननन, प्राण गुंजन धनन धन-धन, उतरे मुझमे आदियोगी, उतरे मुझमे आदियोगी.. पीस दो अस्तित्व मेरा, और कर दो चूरा चूरा, पूर्ण होने दो मुझे और, होने दो अब पूरा पूरा, भस्म वाली रस्म कर दो आदियोगी, योग उत्सव रंग भर दो आदियोगी, बज उठे यह मन सितरी, झणन झणन झणन झणन झन झन, साँस सास्वत सनन सनननन, प्राण गुंजन धनन धन-धन.. साँस सास्वत सनन सनननन, प्राण गुंजन धनन धन-धन.. साँस सास्वत सनन सनननन, प्राण गुंजन धनन धन-धन.. साँस सास्वत.. प्राण गुंजन.. उतरे मुझमे आदियोगी, योग धारा छलक छन छन, साँस सास्वत सनन सनननन, प्राण गुंजन धनन धन-धन, उतरे मुझमे आदियोगी.. उतरे मुझमे आदियोगी.

भारत मां शर्मिन्दा है, राजनीति बस धंधा है

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  भारत मां शर्मिन्दा है, राजनीति बस धंधा है। Mother India is ashamed, politics is just a business. पैसों के पहाड़,राजनीति बस धंधा है Mountains of money, politics is just business  यूं तो स्वतंत्रता के बाद से ही सरकार के स्तर पर घोटालों का खेल बाहर आनें लगा था । क्यों कि यह सब अंग्रेजों के जमानें में भी होता था। जिस तरह गरीबी,मंहगाई,बेरोजगारी भारत में 1947 से ही हैं और 2147 में भी रहनें वालीं है। उसी तरह राजनीति में भ्रष्टाचार घोटाले अकूत दौलत बनानें की भूख भी अपना बहुत पुराना इतिहास रखती है। यह सम्पूर्ण विश्व में कमोवेश है। By the way, since independence, the game of scams started coming out at the level of the government. Because all this used to happen even during the British era. Just as poverty, inflation, unemployment have been in India since 1947 and will be living in 2147 as well. In the same way, corruption scams in politics, the hunger to make a lot of wealth also has a very old history. It is more or less all over the world. भारत में बोफोर्स घोटाले के बाद से अकूत धन बनानें क

मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिये सावरकरजी के संघर्ष जैसा कोई दूसरा उदाहरण नहीं savrkar ji

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1. सेल्युलर जेल पहुंचने के 11वें दिन दिनांक 15 जुलाई 1911 को छह महीने के लिए कोठरी में बंदी की सजा जो 15 जनवरी  1912 में समाप्त हुई। 2. 11 जून 1912 को कागज मिलने के बाद एक माह के एकांतवास की सजा 3. 19 सितंबर 1912 को दूसरे का लिखा कागज मिलने के बाद सात दिन तक खड़ी हाथबेड़ी की सजा 4. 23 नवंबर 1912 को उनके पास दूसरे का लिखा पत्र मिलनेके बाद एक माह एकांतवास की सजा 5. 30 दिसंबर 1912 से 2 जनवरी 1913 तक जेल में भूख हड़ताल 6. 16 नवंबर 1913 को काम करने से मना करने पर 1 महीने कोठरी में कैद 7. 8 जून 1914 काम करने से मना करने पर सात दिन तक हाथ बेड़ियां पहनकर खड़े रहने की सजा 8. 16 जून 1914 को काम करने से फिर मना करने पर चार महीने तक जंजीरों में कैद 9. 18 जून 1915 को काम करने से नकारने पर 10 दिन बेड़ियां पहनकर खड़े रहने की सजा ये उन सजाओं में कुछ सजाएं हैं जो 50 साल की सजा पाए विनायक दामोदर सावरकर को दलदल को समतल बनाने और कोल्हू में से तेल निकालने के रूटीन कार्य के बाद अलग से दी जाती थी। आपको क्या लगता है सात दिन तक हथकड़ी लगाए खड़ा रहना आखिर कितना मुश्किल काम होगा। या एक कमरे में छह माह तक अकेले अ

हल्दीघाटी युद्ध के परम योद्धा राजा रामशाह तोमर (तँवर ) Haldi Ghati War

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हल्दीघाटी युद्ध के परम योद्धा राजा रामशाह तोमर (तँवर ) - डाँ. महेन्द्रसिंह तँवर  मध्यभारत के प्रमुख राज्य ग्वालियर पर तोमरों ने 130 वर्ष तक राज किया था । राजा वीरसिंह देव से लेकर राजा विक्रमादित्य तक 9 पीढ़ियों ने ग्वालियर पर एक छत्र शासन किया । उनके गौरव मय इतिहास की कीर्ति पताका आज भी क़िले मे बने उनके स्मारक ओर रचित ग्रन्थों से जानी जा सकती हैं । राजा मानसिंह जी तो भारतीय इतिहास के विरले राजा थे जिन्होंने ग्वालियरी संगीत घराने को जन्म दिया जिस कारण महान संगीतज्ञ बिरजु ओर तानसेन निकले ।  राजा मानसिंह के योग्य पुत्र राजा विक्रमादित्य ने सात वर्षों तक लोदियों का मुक़ाबला किया एवं भारतमाता की रक्षा करते हुए पानीपत के युद्ध में बाबर से मुक़ाबला करते हुए रणक्षेत्र में वीरगति पाई।  राजा विक्रमादित्य के युवराज राजा रामशाह हुए । इन्होंने अपने जीवन काल मे हिंदुस्थान के 9 से अधिक बादशाह देखे ओर तीन मेवाड़ के महाराणा । अपने जीवन में सात वर्ष की अवस्था में पिता के वीरगति प्राप्त करने के पश्चात 1526 से 1558 तक चम्बल के बीहड़ में ऐसाहगढ़ में रहकर अपने खोए राज्य की प्राप्ति में लगे रहे । अंत में जब

कांग्रेस के पूर्व स्पीकर की स्वीकारोक्ति, अकूत धन कमानें की भारतीय राजनीति का दर्पण - सिसोदिया

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कांग्रेस के पूर्व स्पीकर की स्वीकारोक्ति, भारतीय राजनीति का दर्पण - सिसोदिया Arvind Sisdia भारत माँ हम शर्मिंदा हैं , राजनीति अब एक धंधा है। तब फेसबुक पर यह स्लोगन डाला , तो बहुत से टेलीफोन आये कि भाईसाहब इतना खुल कर मत लिखा करो,कुछ लोग नाराज हो जाएंगे । ---- एक बार मैंने देश के प्रमुख घोटालों पर बड़ा आलेख लिखा, जो कि एक प्रमुख अखबार में प्रकाशित भी हुआ था। सांसद महोदय सहित कई नें प्रशंसा भी की , मगर अंत में सलाह यही आई कि मत लिखा करो, सब यही करते हैं । ........ सोनिया गांधी -  राहुल गांधी से ईडी पूछताछ कर रही है । ईडी  और केंद्र सरकार पर दबाब बनाने ले लिए , कांग्रेस द्वारा देश भर में प्रदर्शन किया जा रहा है । इसी क्रम में कर्नाटक में कांग्रेस प्रदर्शन के दौरान कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष रहे, विधायक रमेश कुमार के मुँह से जाने अन जानें सच निकल गया । जिसे मीडिया विवादित बोल कह रही है । जबकि ये सत्यवचन है कि राजनीति में एकबार कोई ठीक ठाक पद मिल जाये तो कई पीढ़ियों का इंतजाम हो जाता है । इस तरह का  भयंकरतम भ्रष्टाचार  अपरोक्ष रूप से निरन्तर  होता रहता है । यह भ्रष्टाचार सरकारों के अधिकारियो

कांग्रेस में जम कर क्रास वोटिंग,पार्टी नेताओं की पकड़ से बाहर हो गये उसके विधायक

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  कांग्रेस में जम कर क्रास वोटिंग,पार्टी नेताओं की पकड़ से बाहर हो गये उसके विधायक Cross voting fiercely in Congress, its MLAs got out of the grip of party leaders लगता है कि हिन्दू विरोधी चालचलन के कारण , कांग्रेस नेतृत्व की पकड़ संगठन पर ढीली हो रही है। उसके ही जनप्रतिनिधि पार्टी छोड़ कर भाजपा का दामन थामते हुए कई राज्य सरकारों को गिरा चुके हैं। कांग्रेस की छाया के कारण ही शिवसेना में बड़ा विद्रोह हुआ ।  The Congress leadership seems to be loosening its grip on the organization due to its anti-Hindu practices. His own people's representatives have toppled many state governments by leaving the party and joining the BJP. It was because of the shadow of the Congress that there was a big revolt in Shiv Sena. महामहिम राष्ट्रपति में निर्वाचन में कांग्रेस की पोल ही खुल गई । उसके बहुत सारे विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है । उपराष्ट्रपति चुनाव में भी टी एम सी नें कांग्रेस से पल्ला झाड़ लिया है । वह अब मतदान में भाग नहीं लेगी अर्थात उसनें अपरोक्ष समर्थन ही एन डी ए प्रत्यासी का किया है । In the el

देश की संस्थाओं को विफल करनें की आराजकता बंद हो - अरविन्द सिसौदिया

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देश की संस्थाओं को विफल करनें की आराजकता बंद हो - अरविन्द सिसौदिया Stop the chaos of failing the institutions of the country - Arvind Sisodia राहुल गांधी से ईडी पूछताछ करे तो सडकों पर प्रदर्शन, सोनिया गांधी से ईडी पूछ ताछ करे तो सडकों पर प्रदर्शन - आगजनी,खनन माफियाओं को रोकें पर पुलिस डीएसपी पर गाडी चडा कर हत्या करदो, गौवंश हत्या के लिये अवैद्य तस्करी रोकों तो पुलिस पर गाडी चडा दो। पुलिस गिरफतार करनें पहुंचे तो पत्थरबाजी करदो । अर्थात जो में चाहता हूं , वह करूं भले ही वह देश के कानून, विधान, संविधान में अपराध हो,मुझ पर कानूनी कार्यवाही भी नहीं हो। इसी मानसिकता को तानाशाही कहा जाता है। If the ED interrogates Rahul Gandhi, then protests on the streets, if the ED asks Sonia Gandhi, then protests on the streets - stop the arson, mining mafia, but kill the police by driving the DSP, stop illegal smuggling for cow slaughter, then car on the police Give it up When the police come to arrest, throw stones. That is, whatever I want, I should do that even if it is a crime in the law, legislation,

Against riotous MPs, it should be a rule to call replacement MPs - Arvind Sisodia

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 Against riotous MPs, it should be a rule to call replacement MPs - Arvind Sisodia    हुडदंगी सासंदों के विरूद्ध,रिप्लेशमेंट सांसद बुलानें का नियम बने - अरविन्द सिसौदिया Against riotous MPs, it should be a rule to call replacement MPs - Arvind Sisodia संसद के दोनों सदनों में ही विपक्ष के कुछ राजनैतिक दलों के सांसदों को हुडदंग करने के परोक्ष अपरोक्ष निर्देश दिये जाते हैं। येशा राजनैतिक फायदे के बजाये राजनैतिक द्वेषता से अधिक प्रेरित होता है। In both the houses of the Parliament, indirect and indirect instructions are given to the MPs of some political parties of the opposition to riot. Yesha is motivated more by political malice than by political gain.   संविधान की दृष्टि से लोकसभा में सांसद जनता का प्रतिनिधि होता है, इसलिये हुडदंगी सांसद की सदस्यता समाप्ती व अगले 10 साल तक चुनाव लडनें पर रोक के साथ, उस क्षैत्र की जनता से अन्य दल का नया प्रतिनिधि चुन कर भेजनें की कार्यवाही का अधिकार लोकसभा के सदन को होना चाहिये। अर्थात रिप्लेश किया जा रहा नया जनप्रतिनिधि भी हुडदंगी दल का नहीं होना चाहिय