आर्यन खान ड्रग्‍स केस : समीर वानखेड़े पर 'आधारहीन' और 'शरारत पूर्ण' हवा - हवाई आरोप मात्र डराने के लिए ..

- अरविन्द सिसोदिया
आर्यन ड्रग्‍स केस : समीर वानखेड़े  पर 'आधारहीन' और 'शरारत पूर्ण' हवा - हवाई आरोप मात्र डराने के लिए हैं, ये आरोप अदालत में भी नहीं टिक सकते। यह मात्र  आर्यन नामक खान को बचाने हेतु की जा रही गुलामी का षड्यन्त्र मात्र है।

अभिनेता शाहरुख खान के नशेड़ी बेटे को एक ईमानदार अधिकारी ने पकड़ क्या लिया, उसे दवानें, डराने और हताश करने की राजनीति शिरू हो गई ? ईमानदार अफसर को नहीं खरीद सके तो चश्मदीदों को खरीदा जा रहा है । चश्मदीदों का बिकना,बदल जाना आम बात है । भारत में ज्यादातर अपराधी इसी कारण बरी हो जाते हैं। बच जाते हैं ।

महाराष्ट्र सरकार को मुंबई को पंजाब बनने से रोकना चाहिये था मगर वह पंजाब सरकार की तरह ही अपराधियों को संरक्षण प्रदान कर रही है । एक नसेड़ी से उसके सप्लायर तक पहुचना आम बात है । महाराष्ट्र में सप्लायर को बैकअप देनें जिस तरीके से राज्य सरकार का एक मंत्री उतरा यह भी जांच का विषय है । उसका पर्सनल इनट्रस्ट क्यों । 

शिवसेना को जबाव देना होगा कि नसेड़ी को पकड़ना महाराष्ट्र का अपमान कैसे ?

 महाराष्ट्र में केंद्र और राज्य के बीच जो संघर्ष अनिल देशमुख, परमवीर सिंह के केस में देखने को मिल रहा है, वैसा ही संघर्ष आने वाले दिनों में इस केस में भी देखने को मिलेगा ।

अपराध के बचाव में , अपराधियों के पक्ष में खड़े होने की जो परंपरा कांग्रेस ने खड़ी की है , वह पूरी तरह अनुचित है, इसीका अन्य विपक्षी दल जो अनुसरण कर रहे हैं , इससे देश के महान संविधान की मर्यादायें तार तार हो रहीं हैं ।

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उपरोक्त सन्दर्भ में छपी एक रिपोर्ट ...

आठवले ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करे कि वानखेड़े को किसी तरह की हानि नहीं पहुंचे और उनकी जान को कोई खतरा नहीं हो।

आर्यन ड्रग्स केस में बड़ा ट्विस्‍ट, गवाह ने कहा- वो कह रहे थे समीर वानखेड़े को 8 करोड़ देने हैं

हाइलाइट्स
महाराष्ट्र की राजनीति अल्पसंख्यक बनाम पिछड़ा वर्ग के रास्ते पर चल पड़ी
आर्यन खान मामले को दो भागों में बंटी महाराष्ट्र की सियासत
फ़िलहाल बेल न मिलने की वजह से आर्यन खान आर्थर रोड जेल में हैं

मुंबई 
मुंबई में क्रूज ड्रग्स केस में गिरफ्तार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारी समीर वानखेडे को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति अल्पसंख्यक बनाम पिछड़ा वर्ग में बैठने के रास्ते पर चल पड़ी है। नेताओं के बयानों से ऐसा लगने लगा है अब साफ-साफ राजनीतिक विभाजन हो गया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो एनसीबी और केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी एक तरफ हैं, जबकि शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस एक तरफ है।

गौर करने वाली बात यह है कि महा विकास आघाडी के नेता नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर समीर वानखडे के खिलाफ रोज नए विडियो सबूत जारी कर रहे हैं और इस धारणा को मजबूत बनाने में लगे हैं कि शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को ड्रग्स केस में फर्जी रूप से फंसाया गया है। महा विकास आघाडी सरकार के मंत्रियों और नेताओं के निशाने पर समीर वानखेडे हैं, जबकि बीजेपी एनसीबी और समीर वानखेडे के समर्थन में खड़ी है।

महाराष्ट्र में मुस्लिम बनाम पिछड़ा
राजनीति इस हद तक है कि महा विकास आघाडी के नेता इसे मुस्लिम अल्पसंख्यक के खिलाफ कार्रवाई का रंग देने में जुटे हैं, वही बीजेपी की सहयोगी पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के नेता और केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास आठवले ने रविवार को बयान दिया कि क्योंकि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारी समीर वानखडे पिछड़े वर्ग से आते हैं इसलिए उन्हें टारगेट किया जा रहा है।

एसआईटी गठित करने की मांग
इस मामले में एक नया ताजा घटनाक्रम यह भी है कि राज्य के अल्पसंख्यक विकास और सामाजिक न्याय मंत्री नवाब मलिक ने मांग की है कि राज्य सरकार को एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित कर पूरे प्रकरण की जांच करानी चाहिए। शिवसेना नेता संजय राउत ने नवाब मलिक की इस बात का समर्थन करते हुए कहां है कि राज्य के गृहमंत्री जो कि एनसीपी के ही हैं, दिलीप वलसे पाटील को नवाब मलिक की मांग पर ध्यान देना चाहिए। अब अगर राज्य सरकार इस पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करती है तो केंद्रीय जांच ब्यूरो के अधिकारी मुंबई पुलिस की जांच के दायरे में आ जाएंगे। यानी केंद्र और राज्य के बीच जो संघर्ष अनिल देशमुख, परमवीर सिंह के केस में देखने को मिल रहा है, वैसा ही संघर्ष आने वाले दिनों में इस केस में भी देखने को मिल सकता है।

इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने रविवार को यह आरोप लगाया कि राज्य में केंद्रीय जांच एजेंसियों ने एक नया धंधा शुरू कर दिया है। केंद्रीय जांच एजेंसियां विपक्ष के नेताओं को डरा धमका कर बीजेपी में शामिल होने के लिए राजी करने का काम कर रही हैं। इसके लिए पहले माहौल बनाया जाता है। फिर छापेमारी की जाती है। फिर फोटो खिंचवाए जाते हैं और उसके बाद पेपर बाजी की जाती है। यह सारा षड्यंत्र महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टियों के नेताओं को बदनाम करने और महाराष्ट्र को बदनाम करने के षड्यंत्र के तहत किया जा रहा है। न तो आज तक कोई दोषी साबित हुआ और न किसी को सजा हुई।

संजय राउत ने भी लगाया आरोप
लगभग यही आरोप शिवसेना नेता संजय राउत ने भी लगाया है। उन्होंने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का यह अंदेशा अब सच होता दिख रहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसी महाराष्ट्र को बदनाम करने के लिए यह सारा कुचक्र रच रही हैं। उन्होंने कहा कि एनसीबी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसी किसके दबाव में काम कर रही है, यह देश को पता चलना चाहिए। एनसीबी पर जो आरोप लगे हैं वह कोई सीधे साधे आरोप नहीं है बेहद गंभीर आरोप हैं। इन आरोपों की चाहे तो न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए। राउत ने यह आरोप भी लगाया कि यह सारा षड्यंत्र फिल्म उद्योग को मुंबई छोड़कर भागने के लिए मजबूर किए जाने के खातिर किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि मंत्री नवाब मलिक जो आरोप इतने दिनों से लगा रहे हैं, वह कोई हवाई आरोप नहीं हैं। जबकि केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने मलिक के आरोपों को 'आधारहीन' और 'शरारतपूर्ण' करार दिया। उन्होंने कहा कि समीर वानखडे पिछड़ा वर्ग से आते हैं इसलिए उन्हें टारगेट किया जा रहा है आरपीआई समीर वानखेड़े के साथ पूरी ताकत से खड़ी रहेगी।

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