करवा चौथ Karva Chauth पर श्रृंगार विशेष महत्व है

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 करवा चौथ पर श्रृंगार विशेष महत्व है

विवाह के सात फैरों की रश्म के बाद एक स्त्री के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण पर्व करवा चौथ का ही होता है। सोलह श्रंगार सुहागिन स्त्री का मान होता है। इसलिये सामान्यतः सभी स्त्रीयां अपनी क्षमता के अनुसार श्रंगार कर ही चन्द्रमा को अर्क देती है। किसी भी स्त्री का सात्विक पवित्र जीवन ही सबसे बडा श्रंगार होता है।चांद के पूजन और दर्शन के बाद पति के हाथों से जल पीकर अपना व्रत तोड़ती है। इसके बाद घर के सभी बड़े-बुजुर्गों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेती हैं।


कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। वहीं, सजना की सजनी को सजाने के लिए नगरों के बाजार सज गए हैं। बाजारों में महिलाओं ने खरीदारी शुरू कर दी है। विशेष कर श्रृंगार की सामग्री की अधिकांश बिक्री  होती है। नेल पालिश बिंदी से लेकर साज-सज्जा के सभी सामानों की बिक्री में बढोत्री हो गई है।  करवा चौथ के कारण बाजारों में रौनक नजर आ रही है। बाजारों में हर वैराइटी के सामान उपलब्ध हैं।  सामान्य तौर पर मध्यम भाव की खरीददारी हो रही है। क्यों कि कोराना महामारी ने लोगों की जेब खाली की रखी है। मगर दो साल के लगभग की बिंदिशों के बाद लोग सुरक्षित महसूस कर रहे  हैं। कुछ खर्चो में कटोत्री करके करवा चौथ ठीक से मनाना चाहते है।

   कई दिन से लहंगा व मेहंदी के लिए बुकिंग हो चुकी है। लहंगा का किराया 1500 से 1800 रुपये है। वहीं मेहंदी 500 से 1000 रुपये में लगाई जाएगी। फुल ब्यूटी पार्लर का 2800 से लेकर 5000 रुपये में है। इसमें लहंगा, मेहंदी और साज सज्जा शामिल है। शहर में लगभग सभी ब्यूटी पार्लर बुक हैं। लगभग सभी ब्यूटी पार्लरों ने बुकिंग लेना बंद भी कर दिया है।

दुकानों पर साड़ियां एवं राजस्थानी ड्रेस खरीदने के लिए महिलाओं की भारी भीड़ लग रही है। महिलाएं करवाचौथ पर स्पेशल साड़ी में गहरे रंग ज्यादा पसंद कर रही हैं। उसमें भी बैगनी, सुर्ख लाल, मैरून रंगो को पसंद किया जा रहा है। कई महिलाएं गहरे रंग के साथ वजनदार साड़ियां खरीद रही हैं, तो कई महिलाएं हल्के कपड़े में हल्के रंग की साड़ियां ही पसंद कर रही हैं। उन्होंने बताया कि अच्छी साड़ी एक हजार से लेकर 1500 से मिल जाती है। बाजार में एक हजार से लेकर 10 हजार तक की साड़ियां भी उपलब्ध हैं,राजस्थानी ड्रेस मल्टी कलर में ही चलती है, जो 1 से 10 हजार तक में हैं। जिनकी खरीदारी भी हो रही है। फुटपाथों पर करवाचौथ पर पूजन सामग्री की दुकानें भी सज गई हैं। वहां गटिया, चूरा, गट्टा, खील, कथा की पुस्तक, कलेंडर आदि सजे हैं।
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करवा चौथ के श्रृंगार लाल साड़ी- लाल रंग के वस्त्र सबसे महत्वपूर्ण श्रृंगार में गिने जाते हैं।

सिंदूर -माथे पर सिंदूर पति की लंबी उम्र की निशानी माना जाता है।
मंगलसूत्र - ये भी सुहागन होने का सूचक है। विवाह संपन्न के बाद महिलाएं मंगलसूत्र धारण करती हैं।
मांग टीका - मांग टीका वैसे तो आभूषण है लेकिन इसे भी सोलह में शामिल किया गया है।
बिंदिया - माथे पर लगी बिंदिया भी सुहागन के सोलह श्रृंगार में शामिल है।
काजल - काजल काली नजरों से बचाने के लिए लगाया जाता है।
थनी - नाक में पहनी जाने वाली नथनी भी सोलह श्रृंगार में शामिल है।
कर्णफूल - कानों के कुंडल भी सोलह श्रृंगार में गिने जाते हैं।
मेंहदी - करवा चौथ पर हाथों में मेहंदी जरूर लगानी चाहिए। महिलाओं को पैरों में भी मेहंदी लगवानी चाहिए।
कंगन या चूड़ी - हाथों में लाल और हरी चूड़ियां भी सोलह श्रृंगार में शामिल हैं।
बिछिया - दोनों पांवों की बीच की तीन उंगलियो में सुहागन स्त्रियां बिछिया पहनती हैं।
पायल  - घर की लक्ष्मी के लिए पायल को बेहद शुभ माना जाता है.
कमरबंद या तगड़ी - सुहागन के सोलह श्रृंगार में शामिल है।
अंगूठी - अंगूठी को भी सुहाग के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
बाजूबंद - बाजूबंद वैसे तो आभूषण है लेकिन इसे भी सोलह में शामिल किया गया है।
गजरा - फूलों का महकता गजरा भी सोलह श्रृंगार में शामिल है। ये सोलह श्रृंगार का ये सामान हिन्दू मान्यताओं को ध्यान में रख कर बतया गया है। इसके अलावा भी महिलाएं बहुत से श्रृंगार कर सकती हैं। 

अब करवा चौथ आधुनिक भी हो गई है,सेल्फी,फोटो औेर वीडियो कालिंग और वीडियो सूटिंग अब आम बात हैं।


करवा चौथ के दिन महिलाएं सज संवरकर चंद्रमा की पूजा करती हैं। करवा चौथ के दिन सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व होता है। इस दिन महिलाओं को सोलह श्रृंगार करके ही पूजा करना बताया गया है।


 

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