दीपावली Deepavali के पर्व को उत्साह से भव्यता पूर्वक मनायें - अरविन्द सिसोदिया

दीपावली

दिवाली का उत्सव प्रारंभ हो रहा है , सभी देशवासियों को दीपावली पूरे उत्साह के साथ, उमंग के साथ , उसके पीछे निहित संदर्भ के साथ मनानी चाहिए । क्योंकि यह हमारी परंपरा के साथ-साथ जीवन पद्धति का एक महत्वपूर्ण अंग है जो हमें अपने संपूर्ण आर्थिक एवं सामाजिक आत्म निरीक्षण के लिए प्रेरित करता है।

     मूल रूप से विजयादशमी उत्सव दीपावली का उत्सव या दीपावली की तैयारियां या दीपावली से संदर्भित कार्यों का प्रारंभ हो जाता है , विजयादशमी मूल रूप से भगवान श्री राम की रावण पर विजय का दिन है । यह इस बात का भी संकेत है कि बुराई पर अच्छाई की जीत आवश्यक है । विजयादशमी इस बात का प्रेरणा है  मार्गदर्शन है , कि बुराई को रोकने के लिए अच्छाई के पक्षधर व्यक्ति को अधिकतम संघर्ष करके - लड़के 0बुराई को रोकने के लिए , बुराई को पराजित करने के लिए , बुराई को समाप्त करने के लिए विजयी प्रयत्न करना ही चाहिए ।

   इसी तरह से भगवान श्री राम लंका पर विजय प्राप्त करके , वनवास की अवधि पूरी करके,  अयोध्या लौटत हैं उनके स्वागत में अयोध्या में दीपों को जला कर उजाला किया गया था । दीपों से सजाया गया था और यह परंपरा लाखों वर्षों से भारत भूमि पर निरंतर चल रही है । इसे निरन्तर बनाये रखना है ।

नासा की खोज में आया था कि राम सेतु / एडम ब्रिज को लगभग  17.5 लाख वर्ष पूर्व की बताती है । अथार्त दीपावली और श्रीराम भी इसी के समकक्ष हैं। श्रीराम ने लंका पहुचनें हेतु रामसेतु बनाया था और दीपावली श्रीराम की लंका विजय से लोटनें पर मनाई गई थी । दीपावली भी 17.5 लाख वर्ष पूर्व की है ।

  पिछले कुछ दिनों से हम यह देख रहे हैं इस सुप्रीम कोर्ट और बहुत सारे न्यायालय और बहुत सारे पर्यावरण बिद या बहुत सारे ज्ञानवान लोग हिंदू त्योहारों को निशाना बनाकर उन्हें समाप्त करने की कोशिश में लगे हुए हैं । हिन्दू त्योहारों में हस्तक्षेप करते हैं  और दूसरे हिंसक त्योहारों पर चुप रहते हैं । हिन्दू त्योहारों पर अनावश्यक बातें करते हैं , अनावश्यक ज्ञान देते हैं , जिनका कोई अर्थ नहीं होता । उन पर ध्यान न दें ।

  अब हम सबको यह संकल्प लेना है दीपावली का पर्व उतनी ही आन बान और शान के साथ मनाएंगे ,  जितना कि हमें अपने भारत से, अपने हिंदुत्व से प्रेम है ।  जितना हमारे धर्म में , हमारी परंपरा में, हमारी मान्यताओं में इसका सम्मान है। किसी भी व्यक्ति के अनावश्यक हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेंगे । और संकल्प लें अधिक से अधिक क्षमता में हम अपने  त्यौहारों को मनाएंगे , भव्य बनाएंगे ।




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